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फर्जी ट्वीट स्क्रीनशॉट की जांच कैसे करें?

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ट्विटर (अब एक्स) पर जानकारी साझा करने के लिए किसी अन्य के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करना करना एक सामान्य बात है। लेकिन ऐसे स्क्रीनशॉट शेयर करने में फर्जीवाड़ा संभव है। किसी ट्वीट को यदि ‘कोट रीट्वीट’ किया जाए, तो उस वास्तविक मूल ट्वीट को आसानी से देखा जा सकता है। लेकिन स्क्रीनशॉट में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बेहद आसान है। यहां तक की कोई स्क्रीनशॉट पूरी तरह फर्जी भी हो सकता है। आम लोग इसे असली ट्वीट समझकर भ्रमित होते हैं।

सच तो यह है कि ट्वीट के फर्जी स्क्रीनशॉट बेहद आसानी से बनाए जा सकते हैं। विभिन्न उद्देश्यों के तहत लोगों को गुमराह करने के लिए इनका दुरूपयोग किया जाता है।

पत्रकारों और मीडिया संस्थानों में ट्विटर काफी लोकप्रिय है। किसी पत्रकार या मीडिया संस्थान के नाम पर फर्जी ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जाए, तो लाखों लोग उस गलत जानकारी पर भरोसा करके साझा कर सकते हैं। उन्हें यही भ्रम होगा कि इसे सचमुच एक पत्रकार या मीडिया संस्थान ने ट्वीट किया है।

यूक्रेन में युद्ध के दौरान मीडिया संस्थानों और प्रमुख पदाधिकारियों के फर्जी ट्वीट के अनगिनत झूठे स्क्रीनशॉट वायरल हुए। इसके कारण झूठ और अफवाह को बढ़ावा मिलता है। इसलिए खोजी पत्रकारों को यह जानना बेहद जरूरी है कि किसी ट्वीट के स्क्रीनशॉट की असलियत का पता कैसे लगाएं।

अगस्त 2022 में जापान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार नोबुओ किशी का एक फर्जी ट्वीट स्क्रीनशॉट वायरल हुआ। इसमें रूस-नियंत्रित ज़ापोरिज़िया परमाणु संयंत्र को निशाना बनाने के लिए यूक्रेन को दोषी ठहराया गया था। ब्रिटेन स्थित रूसी दूतावास ने उस फर्जी स्क्रीनशॉट को असली समझकर उसे शेयर कर दिया (The Russian embassy in the UK subsequently tweeted the fake screenshot )। लेकिन नोबुओ किशी ने स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने वह ट्वीट कभी पोस्ट नहीं किया था।

फर्जी स्क्रीनशॉट कैसे बनते हैं?

वास्तविक ट्वीट और फर्जी स्क्रीनशॉट का फर्क समझना जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले यह जानना होगा कि फर्जी स्क्रीनशॉट कैसे बनाए जाते हैं।

फर्जी ट्वीट स्क्रीनशॉट तीन तरीकों से बनाए जाते हैं। फोटो एडिटिंग ऐप के जरिए किसी ट्वीट में छेड़छाड़ करना या पूर्णतया फर्जी ट्वीट बनाना बेहद आसान है। दूसरा तरीका है नकली ट्वीट जेनरेटर का उपयोग करना। तीसरा तरीका है किसी वास्तविक ट्वीट के एचटीएमएल सोर्स कोड को संपादित करना।

ट्वीट के ऐसे नकली स्क्रीनशॉट हमेशा इमेज या फोटो के रूप में होते हैं। इसके कारण यह पता नहीं चल पाता कि उसे वास्तव में ट्वीट किया गया है, अथवा नहीं। अगर किसी वास्तविक ट्वीट को ‘री-ट्वीट’ या ‘कोट री-ट्वीट’ किया जाए, तो उसके लिंक से तत्काल उसकी असलियत का पता चल सकता है। किसी ट्वीटर खाते से फर्जी ट्वीट पोस्ट करने के लिए उसका पासवर्ड जानना होगा या उसे हैक करना होगा। लेकिन उस प्रकार का फर्जीवाड़ा इस लेख का विषय नहीं है। इस आलेख में हम सिर्फ नकली स्क्रीनशॉट पर चर्चा करेंगे।

स्क्रीनशॉट सत्यापन तकनीक

नकली ट्वीट बनाने वाली कई वेबसाइट हैं। इनमें वेरिफिकेशन टैग यानी ब्लू टिक भी लगाया जा सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के त्यागपत्र के बारे में बीबीसी ब्रेकिंग न्यूज के फर्जी ट्वीट का स्क्रीनशॉट। इमेज: लेखक के सौजन्य से

यहां एक उदाहरण देखें। ‘ट्वीट जेनरेटर’ का उपयोग करके मैंने यह फर्जी ट्वीट बनाया है। इसे बीबीसी के ब्रेकिंग न्यूज अकाउंट के नाम पर बनाया है। यह बिलकुल असली ट्वीट जैसा प्रतीत होता है। इसमें झूठ लिखा गया कि “अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इस वर्ष के अंत तक अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है।“

यह ट्वीट पूरी तरह से वैध और सत्यापित लगता है। जबकि यह नकली है। बीबीसी ब्रेकिंग ने ऐसा ट्वीट कभी नहीं किया। अब आप इसकी सत्यता की जांच कैसे करेंगे?

नकली स्क्रीनशॉट बनाने का एक तरीका है ‘ट्वीट जेनरेटर’। यह वेरिफाइड ट्विटर एकाउंट के असली ट्वीट जैसा दिखता है। इमेज : लेखक के सौजन्य से

कोई स्क्रीनशॉट असली है या नहीं, यह जांचने का एक आसान तरीका है। उस ट्वीटर एकांउट में यह देखना कि उस टाइमलाइन पर वह ट्वीट दिख रहा है या नहीं। स्क्रीनशॉट में तारीख हो तो उसके आधार पर देख सकते हैं। यदि तारीख पुरानी हो और वहां तक पहुंचने के लिए काफी स्क्रॉल करना पड़े, तो ट्विटर के एडवांस सर्च का उपयोग करें। देखें कि उस ट्वीटर खाते से वह ट्वीट किया गया है, या नहीं।

उदाहरण के लिए, मैंने बीबीसी ब्रेकिंग के एकाउंट में जाकर सर्च की है। उसमें तारीख के आधार पर ‘बिडेन’ शब्द का सर्च किया। फर्जी स्क्रीनशॉट पर सात सितंबर की तारीख लिखी हुई है। एडवांस सर्च में 24 अगस्त से 21 सितंबर के बीच ‘बिडेन’ शब्द की सर्च की। लेकिन बीबीसी ब्रेकिंग के एकाउंट में इसका कोई रिकॉर्ड नहीं दिखा। कारण यह कि उसे मैंने फर्जी तैयार किया था। जाहिर है कि अगर ट्वीट नहीं मिल रहा है तो यह फर्जी हो सकता है।

बीबीसी ब्रेकिंग न्यूज के ट्वीटर अकाउंट की जांच से पता चलता है कि वह ट्वीट तारीख में या अन्यत्र दिखाई नहीं देता है। इमेज: लेखक के सौजन्य से

हालांकि इस मामले में एक और बात पर ध्यान देना जरूरी है। हमें उस ट्विटर एकाउंट में वह ट्वीट नहीं दिखा। लेकिन संभव है कि उस एकाउंट से सचमुच उसे ट्वीट करने के बाद डिलीट कर दिया गया हो। इसलिए किसी ट्वीट को फर्जी घोषित करने से पहले इस बात की जांच करना भी जरूरी है।

डिलीट किए गए ट्वीट की जांच का सबसे अच्छा तरीका वेबैक मशीन जैसी इंटरनेट आर्काइव मुफ्त सेवा (using free web archive services such as Internet Archive) का उपयोग करना है। संबंधित ट्विटर खाते की एक सामान्य सर्च करके आप देख सकते हैं कि ट्वीट स्क्रीनशॉट संभवतः डिलीट करने से पहले टाइमलाइन पर दिखाई देता है या नहीं।

इंटरनेट आर्काइव सर्विस में सभी ट्विटर खाते का संग्रह मिलना जरूरी नहीं। लेकिन प्रमुख समाचार संस्थानों तथा अधिकांश प्रमुख लोगों के खाते नियमित रूप से संग्रहित किए जाते हैं। इसलिए ऐसी जांच करना आसान है। अधिकांश फर्जी ट्वीट भी किसी चर्चित ट्वीटर एकाउंट के ही नाम पर बनाए जाते हैं।

डिलीट किए गए ट्वीट की जांच का सबसे अच्छा तरीका आर्काइव वेबसाइट है। अधिकांश फैक्ट चेकर्स और ओपनसोर्स जांचकर्ता इसका उपयोग करते हैं।

किसी ट्वीट का स्क्रीनशॉट अब उसके सत्यापित खाते पर दिखाई नहीं दे रहा है। क्या उसे डिलीट कर दिया गया है? इसे जांचने के लिए ‘वेबैक मशीन’ बेहतरीन संसाधन है।  इमेज: स्क्रीनशॉट, वेबैक मशीन, लेखक के सौजन्य से

स्क्रीनशॉट की ‘रिवर्स इमेज सर्च’ करना भी एक और सरल तरीका है। गूगल, टिनआई, यान्ड्रेक्स या बिंग में उस स्क्रीनशॉट की ‘रिवर्स इमेज सर्च’ करें। यदि स्क्रीनशॉट पुराना है, तो संभव है पहले ही किसी ने फैक्ट-चेक करके उसे फर्जी घोषित कर दिया हो। आपको इसके बारे में कोई तथ्य-जांच रिपोर्ट मिल सकती है।

इसका एक उदाहरण देखें। सीएनएन के एक फर्जी ट्वीट का यह स्क्रीनशॉट है। इसके अनुसार अभिनेता स्टीवन सीगल को यूक्रेन में रूसी सेना की ओर से लड़ते हुए देखा गया। यूक्रेन में युद्ध के शुरुआती दिनों में यह स्क्रीनशॉट वायरल हुआ। इसे यूएस पॉडकास्ट के होस्ट जो रोगन ने भी साझा किया था।

 

इस स्क्रीनशॉट की हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की। फैक्ट-चेकर्स द्वारा इसकी पहले ही तथ्य-जांच की कई रिपोर्ट मिल गई। इनसे पता चलता है कि वह सीएनएन के ट्वीट का वह स्क्रीनशॉट फर्जी है (the screenshot and the claim in it are fake)।

सीएनएन के फर्जी ट्वीट का स्क्रीनशॉट। इसमें दावा किया गया है कि अभिनेता स्टीवन सीगल यूक्रेन में रूसी सेना की ओर से लड़ रहे थे। इमेज: लेखक के सौजन्य से

संभव है कि रिवर्स इमेज सर्च करने पर आपको कोई तथ्य-जांच रिपोर्ट न मिले। लेकिन उस स्क्रीनशॉट के स्रोत का पता लगाने में मदद मिल सकती है। उसे कब और किसने शेयर किया, इसकी जानकारी मिल सकती है। सोशल मीडिया में शेयर किए जाने पर उसके कमेंट में भी कुछ लोग उस संबंध में कोई महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं। इन चीजों से आपको जांच में मदद मिलेगी।

गूगल सर्च करना और किसी खाते के कैश्ड वर्जन की जाँच करना भी उपयोगी है। किसी ट्वीट को हाल ही पोस्ट करके डिलीट कर दिया गया हो, तो इसकी जानकारी मिल सकती है।

गूगल सर्च करना और किसी सत्यापित खाते के कैश्ड वर्जन की जाँच करना भी उपयोगी है। किसी ट्वीट को हाल ही पोस्ट करके डिलीट कर दिया गया हो, तो इसकी जानकारी मिल सकती है। इमेज: स्क्रीनशॉट, गूगल, लेखक के सौजन्य से

यदि ट्वीट स्क्रीनशॉट किसी प्रमुख व्यक्ति या राजनेता से संबंधित हो, तो गूगल सर्च करके देखें। किसी भरोसेमंद मीडिया संस्थान ने वैसा कोई समाचार जारी किया है या नहीं?

पॉलिटवूप्स (Politwoops is a good, free resource) – यह वेबसाइट एक मुफ़्त संसाधन है। राजनेताओं के डिलीट किए गए वास्तविक ट्वीट्स का डेटाबेस इसमें मिल जाएगा। हालांकि इंटरनेट में एक साधारण सर्च से ही आप सच तक पहुंच सकते हैं।

यदि ट्वीट किसी मीडिया संस्थान का है, तो उनकी वेबसाइट भी देखें। कोई खबर होगी तो मीडिया संस्थान उसे ट्वीट करने के साथ ही अपनी वेबसाइट पर भी डालेगा। राष्ट्रपति बिडेन के इस्तीफे के बारे में बीबीसी ब्रेकिंग के फर्जी ट्वीट में सच्चाई होती, तो यही खबर बीबीसी के समाचार वेबसाइट पर भी तत्काल आती। अगर वहां ऐसी कोई खबर नहीं है, तो संभवतः स्क्रीनशॉट नकली है।

अपनी जांच के दौरान स्थानीय समाचार रिपोर्ट भी देखें। इस साल के राष्ट्रपति चुनाव से पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के बयान वाले इस फर्जी बीबीसी ट्वीट का उदाहरण देखें।

माइग्रेशन पर चर्चा संबंधी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के बीबीसी समाचार का फर्जी स्क्रीनशॉट। इमेज : लेखक के सौजन्य से

यह फर्जी स्क्रीनशॉट वायरल हो गया। बीबीसी वर्ल्ड के अकाउंट की टाइमलाइन की जांच की गई। ऊपर बताए गए अन्य सभी तरीकों से भी जांच की गई। किसी भी प्रतिष्ठित फ्रांसीसी मीडिया संस्थान में ऐसी कोई खबर नहीं आई थी। इससे ट्वीट के फर्जी होने की बात प्रमाणित होती है।

कभी भी अपनी धारणा या पूर्वाग्रह के आधार पर फैसला न करें। कोई ट्वीट नकली लगता है, तो जरूरी नहीं है कि वह नकली है। असली दिखता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह वास्तविक है। पत्रकारिता का मूलभूत नियम है- हमेशा दोबारा जांच करें।


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शायन सरदारीज़ादेह पत्रकार हैं। वह बीबीसी मॉनिटरिंग के लिए दुष्प्रचार, षड्यंत्र के सिद्धांतों, समूहों और उग्रवाद पर रिपोर्टिंग करते हैं।

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