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शेल कंपनियों के गुप्त मालिकों का पता कैसे लगाएं?
शेल कंपनियों और ट्रस्टों के असल मालिकों का पता लगाना खोजी पत्रकारों का एक जरूरी काम है। इनके ‘अंतिम लाभुक मालिक‘ यानी Ultimate Benefit Owners (UBOs) का पता लगाना जटिल समझा जाता है। यह वैसा ही मायावी लगता है, जैसे किसी एलियन अथवा उड़नतश्तरी का पता लगाना। लेकिन आजकल कई शक्तिशाली उपकरण उपलब्ध हैं। इनके जरिए शेल कंपनियों से जुड़ी जानकारियों का पता लगाने के जटिल काम में मदद मिल सकती है। आप उन लोगों का पता लगा सकते हैं, जिन्होंने अपनी अवैध संपत्ति को छिपाने के लिए ऐसे कुत्सित प्रयास किए हैं। इनके बारे में जनता को पता होना चाहिए।
शेल कंपनियां वास्तव में स्वयं कोई व्यवसाय नहीं करती हैं। इन्हें अक्सर रणनीतिक कारणों से बनाया जाता है। जैसे, अन्य बड़ी कंपनियों का टैक्स बचाना तथा धन का निवेश करना। जो लोग वास्तव में किसी वैध या अवैध कंपनी को नियंत्रित करते हैं, उनकी पहचान और संपत्ति को छिपाने के लिए ऐसी शेल कंपनियों का उपयोग किया जाता है।
शेल कंपनियों और उनके असली मालिकों का पता लगाना जांच का एक विशेष क्षेत्र है। ऐसी जांच के लिए दुनिया में दो नेटवर्क महत्वपूर्ण हैं-
- इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) (International Consortium of Investigative Journalists)
- ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) (Organized Crime and Corruption Reporting Project )
ये नेटवर्क ऐसी जांच के लिए इन कंपनियों के बैंक खातों में लेन-देन पर नज़र रखते हैं। साथ ही, उनके ‘डेफर्ड कॉरपोरेट प्रोसीक्यूशन एग्रीमेंट्स‘ की भी जांच करते हैं। ऐसी जांच के लिए काफी उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है। उनके बारे में कई किताबें लिखी जा सकती हैं।
अमेरिका में मार्च 2024 में NICAR डेटा जर्नलिज्म समिट का आयोजन हुआ। इसमें कैरी केहो (आईसीजेआई में डेटा और अनुसंधान की डेपुटी हेड) की एकल प्रस्तुति महत्वपूर्ण थी। उन्होंने ऐसी जांच के लिए कई तरीकों, उपकरणों और स्रोतों की जानकारी दी। इनके जरिए कोई भी पत्रकार किसी संदिग्ध कंपनी के शीर्ष पर बैठे मालिकों और उनकी विदेशी संपत्ति की जांच कर सकता है।

कैरी केहो (आईसीजेआई में डेटा और अनुसंधान के डिप्टी हेड)। इमेज: आईसीआईजे
कैरी केहो कहती हैं- सबसे पहले यह सोचें कि किसी शेल कंपनी को बनाने के लिए हुई कागजी कार्रवाई में कौन से शब्द दिख सकते हैं। उन शब्दों के अलग-अलग रूप का उपयोग कॉरपोरेट रजिस्ट्रेशन प्राधिकार और डेटाबेस में हो सकता है। जैसे, ‘इयान‘ नामक किसी डायरेक्टर या मालिक का नाम ‘अयान‘ लिखा हो सकता है।
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, पनामा, साइरस या केमैन आइलैंड्स जैसे गोपनीयता क्षेत्राधिकारों द्वारा अक्सर कई सूचनाओं को आंशिक रूप से अस्पष्ट रखने की सुविधा है। इसके बावजूद कोई शेल कंपनी बनाने के लिए हमेशा कुछ खास दस्तावेजों और कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है।
कैरी केहो बताती हैं कि ऐसे दस्तावेज जुटाने के लिए ‘फोरमेशन एजेंट‘ (गठन एजेंट) का उपयोग किया जाता है। ऐसे फॉर्म भरने के लिए एजेंट कुछ शुल्क लेते हैं। ऐसे एजेंटों का काम अनुकूल कानूनी क्षेत्राधिकार में आने वाले स्थानों पर धनी ग्राहकों के लिए कंपनियां बनाना है। इसमें लगभग 14 अमेरिकी डॉलर की राशि पंजीकरण शुल्क के बतौर लगती है। अतिरिक्त शुल्क लेकर ग्राहकों को बैंक खाते, ‘स्ट्रॉ मैन‘ (मुखौटा व्यक्ति) और निदेशक के नाम के साथ ही सचिवीय सेवाएं भी प्रदान की जाती है। लेकिन इन प्रपत्रों की मूल बातों का पता लगाना मुश्किल होता है। जैसे, उस कंपनी का आधिकारिक व्यावसायिक पता, निदेशकों के वास्तविक नाम और व्यवसाय की प्रकृति संबंधी दस्तावेज।
वर्ष 2021 में कैरी केहो और उनके सहयोगियों ने मध्य पूर्व के एक राजा की विदेशी संपत्तियों की खोज की थी। पता चला कि यूके और यूएस में उस राजा के 14 आलीशान भवन थे। ऐसा गुप्त रूप से टैक्स-हेवन में फ्रंट कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से किया गया था। इस बात की नाटकीय पुष्टि तब हुई, जब एजेंटों द्वारा पंजीकरण दस्तावेजों में गुप्त ग्राहक के घर का पता ‘शाही महल‘ के रूप में दर्ज कराने की जानकारी मिली
कैरी केहो ने कहा- “याद रखें कि आपको हमेशा ‘अंतिम लाभुक मालिक‘ की तलाश करनी है, न कि मात्र दस्तावेजों में दर्ज किसी डायरेक्टर या मालिक के नाम की, जिसका नाम आसानी से मिल जाता है।“ वह कहती हैं- “आप नीदरलैंड में बैठे हैं। आप हांगकांग के एक फॉरमेशन एजेंट को अपना काम सौंप सकते हैं। वह कुक आइलैंड्स, सिंगापुर तथा अन्य स्थानों पर आपके लिए शेल कंपनी स्थापित कर सकता है। वह आपके सचिवीय सेवाएं, आपके लिए एक पता और स्ट्रॉ मैन (मुखौटा व्यक्ति) अथवा फिगर हेड्स (नकली अधिकारी) प्रदान करेंगे।“
अज़रबैजान के किसी टैक्सी ड्राइवर को 100 कंपनियों का डायरेक्टर बनाया जा सकता है। जबकि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं होगा। उसे कुछ मामूली रूपये मिल सकते हैं। आम तौर पर ये लोग किसी एजेंट के रिश्तेदार या सामान्य जान-पहचान के लोग होते हैं। कई बार मजबूत लोगों का भी उपयोग किया जाता है। लेकिन वह एक ऐसा व्यक्ति है, जो कोई कंपनी बनाने के लिए जरूरी है।
शेल कंपनियां कई प्रकार के प्रॉक्सी तरीकों का उपयोग करके बड़े लोगों की संपत्ति छिपाती हैं। इस संबंध में ओसीसीआरपी में खोजी पत्रकार विल नील ने हाल ही में जानकारी दी। इस पर अधिक जानकारी के लिए कॉरपोरेशन और उनके मालिकों पर रिसर्च के लिए जीआईजेएन का विस्तृत संसाधन देखें। उसमें वार्षिक रिपोर्ट के लिए एक्सेस पोर्टल और जर्मनी से हांगकांग तक देश आधारित रजिस्ट्रेशन प्राधिकार के लिंक उपलब्ध हैं।
शेल कंपनियों के असली मालिकों का पता लगाने के लिए कैरी केहो ने NICAR24 सम्मेलन में निम्नलिखित तरीकों की जानकारी दी।
ओपन कॉरपोरेट्स डॉट कॉम – Open Corporates (OpenCorporates) – इस वेबसाइट में किसी कंपनी या व्यक्ति के नाम की खोज से शुरुआत करें। यह 140 से अधिक सरकारी रजिस्ट्रेशन प्राधिकारों के कंपनी रिकॉर्ड पर आधारित एक विशाल और खुला डेटाबेस है। इसे पत्रकार काफी पसंद करते हैं। कैरी केहो कहती हैं- “सबसे पहले मैं इस अद्भुत, खोजने योग्य डेटाबेस पर जाती हूं। इसमें 22 करोड़ से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हैं। यह कुछ देशो के डेटा के लिए अद्भुत है। अन्य देशों के डेटा के लिए आपको अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। जैसे, आपको आयरिश शेल कंपनियों की जानकारी के लिए आपको कहीं और जाना होगा। यदि आप बहुत सारी कंपनियों को देखना चाहते हैं, तो उनका एपीआई एक्सेस भी मिल सकते हैं।“

ओपन कॉरपोरेट्स डॉट कॉम एक विशाल और खुला डेटाबेस है। इसमें 140 से अधिक सरकारी रजिस्ट्रेशन प्राधिकारों के कंपनी संबंधी रिकॉर्ड उपलब्ध हैं। इमेज: स्क्रीनशॉट, ओपन कॉरपोरेट्स
यदि ओपन सोर्स टूल्स से आपकी जांच पूरी नहीं हो, तो कॉरपोरेट रिस्क डेटाबेस की सदस्यता ले सकते हैं। कैरी केहो ने एक प्रमुख शेल कंपनी का उदाहरण दिखाया। ओपन कॉरपोरेट्स डेटाबेस पर सर्च करने से इस कंपनी का नाम नहीं मिला। लेकिन भुगतान आधारित वेबसाइट ‘सायरी डॉट कॉम‘ (Sayari) में सर्च करने पर उस कंपनी की विस्तृत प्रोफ़ाइल मिल गई। यह एक कॉरपोरेट रिस्क प्लेटफ़ॉर्म है। इसमें कंपनियों पर लगे प्रतिबंध या जुर्माने की सूची दिखाने के लिए लाल रंग के आइकन दिए गए हैं। कंपनी के डायरेक्टरों के देश के झंडे लगाकर भी उन्हें समझना आसान बनाया गया है। यह एक सदस्यता आधारित डेटाबेस है। लेकिन इसमें कुछ निःशुल्क सुविधा भी उपलब्ध है। कैरी केहो ने बताया कि वह इसका काफी उपयोग करती हैं। ऑर्बिस (Orbis ) और फैक्टिवा (Factiva) जैसे भुगतान आधारित कुछ अन्य बेहतरीन कॉरपोरेट डेटाबेस भी हैं।
कैरी केहो कहती हैं- “खुद को अमीर लोगों की जगह पर रखकर देखें। इससे आपको उन स्थानों और रुचियों के लिए डेटाबेस और रजिस्ट्रेशन विवरण की बेहतर खोज में मदद मिलेगी, जो कुलीन वर्गों और गुप्त मालिकों के अहंकार को संतुष्ट करते हैं। सुपर अमीर लोगों के बारे में अनुमान लगाना बेहद आसान है। यदि आप अरबपति हैं, तो ऐसी संपत्तियां उपलब्ध हैं, जिन्हें आप खरीद सकते हैं। वे अक्सर लंदन और फ्रांस के दक्षिण में लक्जरी संपत्तियां खरीदना चाहते हैं। वे बड़े जहाज और जेट और कलात्मक चीजें और खिलाड़ियों की टीमों को खरीदना चाहते हैं। बस कुछ प्राधिकार क्षेत्रों में सबसे धनी इलाकों की पहचान करना और वहां छिपी हुई संपत्तियों की खोज करके आपको सही नतीजों तक पहुचने में मदद मिल सकती है।“
आईसीआईजे ऑफशोर लीक्स डेटाबेस (ICIJ Offshore Leaks Database) का उपयोग करें। यह एक जांचा गया डेटाबेस है। कई पत्रकारों को इसके महत्व की जानकारी नहीं है। यह एक विशाल, सर्च करने योग्य ऑफशोर लीक्स डेटाबेस है। इसमें 200 देशों की 8 लाख से अधिक ऑफशोर कंपनियों, फाउंडेशनों और ट्रस्टों की जांच की गई जानकारी उपलब्ध है। कोई भी पत्रकार इसका उपयोग करके अपने क्षेत्र की नई खबरें निकालने के लिए स्वतंत्र है।
कैरी केहो बताती हैं- “हम जानते हैं कि उस डेटा में अभी काफी बड़ी खबरें छिपी हुई हैं। हम चाहते हैं कि पत्रकार उन खबरों को निकालें। इस डेटाबेस को आईसीआईजे ने संकलित किया है। इस डेटाबेस में पिछले वर्षों की विभिन्न सहयोग आधारित जांच परियोजनाओं के तहत विभिन्न लीक के डेटा उपलब्ध हैं। जैसे- पनामा पेपर्स, पेंडोरा पेपर्स, बहामास लीक्स और पैराडाइज पेपर्स। इसमें गुप्त अपतटीय संपत्तियों और उनके गुप्त मालिकों का विवरण है। आप सर्च बॉक्स में केवल पता या लोगों या कंपनियों के नाम डालकर खोज सकते हैं। आप प्रमुख लीक जांचों के आधार पर अपनी खोज को फ़िल्टर भी कर सकते हैं। ऐसा करके आप किसी देश और प्राधिकार क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। जैसे, पेंडोरा पेपर्स के लिए एक फ़िल्टर लगाने से पनामा पेपर्स की तुलना में एशिया के अधिक डेटा देखने को मिलेंगे।
कैरी केहो ने ऐसी खोज में एक सावधानी बरतने की सलाह दी। किसी व्यक्ति का नाम इस डेटाबेस में दिखाई दे, तो यह जरूरी नहीं कि वह दोषी है या किसी गलत काम से जुड़ा है। इसका मतलब बस इतना है कि वह एक अपतटीय क्षेत्राधिकार में सूचीबद्ध है।“ (इस डेटाबेस में उन्नत खोज के लिए आईसीआईजे की वीडियो ट्यूटोरियल श्रृंखला देखें।)
ओसीसीआरपी के ‘फॉलो-द-मनी आर्काइव‘ में संभावित आपराधिक लिंक को चिह्नित करें। ओसीसीआरपी के एलेफ डेटाबेस ( Aleph database) में 141 देशों की 43.9 करोड़ सार्वजनिक संस्थाओं की जानकारी दी है। इसमें रुचि रखने वाले व्यक्तियों के डेटासेट और अधिसूचना भी हैं। यूरोप में ऐसी अधिसूचना या राजपत्र काफी संख्या में हैं। यदि किसी सरकार के कंपनी रजिस्टर से कंपनी को हटा दिया जाता है, तो उसे राजपत्र में सूचीबद्ध करना पड़ता है। नियमों का अनुपालन नहीं करने पर लिमिटेड कंपनियों को सरकारी रजिस्टरों से हटाकर व्यापार करने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है। अलेफ डेटाबेस में बहुत सारे अदालती रिकॉर्ड भी हैं। यह कई देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अधिकांश देशों में अमेरिका के पेसर (Pacer ) जैसा कोई अदालती रिकॉर्ड उपकरण नहीं है।“

ओसीसीआरपी के एलेफ़ डेटाबेस में 141 देशों की 43.9 करोड़ सार्वजनिक संस्थाओं की जानकारी है। इमेज: स्क्रीनशॉट, ओसीसीआरपी एलेफ़
अलग-अलग वर्तनी के साथ सर्च करें। गूगल मैप में भी जांच करें। कैरी केहो ने अपने शहर आयरलैंड में एक स्थान के नाम की सर्च करते हुए उदाहरण दिखाया। उन्होंने कहा कि एक स्थान के लोगों या संपत्तियों की खोज करने वाले उस स्थान के लिए अलग-अलग कई तरह से वर्तनी लिखकर सर्च करें। यदि आप स्थानों के लिए अलग-अलग वर्तनी आज़माते हैं, तो काफी महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लग सकती है।
उन्होंने कहा- “लीक डेटा कई अलग-अलग भाषाओं से आते हैं। इसलिए यदि आप रूस में कोई पता ढूंढना चाहते हैं, तो ‘सड़क‘ शब्द लिखकर सर्च करने का कोई मतलब नहीं है। आप गूगल मैप में इसे सर्च करें। इस मामले में सिरिलिक वाक्यांश या देशज शब्दों का भी उपयोग करें। उस वाक्यांश का अंग्रेजी अनुवाद डेटाबेस के खोज क्षेत्र में डालें।
एक और महत्वपूर्ण बात: कॉरपोरेट रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों में सूचीबद्ध निदेशकों के नामों को अलग-अलग वैकल्पिक वर्तनी का उपयोग करके सर्च करें। यह ‘ऐन‘ और ‘ऐनी‘ जैसे पारंपरिक विकल्पों को आज़माने जितना आसान काम है। लेकिन याद रखें कि जब विशेष रूप से रूसी नामों को देखते हैं, तो वर्तनी अक्सर बदल जाती है। अलग-अलग भाषा में एक अक्षर के फर्क से वह शब्द बदल सकता है। इसे बारीकी से समझने का प्रयास करें।
सुझाव: ओपन स्ट्रीट मैप डॉट ओआरजी (OpenStreetMap) पर किसी पते को डालकर जांच करें। क्या निदेशक का सूचीबद्ध पता वह विशाल भवन है, जैसा आपका अनुमान था। अथवा क्या वह एक छोटा कार्यालय या अपार्टमेंट है, जो किसी नए झूठ का संकेत दे सकता है।
अन्य निःशुल्क पोर्टलों में “नगेट्स“ को क्रॉस-सर्च करें। कैरी केहो ने गोपनीय सीमा-पार व्यापार कनेक्शनों की खोज के लिए कई अन्य उपयोगी एवं मुफ्त संसाधनों की जानकारी दी। जैसे-
- ओपन ओनरशिप (Open Ownership)
- यूके-आधारित ‘रजिस्टर ऑफ ओवरसीज एंटिटीज़’ (Register of Overseas Entities)
- टेंडर्स इलेक्ट्रॉनिक डेली (टीईडी) (Tenders Electronic Daily)
केहो ने कहा- “टीईडी अद्भुत है। इसमें 27 यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के सार्वजनिक अनुबंध उपलब्ध हैं। यह बहुत समय पहले से चला आ रहा है। लेकिन इसका उपयोग थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसमें कई अलग-अलग भाषाएं एक साथ हैं।“
सुझाव: आप जिन अमीरों और अंतिम लाभुक मालिकों की जांच कर रहे हैं, उनकी सोसायटी फ़ोटो की इमेज सर्च करें। कंपनी निदेशकों के डेटासेट और कॉरपोरेट रजिस्ट्रेशन लिस्ट के नामों के साथ यह सर्च करना लाभप्रद होगा।
कुलीन वर्ग की संपत्तियों को ट्रैक करने के लिए फेमिली कनेक्शन टूल का उपयोग करें। रूसी कुलीन वर्ग मुखौटा कंपनियों के मामले में दुनिया भर में आगे हैं। वे 1990 के दशक से ऐसा कर रहे हैं। पत्रकार हमेशा उन्हें पकड़ने का खेल खेलते रहते हैं। पहली बात यह जांचना है कि क्या उन्हें कोई सजा दी गई है। कैरी ने कहा।
उन्होंने रूपेप – RuPEP (RuPEP) नामक एक वेबसाइट का सुझाव दिया। इसमें रूस, बेलारूस और कजाकिस्तान के राजनीतिक रूप से चर्चित व्यक्तियों और दंडित लोगों के साथ ही उनके रिश्तेदारों और कानूनी संस्थाओं के साथ उनके संबंधों का विवरण उपलब्ध है। ऐसे डेटाबेस अक्सर आपको नई जानकारी देते हैं। यह शुरुआत करने के लिए एक बेहतरीन जगह है। इसमें बहुत सारे अमीरों की प्रोफाइल है। इसका शोध अद्भुत है। केहो ने कहा- “यह आपको परिवार के सदस्यों की जानकारी देता है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि बहुत सारी संपत्तियां परिवार के सदस्यों के नाम पर होती हैं।“
कागजी कार्रवाई के कारण गोपनीयता में हमेशा कुछ सुराख़ रह जाते हैं। इसलिए खोज जारी रखें। लगातार अपने काम में जुटे रहें। केहो ने सलाह दी- “अंतिम लाभकारी मालिकों को अपने गठन एजेंटों पर काफी भरोसा होता है। उन्हें लगता कि किसी भी जांच से उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा। इसलिए वे उन एजेंटों के साथ अपनी कई चीजें साझा करते हैं। वे अपने पासपोर्ट या किसी बिजली या टेलिफोन के बिल का स्कैन भेज देते हैं। इससे उनके घर के पते अक्सर लीक होकर डेटाबेस में सामने आ जाते हैं।
रोवन फिलिप जीआईजेएन के वरिष्ठ संवाददाता हैं। वह पहले दक्षिण अफ्रीका के संडे टाइम्स के मुख्य संवाददाता थे। एक विदेशी संवाददाता के रूप में, उन्होंने दुनिया भर के दो दर्जन से अधिक देशों से समाचार, राजनीति, भ्रष्टाचार और संघर्ष पर रिपोर्टिंग की है।
अनुवाद : डॉ विष्णु राजगढ़िया