The megayacht Eclipse, owned by Russian oligarch Roman Abramovich. Abramovich was forced to sell his ownership stake in the English football club Chelsea after Russia invaded Urkaine in early 2022, due to the billionaire's ties to Russian President Vladimir Putin. Image: Shutterstock
The megayacht Eclipse, owned by Russian oligarch Roman Abramovich. Abramovich was forced to sell his ownership stake in the English football club Chelsea after Russia invaded Urkaine in early 2022, due to the billionaire's ties to Russian President Vladimir Putin. Image: Shutterstock

The megayacht Eclipse, owned by Russian oligarch Roman Abramovich, who was forced to sell his ownership stake in the English football club Chelsea after Russia invaded Ukraine in early 2022, due to the billionaire's ties to Russian President Vladimir Putin. Image: Shutterstock

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अमीरों के भ्रष्टाचार के नए तरीकों पर रिपोर्टिंग कैसे करें?

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दुनिया में नए धनवान लोगों जिसे कई बार कुलीन वर्ग भी कहा जाता है उसका उदय हमेशा होता आया है। आजकल विश्व में निरंकुशता बढ़ी है। इसके साथ ही तानाशाह शासकों और बेईमान व्यवसायियों के बीच नए भ्रष्ट रिश्ते भी उभरे हैं। ऐसे धंधेबाज लोग सरकारी संपत्तियों और ठेकों पर अपना अधिकार जमाना चाहते हैं। अगर हम दुनिया के बड़े अमीरों की तरफ नज़र डालें, तो ऐसे लोग मिलेंगे जो अपने पिता या अंकलों की तरह काम करते हैं। इनमें कुछ लोगों की नई पीढ़ी भी नए धनवानों की श्रेणी में आ जाती है। कुछ लोग इस दौड़ में पीछे रह जाते हैं। कुछ लोग खुद सत्ता का हिस्सा बन जाते हैं

सर्बिया, वेनेज़ुएला और अमेरिका हर जगह ऐसे नए कुलीन या धनिक लोग देखे जा सकते हैं। इनमें से कुछ अमीरों ने नए किस्म के धंधों में कदम रखा है। जैसे मीडिया, तकनीक, परिवहन, सार्वजनिक निर्माण इत्यादि। उनके पूर्वजों ने सरकारी ऊर्जा कंपनियों संबंधी व्यवसाय किए थे, जिसने रूसी धनिक वर्गों की एक पीढ़ी को जन्म दिया। कुछ अमीरों ने नियमों और कानूनों को अपने तरीके से बदलवाकर सरकार कर फायदा उठाया है।

इनमें से कुछ लोग नए अवसरों का बेशर्मी से फायदा उठाते हैं। जैसे, रूस ने वर्ष 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया, तो कुछ धनिकों ने अपने क्रेमलिन संपर्कों का उपयोग करके पश्चिमी कंपनियों की संपत्तियों को बहुत कम कीमतों पर खरीद लिया। ऐसी पश्चिमी कंपनियों को रूसी बाजार से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ऐसे कुलीन धनिक वर्ग चाहे लैटिन अमेरिकी बोलिगार्क हों, या तकनीकी दिग्गज ब्रोलिगार्क हों, अपनी संपत्ति और गतिविधियों को छिपाने के सबके तरीके लगभग एक समान होते हैं।

जून 2025 में अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स शहर में Investigative Reporters and Editors Conference हुई। इसमें चार अनुभवी पत्रकारों ने इन मुद़दों पर अनुभव साझा किए। बताया कि कैसे धनिक वर्ग अपनी संपत्ति और सरकारी संबंधों को छिपाने के लिए सीमा पार की एजेंसियों और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं। उनके द्वारा सरकारी धन और सार्वजनिक संपत्तियों की लूट की जाती है। इसे उजागर करने के लिए पत्रकारों को भी इसी तरह सीमापार सहयोग पर आधारित खोजी रिपोर्टिंग करनी चाहिए।

धनिक वर्ग की जांच के तरीके और तकनीक: दुनिया भर के अनुभव – इस विषय पर कांफ्रेंस में पैनल चर्चा हुई। पैनलिस्टों का विवरण इस प्रकार है:

एमिलिया डिआज़-स्ट्रक ने इस पैनल का संचालन करते हुए पूछा कि पत्रकारों को धनिक वर्गों की जांच क्यों करनी चाहिए। जवाब में पैनलिस्टों ने निम्नांकित मुद्दे गिनाए-

  • धनिक वर्ग के लोग तानाशाही सरकारों का समर्थन करते हैं।
  • वे जनता का धन और संसाधन लूटते हैं।
  • वे भ्रष्टाचार के समर्थकों और निर्माण एजेंटों के नेटवर्क को वित्तपोषित करके भ्रष्टाचार का एक तंत्र बनाते हैं।
  • मीडिया के सिवाय किसी अन्य संस्थान द्वारा उनकी जाँच नहीं की जाती।
  • भ्रष्ट तरीकों से धन और अकूत संपत्ति बनाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

चर्चा में यह बात सामने आई कि सबसे सुरक्षित, धनी और शक्तिशाली व्यक्तियों की भी जांच करना संभव है। उन्हें विभिन्न बैंकों, व्यावसायिक साझेदारों और सेवा-प्रदाता एजेंसियों का उपयोग करना पड़ता है। कई बार उन्हें विदेश के किसी अधिक लोकतांत्रिक देशों में वास्तविक जवाबदेही तंत्र का सामना करना पड़ता है। वहां से आपको कुछ जानकारी मिल सकती है।

इमेज: IRE25

कैसी जांच कर सकते हैं पत्रकार

अमीरों से जुड़े मामलों में विभिन्न शेल कंपनियों, अपतटीय न्यायालयों और प्रॉक्सी का जुड़ाव होता है। पत्रकारों को इस पर काम करना जटिल लग सकता है। इसलिए मारिया जॉर्जीवा ने कहा कि पहले आप अन्य पत्रकारों की चर्चित खबरों को पढ़ें या देखें। इससे आप को यह समझ में आ जाएगा कि ऐसी जांच करना संभव है

इस सत्र में ऐसी कई चर्चित खबरों का उल्लेख किया गया। पेट्रीसिया मार्कानो और उनके सहयोगियों द्वारा इंटरनेशनल कन्सोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) की एक शानदार जांच का उदाहरण दिया गया। यह खबर बताती है कि कैसे प्रमुख पश्चिमी बैंकों ने वेनेज़ुएला के धनी लोगों को देश से अरबों डॉलर निकालने में मदद की। ये धनी लोग पूर्व प्रधानमंत्री ह्यूगो शावेज़ और वर्तमान राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के करीबी थे।

पेट्रीसिया मार्कानो ने पैनल चर्चा में बताया कि धनिक वर्ग की जांच के लिए डेटा स्क्रैपिंग और संग्रहण का महत्व बढ़ रहा है। कई सरकारों ने राष्ट्रीय ठेकेदार रजिस्टर और खरीद अभिलेखागार जैसे सरकारी डेटाबेस को हटाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा- “यह मत सोचिए कि सरकारी जानकारी हमेशा उपलब्ध रहेगी। जिस देश में लोकतंत्र के कमजोर होने का खतरा हो, वहां आपको अपने रिकॉर्ड बनाने के लिए डेटा पत्रकारिता रणनीति का उपयोग करना चाहिए। रूस, कुछ अरब देशों और वेनेज़ुएला में ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं।”

मारिया जॉर्जीवा के अनुसार गुप्त और अवैध संपत्तियों को उजागर करना जरूरी है। इसका उद्देश्य अमीरों की समृद्धि को शर्मसार करना नहीं है। इसका उद्देश्य ऐसी लूट की व्यवस्था और जनता के नुकसान को उजागर करना है।  उन्होंने कहा- “रूसी धनिक वर्ग अपनी 60% संपत्ति गुप्त अपतटीय कंपनियों में रखते हैं। यह वैश्विक औसत से काफी ज्यादा है। दशकों से उन्होंने अपनी संपत्ति अपतटीय कंपनियों, गुप्त वित्तीय केंद्रों और लग्ज़री नौकाओं जैसी चीज़ों में छिपाई है। इसकी कीमत जनता  को चुकानी पड़ती है। इस छिपी हुई संपत्ति और तेल के पैसे की जानकारी नागरिकों को नहीं मिल पाती है। यह केवल कुछ धनी लोगों के व्यक्तिगत लाभ की कहानी नहीं है। यह प्रणालीगत भ्रष्टाचार, वैश्विक गोपनीयता और राष्ट्रीय संसाधनों को जनता से लूट लेने का मामला है।”

वेनेजुएला में अस्वास्थ्यकर पाउडर दूध का आयात, सरकारी योजनाओं में निजी कंपनियों की मुनाफाखोरी। पेट्रीसिया मार्कानो की यह जांच Armando.info की महत्वपूर्ण खबर है। उन्होंने भ्रष्टाचार के कारण जनता को होने वाले नुकसान को उजागर किया। वेनेजुएला में निम्न आय वाले समुदायों को दिए जाने वाले दूध पाउडर में मिलावट का खुलासा किया। इस धोखाधड़ी के कारण जनता के धन और स्वास्थ्य, दोनों को नुकसान हो रहा था।

होदा उस्मान (कार्यकारी संपादक, एआरआईजे) ने कहा कि धनिक वर्ग की लूट के कारण जनता को नुकसान होता है। ऐसी जांच रिपोर्ट तभी प्रभावी होती हैं, जब उसकी अच्छी रिपोर्टिंग करके अच्छी स्टोरी लिखी गई हो। वह कहती हैं- “यह सोचने के लिए समय निकालें कि हमें इसे कैसे लिखना चाहिए? धनिक वर्ग से बिंदुओं को समझना तथा अनगिनत कंपनियों से जुड़े इतने नामों के बीच खबर तक पहुंचना आम पाठकों के लिए जटिल होता है। आप खुद सोचें कि क्या पाठक इसे पढ़ना चाहेंगे। अपनी स्टोरी को आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास करें। इसका पाठक पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस पर विचार करें। दूध पावडर में मिलावट वाली कहानी एक अच्छा उदाहरण है कि जनता को इस लूट की परवाह क्यों करनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि अरब देशों में धनिक वर्ग की जांच से पहले उस परियोजना से जुड़े जोखिम का आकलन जरूरी है। कंपनी के गुप्त मालिकों की खोज के दौरान अरबी नामों के लिए अंग्रेजी वर्तनी के कई रूपों को भी उपयोग करके देखें। उनके नाम अलग तरीके से लिखे गए हो सकते हैं।

नए संसाधनों का उपयोग करें

मारिया जॉर्जीवा ने कहा कि कुछ सरकारी अधिकारी पैसों के लालच में अंदरूनी जानकारी बेचते हैं। उनका यह भ्रष्टाचार कई बार पत्रकारों के लिए मददगार साबित होता है। उन्होंने कहा- “कई देशों में लीक हुआ डेटा एक तरह की सार्वजनिक सेवा है। लोग डार्क वेब पर डेटा खरीद रहे हैं। टेलीग्राम बॉट्स के ज़रिए यह मिल जाता है। खुद सुरक्षा सेवाओं से जुड़े लोगों के द्वारा ऐसा डेटा बेचा जाता है। भ्रष्टाचार के कारण वे ऐसा चला रहे हैं। वे सीमावर्ती डेटा, पते, व्यक्तिगत जानकारी बेच सकते हैं। हालांकि नैतिक रूप से एक पत्रकार को यह विचार करना होगा कि क्या चुराया हुआ डेटा उपयोग करना उचित है?'”

इस क्षेत्र के पत्रकारों ने कई बॉट्स के ज़रिए धनिक वर्ग और सरकारी एजेंटों की असलियत उजागर की है। जैसे- EyesOfGod, QuickOsintBot, GetContact, TrueCaller और SmartSearch

मारिया जॉर्जीवा ने सत्र के बाद जीआईजेएन के साथ साक्षात्कार में बताया कि वह निम्नलिखत अन्य संसाधनों का उपयोग करती हैं:

  • RuPEP डेटाबेस – यह रूस, बेलारूस और कज़ाकिस्तान में राजनीतिक रूप से चर्चित लोगों का एक व्यापक, खोज योग्य डेटाबेस है। इसमें अमीरों के पारिवारिक सदस्यों और व्यावसायिक साझेदारों सहित 14,000 प्रोफ़ाइल हैं। यह डेटा अंग्रेजी और रूसी में उपलब्ध हैं।
  • स्पार्क-इंटरफैक्स डेटाबेस — इसे रूसी कॉर्पोरेट डेटा के लिए आदर्श माना जाता है। यह सशुल्क टूल, लाभकारी स्वामित्व, वित्तीय विवरण, अदालती मामलों और क्षेत्र की संस्थाओं व व्यक्तियों के बीच संबंधों पर अद्यतन डेटा प्रदान करता है।
  • ओपनटेंडर (Opentender) — यह 28 यूरोपीय संघ के देशों के साथ-साथ सर्बिया, जॉर्जिया और उत्तरी मैसेडोनिया के सार्वजनिक निविदा डेटा का एक निःशुल्क डेटाबेस है।
  • लिटिलसिस पब्लिक अकाउंटेबिलिटी डेटाबेस — इस डेटा सेट में विस्तृत कनेक्शन प्रोफाइल शामिल हैं। पत्रकारों को कनेक्शन स्थापित करने में मदद के लिए इसे देखें।
  • फोर्ब्स रूसी अमीर सूची —फोर्ब्स के रूसी संस्करण में प्रकाशित रूस के सबसे धनी व्यक्तियों की वार्षिक सूची देखें। यह नए और उभरते हुए कुलीन वर्गों की पहचान करने का एक उपयोगी तरीका है।
  • रुएसेट्स — यह यूक्रेन स्थित यूकंट्रोल का एक निःशुल्क टूल है। यह रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, यूक्रेन और यूरोप के डेटाबेस को एकत्रित करके विश्लेषण करता है। यह प्रतिबंध सूचियों के साथ इसे क्रॉस-चेक भी करता है।

 

RuAssets -यह यूक्रेन स्थित YouControl द्वारा प्रतिबंधित रूसी व्यक्तियों और उनके संबंधों पर नज़र रखने के लिए बनाया गया एक निःशुल्क टूल है। इमेज : स्क्रीनशॉट, RuAssets

हाल के वर्षों में जीआईजेएन ने धनिक वर्गों की जाँच पर महत्वपूर्ण गाइड, स्टोरीज और टिपशीट्स का प्रकाशन किया है। एमिलिया डिआज़-स्ट्रक ने पत्रकारों को खास तौर पर निम्नलिखित संसाधन पढ़ने की सलाह दी-

इन लेखों में संपत्ति-खोज संबंधी कई उपकरणों की जानकारी दी गई है। यह आजमाए हुए डेटाबेस हैं। एमिलिया डियाज़-स्ट्रक ने इन पर प्रकाश डाला। इनमें OpenCorporates, Companies House, OpenOwnership और OpenSanctions जैसे मुफ़्त संसाधन और Factiva और Sayari जैसे सब्सक्रिप्शन प्लेटफ़ॉर्म शामिल हैं। उन्होंने बताया कि OpenSanctions एक शानदार संसाधन है। वर्षों से इसमें दुनिया भर की प्रतिबंध सूचियां संकलित की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि इनके अलावा बड़े लीक और छिपे हुए धन के डेटाबेस भी हैं। इनके कारण बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। आईसीआईजे के पास आठ लाख से ज़्यादा विदेशी संस्थाओं का एक ऑफशोर लीक्स डेटाबेस है। यह ऐतिहासिक डेटा है। यह ऑफशोर क्षेत्राधिकारों के लीक से जुड़ा है। इसमें बहुत प्रासंगिक जानकारी है। ओसीसीआरपी का Aleph भी एक शानदार संसाधन है। इसका विशाल डेटाबेस आपको बिंदुओं को जोड़ने की सुविधा देता है।

यदि आपके पास धनिक वर्ग के समर्थकों का ईमेल या फ़ोन नंबर है, तो Osint.Industries और Epieos जैसे उपकरणों की मदद लें। इनके जरिए आप उनके ऑनलाइन गोपनीय प्रयासों को नाकाम कर सकते हैं। उनके संपर्कों से जुड़े व्यक्तिगत खातों और कनेक्शनों का पता लग सकता है।

जीआईजेएन के सूत्रों ने गुप्त कनेक्शनों की खोज के लिए विशिष्ट उपकरण भी साझा किए हैं। जैसे, OCCRP का Russian Asset Tracker, Declarator, टैक्स जस्टिस नेटवर्क का Financial Secrecy Index और Tenders Electronic Daily

सहयोग आधारित रिपोर्टिंग का महत्व

पेट्रीसिया मार्कानो और एमिलिया डिआज़-स्ट्रक के अनुसार आपसी सहयोग आधारित जांच करना पत्रकारों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। पेट्रीसिया मार्कानो कहती हैं- “जब आप कुलीन वर्ग और भ्रष्टाचार की जाँच करते हैं, तो ये अक्सर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मामला होता है। उनका पैसा कभी एक ही देश में नहीं रहता। वे पैसे को छिपाने की विदेशों में जगह ढूंढ़ लेते हैं। अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली का उपयोग करके इसे दुनिया भर में स्थानांतरित कर देते हैं। इसलिए ऐसी खोजी रिपोर्टिंग के लिए पत्रकारों के सीमापार सहयोग की ज़रूरत होती है। आपके देश का कोई धनिक परिवार मियामी या मैड्रिड जैसे शहरों में कंपनियाँ खोल सकता है। उस देश के पत्रकार उन संपत्तियों का दौरा करके उनके घर या कंपनी के पते और गतिविधियों की जानकारी ले सकते हैं।”

मीडिया के आपसी सहयोग के संभावित जोखिमों को लेकर पहले कुछ आशंका रहा करती थीं। जैसे, किसी प्रतियोगी मीडिया संस्थान द्वारा आपके स्रोत को उजागर कर सकता है। किसी सहयोगी द्वारा समय से पहले स्टोरी प्रकाशित करने का खतरा हो सकता है। लेकिन अब ऐसी कोई आशंका नहीं है। पिछले एक दशक में सहयोग आधारित खोजी पत्रकारिता के सैकड़ों सफल प्रयोग हो चुके हैं। हर मामले में मीडिया भागीदारों ने परियोजना के नियमों का पूरा सम्मान किया है।

पेट्रीसिया मार्कानो ने आगे कहा- “पनामा पेपर्स, पेंडोरा पेपर्स, फिनसेन फाइल्स जैसी कई लीक जाँच के उदाहरण हैं। इनमें हमने पाया कि स्विट्जरलैंड, इटली, यूके, चीन, हर जगह के पत्रकारों से जुड़ना आसान है। सबसे अच्छी बात यह है कि आप जानकारी साझा करने से नहीं डरते। हमारा साझा लक्ष्य भ्रष्टाचार की व्यापक तस्वीर पर एक गुणवत्तापूर्ण कहानी तैयार करना है।”

ऐसी जांच के दौरान आपको कुलीन वर्ग की तरह सोचना होगा। इससे पत्रकारों को कई सुराग मिलते हैं। ऐसे लोग विदेशों में बड़े, अक्सर खाली, महंगे अपार्टमेंट में निवेश करते हैं। लेकिन पूरे अपार्टमेंट ब्लॉक या घरों में नहीं। कारण यह कि वे लॉन की घास काटने या रखरखाव की ज़हमत नहीं उठाते। विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी छिपी हुई संपत्तियों की खोज के लिए प्रमुख शहरों के सबसे धनी इलाकों पर केंद्रित करें। रिश्वत या संपत्ति छिपाने के मामले कुछ दस्तावेज़ों से उजागर हो सकते हैं। जैसे, असफल अनुबंधों के लिए अधिकारियों को भारी, अनुचित प्रतिपूर्ति देना। नकद ऋण के लिए ‘नकद’ को बंधक के रूप में रखना भी ऐसा तरीका हो सकता है।

एमिलिया डिआज़-स्ट्रक ने कहा- “कुछ बातें समान होती हैं। काला धन छुपाने के लिए धनिक वर्ग नौकाओं और विमानों से प्यार करते हैं। उन्हें महंगी कलाकृति खरीदना पसंद है। अवैध या भ्रष्ट गतिविधियों से जुड़ी संपत्ति को वापस बाजार में लाने का यह एक आसान तरीका है। उन्हें रियल एस्टेट बहुत पसंद है। यह संपत्ति छिपाने का एक अच्छा तरीका है। कुलीन वर्ग कहां से आते हैं, यह आपको उनकी पसंदीदा जगहों के बारे में बता सकता है। वे कहां संपत्ति छिपाते हैं, यह आपको पता लगाना है। रूसियों और यूक्रेनियों को ब्रिटेन पसंद है। वेनेज़ुएला के लोगों को मियामी और मैड्रिड में संपत्ति खरीदना पसंद है।”

मारिया जॉर्जीवा ने कहा- “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे रूसी ओपन डेटा में इतनी जानकारी मिल पाएगी। क्या अब भी यह कंपनी सक्रिय है? क्या इसका कोई रूसी साझेदार है? अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपके देश की संस्थाएं किसी दूसरे देश में क्या कर रही हैं, तो वहां के पत्रकारों के साथ सहयोग करें। वे इस पूरे संदर्भ को आपसे कहीं बेहतर जानते होंगे।”


रोवन फिलिप, जीआईजेएन के वैश्विक रिपोर्टर और इम्पैक्ट एडिटर हैं। पहले दक्षिण अफ्रीका के संडे टाइम्स के मुख्य संवाददाता थे। एक विदेशी संवाददाता के रूप में उन्होंने दुनिया भर के दो दर्जन से ज़्यादा देशों से समाचार, राजनीति, भ्रष्टाचार और संघर्ष पर रिपोर्टिंग की है।

अनुवाद: डॉ. विष्णु राजगढ़िया

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