जीआईजेएन रिसोर्स सेंटर ने खोजी पत्रकारों के लिए काफी उपयोगी संसाधन तैयार किए हैं। इनमें खोजी रिपोर्टिंग, डेटा पत्रकारिता और फ्रीलांसिंग से जुड़े अनेक गाइड और वीडियो शामिल हैं। मीडिया संगठनों के लिए धनसंग्रह, सुरक्षा और आधुनिक तकनीक के उपयोग पर अद्यतन जानकारियों वाले संसाधन भी हैं। 14 भाषाओं में उपलब्ध इन संसाधनों का इस्तेमाल लगभग 100 देशों के पत्रकार प्रतिदिन कर रहे हैं। इस सेंटर की डिजिटल लाइब्रेरी में एक हजार से अधिक सामग्री उपलब्ध है। इनमें उपग्रह इमेजरी, मानव तस्करी, स्थानीय समुदाय, संपत्ति रिकॉर्ड जैसे विविध विषयों पर 40 रिपोर्टिंग गाइड भी शामिल हैं।
जीआईजेएन रिसोर्स सेंटर ने वर्ष 2021 में भी कई महत्वपूर्ण गाइड और टिपशीट तैयार की हैं। उनमें से हमारे पसंदीदा 12 संसाधनों का संक्षिप्त विवरण यहां प्रस्तुत है। यह संसाधन अभी जिन भाषाओं में उपलब्ध हैं, उसकी जानकारी भी दी गई है। यदि कोई गाइड अपनी इच्छित भाषा में न दिखे, तो कृपया हमें कुछ महीने का वक्त दें। हम विभिन्न भाषाओं में अनुवाद का काम तेजी से कर रहे हैं। यदि आप जीआईजेएन अनुवाद कोष में योगदान करना चाहते हैं, तो कृपया यहां क्लिक करें!
1. संगठित अपराध की जांच: रिपोर्टर्स गाइड
Reporter’s Guide to Investigating Organized Crime
आज की दुनिया में अपराध का सिंडिकेट खुद एक बड़ा बहुराष्ट्रीय उद्यम बन चुका है। इसने वैश्वीकरण, आधुनिक तकनीक और कमजोर कानूनी प्रवर्तन का भरपूर लाभ उठाया है। संगठित अपराध को अरबों डॉलर का व्यवसाय माना जाता है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के एक अध्ययन के अनुसार इसका वार्षिक राजस्व ‘वैश्विक व्यापारिक निर्यात’ का लगभग सात प्रतिशत है।
संगठित अपराध की जांच पर जीआईजेएन ने वर्ष 2021 में रिपोर्टर्स गाइड प्रकाशित की है। यह इस वर्ष का हमारा सबसे लोकप्रिय संसाधन है। इसे प्रमुख अपराध पत्रकारों (और एक प्रोफेसर) की उच्चस्तरीय टीम ने कड़ी मेहनत से लिखा है। लेखकों में स्टीवन डुडले (इनसाइट क्राइम), केट फैजिनी (CNBC), टोबी मैकिन्टोश (GIJN), मार्था मेंडोजा, (एसोसिएटेड प्रेस), पॉल राडू (OCCRP), खदीजा शरीफ (OCCRP), ड्रू सुलिवन (OCCRP), मार्सेला तुराती (क्विंटो एलिमेंटो लैब), डोना येट्स (मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी) शामिल हैं।
इसमें निम्नांकित नौ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खोजी पत्रकारिता के लिए व्यावहारिक सलाह दी गई है- आपराधिक वित्त, नशीले पदार्थ, हथियारों का व्यापार, पर्यावरण अपराध, जबरन गायब करना, साइबर अपराध, माफिया प्रवृत्ति वाली सरकारें, मानव तस्करी, पुरातात्विक वस्तुओं की तस्करी।
वर्तमान में यह संपूर्ण गाइड अंग्रेजी और बहासा इंडोनेशिया में उपलब्ध है। जल्द ही इसे पुर्तगाली, रूसी और स्पेनिश में प्रकाशित किया जाएगा।
इसके व्यक्तिगत अध्याय इन भाषाओं में उपलब्ध हैं: العربية | বাংলা | French | हिंदी | Русский | Español | Türkçe | Urdu
2. अवैध वन्यजीव तस्करी
Illegal Wildlife Trafficking
अवैध वन्यजीव तस्करी पर जीआईजेएन की गाइड — यह संक्षिप्त और विस्तृत दोनों रूप में उपलब्ध है। इसे जीआईजेएन रिसोर्स सेंटर के वरिष्ठ सलाहकार टोबी मैकिन्टोश ने लिखा है। इसमें वन्यजीवों के अवैध शिकार, बिक्री और विपणन के बारे में गहन खोजी रिपोर्टिंग के बारे में काफी उपयोगी जानकारी दी गई है। यह काफी महत्वपूर्ण विषय है। संयुक्त राष्ट्र संघ की वर्ष 2019 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में लगभग दस लाख जीव-जंतुओं और पौधों की प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है। वन्यजीव तस्करी के कारण ‘जूनोटिक रोग‘ के प्रसार का भी खतरा बढ़ रहा है। इसके रोगाणु और संक्रामक वायरस जानवरों और लोगों के बीच फैलते हैं।
वन्यजीव तस्करी संबंधी खबरें अक्सर हाथी के दांत जैसे बड़े मामलों तक केंद्रित रहती हैं। लेकिन इस अवैध व्यापार के कई रूप हैं। खोजी पत्रकारों को कम ज्ञात प्रजातियों के व्यापार पर भी ध्यान देना चाहिए। जैसे, चिली में कैक्टस की तस्करी, ब्राजील में गाने वाले पक्षियों का अवैध व्यापार, मेडागास्कर में गिरगिट की तस्करी, पाकिस्तान में बाज का अवैध व्यापार, एशिया से पालतू मछली की तस्करी।
वन्यजीव तस्करी पर इस गाइड से दुनिया के लगभग सभी देशों में खोजी पत्रकारिता के अवसर मिल सकते हैं। गाइड में बताया गया है कि पत्रकारों को किनसे बात करनी चाहिए, सोशल मीडिया के जरिए तस्करी पर नजर कैसे रखें, किन दस्तावेजों का उपयोग करें। इसमें और भी बहुत कुछ है। अनगिनत उदाहरण और स्टोरी आइडिया भी संकलित हैं।
यह गाइड इन भाषाओं में उपलब्ध है: English | Français| Português | Español | العربية | Türkçe | Indonesia | Guaraní.
3. कानूनी गाइड: मुकदमों से कैसे बचें
Legal Guide: Avoiding Lawsuits
A Journalist’s Guide to Avoiding Lawsuits and Other Legal Dangers — मुकदमों और अन्य कानूनी खतरों से बचने के लिए रिपोर्टर्स गाइड – जीआईजेएन ने मीडिया डिफेंस के साथ भागीदारी करके इस मार्गदर्शिका को तैयार किया है। यह बेहद अच्छे लोगों का एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह है, जो पत्रकारों की कानूनी रक्षा का प्रयास करता है।
इस संक्षिप्त मार्गदर्शिका में पत्रकारिता संबंधी अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानकों की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि पत्रकारों के लिए मुकदमेबाजी में उलझने के सामान्य खतरे किस प्रकार के हैं। इसमें पत्रकारों को रोजमर्रा के काम में कानूनी खतरों से बचने के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए गए हैं।
यह गाइड इन भाषाओं में उपलब्ध है: English| Français| Português | Español | العربية | বাংলা | Türkçe | हिंदी | Indonesia
4.स्त्री-हत्या की जांच
Investigating Femicide
फेमिसाइड यानी स्त्री-हत्या एक वैश्विक समस्या है। महिलाओं की हत्या क्योंकि वे महिलाएं हैं। इंग्लैंड से नामीबिया तक, और अमेरिका से तुर्की तक, दुनिया भर में स्त्री-हत्या के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों की संख्या बढ़ती जा रही है। किसी जगह ऐसी कोई खास चर्चित घटना सामने आने पर तीव्र आंदोलन भी देखे जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्रसंघ का ताजा आकलन भयावह है। इसके अनुसार, अंतरंग पार्टनर या परिजनों द्वारा हर साल लगभग 50,000 महिलाओं, लड़कियों की हत्या कर दी जाती है। यानी हर दिन 137 स्त्री-हत्या हुई। विशेषज्ञों के अनुसार यह आंकड़ा कम रिपोर्टिंग पर आधारित है। दुनिया के अनगिनत देशों में स्त्री-हत्या के वास्तविक आंकड़े दर्ज नहीं किए जाते। इसलिए वास्तविक संख्या संयुक्त राष्ट्रसंघ के उक्त आकलन से अधिक है।
दुख की बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में स्त्री-हत्या के बावजूद ज्यादातर मामले दब जाते हैं। इस गाइड का उद्देश्य पत्रकारों को यह समझने में मदद करना है कि स्त्री-हत्या क्या है। आंकड़ों को खोजने और समझने के साथ ही यह भी बताया गया है कि किन विशेषज्ञों का साक्षात्कार लिया जाए। जीआईजेएन रिसोर्स सेंटर की निदेशक निकोलिया अपोस्टोलू ने इसे तैयार किया है।
यह गाइड इन भाषाओं में उपलब्ध है: English | Português | Español | العربية | اردو | Türkçe | हिंदी
5. खोजी खबरों की तथ्य-जांच
Fact-Checking Investigative Stories
खोजी पत्रकारिता का एक बेहद जरूरी अंग है प्रकाशन से पहले अपनी स्टोरी को बुलेटप्रूफ करना। तथ्य जुटाने के बाद उनके सही होने की पूरी जांच करना भी काफी श्रम एवं कौशल की मांग करता है। गुणवत्ता नियंत्रण में खरा उतरने के लिए शुरू से ही पूरी सावधानी जरूरी है।
निल्स हैनसन द्वारा तैयार इस गाइड में तथ्य जांच के लिए तीन चरण की एक कठोर प्रणाली दी गई है। इसे स्वीडन की राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारण संस्था ‘एसवीटी‘ के अंतर्गत मिशन इन्वेस्टिगेट की संपादकीय टीम ने वर्ष 2004 में विकसित किया था। विगत वर्षों में, मिशन इन्वेस्टिगेट ने अनगिनत अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्टोरीज की हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय रिश्वत और संगठित अपराध से लेकर कैथोलिक चर्च और संयुक्त राष्ट्रसंघ तक से जुड़े विषय शामिल हैं। इस टीम ने यह भी सीखा है कि गलत तथ्यों के संकलन से कैसे बचना है, और किस तरह यह सुनिश्चित करना है कि खबरों को रिलीज होने से पहले पूरी तरह से जांचा गया है – न कि प्रकाशन के बाद।
यह गाइड इन भाषाओं में उपलब्ध है: English | Français| Português | Español | العربية | বাংলা | हिंदी
6. खाड़ी के प्रवासी श्रमिकों पर रिपोर्टिंग
Reporting on Migration in the Gulf
छह मध्य पूर्वी देशों में 2.30 करोड़ से अधिक प्रवासी श्रमिक रहते हैं। ‘गल्फ कारपोरेशन काउंसिल‘ (जीसीसी) के रूप में इनका राजनीतिक आर्थिक गठबंधन है। इनमें सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन और ओमान शामिल हैं। इन देशों में प्रवासी मजदूरों का काफी शोषण उत्पीड़न होता है।
कफला प्रणाली के कारण यह समस्या काफी गहरी है। यह प्रवासी श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं के बीच संबंधों को परिभाषित करने वाला कानूनी ढांचा है। इसका लाभ उठाकर मजदूरों को बेहद खतरनाक स्थिति में काम करने के लिए विवश किया जाता है। बेईमान तस्करों, दलालों और नियोक्ताओं की स्थिति काफी मजबूत होती है और उनके बीच कलह भी होता है। ‘कफला प्रणाली‘ के तहत प्रवासी मजदूरों को अपना कोई स्थानीय स्पॉन्सर तय करना पड़ता है। वह इन मजदूरों के वीसा, पासपोर्ट इत्यादि अपने नियंत्रण में रखकर शोषण का शिकार बनाता है।
लेकिन स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के लिए ऐसे मामलों को कवर करना काफी जटिल है। इन देशों में प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी, सुरक्षा चिंताओं, नजरबंदी या निर्वासन के खतरों के कारण इस क्षेत्र में मानव तस्करी और जबरन श्रम की पर्याप्त खबरें सामने नहीं आ पाती हैं।
जीआईजेएन ने माइग्रेन्ट-राइट्स डॉट ओआरजी (Migrant-Rights.org) नामक एनजीओ के सहयोग से यह गाइड बनाया है। इसमें पत्रकारों को खाड़ी के प्रवासी श्रमिकों की रिपोर्टिंग संबंधी बेस्ट प्रेक्टिस के साथ ही उपकरणों और विभिन्न देशों में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी गई है। यह गाइड कई भाषाओं में उपलब्ध है। कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में इसे अद्यतन और विस्तारित किया है।
यह गाइड अंग्रेजी और बांग्ला में उपलब्ध है। जल्द ही अरबी तथा अन्य भाषाओं में भी आएगी।
7. वीडियो यूनिट कैसे बनाएं
How to Set Up a Video Unit
यह गाइड छोटे पत्रकारिता संगठनों की मदद के लिए बनाई गई है। जिनके पास मामूली बजट और कम स्टाफ हैं, वैसे संगठन भी इस गाइड की मदद से अपनी वीडियो खबरें बनाना शुरू कर सकते हैं।
गैर-लाभकारी खोजी संस्थाओं और छोटे समाचार आउटलेट के पास ऐसी एक वीडियो इकाई होने से बड़े प्रसारण नेटवर्क के साथ काम करने के लिए दरवाजे खुल सकते हैं। ऐसे बड़े प्रसारण नेटवर्क के पास अक्सर प्रिंट मीडिया की तुलना में बड़ा बजट होता है। यह व्यावसायिक आय का एक अच्छा स्रोत हो सकता है। इनमें आप दैनिक दरों अथवा विशेष परियोजना के आधार पर या अभिलेखीय फुटेज की बिक्री इत्यादि के माध्यम से लाभ कमा सकते हैं।
जीआईजेएन रिसोर्स सेंटर की निदेशक निकोलिया अपोस्टोलू द्वारा लिखित यह मार्गदर्शिका तीन खंडों में विभाजित है- वीडियो बनाना शुरू करने के 21 कदम, अपने शॉट्स को बेहतर बनाने के लिए टिप्स , और केस स्टडीज ।
यह गाइड इन भाषाओं में उपलब्ध है: English, Português | বাংলা | हिंदी
8. मीडिया संगठनों के लिए बिजनेस टूल्स
Business Tools for Newsrooms
मीडिया संगठनों और फ्रीलांसरों के लिए यह गाइड काफी उपयोगी है। इसमें सभी प्रकार के कामों में मदद करने के टूल्स की जानकारी है। कार्यालय प्रबंधन के विभिन्न कार्यों से लेकर बिलों का भुगतान, सहयोगी परियोजनाओं का समय निर्धारण, टीम के सदस्यों के लिए साझा संचार चैनल बनाए रखना, पॉडकास्ट का संपादन और पोस्टिंग जैसे विषयों पर अच्छा मार्गदर्शन मिलता है। इसमें सोशल मीडिया का बेहतर उपयोग करने, ग्राफिक डिजाइन कराने और अपनी पोस्ट के प्रदर्शन पर नजर रखने की जानकारी भी दी गई है। इसमें मीडिया संगठनों के सभी काम के लिए उपयोगी साफ्टवेयरों और नई तकनीक का भी अच्छा वर्णन है। हर मामले में काफी व्यावहारिक सलाह दी गई है।
बाजार में ऐसे कामों के लिए असंख्य उत्पाद उपलब्ध हैं। सभी खुद को सबसे अच्छा बताते हैं। लेकिन उनमें आपके लिए सबसे अव्छा कौन है, इस पर शोध करना और फिर उनके लिए भुगतान करना भारी पड़ सकता है। इसलिए इस गाइड में हर काम के लिए मीडिया संगठनों की आर्थिक क्षमता के अनुसार कई श्रेणियों में कई लोकप्रिय विकल्प बताए हैं।
हमारे द्वारा चुने गए अधिकांश उत्पाद निःशुल्क परीक्षण की सुविधा देते हैं। अधिकांश में ‘फ्रीमियम‘ संस्करण भी है – यानी सीमित सुविधाओं के साथ एक निःशुल्क संस्करण। आप चाहें तो भुगतान करके व्यापक क्षमता वाले संस्करण ले सकते हैं। इसमें एन्क्रिप्शन की पेशकश करने वाले टूल्स की भी जानकारी है।
यह इन भाषाओं में उपलब्ध है: English | Русский | हिंदी.
9. अनुदान और फैलोशिप
Grants & Fellowships
अनुदान और फैलोशिप पर जीआईजेएन का पेज कई वर्षों से काफी लोकप्रिय है। यदि आप अपने कौशल में सुधार लाना चाहते हों, अपने दर्शकों का विस्तार करना चाहते हों, या कोई नई परियोजना शुरू करने का अवसर तलाश रहे हों, तो यह आपके लिए काफी उपयोगी है। आपको क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुदान के अलावा कई तरह के फैलोशिप के अवसर मिलेंगे। ऐसे अवसर स्टाफ रिपोर्टर और फ्रीलांसर दोनों के लिए उपलब्ध हैं। इनमें अल्पसंख्यकों और महिलाओं को विशेष अवसर देने का प्रयास भी होता है। आप अपनी आवश्यकता और समय सीमा के आधार पर इन अवसरों का आकलन करें। ऐसे मौकों की सूची लगातार विकसित होती रहती है, इसलिए इसे बार-बार देखना बेहतर होगा।
यह संसाधन इन भाषाओं में उपलब्ध है: English العربية | Русский |Français | 日本語.
10. आपातकालीन सहायता
Emergency Aid
जीआईजेएन के लिए चिंता का एक बड़ा विषय है कि आज दुनिया भर में पत्रकारों को कई प्रकार के खतरों से गुजरना पड़ रहा है। वर्ष 1992 से अब तक दुनिया में एक हजार से अधिक पत्रकार मारे जा चुके हैं। हजारों पत्रकारों को हमले, धमकी, कारावास और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है।
यदि आप कोई खतरा महसूस करते हों, या आपको कोई कानूनी, वित्तीय या मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता है, तो जीआईजेएन का यह गाइड काफी मददगार है। इसमें आप दुनिया भर के पत्रकारों का समर्थन करने वाले संगठनों की मदद ले सकते हैं। हर साल दर्जनों पत्रकार जीआईजेएन हेल्पडेस्क को संदेश भेजकर मदद मांगते हैं।
एक ताजा उदाहरण देखें। काबुल पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद जीआईजेएन की ओर से स्मारंडा टोलोसानो ने यह सूची तैयार की। इसमें देश से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे अफगान पत्रकारों के लिए आपातकालीन निकासी के उपाय बताए गए। अन्य देशों में शरण लेने की प्रक्रिया की भी जानकारी दी।
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11. वे-बैक मशीन और इंटरनेट आर्काइव
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इंटरनेट आर्काइव की वे-बैक मशीन काफी महत्वपूर्ण उपकरण है। शायद ही किसी अन्य उपकरण को इतना मूल्यवान कहा जा सकता हो। यदि कोई वेबपेज ऑनलाइन गायब हो गया है, या आप जिस साइट पर शोध कर रहे हैं, उससे टेक्स्ट हटा दिया गया है, तो संभव है कि वे-बैक मशीन ने इसे रिकॉर्ड किया हो। हर दिन इसमें एक अरब यूआरएल संग्रहित किए जाते हैं। वे-बैक मशीन के प्रबंधक मार्क ग्राहम ने बताया है कि पत्रकार अपनी रिपोर्टिंग में इस शक्तिशाली सेवा का उपयोग किस तरह कर सकते हैं।
यह गाइड इन भाषाओं में उपलब्ध है:
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12. ऑनलाइन एडवांस सर्च
Online Advanced Search
पत्रकारों को खोजी रिपोर्टिंग के लिए इंटरनेट से काफी डेटा खोजना पड़ता है। अगर उन्हें एडवांस सर्च के तरीके मालूम हों, तो कम समय में सटीक डेटा मिल सकता है। इंटरनेट पर व्यक्तियों एवं कंपनियों की जानकारी तथा अन्य डेटा की खोज के लिए उन्नत तकनीक की यह उपयोगी गाइड है। बीबीसी के ऑनलाइन जांच विशेषज्ञ पॉल मायर्स ने इस गाइड में बताया है कि मुश्किल से मिलने वाली जानकारी को ऑनलाइन कैसे खोजें। इसके लिए उन्होंने सर्वोत्तम टूल्स और रणनीतियों की जानकारी दी है। पॉल मायर्स को ऑनलाइन जांच के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ की ख्याति प्राप्त है। वह जीआईजेएन सम्मेलनों में हमारे सबसे लोकप्रिय वक्ताओं में से एक हैं।
यह गाइड इन भाषाओं में उपलब्ध है: English | Русский | বাংলা | हिंदी | Indonesia.
निकोलिया अपोस्टोलू जीआईजेएन रिसोर्स सेंटर की निदेशक हैं। वह विगत 15 वर्षों से बीबीसी, एसोसिएटेड प्रेस, एजे़ प्लस, द न्यूयॉर्क टाइम्स, द न्यू ह्यूमैनिटेरियन, पीबीएस, डॉयचे वेले और अल जजीरा सहित 100 से अधिक मीडिया संस्थानों के लिए ग्रीस, साइप्रस और तुर्की से लेखन और वृत्तचित्र निर्माण कर रही हैं।