Student journalist, talking notes
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खोजी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए सुझाव और संसाधन

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खोजी पत्रकारिता करना अनगिनत लोगों का सपना होता है। हॉलीवुड की कई फिल्मों ने खोजी पत्रकारों की साहसिक इमेज बनाई है। वाटरगेट कांड पर बनी ‘ऑल द प्रेसिडेंट्स मेन‘ एक चर्चित फिल्म है। ‘द पोस्ट,‘ ‘स्पॉटलाइट,‘ और ‘शी सेड‘ जैसी फिल्मों ने भी खोजी पत्रकारिता को आकर्षक बनाया है। किसी खोजी पत्रकार को एक छुपी हुई कहानी को निकालकर सामने लाते हुए देखना काफी रोमांचक होता है। ऐसी फिल्मों में निश्चय ही सच्चाई देखने को मिलती है। हालांकि संभव है कि खोजी पत्रकारिता के इस पेशे की वास्तविकता इससे भी अधिक गहरी और अधिक जटिल हो।

सच तो यह है कि कोई रातोंरात खोजी पत्रकार नहीं बन सकता। पारंपरिक पत्रकारिता के तरीके आज भी वॉचडॉग रिपोर्टिंग की आधारशिला हैं। लेकिन अब कई नए उपकरण हैं। नवीन तकनीक आ चुकी हैं। पत्रकार अपने तरकश में इन्हें शामिल करके खोजी रिपोर्टिंग में इनकी मदद ले सकते हैं।

यदि आवश्यक प्रशिक्षण मिल जाए, तो एक खोजी पत्रकार बनना किसी के लिए पहुंच से बाहर की चीज नहीं है। यह किसी पत्रकारिता स्कूल में या प्रशिक्षण के माध्यम से संभव है। किसी को इसका कम शैक्षणिक प्रशिक्षण मिलने के बावजूद मुफ्त ऑनलाइन संसाधनों की मदद से यह काम संभव हो सकता है। एक अन्य विकल्प अधिक अनुभवी पत्रकारों के नक्शेकदम पर चलते हुए पत्रकारिता करके खोजी रिपोर्टिंग सीखना है। लेकिन एकमात्र प्रशिक्षण ही पर्याप्त नहीं है। किसी भी अन्य कैरियर की तरह, आपकी नियति और सही मामलों तक पहुंच के संयोग के साथ ही कुछ अच्छे गुरुओं की भी आवश्यकता होगी।

क्या आप एक ऐसे स्टूडेंट हैं, जिसकी पत्रकारिता या खोजी पत्रकारिता का अध्ययन करने में दिलचस्पी है? क्या आप वर्तमान में एक पत्रकार हैं और अधिक गहन खोजी रिपोर्टिंग करना चाहते हैं? क्या आप डेटा पत्रकारिता में गोता लगाने का तरीका सीखना चाहते है? इन विषयों पर जीआईजेएन ने प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और पत्रकारिता सिखाने वाले कामकाजी खोजी पत्रकारों से सलाह मांगी है। इस लेख में उनके सुझाव संकलित हैं। इसके साथ ही आप हमारे विभिन्न संसाधनों का उपयोग पूरक सामग्री के बतौर कर सकते हैं।

गोथेनबर्ग (स्वीडन) में ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कॉन्फ्रेंस, 2023 का एक सत्र। इमेज : जीआईजेएन के लिए वुल्फ फ्रांस

  1. खोजी पत्रकारिता को समझें

टॉम रोसेनस्टील और बिल कोवाच ने अपनी पुस्तक The Elements of Journalism में लिखा है- “पत्रकारिता का मूल उद्देश्य भरोसेमंद, प्रासंगिक और सच्ची जानकारी प्रदान करना है ताकि जनता को सूचित नागरिक के रूप में सशक्त बनाया जा सके।“

लेकिन खोजी पत्रकारिता क्या है? जीआईजेएन ने इसकी एक परिभाषा पेश की है। शब्दकोश के अनुसार ‘जांच‘ शब्द की परिभाषा ‘व्यवस्थित‘ विशेषण से जुड़ी है। इसमें गहन और मूल शोध पर आधारित रिपोर्टिंग शामिल है। खोजी पत्रकारिता की एक और विशेषता यह है कि यह उन सूचनाओं को भी उजागर करती है जिन्हें कुछ लोग या संस्थान छिपाकर रखना पसंद करेंगे। यदि किसी जांच से कुछ नया सामने नहीं आता है, तो वह जांच नहीं है।

ध्यान रहे, किसी दस्तावेज़ का लीक होना कोई जांच नहीं है। लेकिन खोजी पत्रकारिता की शुरुआत वहीं से हो सकती है। पनामा पेपर्स, लक्स लीक्स या उबर फाइल्स जैसी जांच बड़े पैमाने पर डेटा लीक के साथ शुरू हुई थी। पत्रकारों ने इन रिकॉर्ड्स का विश्लेषण किया और स्रोतों से बात करने के लिए इनका उपयोग किया।

  1. सुनिश्चित करें कि खोजी पत्रकारिता आपका स्वधर्म है

मॉन्ट्रियल विश्वविद्यालय (कनाडा) में पत्रकारिता के प्रोफेसर क्लॉडाइन ब्लाइस कहती हैं- “सभी पत्रकारों में खोजी पत्रकार बनने का स्वभाव नहीं होता।“

वहीं रेडियो कनाडा एनक्वेटे की पूर्व प्रधान संपादक भी हैं। कहती हैं- “मैं तुरंत पता लगा सकती हूं कि मेरे स्टूडेंट्स में किनके पास खोजी रिपोर्टिंग करने का गुण है। कुछ स्टूडेंट्स को किसी जांच के दौरान कॉल करने पर कोई फीडबैक नहीं मिलता तो वे इसे वहीं छोड़ देते हैं। इससे उन्हें सफलता नहीं मिल सकती। आपको निरंतर प्रयास जारी रखना होगा। बार-बार फोन कॉल करने होंगे। जल्दी हार नहीं माननी होगी। कठिनाइयों से बचने की रणनीतियों का उपयोग करना होगा। आपको यह जानना होगा कि ‘नहीं‘ सुनने से ठीक पहले अपने संपर्कों से बातचीत को कैसे रोक लेना है।“

  1. खोजी पत्रकारिता एक गंभीर और कठिन काम है, यह समझ लें

पश्चिम अफ्रीका में खोजी पत्रकारिता के लिए नॉर्बर्ट ज़ोंगो सेल (सेनोजो) के पूर्व उपाध्यक्ष हमादौ टिडियान सी कहते हैं- “यदि आप खोजी पत्रकारिता में जाने का निर्णय लेते हैं, तो आपको इसे गंभीरता से लेना होगा।“

वह सेनेगल की राजधानी डकार स्थित ई-जिकॉम स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के निदेशक भी हैं। वह कहते हैं- “अच्छी पत्रकारिता करना कठिन है। लेकिन खोजी पत्रकारिता करना उससे भी अधिक कठिन है। आप यह नहीं सोचें कि कोई एक विस्फोटक फ़ाइल लेकर आपके पास आएगा और आपको बस उस रहस्य को उजागर करना है। किसी भी जांच रिपोर्ट को प्रकाशित करने से पहले क्रॉस-चेकिंग की एक लंबी प्रक्रिया होती है।“

जीआईजेएन के संसाधन How They Did It  अवश्य देखें। इसमें कुछ प्रमुख खोजी रिपोर्टिंग कैसे हुई, इसकी अन्दरूनी कहानी बताई गई है। इससे आपको यह अंदाजा लग सकता है कि एक खोजी रिपोर्ट को पूरा करने में कितना समय लगता है और कठिनाइयों के बावजूद उसे किस तरह पूरा करना पड़ता है।

  1. नैतिक पक्ष को हमेशा याद रखे

पिनार डैग  (तुर्की संपादक, जीआईजेएन) कहती हैं- “पत्रकारिता की सभी शैलियों की तरह खोजी पत्रकारिता में भी नैतिक अनुशासन महत्वपूर्ण है। पत्रकार को जानकारी जुटाने, रिपोर्टिंग करने और व्याख्या करने में ईमानदार, निष्पक्ष और साहसी होना चाहिए।“

वह इस्तांबुल में कादिर हैस विश्वविद्यालय में व्याख्याता भी हैं। वे कहती हैं- “खोजी पत्रकारिता का एक प्रमुख नैतिक नियम यह है कि आप नुकसान को कम करने के लिए बहुत सावधानी और संवेदनशीलता बरतें। ऐसे कमजोर समूहों, बच्चों, जानवरों, वंचित समूहों और अभियुक्त के परिवार के सदस्यों को अपनी रिपोर्ट में शामिल करने से बचें, जो वास्तव में किसी गलत चीज में शामिल नहीं हैं।“

उच्च नैतिक मापदंड पर खरे उतरने पर आपकी पत्रकारिता को विश्वसनीयता मिलती है। जीआईजेएन इस विषय को नियमित रूप से उठाता रहा है। इस लेख में बताया गया है कि क्या कोई स्टोरी पाने के लिए पत्रकार को झूठ का सहारा लेना उचित है ? ‘सिटीजन इन्वेस्टिगेशन्स गाइड‘ के ‘नैतिकता‘ पर अध्याय में भी इस संबंध में उपयोगी जानकारी दी गई है।

गेम-चेंजिंग खोजी खबरों को पढ़, देख और सुनकर इनसे सीखें। गोथेनबर्ग में जीआईजेसी-23 के प्रतिभागियों ने प्रमुख खोजी पत्रकारों को सुना। इमेज : जीआईजेएन के लिए हेनो ओलिन।

  1. पढ़ें, सुनें और देखें

कोई भी पेशा नकल से नहीं बल्कि प्रेरणा लेने से आगे बढ़ता है। खोजी पत्रकारिता भी इसका अपवाद नहीं है। आज आप जिन जांच रिपोर्ट्स को पढ़ते हैं, वह पांच-दस साल बाद आपके द्वारा जांचों का आधार बनेंगी। खोजी पत्रकारिता के स्वरूप में अब काफी विविधता आ चुकी है। इन जांच रिपोर्ट्स को पढ़ना, देखना और सुनना एक अच्छा खोजी पत्रकार बनने के कौशल सीखने में एक बुनियादी कदम है।

खोजी पत्रकारिता के शानदार उदाहरणों को नियमित रूप से पढ़ना उपयोगी होगा। इसके लिए जीआईजेएन के ग्लोबल न्यूज लेटर, अंग्रेजी में या अन्य भाषाओं में प्रकाशित सात क्षेत्रीय न्यूज लेटर की सदस्यता लें। इनमें दुनिया भर में हर महीने प्रकाशित सर्वोत्तम खोजी रिपोर्ट का संकलन होता है। प्रेरणा के कुछ अन्य स्रोत भी हैं। जीआईजेएन के संपादकों की पसंदीदा रिपोर्ट्स का भी संकलन किया जाता है। इसमें हमारे क्षेत्रीय संपादक उस वर्ष प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ खोजी खबरों का चयन करते हैं। जीआईजेएन का Global Shining Light Award भी अच्छी खबरों का उदाहरण पेश करता है। इसमें विकासशील देशों में खतरे, दबाव या कठिन स्थिति में की गई खोजी पत्रकारिता का सम्मान किया जाता है।

  1. खबरों की पहचान करना सीखें

‘ला लिब्रे बेल्गिक‘ के पत्रकार गैटन ग्रास कहते हैं- “खोजी पत्रकारिता की बुनियादी चीज यह है कि आपको कवर लायक विषयों की पहचान करना सीखना होगा। आपको सक्रिय रहकर खबरों पर नजर रखनी होगी। अपने निजी जीवन में सुनी गई चर्चाओं से लेकर अपने सहकर्मियों से बात करके, अखबार पढ़कर, समाचार साइटों से अपने लिए खबर के विषय तलाशने होंगे। अपने आसपास की दुनिया का अवलोकन करके ही यह संभव है। ऐसी चीजों से आपको सुराग और संभावित कहानी का आइडिया मिल सकता है।“

वह आईएचईसीएस (ब्रसेल्स स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) में खोजी पत्रकारिता के प्रोफेसर भी हैं। वह भावी खोजी पत्रकारों को दुनिया भर की अच्छी खोजी रिपोर्ट्स पढ़ते रहने का भी आग्रह करते हैं। कहते हैं- “कुछ अच्छी जांच स्टोरी किसी अन्य देश में प्रकाशित स्टोरीज से प्रेरित होती हैं।

जीआईजेएन ने ‘केस स्टडीज‘ पर आधारित कई लेख प्रकाशित किए हैं। एक देश में की गई जांच को अन्य देशों में दोहराया जा सकता है।

बेल्जियम के दैनिक ‘ले सोइर‘ के खोजी पत्रकार जोएल मैट्रिच कहते हैं- “जिस विषय को पहले से ही किसी दूसरे पत्रकार ने कवर कर लिया हो, उसका महत्व खत्म नहीं हो जाता। सार्वजनिक होने के कारण कोई जरूरी नहीं कि वह ‘मृत‘ कहानी हो। किसी पत्रकार को लगे कि उस विषय के सभी पहलुओं पर संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं आया है, तो वह उस पर काम कर सकता है। यदि इस मामले में कुछ अस्पष्ट क्षेत्र बने हुए हैं तो अधिक गहराई से अध्ययन करना सार्थक होगा। इससे कई बार अच्छे परिणाम मिलते हैं। अगर कोई नई बात नहीं निकले, तब भी उससे जुड़े स्रोतों से फोन कॉल करने से आपको नए संपर्क मिलते हैं। ऐसे लोग भविष्य के स्रोत बन सकते हैं।“

कैसे पता चलेगा कि आपने जांच के लिए एक अच्छे विषय की पहचान कर ली है? डेमियन ब्रूनन (हेड ऑफ डिजिटल एंड इन्वेस्टिगेशन, लिली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म) हमेशा छात्रों को तीन सवालों का जवाब देकर ‘पूर्व-जांच‘ करने का सुझाव देते हैं।

  • समस्या क्या है?
  • इस विषय पर पहले क्या लिखा जा चुका है? (गहन प्रेस समीक्षा करके आप इसकी जांच सकते हैं)।
  • मुझे इस स्टोरी के लिए किन चीजों की आवश्यकता है? (कौन से दस्तावेज़ चाहिए? कैसी पहुंच और कैसे संपर्क चाहिए?)
  1. ध्यान आकर्षित करें

नॉर्वेजियन खोजी पत्रकार टार्जेई लीयर-साल्वेसेन हमेशा अपने स्टूडेंट्स को अपने प्रति दूसरों का ध्यान आकर्षित कराने की सलाह देते हैं। वह बर्गेन और स्टवान्गर विश्वविद्यालयों में पढ़ाते भी हैं। कहते हैं- “न्यूज़रूम में संपादक चाहते हैं कि प्रशिक्षु पत्रकार हर चीज़ को थोड़ा-थोड़ा सीख लें। इससे उनका अपना काम आसान हो जाता है। लेकिन मेरा सुझाव यह है कि आप कुछ ऐसी शानदार स्टोरीज करें, जिन पर संपादक का ध्यान जाए और जो उन्हें पसंद आए।“

वह कई ठोस उदाहरणों से अपनी बात को स्पष्ट करते हैं-

  • यदि आप खेलों में रुचि रखते हैं, तो उसे कवर करें। लेकिन साथ ही वित्तीय रिपोर्ट पढ़ने का कौशल भी सीख लें। जल्द ही आप एकमात्र पत्रकार होंगे जो किसी स्पोर्ट्स क्लब की आर्थिक स्थिति को समझते हैं।
  • यदि आप राजनीति कवर करना चाहते हैं, तो आंकड़े भी सीखें। फिर आप प्रेस कॉन्फ्रेंस को कवर करने के अलावा और भी बहुत कुछ कर सकते हैं। आप डेटा खंगालने का काम कर सकते हैं। यह आपको किसी राजनेता की गहन जांच करने में सक्षम बनाएगा।
  • यदि आप शहर के विकास और योजना को कवर करते हैं, तो सूचना के अधिकार का भी उपयोग करें। तब आपके पास ऐसे दस्तावेज होंगे, जो किसी अन्य के पास नहीं हैं।

जीआईजेएन ने फ्रेंच भाषा की मास्टरक्लास का आयोजन किया था। इसमें मीडियापार्ट की जांच टीम के सह-प्रमुख एवं खोजी पत्रकार फैब्रिस आर्फी ने पत्रकारों को ‘जैक ऑफ ऑल ट्रेड्स‘ होने तथा “संपादकीय होम बेस“ होने की सलाह दी। बोले- “मेरा मानना है कि ऐसा होने पर एक युवा पत्रकार के लिए न्यूजरूम में विभाग प्रमुखों और संपादकों की नज़र में आने की संभावना बढ़ती है।“

जीआईजेएन रिसोर्स सेंटर में गाइड और स्टोरीज की विस्तृत श्रृंखला है। इनसे पत्रकारों को यह सीखने में मदद मिलती है कि विशिष्ट विषयों की जांच कैसे करें। जैसे, मानव तस्करी, चुनाव, स्वास्थ्य और चिकित्सा, युद्ध अपराध, या साक्षात्कार, विशेषज्ञ स्रोतों को ढूंढना और ऑनलाइन विशिष्ट तकनीकों से उन्नत खोज करना।

स्कॉलरशिप या पुरस्कार जीतना भी संपादकों का ध्यान आकर्षित करने में मददगार होगा। यह आपको बेहतर नौकरी मिलने का शानदार अवसर हो सकता है। जीआईजेएन नियमित रूप से अनुदान और फेलोशिप की सूची और जानकारी अपडेट करता है।

  1. लिखते समय पाठकों के बारे में सोचें

‘अपने पाठकों के बारे में सोचें‘ – यह बात दुनिया भर के पत्रकारिता स्कूलों और न्यूजरूम में दोहराई जाती है। यह काफी महत्वपूर्ण समझ की बात है। कोई भी जांच आपके पाठकों के लिए सुपाच्य, आकर्षक और दिलचस्प होनी चाहिए।

‘ला लिब्रे बेल्गिक‘ के पत्रकार गैटन ग्रास कहते हैं- “पाठकों को आवश्यक चीजें प्रदान करने के लिए उस विषय को सरल बनाना होगा जिस की जांच में आपने काफी समय लगाया है। आपको अनावश्यक विवरणों से बचना चाहिए। भले ही इसका मतलब काम के दिनों या महीनों को बर्बाद करना हो।“

जीआईजेएन मास्टरक्लास में फैब्रिस आर्फ़ी ने कहा- “जब आप कोई खोजी रिपोर्ट लिखते हैं, तो आपको अपने लेखन में काफी संयमित रहना होगा। मैं ऐसी जांच में मुख्यतः तथ्यों पर जोर देता हूं। मैं ऐसे मामलों में एक प्रकार की तथ्यात्मक सूक्ष्मता का पक्षधर हूं।“

अच्छा लेखन कैसे करें इस पर राइटिंग टिप्स   विषयक हमारी वेबसाइट के कुछ लेख आपके लिए उपयोगी हैं।

  1. अपना नेटवर्क विकसित करें

पत्रकारिता नेटवर्क और समूहों से जुड़ना उपयोगी है। यह सहयोग और संबंध बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके जरिए आपको साथियों, सलाहकारों, साझेदारियों और संपर्कों को खोजने में भी मदद मिलेगी। इससे आपको मीडिया जगत के बारे में आपका ज्ञान बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। खोजी पत्रकारिता का अभ्यास करने वाले या समर्थन करने वाले मान्यता प्राप्त संगठनों की सामाजिक नेटवर्क पर सदस्यता लें। आपके क्षेत्र में जीआईजेएन सदस्यों की सूची भी उपयोगी हो सकती है। आपके क्षेत्र में आयोजित सम्मेलन में प्रमुख पत्रकारों से मिलने का अवसर मिल सकता है। डाटा-हार्वेस्ट, अफ्रीकी खोजी पत्रकारिता सम्मेलन , कोलपिन जैसे आयोजनों की जानकारी हासिल करें।

इनमें कुछ प्रवेश शुल्क लग सकता है। लेकिन कुछ आयोजनों में कई बार विद्यार्थियों को तथा वालंटियर बनने की इच्छा रखने वालों को रियायत मिलती है। हर दो साल में जीआईजेएन की ‘ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कॉन्फ्रेंस‘ होती है। यह दुनिया भर के खोजी पत्रकारों के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। फ़ेलोशिप कार्यक्रम के जरिए प्रत्येक सम्मेलन में विकासशील देशों के कई पत्रकार निःशुल्क शामिल होते  हैं।

‘ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कॉन्फ्रेंस‘ में खोजी रिपोर्टिंग पर चर्चा के लिए प्रमुख पेशेवरों को एक मंच पर लाया जाता है। स्कॉलरशिप द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि पत्रकारिता के कुछ स्टूडेंट्स भी इसमें भाग लें। इमेज : जीआईजेएन के लिए वुल्फ फ्रांस

  1. सीखना कभी बंद न करें

यदि आप पत्रकारिता के छात्र हैं तो इसका अधिकतम लाभ उठायें! कभी मत भूलिए कि सीखना आपके पूरे पेशेवर जीवन में जारी रहता है। डेटा पत्रकारिता और खोजी पत्रकारिता के लिए तकनीकी जानकारी की आवश्यकता होती है। सेटेलाइट इमेज का उपयोग करना, ऐसी जानकारी को खोजना जो ऑनलाइन उपलब्ध नहीं, सामग्री का सत्यापन करना, ओपन सोर्स अनुसंधान, डेटा का विश्लेषण करना आदि जरूरी है। आपको अपना प्रशिक्षण जारी रखना आवश्यक है, जैसा कि इस लेख के लिए साक्षात्कार में कई पत्रकारों ने बताया है।

जीआईजेएन के संसाधनों, हमारी गाइड और टिपशीट से खुद को शिक्षित करें। यदि आप खोजी पत्रकारिता में अभी शुरुआत कर रहे हैं, तो मुकदमों से बचने, साक्षात्कार तकनीक , तथ्य-जाँच, व्हिसल ब्लोअर के साथ काम करना, वीडियो से शुरुआत, खोजी पत्रकारिता नियमावली और स्रोत की तलाश पर हमारे संसाधनों को जरूर पढ़ें।

प्रसिद्ध खोजी पत्रकारों के साथ हमारे समय समय पर होने वाले वेबिनारों पर भी नज़र रखें। यह दुनिया भर के पत्रकारों को प्रशिक्षित करने और प्रेरित करने में मदद करते हैं। प्रतिष्ठित खोजी पत्रकारों की सलाह और पसंदीदा टूल से भी ज्ञान हासिल करें। साथ ही, पत्रकारिता के स्टूडेंट्स हमारे एक्स/ट्विटर , फेसबुक, लिंक्डइन सोशल मीडिया पेजों तथा हमारी मेलिंग सूची का लाभ ले सकते हैं।


Alcyone Wemaëreएलिसोन वेमाएरे,  लियोन स्थित स्वतंत्र फ्रांसीसी पत्रकार हैं। वह पेरिस में यूरोप-1 और फ्रांस-24 की पूर्व स्टाफ रिपोर्टर हैं। जीआईजेएन की फ्रांसीसी संपादक होने के साथ ही वह साइंसेज पो लियोन में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वहां वह पत्रकारिता ‘डेटा और इन्वेस्टीगेशन’ विशेषज्ञता में मास्टर डिग्री की सह-प्रभारी हैं।

अनुवाद : डॉ. विष्णु राजगढ़िया

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