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रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

लोकतंत्र पर पांच खतरे और उन्हें उजागर करने के लिए तरीके

फर्जी खबरों की तुलना में सत्य को विकृत करना अधिक प्रभावी है। यह एक जैसी आवाज की प्रतिध्वनि वाले इकोसिस्टम या इको चैंबर बनाने जैसी स्थिति है। इसमें एक ही बात को दोहराने और आगे बढ़ाने के लिए संयोजन या समन्वय में काम करने वाली कई पार्टियां हैं। ये समूह इसे टीवी, इंटरनेट और रेडियो पर प्रसारित करते हैं। लोग एक ही चीज को बार-बार सुनते हैं, तो वह कथा वास्तविक का आधार बन जाती है। इसके कारण साक्ष्य-आधारित रिपोर्टिंग को अब जरूरी नहीं समझा जाता। यह एक बड़ा खतरा है।

अवार्ड

ग्लोबल शाइनिंग लाइट पुरस्कार नाइजीरिया, वेनेज़ुएला, उत्तर मैसेडोनिया और दक्षिण अफ़्रीका के समाचार संस्थानों को 

यह पुरस्कार विकासशील या परिवर्तनशील देशों में खतरनाक परिस्थितियों में की जाने वाली खोजी पत्रकारिता का सम्मान करते है। इस बार प्रविष्टियाँ इतनी अधिक थीं कि पुरस्कार निर्णायकमंडल ने दो अतिरिक्त परियोजनाओं को उत्कृष्टता के प्रमाण पत्र देने का फैसला किया

साइबर जासूसी की महामारी का सामना कर रहे हैं दुनिया के पत्रकार

“पहले किसी जासूसी सॉफ्टवेर को आपके फ़ोन पर सक्रिय करने के लिए आपको किसी लिंक पर क्लिक करना होता था लेकिन अब पेगासस स्पाइवेयर के नवीनतम संस्करण में अब इसकी आवश्यकता नहीं होती है,” उन्होंने बताया। “एक पल आपका फ़ोन सुरक्षित है, अगले ही पल कोई सरकार का आदमी आपकी बातचीत सुन रहा है, और आपको अंदाज़ा भी नहीं है”।

क्रियाविधि

कम समय में किसी की पृष्ठभूमि का पता कैसे लगाएं?

अदालत के स्टाफ से बात करें। विशेषकर छोटे शहरों में। ब्रेंडन मैक्कार्थी ने कहा- “अदालत के स्टाफ से जानकारी प्राप्त करना काफी उपयोगी है। वे पहले कहेंगे कि ऐसी जानकारी देने के लिए वे स्वतंत्र नहीं हैं। लेकिन फिर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं। विशेष रूप से छोटे शहरों में ऐसे स्टाफ को पत्रकारों से निपटने की कम आदत होती है। वे जानना चाहते हैं कि क्या हो रहा है। आप उनसे पूछें कि मुझे अन्य किससे बात करनी चाहिए?“

टिपशीट जलवायु रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

जलवायु परिवर्तन पर अपनी सरकार को जवाबदेह कैसे बनाएं

प्रत्येक देश की स्वैच्छिक प्रतिज्ञाओं का वर्णन करने वाले मूल दस्तावेज़ को ‘नेशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन’ (एनडीसी) कहा जाता है। जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में 194 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से प्रत्येक देश ने कम-से-कम एक एनडीसी प्रस्तुत किया है। इन्हें UNFCCC में सूचीबद्ध किया गया है ।

संपर्क और नेटवर्किंग

2023 ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क के वैश्विक सम्मेलन की रूपरेखा

यदि आपने अभी तक गोथनबर्ग, स्वीडन GIJC23 में आने का मन नहीं बनाया है, तो अभी भी आप गोथेनबर्ग में हमारे साथ शामिल हो सकते हैं। गोथनबर्ग शहर में सम्मेलन स्थल के आस-पास के होटल भरने शुरू हो गए हैं। इसलिए पंजीकरण के लिए ज़्यादा इंतजार न करें।

समाचार और विश्लेषण

ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क (GIJN) की बीसवीं वर्षगांठ

ऐतिहासिक गोथेनबर्ग, स्वीडन में इस वर्ष के वैश्विक खोजी पत्रकारिता सम्मेलन, (GIJC23) सितंबर 19-22 का आयोजन हो रहा है। इसमें आप हिस्सा लेकर हमसे जुड़ सकते हैं। GIJC23 खोजी पत्रकारों का अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा होने जा रहा है।

क्रियाविधि रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

शैक्षणिक शोध का उपयोग कैसे करें खोजी पत्रकार?

सरकारी एजेंसियां और अन्य संगठन अक्सर अपने निर्णयों को निर्देशित करने में सहायता के लिए किसी अकादमिक शोध पर भरोसा करते हैं। लेकिन संभव है कि उस शोध के निष्कर्षों को गलत समझा गया हो अथवा गलत तरीके से लागू किया गया हो। इसलिए पत्रकारों को यह समझना जरूरी है कि उस एजेंसी ने जिस शोध को आधार बनाया है, उसके निष्कर्ष के अनुरूप ही उस एजेंसी की भी समझ है अथवा नहीं।

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

खोजी पत्रकारों के पसंदीदा ऑनलाइन रिपोर्टिंग उपकरण

“किसी के संपर्क नंबर, ईमेल इत्यादि का पता लगाने के लिए मैं Hiretual का उपयोग करता हूं। इसे ‘हायरईजेड’ भी कहा जाता है। इसमें एक सीमित मुफ्त सेवा शामिल है। यह एक ऐड-ऑन है जिसे आप क्रोम में उपयोग कर सकते हैं।”

केस स्टडी क्रियाविधि

खबर के लिए झूठ का सहारा लेना कितना उचित?

छद्म रिपोर्टिंग अथवा अंडरकवर तकनीकों का उपयोग करके पत्रकारिता करने संबंधी नैतिक पहलुओं का आकलन करने के लिए हमने यह छह सूत्रीय चेकलिस्ट बनाई है। इसमें छद्मवेश बनाना और किसी रूप में फंसाना भी शामिल है।

जीआईजेएन ने पत्रकार सुरक्षा टूल JSAT हिन्दी भाषा में लॉंच किया

सत्र गुरुवार, 26 जनवरी को शाम 6.30pm (IST) होगा। प्रशिक्षक मैट हैनसेन (फ्रीलांस लेखक और संपादक), रूना सैंडविक (स्वतंत्र सुरक्षा शोधकर्ता), पूनम अग्रवाल (स्वतंत्र पत्रकार, भारत), उमेर चीमा (द न्यूज, पाकिस्तान) होंगे। प्रतिभागियों (केवल पत्रकारों!) को इस लिंक का उपयोग करके अग्रिम रूप से पंजीकरण करना होगा। सत्र में आप अपनी सुरक्षा से जुड़े प्रश्न करने के लिए स्वतंत्र हैं।  

डेविड कपलान ग्लोबल कांफ्रेंस के बाद जीआईजेएन के कार्यकारी निदेशक पद से विदा लेंगे

जीआईजेएन के निदेशक मंडल के अध्यक्ष ब्रैंट ह्यूस्टन ने कहा, “डेव ने जीआईजेएन को दुनिया भर में खोजी पत्रकारों के प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के लिए प्रमुख संगठन के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” “उनके अथक प्रयासों के माध्यम से, हमने 90 देशों में 244 मीडिया से संबंधित गैर-लाभकारी संस्थाओं का एक संघ बनाया है जो न केवल विचारों, संसाधनों, कहानियों को साझा करते हैं बल्कि प्रणालीगत भ्रष्टाचार को उजागर करने तथा  दुनिया को और बेहतर बनाने का जुनून रखते हैं।”

ग्लोबल कांफ्रेंस के सत्रों के लिए अपने आइडिया भेजें

19-22 सितंबर तक आयोजित इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, लोकतंत्र के लिए खतरे, डेटा पत्रकारिता, अपराध और भ्रष्टाचार, शिक्षण और प्रशिक्षण, और स्थिरता रणनीतियों सहित कई विषयों पर 150 से अधिक विशेषज्ञ-नेतृत्व वाले सत्र, पैनल और कार्यशालाएं शामिल होंगी। 

ग्लोबल इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज़्म कांफ्रेंस 2023 के रजिस्ट्रेशन आरंभ हो चुके हैं

इस वर्ष का सम्मेलन, जीआईजेएन दो स्वीडिश भागीदारों के साथ मिलकर कर रहा है। लिनिअस विश्वविद्यालय में फोजो मीडिया इंस्टीट्यूट और स्वीडन के खोजी पत्रकारों का राष्ट्रीय संघ फ़ोरिनिंगन ग्रेवंडे जर्नलिस्टर इस बार सम्मेलन के मेज़बान हैं।

GIJC23 ग्लोबल शाइनिंग लाइट अवार्ड के लिए प्रविष्टियाँ खुल चुकी हैं

शीर्ष विजेताओं को एक मानद पट्टिका, US$2,500, और पुरस्कार प्राप्त करने के लिए गोथेनबर्ग, स्वीडन तक आने जाने का प्रबंध/खर्चा  किया जाएगा।

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

पत्रकारों का काम प्रभावी और आसान बनाने वाले पांच ऑनलाइन सर्च उपकरण

मुझे लगता है कि रियली सिंपल सिंडिकेशन (आरएसएस) तकनीक के महत्व को इंटरनेट पर सबसे कम समझा गया है। मैं प्रतिदिन आरएसएस फीड्स का उपयोग करती हूँ और मैं उनके बिना ‘रिसर्च-बज‘ का प्रोडक्शन नहीं कर सकती। बिंग, गूगल न्यूज, रेडिफ और वर्डप्रेस सहित लगभग एक दर्जन संसाधनों के लिए केबरफेग के जरिए कीवर्ड-आधारित आरएसएस फीड उत्पन्न किया जा सकता है।

ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कान्फ्रेंस 2023 के लिए फैलोशिप

यह सम्मेलन अपने दूरस्थ सहयोगियों के साथ नेटवर्क बनाने और सहयोग करने का अद्भुत अवसर देते हैं। यहां आप खोजी पत्रकारिता की सर्वश्रेष्ठ विधाओं को सीख सकते हैं और कौशल और नवीनतम उपकरणों और तकनीकों के साथ घर लौट सकते हैं।

क्रियाविधि रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

पुरानी तस्वीरों की इंटरनेट पर जांच कैसे करें

समय के साथ तस्वीरों का आकार बदलता रहता है। तस्वीर बनाने की रासायनिक प्रक्रिया में भी बदलाव आता है। इसके आधार पर ‘ग्राफिक्स एटलस’ जैसी वेबसाइट किसी फोटो की एक समय अवधि बताने में मदद कर सकती हैं।

जीआईजेएन का अगला वैश्विक सम्मेलन सितम्बर 2023 में स्वीडन के गोथेनबर्ग शहर में होगा

पिछले वर्षों की तरह, जीआईजेसी 2023 ग्लोबल साउथ और अन्य क्षेत्रों के पत्रकारों को सम्मेलन में लाने के लिए एक मजबूत फेलोशिप कार्यक्रम पेश करेगा। जो दाता और सह-प्रायोजक इस उच्च प्रभाव वाले आयोजन में सहयोग करना चाहते हैं, वे आयोजकों से hello@gijn.org पर संपर्क कर सकते हैं।

मानव तस्करी रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

मानव तस्करी की रिपोर्टिंग के दौरान कैसे रहें सुरक्षित

अपने देश में मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग में एक अतिरिक्त जोखिम मौजूद है। आपकी खबर प्रकाशित होने के बाद एक विदेशी पत्रकार की तरह आपके पास देश छोडकर जा़ने का विकल्प नहीं है। इसलिए एनी केली ने सुझाव दिया कि आपके ऊपर ऐसे लोग हों, जो आपका समर्थन करें। आपकी खबरों को उच्चस्तरीय समर्थन मिलना महत्वपूर्ण है। ऐसी मदद पाने के लिए किसी बड़े या अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ साझेदारी करना लाभदायक होगा।

डेटा पत्रकारिता

डेटा जर्नलिज़्म: पत्रकारों के लिए ‘मानक विचलन’ से सबंधित 4 जरूरी बातें

डेटा के मानकीकरण की प्रक्रिया में प्रत्येक संख्यात्मक डेटा बिंदु को डेटासेट के ‘मानक विचलन’ से विभाजित किया जाता है। ऐसा करने से माप की इकाइयों में परिवर्तन होता है। सामान्य इकाइयों जैसे औंस, इंच, पाउंड या किलोग्राम का उपयोग करके निष्कर्ष बताने के बजाय इन्हें ‘मानक विचलन’ के रूप में रिपोर्ट करना चाहिए।

डेटा पत्रकारिता रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

पत्रकारों को ‘सांख्यिकीय महत्व’ पर ये 5 बातें अवश्य जानना चाहिए

अकादमिक पत्रिकाएं अक्सर ‘सांख्यिकीय महत्व’ वाले परिणामों के साथ अनुसंधान को प्राथमिकता देती हैं। इसलिए शोधकर्ता अक्सर उस दिशा में अपने प्रयास केंद्रित करते हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण निष्कर्षों वाले रिसर्च पेपर्स के प्रकाशित करने की अधिक संभावना रहती है।

केस स्टडी रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

9 गलतियां जो खोजी पत्रकार अक्सर करते हैं

मैंने एक ऐसे व्यक्ति के साथ जवाबदेही साक्षात्कार में जल्दबाजी करने की गलती कर दी। मुझे संदेह था कि उस मामले में उस व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध है, यानी वह एक बुरा अभिनेता था। वह मेरे लिए एक मुश्किल स्रोत था। मैंने अपनी जांच के प्रारंभ में ही उससे साक्षात्कार कर लिया। मुझे यह उम्मीद थी कि बाद में अधिक कठिन प्रश्नों के साथ दूसरा साक्षात्कार कर लूंगी। लेकिन मैंने गलत समझा था।

केस स्टडी

तानाशाही का खेल: ऐसे समझें पत्रकार

स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया को जनता दुश्मन बताकर पत्रकारों पर हमले करना। सरकार की कमियों को उजागर करने वाली खबरों को ‘नकली समाचार’ कहकर  खारिज करना। गलत जानकारी या वैकल्पिक झूठे तथ्यों के जरिए वैध और वास्तविक जानकारी को नीचा दिखाना। मीडिया के माहौल को अगंभीर और अविश्वसनीय करके भ्रम की स्थिति पैदा करना। सच के प्रति लोगों की जिज्ञासा कम करना।

क्रियाविधि समाचार और विश्लेषण

खोजी रिपोर्टिंग की प्रभावी लेखन शैली के लिए नौ सुझाव

बड़ी खोजी खबरें लिखते समय अक्सर यह बात समझ में नहीं आती कि कहां से शुरू करें। ऐसी बहुत सी जगहें हैं जहाँ से आप शुरुआत कर सकते हैं। जैसे, एक डूबता हुआ शहर। शहर के लोगों ने शहर डूबने के रूप में लेवी का भुगतान किया। व्यवसाय से बाहर जा रहे किसान। लोग बहुत सारा पैसा कमा रहे हैं। ऐसे अनगिनत कोण हैं। ऐसे मामले में यह तय करना आसान नहीं होता कि आपको अपनी स्टोरी किस बात पर फोकस करके शुरू करना चाहिए।

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स समाचार और विश्लेषण

जियो-लोकेशन और ओपन सोर्स डेटा के माध्यम से इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग पर 10 टिप्स

टीम ने टिकटॉक पर दिखाए गए एक फुटेज को सत्यापित करने के लिए सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया। इस वीडियो में खारकीव के पास गोलाबारी होती हुई दिख रही थी। ‘एक ऐसी जगह, जिसपर फरवरी के अंत में बमबारी हुई थी।’ एक साथ काम करते हुए, उन्होंने पहचान लिया कि गोले कहाँ से दागे गए होंगे, जबकि उस समय तक यह स्पष्ट नहीं था कि जमीन पर चल क्या रहा है।

प्रेस स्वंतत्रता समाचार और विश्लेषण

मीडिया को डराने के लिए बढ़ते डिजिटल हमले

हाल के वर्षों में ऐसे डिजिटल हमलों को संख्या, आवृत्ति और गंभीरता बढ़ी है। ऐसे हमलों के नए-नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। कुछ साइबर हमले काफी घातक होजे हैं और किसी कवरेज को रोकने में भी प्रभावी होते हैं। ऐसे हमलावरों को एक अतिरिक्त लाभ मिलता है, क्योंकि ऐसे अपराधी वीपीएन के पीछे छिपे होते हैं उनकी पहचान को सामने लाना मुश्किल होता हे।