pile of crumpled dirty money laundering
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मनी लॉन्ड्रिंग के नए ट्रेंड जिन पर पत्रकार नज़र रख सकते हैं

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चालीस साल पहले नशीली दवाओं की तस्करी के तरीके अलग थे। मनी लॉन्ड्रिंग का धंधा भी कुछ अलग तरीके से होता था। विभिन्न देशों के भ्रष्ट लोग भारी मात्रा में नकदी रकम लेकर किसी कैरेबियाई एयरपोर्ट पर अपना छोटा विमान उतारते थे। पायलट उस विमान को रनवे के किनारे बने छोटे से बैंक में ले जाता था। वहां रूपये जमा कर दिए जाते थे। बैंक द्वारा कोई सवाल नहीं पूछा जाता था। मनी लॉन्ड्रिंग के एवज में भारी रकम खुद बैंक वाले रख लेते थे। शेष बची हुई धनराशि जमा कर दी जाती थी।

‘इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टर्स एंड एडिटर्स कांफ्रेंस 2024‘ (2024 Investigative Reporters and Editors conference) में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराधों के रुझान पर एक सत्र आयोजित किया गया। इसमें Organized Crime and Corruption Reporting Project  के सह-संस्थापक (OCCRP) ड्रियू सुलिवन ने धन शोधन के नए तरीके बताए। उनके अनुसार हाल के वर्षों में मनी लॉन्ड्रिंग का विस्फोट हुआ है। पहले यह राशि लाखों में हुआ करती थी। अब यह अरबों में होती है। रकम बढ़ने के साथ ही जटिल तरीके भी बढ़े हैं। मनी लॉन्ड्रिंग अब काफी उन्नत हो चुकी है। लेकिन इसकी जानकारी हासिल करना मुश्किल नहीं। खोजी पत्रकारों को इसके नए रुझानों को समझने की जरूरत है।

उन्होंने बताया- “पहले उन रनवे के अंत में बैंक मनी लॉन्ड्रिंग के एवज में 10 से 15 प्रतिशत शुल्क लेते थे। लेकिन अब इसके लिए सामान्य बैंक हस्तांतरण शुल्क से भी कम लागत आती है। हमने जिन लॉन्ड्रोमैट परियोजनाओं – Laundromat projects की जांच की है, उनमें मनी लॉन्ड्रिंग की फीस कुल लेनदेन का मात्र 0.1 प्रतिशत थी। यह सामान्य भुगतान की फीस से बेहद कम है।“

मार्था मेंडोज़ा, (पुलित्जर पुरस्कार विजेता रिपोर्टर, एसोसिएटेड प्रेस) ने इस आईआरई पैनल का संचालन किया। इस दौरान उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की नई रणनीतियों पर जानकारी दी। बताया कि अवैध संपत्ति छिपाने के नए तरीकों के कारण अब इन पर नजर रखना कठिन हो गया है। ऐसे नए तरीकों में खुद को कोई काल्पनिक उत्पाद बेचना, क्रिप्टोकरेंसी में हेरफेर, फर्जी कर्मचारियों को वेतन देना इत्यादि शामिल है। यहां तक कि पूरे बैंक को खरीदकर मनी लॉन्ड्रिंग हो सकती है।

ड्रियू सुलिवन ने कहा- “मनी लॉन्ड्रिंग को रिश्वतखोरी या टैक्स-चोरी जैसे अन्य वित्तीय अपराधों के साथ न जोड़ें। मनी लॉन्ड्रिंग एक विशेष अपराध है। इसके संबंध में ओसीसीआरपी की परिभाषा पर ध्यान दें। इसमें कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब अवैध रूप से प्राप्त धन की उत्पत्ति को छिपाना है। इसके लिए विदेशी बैंकों अथवा वैध व्यवसायों से जुड़े हस्तांतरण जैसे तरीके अपनाए जाते हैं।“

उन्होंने कहा- “इसमें धन का अवैध रूप से प्राप्त होना महत्वपूर्ण है। यह कोई आधारभूत अपराध हो, जिसे आप दिखा सकें। उसमें गलत तरीके से अर्जित कोई आय हो। अदालत में इसे साबित करना काफी कठिन है। एक खोजी रिपोर्टर के लिए भी इसे मनी लॉन्ड्रिंग साबित करना कठिन है। इसलिए जब तक कानूनी एजेंसियां इसकी घोषणा नहीं करतीं, इस पर ज्यादा खबरें नहीं दिखेंगी।“

फॉलो-द-मनी – सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टिंग रणनीति

मार्था मेंडोज़ा के अनुसार, नई संपत्ति को छिपाने की प्रवृत्ति सामान्य है। इसके बावजूद मनी लॉन्ड्रिंग की कई पहेलियों का जवाब पत्रकारों द्वारा लीक किए गए वित्तीय डेटाबेस में मिल सकते हैं। ऐसे डेटाबेस निशुल्क उपलब्ध हैं।

गलत कमाई को छिपाने की व्यापक रणनीति एक ही है। ऐसे लोग खुद को दो अलग-अलग लोग होने का दिखावा करते हैं। इसके अलावा, इस तरीके के तहत ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह या सेशेल्स जैसे गोपनीयता क्षेत्राधिकारों में अपतटीय शेल कंपनियों या ट्रस्टों का निर्माण किया जाता है। वहां वास्तविक मालिकों को उजागर करने के लिए अक्सर लीक की आवश्यकता होती है।

मार्था मेंडोज़ा ने कहा- “आप पनामा पेपर्स जैसे लीक डेटा तक पहुंच सकते हैं। इसके लिए आईसीआईजे और एलेफ उपयोगी है। ऐसे डेटा के आधार पर आप उन तथ्यों के बीच संबंध तलाश सकते हैं। यह थोड़ी धीमी प्रक्रिया है। लेकिन एक बार आपको कोई ऐसा नाम मिल जाए, तो काम आगे बढ़ जाता है। आप Companies House या  OpenCorporates जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं। वहां आप समान व्यक्तियों अथवा समान निदेशक मंडल सदस्यों को देखना शुरू कर सकते हैं।“

संक्षेप में कहें तो ‘मनी लॉन्ड्रिंग‘ के बुनियादी तीन चरण अब भी वही हैं:

  • प्लेसमेंट – वित्तीय प्रणाली में नकदी प्राप्त करना।
  • लेयरिंग – नकद स्रोत को छिपाने के लिए अतिरिक्त लेनदेन।
  • एकीकरण – उन पैसों को सुलभ, निवेश योग्य धन में बदलना।

मनी लॉन्ड्रिंग रणनीति का वर्तमान परिदृश्य

मनी लॉन्ड्रिंग की पुरानी रणनीति का प्रचलन कम हुआ है। अब कुछ नए तरीकों का प्रचलन बढ़ा है, जो इस प्रकार है:

  • स्मरफिंग – यह मनी लॉन्ड्रिंग का विशेष तरीका है। बड़ी रकम को विभिन्न लोगों के बैंक खातों में छोटे-छोटे हिस्से में जमा कराया जाता है। बड़ी राशि को अनगिनत लोगों के जरिए कम नकद राशि के रूप में जमा करा दिया जाता है। छोटी राशि होने के कारण कानूनी एजेंसियां उनसे सवाल नहीं करतीं। जैसे 10,000 डॉलर के बजाय 9,990 डॉलर जमा करने पर यह राशि नजरअंदाज हो सकती है। ड्रियू सुलिवन ने कहा- “क्रिप्टो एटीएम जैसे माध्यम से ऐसा किया जाता है। ड्रग डीलरों के लिए यह एक शानदार तरीका है। इसमें बहुत सारे अलग-अलग क्रिप्टो वॉलेट और बहुत सारे अलग-अलग लोग जमा होते हैं। यदि किसी के पास अनगिनत क्रिप्टो वॉलेट और लोग हैं, तो इसे ट्रैक करना आसान नहीं है।“

 

  • नकद पैसों की तस्करी – ड्रियू सुलिवन के अनुसार अब भी अफ्रीका में कुछ स्थानों पर नकद पैसों की तस्करी हो रही है। भारी मात्रा में सोना, हीरे और नकदी दुबई जैसी जगहों पर भेजकर वहां के बैंकों में रखा जाता है। दुबई अब भी दुनिया के कुछ ऐसे स्थानों में एक है, जहां आप बिना कोई पूछताछ बड़ी मात्रा में नकदी जमा कर सकते हैं।“

दुबई के बैंक कोई सवाल पूछे बगैर बड़ी नकदी जमा स्वीकार कर सकते हैं। इमेज : शटरस्टॉक

  • नकद लेनदेन वाले व्यवसाय – ड्रियू सुलिवन के अनुसार कैसीनो, कार वॉश, पार्किंग स्थल इत्यादि जगहों पर बड़ी मात्रा में नकद व्यवसाय होता है। यहां नकद व्यवसाय के पुराने तरीके चलते हैं। लेकिन नकदी ख़त्म होती जा रही है। अब बहुत कम लोग बड़ी मात्रा में नकदी लेकर चलते हैं। व्यवसायों के लिए भी यही स्थिति है। कैसिनो जैसी जगहें अपवाद हैं, जहां आप बड़ी संख्या में चिप्स खरीदकर उन्हें नकद में बदल सकते हैं। फिर आप कह सकते हैं कि मुझे यह कैसीनो में मिला। पैसे बनाने के ऐसे कई छोटे तरीके हैं। लेकिन बड़े धंधेबाज लोग हजारों-लाखों नहीं, बल्कि अरबों डॉलर की लूट कर रहे हैं। इसलिए उन्हें नए तरीकों का इस्तेमाल करना पड़ा। उन बड़ी रकमों को वैध बनाने के लिए नए आविष्कार किए गए हैं।

सदाबहार तरीके अब भी उपयोगी

लंदन में अत्यधिक कीमती लक्जरी अपार्टमेंट। इमेज : शटरस्टॉक

  • अत्यधिक कीमती अचल संपत्ति – बड़े आर्थिक अपराधी आम तौर पर विदेशी घरों या निजी संपत्ति खरीदकर अपना पैसा छिपाना नहीं चाहते। इसका कारण बेहद मामूली है। वे ऐसी संपत्ति की देखभाल करने वाले केयरटेकर का खर्च उठाना नहीं चाहते। उन्हें पश्चिमी शहर में मध्यम कीमत का अपार्टमेंट खरीदना भी पसंद नहीं, क्योंकि इसमें बहुत कागजी कार्रवाई होती है। इसके बजाय वे अत्यधिक कीमती अपार्टमेंट खरीदना पसंद करते हैं। इसे रियल एस्टेट मूल्य वृद्धि के दौरान नजरअंदाज किया जा सकता है। ड्रियू सुलिवन के अनुसार एक बार धन शोधन करने के बाद आप अपनी संपत्ति विदेश ले जाना चाहते हैं। इसके लिए आपको 200 मिलियन डॉलर के एक अपार्टमेंट की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि न्यूयॉर्क या लंदन जैसी जगहों पर ऐसे महंगे अपार्टमेंट मिलते हैं, जो पूरी तरह से खाली होते हैं। यह सब अपतटीय कंपनियों और प्रॉक्सी तरीकों से छिपाने के तरीके हैं।
  • अपतटीय (ऑफशोर) कंपनी, ट्रस्ट और हेज फंड- ड्रियू सुलिवन के अनुसार धन-शोधन के लिए ऐसी ऑफशोर कंपनी बनाई जाती है। कोई नहीं जानता कि उसका मालिक कौन है। उस मालिक की वास्तविक कंपनी और गोपनीय कंपनी के बीच होने वाला लेनदेन जायज दिखता है। लेकिन यह जायज नहीं होता। हेज फंड बेहद अपारदर्शी हैं। इसलिए हेज फंड और ऑफशोर कंपनी के संयोजन का भेद समझना लगभग असंभव है। इसके अलावा, सेंट विंसेंट या लिचेंस्टीन जैसी जगहों पर अपतटीय ट्रस्ट बनाए जाते हैं। इनके मालिक का कोई पता नहीं लगा सकता। इसलिए किसी अन्य स्थान पर ट्रस्ट के माध्यम से पैसा आ सकता है।

टिप : ड्रियू सुलिवन ने कहा कि कॉरपोरेट रजिस्ट्रियों को देखना और कंपनी की वेबसाइट को खंगालना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, पत्रकार वैध बाजार के प्रतिस्पर्धियों से पता लगा सकते हैं कि ऐसी कोई कंपनी एक अग्रणी कंपनी है या नहीं? वे कंपनी के बारे में क्या जानते हैं?

मनी लॉन्ड्रिंग के नए लोकप्रिय तरीके

  • फर्जी व्यापार द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग – इसमें कई तरह के चालान और लेनदेन किया जाता है। ऐसा करके बैंकों को यह समझाया जाता है कि यह राशि व्यापारिक सौदों से जुड़ी है। यह तरीका काफी लोकप्रिय है। ड्रियू सुलिवन के अनुसार, आपके पास कोई ‘स्टील‘ नहीं है। लेकिन आप काल्पनिक ’स्टील’ के ग्राहकों और विक्रेताओं की सूची बनाकर बेचते हैं। बैंक से कहेंगे कि मैंने 500 करोड़ का ‘स्टील‘ बेचकर 200 करोड़ कमाया है। इस नकली कागजी काम में मदद करने वाली अनगिनत कंपनियां भी हैं। आप उस काल्पनिक ’स्टील’ को एक ऑफशोर कंपनी से दूसरी ऑफशोर कंपनी में भेजते हैं। फिर उसे तीसरी कंपनी में भेज देते हैं। उस धन की उत्पत्ति कहां से हुई, यह जानकारी छिप जाएगी। किसी मामले में पहला लेन-देन फूलों के लिए हो सकता है। दूसरा स्टील के लिए। तीसरा कंप्यूटर पार्ट्स के नाम पर। इसीलिए ऐसे व्यापार डेटा पर भरोसा नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बहुत सारी नकली चीजें घूम रही हैं। इस तरह पैसा निकलता है। ऐसा लगता है कि उस व्यक्ति ने किसी सौदे से लाभ कमाया है। इस तरह अरबों डॉलर का धन शोधन होता है।
  • लॉन्ड्रोमैट (laundromat) – यह एक जटिल छिपी हुई धन शोधन योजना है। यह किसी बैंक या बड़ी आर्थिक हैसियत वाले व्यक्ति द्वारा स्थापित की जाती है। इसमें ग्राहकों को गुमनामी के साथ बड़ी संपत्ति खरीदने की सुविधा देने के लिए गोपनीयता क्षेत्राधिकार में कई शेल कंपनियों का उपयोग होता है। ड्रियू सुलिवन के अनुसार लातविया का एक लॉन्ड्रोमैट ने ग्राहकों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग ‘गाइड‘ भी प्रकाशित कर दिया। इसमें बताया कि यदि आप ‘स्टील‘ बेचने का नाटक कर रहे हैं, तो क्रेन का उपयोग करने संबंधी नकली कागजी कार्रवाई भी करें। बैंक पूछ सकता है कि इतने स्टील को कैसे स्थानांतरित किया। (ओसीसीआरपी की ट्रोइका लॉन्ड्रोमैट जांच का वीडियो एक्सप्लेनर नीचे देखें।)
  • अपतटीय ऋण – ड्रियू सुलिवन ने कहा कि यदि आपको अपनी किसी कंपनी से ऋण मिलता है, तो  बैंक इसे सही मान लेते हैं क्योंकि इसका मूल स्रोत होता है। यानी आपको ऋण मिला है। आप वह पैसा खर्च कर सकते हैं। निश्चित रूप से आप वह पैसा कभी खुद को वापस नहीं करेंगे। तथ्य यह है कि यह एक अपतटीय कंपनी से आया था। उसके आप गुप्त मालिक थे। वह पैसा खो गया है।

टिप : संदिग्ध कंपनियों के वित्तीय रिकॉर्ड देखते समय पत्रकार ऐसे ऋण की तलाश कर सकते हैं, जिसे कभी वापस नहीं लौटाया गया। रिपोर्टरों को उन ऋणों को भी चिह्नित करना चाहिए जहां ‘नकद‘ राशि कॉलेटरल के रूप में सूचीबद्ध की गई है। यदि कोई व्यवसाय ऋण के लिए नकदी का उपयोग कर रहा है, तो वैध व्यवसाय के लिए इसका कोई खास मतलब नहीं है, क्योंकि यदि आपके पास नकदी है, तो आपको ऋण की आवश्यकता क्यों है?

  • बैंक पर कब्जा – कुछ आर्थिक अपराधी किसी बैंक को खरीद लेते हैं। वे सारा पैसा खुद को उधार देते हैं। फिर अपना बैंक खाली कर देते हैं। ऐसा रूस और पूर्वी यूरोप में अक्सर होता है। वे अपने बैंक के आंतरिक खातों के बीच भी पैसा स्थानांतरित कर सकते हैं। ऐसे लेनदेन कानूनी एजेंसियों से छिपे होते हैं।

संगठित अपराध समूह अब अपतटीय कंपनियों को पंजीकृत करने या अपनी संपत्ति छिपाने के लिए मनुष्यों के रूप में प्रॉक्सी मालिकों के बदले ऑनलाइन फर्जी पहचान बना रहे हैं। इमेज : शटरस्टॉक

  • प्रॉक्सी मालिक के बतौर नकली इंसान – आर्थिक अपराधी अक्सर संपत्ति को दूसरों के नाम पर पंजीकृत करके छिपाते हैं। लेकिन उन प्रॉक्सी नामों की प्रकृति बदल रही है। पहले यह प्रॉक्सी सरल होती थी। पत्नी या बच्चों के नाम पर ऐसा होता था। लेकिन पत्रकारों ने इसे पकड़ लिया। पूछना शुरू कर दिया कि बारह साल का बच्चा इस कंपनी का मालिक क्यों है?’ इसलिए आर्थिक अपराधियों ने पंजीकरण एजेंटों को प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। लेकिन वह भी संदिग्ध हो गया। हमें सिंगापुर में बर्गर किंग में काम करने वाली एक महिला मिली जो 6,000 कंपनियों की ’मालिक’ थी। इसलिए अब वे अपनी कंपनियों का मालिक बनने के लिए फर्जी पतों पर काल्पनिक लोगों को तैयार कर रहे हैं। नकली इंसानों का पता नहीं लगाया जा सकता।
  • सौदा तोड़ने के नाम पर अवैध राशि का भुगतान – ड्रियू सुलिवन ने एक धनी आदमी की तरफ से एक प्रॉक्सी को भेजा गया ईमेल देखा। इसमें कहा गया था कि यहां स्टॉक बिक्री के लिए एक अनुबंध है। लेकिन उस हस्ताक्षरित अनुबंध में कोई तारीख या स्टॉक की कीमतें नहीं थीं। इसलिए वह दरअसल एक खाली चेक भेज रहा था। रूसी धनी लोग किसी को रिश्वत देने के लिए असफल अनुबंधों का उपयोग करते हैं। वे लोग किसी काल्पनिक सौदे के नाम पर एक अनुबंध करते हैं। उसमें शर्त होगी कि अगर हम इससे पीछे हटेंगे तो आपको एक करोड़ डॉलर का मुआवजा देंगे। इसलिए हमने इस पर एक करोड़ डॉलर की खरीद-फरोख्त देखी। एक अनुबंध के बाद उन्होंने अगले ईमेल में अनुबंध रद्द करने की सूचना भेज दी!
  • क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन – ड्रियू सुलिवन ने कहा, “अवैध धन को एक क्रिप्टो खाते में स्थानांतरित करना भी एक तरीका है। इसे किसी के साथ व्यापार के नाम पर किया जाता है। फिर इसे गुमनाम क्रिप्टो करेंसी ‘मोनेरो‘ जैसी किसी चीज़ के माध्यम से भेजा जाता है। यह बात छिप जाती है कि वह पैसा कहां गया।“
  • टैक्स माफ़ी का दुरुपयोग- ऐसे अमीर लोग टैक्स माफ़ी के लिए आवेदन करते हैं। इसमें वे कहते हैं कि हमें विदेश में काफी पैसा मिला है। इसे अपने देश में लाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि इससे हमारे देश को लाभ होगा। लेकिन यह झूठ है। ऐसे लोग वर्षों से अपना टैक्स बचाते आए हैं। संगठित अपराधियों द्वारा सरकार से टैक्स माफ़ी का अनुरोध किया जाता है। इस तरह बड़ी मात्रा में धन के शोधन में सरकारें खुद ही मदद कर देती हैं।

रोवन फिलिप जीआईजेएन के वरिष्ठ संवाददाता हैं। पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के ‘संडे टाइम्स‘ में मुख्य संवाददाता के बतौर काम किया। एक विदेशी संवाददाता के रूप में उन्हें दो दर्जन से अधिक देशों से समाचार, राजनीति, भ्रष्टाचार और संघर्ष पर रिपोर्टिंग का अनुभव है।

अनुवाद : डॉ. विष्णु राजगढ़िया

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