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खोजी पत्रकारिता के लिए धन कैसे जुटाएं ?
पत्रकारिता एक जनहित का पेशा है। स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए समुचित धन की आवश्यकता होती है। किसी मीडिया संगठन के लिए धन जुटाना एक कठिन जिम्मेदारी होती है। यदि आपके संगठन के पास धन जुटाने का कोई अनुभवी व्यक्ति न हो, तो यह काम ज्यादा मुश्कित हो जाएगा।
आप चाहें तो फंड इकट्ठा करने के लिए एक सलाहकार नियुक्त कर सकते हैं। वह आपको सुझाव दे सकता है कि पैसा कहां से प्राप्त करें। वह अपनी फीस लेकर आपके लिए प्रस्ताव भी लिख सकता है। लेकिन कई मीडिया संगठनों के पास ऐसे पेशेवर नियुक्त करने के लिए संसाधन नहीं होते। आप इस काम पर कितना खर्च कर सकते हैं? अनुमान है कि एक लाख डॉलर जुटाने के लिए 25,000 डॉलर खर्च लग सकता है। आम तौर पर यह कार्य संपादकीय टीम को ही करना पड़ता है, जो पहले से ही अपनी रिपोर्टिंग परियोजनाओं में व्यस्त रहते हैं।
धन-संग्रह की यह प्रक्रिया खोजी पत्रकारिता जैसी ही है। सबसे पहले आपको फंडिंग स्रोतों पर शोध करना होगा। फिर अपनी कहानी पर विचार करना होगा। उस पर एक सम्मोहक कथा लिखनी होगी, जो पाठकों और दानदाताओं को आपके काम का महत्व समझाएगी। ऐसा होने पर लोग आपकी परियोजना के लिए आर्थिक सहयोग करने आवश्यकता महसूस करेंगे।
फंडिंग के स्रोत
इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई) ने साराजेवो में वर्ल्ड कांग्रेस 2024 का आयोजन किया। इसके एक पैनल ने खोजी पत्रकारिता के आर्थिक पक्ष पर विचार किया। विशेषज्ञों ने राजस्व उत्पन्न करने, सफलताओं और विफलताओं जैसे विषयों पर बात की। खोजी पत्रकारिता संगठन अपने राजस्व और स्वतंत्रता के बीच किस तरह संतुलन बिठाएं, इस पर भी चर्चा हुई। कई मीडिया संस्थान अनुदान पर निर्भर हैं। अपने फंडिंग स्रोतों में विविधता लाने के नए तरीके खोजने वाले मीडिया संस्थानों की संख्या बढ़ रही है।
ऐसे कई फाउंडेशन और सरकारी संगठन हैं जो तरह-तरह के अनुदान देते हैं। इसमें सामान्य समर्थन, रिपोर्टिंग अनुदान, या किसी विशिष्ट लक्ष्य के लिए प्रोजेक्ट फंडिंग की जाती है। ऐसी फंडिग को वापस चुकाने की आवश्यकता नहीं होती है। इनमें कुछ फंड का आकार काफी बड़ा हो सकता है। ऐसा अनुदान हासिल करने में महीनों लग सकते हैं। प्रारंभिक संपर्क करने से लेकर प्रस्ताव जमा करके उसके लिए निरंतर प्रयास करना पड़ता है। अनुदान देने वाली समिति के अंतिम निर्णय तक कई औपचारिक प्रक्रिया होती है। फंडिंग मिलने के बाद अनुदान अवधि के दौरान दानदाता को अपनी गतिविधियों से अवगत करना पड़ता है। उन्होंने आपको जिस मकसद से अनुदान दिया है, उस दिशा में क्या काम हो रहा है, यह बताना पड़ता है। अनुदान अवधि के अंत में फंडर को अंतिम रिपोर्ट देने के लिए अपने कार्यों को व्यवस्थित करना आवश्यक है।
फाउंडेशन और सरकारी संगठन के अलावा व्यक्तिगत फंडिंग भी एक स्रोत है। कुछ दानदाता गुणवत्तापूर्ण पत्रकारिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साझा करने के लिए अनुदान देते हैं। ऐसे व्यक्तिगत दानदाताओं के मामले में ज्यादा समय नहीं लगता। उनके पास अपनी मर्जी से किसी मीडिया संगठन को तत्काल दान करने की सुविधा होती है। हालांकि, ऐसे उदार व्यक्तियों को खोजने और उनके संबंध विकसित करने के दौरान उनके बारे में समुचित जांच-पड़ताल करना आवश्यक है।
सरकारों तथा संस्थागत दानदाताओं को अपनी फंडिंग प्राथमिकता और दान पाने के लिए संपर्क संबंधी जानकारी इत्यादि को वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक करना पड़ता है। लेकिन व्यक्तिगत दानदाताओं को ऐसी जानकारी सार्वजनिक करने की आवश्यकता नहीं है। (दानदाताओं के संबंध में अधिक मार्गदर्शन के लिए जीआइजेसी-2023 का यह सत्र देखें। गैलाघेर ग्रूप की प्रिंसिपल ब्रिजेट गैलाघेर ने इस वीडियो में महत्वपूर्ण जानकारी दी है।)
अनुदान के अवसर बढ़ रहे हैं
हाल के वर्षों में पत्रकारिता के लिए वित्तपोषण की प्रवृति बढ़ी है। विशेष रूप से खोजी पत्रकारिता के लिए अनुदान के अवसर बढ़ रहे है। दुनिया भर में लोकतंत्र के स्तंभ के बतौर पत्रकारिता को प्रतिष्ठित करने में अमेरिकी फंडर्स की महत्वपूर्ण भूमिका पहले भी रही है। अब मीडिया पर अभूतपूर्व हमलों के आलोक में उन्होंने अपना दायित्व बखूबी निभाया है। वे अपने देश में स्थानीय समाचार संगठनों के नुकसान की भरपाई करने का प्रयास कर रहे हैं। घरेलू मीडिया को मजबूत करने के लिए उन्होंने अपनी फंडिंग रणनीति को आगे बढ़ाया है। मई 2024 में ‘मीडिया इम्पैक्ट फंडर्स‘ ने एक रिपोर्ट जारी की – ‘25 शीर्ष पत्रकारिता फंडर्स किस तरह मीडिया को अनुदान दे रहे हैं ‘ इसमें पूरा विवरण दिया गया है।)
अब पत्रकारिता हेतु धन जुटाने के लिए कुछ विशिष्ट विषयों के लिए समर्पित दानदाताओं की तलाश करना प्रचलित है। जैसे, जलवायु परिवर्तन, देशज और वंचित आबादी, लोकतंत्र, नागरिक समाज, मानवाधिकार इत्यादि पर केंद्रित मुद्दे। हमारा काम यह बताना है कि ऐसे विषयों पर नागरिकों को शिक्षित करने के लिए खोजी पत्रकारिता आवश्यक है। साथ ही, समाज में बेहतरी और बदलाव लाने के लिए सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाना भी मीडिया का कर्तव्य है। ऐसे फंडर्स भी हैं, जो खोजी पत्रकारों के लिए फ़ेलोशिप और प्रशिक्षण के अवसरों में मदद करते हैं। आपकी फंडिंग खोज शुरू करने के लिए यहां कुछ जानकारी दी गई है।
- ग्लोबल फोरम फॉर मीडिया डेवलपमेंट – इसने एक व्यापक ‘फंडिंग अवसर डेटाबेस‘ विकसित किया है। इस डेटाबेस में आप किसी भौगोलिक क्षेत्र, एवार्ड के प्रकार, थीम और समय सीमा के आधार पर सर्च कर सकते हैं। उनका बॉटम लाइन न्यूज़लेटर हर महीने आपको ईमेल से नवीनतम अवसरों की जानकारी देगा। उनका लिंक्डइन न्यूज़लेटर प्रत्येक सप्ताह ऐसा करेगा।
- मीडिया इम्पैक्ट फंडर्स संगठन – यह एक विश्वव्यापी मानचित्र पेश करता है। यह दिखाता है कि मीडिया परियोजनाओं के लिए अनुदानकर्ता कहां वित्त पोषण कर रहे हैं।
- स्वीडिश इंटरनेशनल डवलपमेंट एजेंसी (SIDA) – यह दुनिया के कई देशों में विकास परियोजनाओं तथा मीडिया के लिए अनुदान देती है।
- अमेरिकी सरकार – यह यूएसएआईडी (USAID) और डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट् के माध्यम से मीडिया विकास अनुदान प्रदान करती है। उनकी वेबसाइट में ‘अनुदान’ खोजें।
- यूरोपीय कमीशन – यह यूरोपीय संघ के कार्यक्रमों हेतु वित्त पोषण के अवसरों की सूची बनाता है।
- पश्चिमी देशों के दूतावास- विकासशील देशों में स्थित पश्चिमी देशों के दूतावासों के पास भी अनुदान राशि हो सकती है। अपने देश में मौजूद दूतावास कार्यालयों में इसकी जानकारी हासिल करें।
- यूनाइटेड नेशन्स डेमोक्रेसी फंड – यह लोकतंत्र के लिए नागरिक समाज परियोजनाओं को डिजाइन, प्रबंधन, मार्गदर्शन और उत्पन्न करने में मदद करता है।
- फंड्स फॉर एनजीओज – इस वेबसाइट में मीडिया फंडिंग के अवसरों के लिए भी एक सेक्शन है।
विशेषज्ञ की सलाह:
- आप जिस प्रोजेक्ट पर काम करना चाहते हैं, वैसे ही प्रोजेक्ट वाले अन्य खोजी पत्रकारिता संगठनों को कहां से धन प्राप्त हुआ है? इसका पता लगाएं। संभव है कि आपको भी उन्हीं फंडर्स से अनुदान मिल जाए। इसलिए अपने जैसे मीडिया संगठनों के न्यूज़लेटर्स या वेबसाइटों से उनके फंडर्स की जानकारी हासिल करें। फिर उन फंडर्स पर शोध करके देखें कि क्या वे आपके काम में भी मदद कर सकते हैं?
- फिलिया , एलायंस मैगज़ीन, जर्नलिज्म फंड यूरोप जैसे संगठनों के न्यूजलेटर के लिए साइन-अप करें। इनमें जो नियमित रूप से फंडिंग के अवसरों, रुझानों और दाता की प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी आती है। इसके लिए आपको कोई शुल्क देने की आवश्यक नहीं है।
व्यक्तिगत दानदाताओं से दान लेना
जैसा कि ऊपर बताया गया है, जवाबदेहीपूर्ण पत्रकारिता को बढ़ावा देने वाले व्यक्तिगत दानदाताओं से दान अथवा उपहार लेना सरल है। ऐसे लोग तुरंत निर्णय ले सकते हैं कि वे आपका किस तरह समर्थन करना चाहते हैं। सीमित साधनों वाले दानदाता आपको छोटे उपहारों के साथ अपनी प्रतिबद्धता दिखा सकते हैं। अधिक संसाधनों वाले लोग महत्वपूर्ण मात्रा में बड़े उपहार दे सकते हैं। हालांकि, ‘फंडरेजिंग इफेक्टिवनेस प्रोजेक्ट‘ की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2020 के बाद से 2023 तक दानदाताओं में लगातार कमी देखी जा रही है। पहले की तुलना में 2023 में 2.8 प्रतिशत कम डॉलर का दान मिला। गैर-लाभकारी सरोकारों में मदद करने वाले दानदाताओं की संख्या 3.4 प्रतिशत कम हुई।
आम तौर पर, व्यक्तिगत दानदाताओं से दान दो तरीकों से मिलते हैं। डिजिटल फंड-रेजिंग और बड़े सहयोग हेतु आग्रह। कई बार यह ‘क्राउड फंडिंग‘ अथवा पीयर-टू-पीयर अभियान के रूप में होता है।
- अब काफी लोगों का ऑनलाइन जुड़ाव हो चुका है। इसके कारण एनजीओ तथा मीडिया भी ऑनलाइन धन-संग्रह अभियान चला रहे हैं। सोशल मीडिया और न्यूज़लेटर प्रमोशन को जोड़कर आप अपने वेबपेज पर ‘दान करें‘ बटन लगा सकते हैं। इसके जरिए आप लोगों को धन या उपहार देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ऑनलाइन धन-संग्रह के कुछ शानदार उदाहरण हैं। ‘रिकॉर्डर‘ नामक एक रोमानियाई न्यूज वेबसाइट ने एक सफल वीडियो रिपोर्ट के माध्यम से नए दर्शकों को जोड़ा। उनके शानदार राजस्व मॉडल पर यह रिपोर्ट पढ़ें।
‘कॉफ़ी शॉप दृष्टिकोण‘ आपके संगठन के लिए एक राजस्व मॉडल बना सकता है। इसे पढ़ना भी उपयोगी होगा। कुछ फ्रीलांस पत्रकारों ने अपनी स्टोरीज को खुद प्रकाशित करके धन-संग्रह का सफल प्रयोग किया है। उन्होंने सदस्यता और सशुल्क न्यूजलेटर के नाम पर पाठकों से आर्थिक सहायता प्राप्त किया। इसके लिए ‘सबस्टैक‘ और ‘उडेमी‘ जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग किया गया।
मीडिया संगठनों द्वारा कुछ अन्य प्रयोग भी देखने को मिलते हैं। जैसे, किसी उदार समर्थक द्वारा अपने परिजनों की स्मृति में मीडिया को कोई उपहार या आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाना। ऐसी मदद आपके प्रति प्रेमभाव का प्रदर्शन है। इसलिए आपके संगठन के बारे में इस तरह सोचने के लिए उस परिवार को धन्यवाद देना कभी न भूलें।
राजस्व संग्रह का एक अन्य प्रयोग संभव है। आपके संस्थान के किसी पत्रकार ने कुछ उल्लेखनीय कार्य किया हो, कोई पुरस्कार मिला हो, तो उसके सम्मान में एक ऑनलाइन दान अभियान चला सकते हैं। किसी सहकर्मी या पत्रकार के एक लंबे और शानदार कैरियर के बाद सेवानिवृत्ति पर भी ऐसा अभियान चलाया जा सकता है।
अपने पाठकों और दानदाताओं को नियमित रूप से अपने काम की जानकारी दें। हमेशा उनके संपर्क में रहकर अपनी सफलताओं और संगठनात्मक जरूरतों को साझा करना चाहिए। उन्हें दिखाना चाहिए कि उनकी मदद या उपहार के कारण किस तरह का बदलाव आया है। आपके पास उनका ईमेल पता है। उन्हें समय-समय पर सूचित करते रहें। आपका लक्ष्य अपने काम के प्रति उन्हें उत्साहित रखना है। ऐसा होने पर वे वफादार दानकर्ता बने रहेंगे। साथ ही, आने वाले समय में उनसे अधिक सहयोग मिलने की संभावना रहेगी।
- व्यक्तिगत दानदाता से मिलने वाले सहयोग की राशि बड़ी या छोटी हो सकती है। यह आपके संगठन की क्षमता और दानदाता की स्थिति पर निर्भर करेगा। ऐसे लोगों से सहयोग लेने के लिए आम तौर पर काफी प्रयास करने पड़ते हैं। अक्सर किसी दोस्ताना परिचय या भावनात्मक संबंध के कारण यह संभव होता है। ऐसे फंडर का आपके संगठन से कोई व्यक्तिगत संबंध हो सकता है। जैसे, एक ही कॉलेज या विश्वविद्यालय से जुड़े होने या किसी धार्मिक, जातिगत, क्षेत्र, भाषा या किसी आस्था या फिर किसी विशेष सरोकार का मामला हो सकता है। कोई अन्य अमीर या प्रभावशाली व्यक्ति भी अन्य दानदाता को ऐसी मदद देने की सिफारिश करे, तो उसके प्रभाव में भी लोग आगे आते हैं।
विशेषज्ञ की सलाह:
क्या आपके शुभचिंतकों (बोर्ड के सदस्यों, पड़ोसियों, दानदाताओं) का ऐसे लोगों से संबंध हैं, जिनके पास आर्थिक सहयोग करने की महत्वपूर्ण क्षमता है? अगर हां, तो ऐसे लोग आपके संगठन का परिचय देकर आपकी मदद करने का अनुरोध कर सकते हैं।
इस विषय पर पढ़ने योग्य सामग्री
- ‘फंडरेजिंग इफेक्टिवनेस प्रोजेक्ट‘ 2023 की रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिंदु
- दान देने के सात कारण
- पुरानी और नई पीढ़ी में परोपकार भावना का अंतर
- डिजिटल फंड रेजिंग के ग्यारह सफल तरीके और बेस्ट प्रेक्टिस
- स्थानीय समाचार प्रकाशकों के लिए डिजिटल रेवेन्यू प्लेबुक
- क्राउड फंडिंग : एक व्यापक मार्गदर्शिका
- पीयर-टू-पीयर धनसंग्रह में सफलता के तीन कारण (3 Reasons Peer-to-Peer Fundraising Drives More Engagement)
- पीयर-टू-पीयर फंड रेज़िंग : संपूर्ण क्रैश कोर्स
- बड़ा दान पाने के लिए एक मार्गदर्शिका
- जीएफएमडी मीडियाडेव फंड रेजिंग गाइड
फंडर्स को जानो
धन-संग्रह प्रक्रिया की तुलना अक्सर डेटिंग से की जाती है। बहुत से लोग रिश्ते की तलाश में हैं। इसलिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता से पहले आपको और फंडर को परस्पर एक-दूसरे को जानना होगा। आप अपने संभावित साझेदार की पूरी बात अवश्य सुनें। उनके वित्तपोषण लक्ष्यों और प्राथमिकताओं के बारे में प्रश्न पूछें। इससे उन्हें यह पता चलता है कि अनुदान के लिए उनके मकसद के प्रति आप गंभीर हैं। आपको इस बात की परवाह है कि कोई आपको अनुदान क्यों दे रहा है।
यह नौकरी पाने के लिए साक्षात्कार देने जैसा मामला है। एक ही फंडिंग के लिए कई मीडिया संगठनों ने आवेदन किया है। आपको यह साबित करना है कि आप ही इस फंडिंग के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं। आप नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले किसी कंपनी के बारे में पूरा शोध करते हैं। उसी तरह किसी फंडर पर भी शोध करना होगा। आपको निम्नलियित जानकारी हासिल करनी होगी-
- किसी फंडर की अभी किन कार्यक्रमों और मिशनों को मदद करने में दिलचस्पी है? दानदाना की प्राथमिकताएं समय के साथ बदलती हैं। हमारे आसपास की दुनिया या अपने संगठन के भीतर बदलावों के अनुसार उनकी प्राथमिकता बदल जाएगी। जैसे, कोविड महामारी या किसी युद्ध के दौरान दानदाताओं की प्राथमिकता बदल सकती है। कई लोग राजनीतिक नेतृत्व परिवर्तन की संभावना होने पर अपनी अनुदान रणनीति बदल सकते हैं।
- दानदाता की सीमाएं क्या हैं? उन्हें यह फंडिंग अपने चुने गए कार्यक्रमों और भौगोलिक क्षेत्रों तक सीमित करने का अधिकार है। कुछ लोग सामान्य फंडिंग प्रदान कर सकते हैं। जबकि कुछ लोग केवल किसी परियोजना को फंड करेंगे। कुछ लोग एक निश्चित देश या क्षेत्र में फंडिंग करेंगे। अन्य लोग केवल विशिष्ट क्षेत्रों में फंडिंग करेंगे। फंडिंग पाने के लिए आपका प्रोजेक्ट उनके दिशानिर्देशों के अनुरूप होना चाहिए।
- वे किस आकार का अनुदान देते हैं? यदि कोई एक लाख तक का अनुदान देता है, तो आप दस लाख की मांग नहीं कर सकते। लेकिन जिनके पास दस लाख की क्षमता है, उससे आप एक लाख नहीं मांगना चाहेंगे।
- उनकी अनुदान प्रक्रिया क्या है? कुछ फंडर्स के पास “रोलिंग“ समय सीमा होती है। कुछ लोग हर वर्ष केवल निश्चित समय पर ही आवेदन स्वीकार करते हैं। कई लोग अनचाहे प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करते हैं। इसलिए आपको प्रस्ताव चरण से पहले बातचीत के साथ अपना परिचय देने का प्रयास करना होगा।
- अपना परिचय देने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? सामान्यतः किसी फंडर की वेबसाइट पर ऐसे कार्यक्रम के अधिकारियों की लिस्ट मिल जाती है। आप उस कार्यक्रम के अधिकारी से संपर्क करें, जो आपके कार्यक्रम से मेल खाता हो। चाहे वह मीडिया के लिए हो, या किसी विशिष्ट क्षेत्र में जिसमें आप काम कर रहे हों। जैसे, जलवायु परिवर्तन, कम प्रतिनिधित्व वाली आबादी, नागरिक समाज, आदि)। किसी सम्मेलन के दौरान भी परिचय का अवसर मिलता है। यदि फंडर वहां है, तो उन्हें अपनी परियोजना का संक्षिप्त परिचय दें। फिर पूछें कि क्या आप उनसे संपर्क कर सकते हैं।
फंडर से जुड़े अधिकांश सवालों का जवाब उनकी वेबसाइट पर मिल जाएगा। उनकी प्राथमिकताओं, सीमाओं, अनुदान प्रक्रिया और संपर्क की पूरी जानकारी लें। कुछ लोग फंडर अपने अनुदान बजट की जानकारी शेयर नहीं करते। ऐसी जानकारी के लिए नीचे सूचीबद्ध संसाधनों की मदद से अतिरिक्त शोध करें। कुछ सेवाएं सदस्यता आधारित हैं। वे अक्सर महंगी होती हैं। उनमें आपको काफी जानकारी मिल सकती हैं। हम यहां कुछ निःशुल्क संसाधनों की अनुशंसा कर रहे हैं –
- कैंडिड की ‘गाइडस्टार‘ सेवा – इसमें निःशुल्क पंजीकरण करके फंडर का नाम डालें, जिस पर आप शोध करना है।
- 990 फाइंडर – इसमें सभी अमेरिकी फंडर के टैक्स-रिटर्न की जानकारी मिल जाएगी। इसमें उनके अनुदानों की सूची मिलती है। किसे और कितना अनुदान दिया, इसकी जानकारी मिल जाएगी।
- फंड्स फॉर एनजीओ – इसमें फंडिंग प्राथमिकता के आधार पर फंडर्स को खोजने की सुविधा है।
- चैरिटी कमीशन फॉर इंग्लैंड और वेल्स – इसमें उन देशों में दान देने वालों का डेटाबेस है।
- 360 गिविंग – यह यूके में एनजीओ के लिए अनुदान संबंधी डेटा और अन्य संसाधन प्रदान करता है।
विशेषज्ञ की सलाह:
फंडर्स आपके संगठन की कहानी या आपका ‘विज़न‘ सुनना पसंद करते हैं। आप कहां जा रहे हैं और क्या बदलाव लाना चाहते हैं? अपना विजन साझा करने के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति आपका शीर्ष प्रबंधक या कार्यकारी निदेशक होता है। फंडर्स के साथ व्यक्तिगत रूप से संबंध बनाने का प्रयास करें। किसी सम्मेलन में या उनके कार्यालय में मिलें।
अपनी पिच को पूर्ण करना
धन-संग्रह की अपनी पिच के बारे में एक न्यूज स्टोरी के रूप में सोचें। पहले अपने पाठकों का शोध कर लें। आपकी परियोजना में उनकी रुचि क्यों होगी? अपनी जानकारी इस तरह एकत्र और प्रस्तुत करें, ताकि समान फंडिंग चाहने वाले अन्य लोगों से आप बेहतर हों। ‘लर्न ग्रांट राइटिंग डॉट ओआरजी‘ में इस प्रक्रिया का एक बेहतरीन रोडमैप देखें।
प्रस्ताव लिखने से पहले की तैयारी
सबसे पहले अपने मुख्य प्रश्नों का उत्तर देने की तैयारी करें।
- आप कौन हैं? आपका प्रासंगिक अनुभव और विशेषज्ञता क्या है?
- क्या यह प्रोजेक्ट किसी के साथ साझेदारी में होगा? अगर हां, तो ऐसा करना क्यों जरूरी है? आपके साझेदार की विशेषज्ञता क्या है?
- आपके पाठक कौन हैं? आप कहां काम करते हैं? कितने लोग आपकी कहानी पढ़ेंगे? आपके काम से कितने लोगों को क्या लाभ होगा?
- आप किस समस्या को हल करना चाहते हैं? अभी ऐसा करने की जरूरत क्यों है?
- आपके प्रोजेक्ट या संगठन का संदर्भ और वातावरण क्या है?
- आप अपने काम के द्वारा क्या बदलाव लाना चाहते हैं?
- आप कोई परिणाम कैसे हासिल करेंगे? आप उन्हें कैसे मापेंगे?
- कोई अन्य विशेष बात जो आपके आवेदन के लिए जरूरी हो।
एक बार सोचें : क्या यह प्रस्ताव उचित है?
हरेक अनुदान के पीछे भागना और उसके लिए आवेदन करना क्या वाकई जरूरी है? कोई फंडर आपको अनुदान उपलब्ध करा सकता हो, तब भी कुछ पहलुओं पर विचार करके ही अनुदान लेना उचित है। क्या हर अनुदान के लिए आवेदन करना उचित है? कुछ मामलों में, नहीं। धन संग्रह पर जीआइजेसी-2023 में माइकल रान्डेल की प्रस्तुति पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु यहां दिए गए हैं –
- यदि आप फंडर के भौगोलिक फोकस के बाहर काम करते हैं, तो उससे अनुदान लेने से पहले आपको सोचना चाहिए।
- यदि आप सामान्य परिचालन निधि की मांग कर रहे हैं और फंडर केवल विशिष्ट परियोजना सहायता देना चाहता है।
- यदि आप उस प्रोजेक्ट क्षेत्र में दक्षता प्रदर्शित करने की स्थिति में न हों, तो ऐसा अनुदान लेना उचित नहीं।
- यदि आपके स्टाफ के पास अतिरिक्त प्रोजेक्ट लेने क्षमता नहीं है।
- यदि परियोजना आपके संगठनात्मक वित्त पोषण पर भारी पड़ सकती हो। यानी इसकी लागत आपके बजट से अधिक होने की संभावना हो।
- यदि परियोजना आपके संगठनात्मक मिशन को आगे नहीं बढ़ाती हो, तब भी ऐसा अनुदान लेने से पहले विचार करें।
अनुदान हेतु आवेदन कैसे तैयार करें
फंडर के सवालों के अनुरूप जवाब दें – यदि फंडर ने किसी प्रस्ताव का प्रारूप या आवेदन का प्रारूप बनाया हो, तो उसके सारे प्रश्नों का उत्तर देना सुनिश्चित करें। अक्सर आवेदक अपनी ही कहानी सुनाने में इतने व्यस्त होता है कि आवेदन के मूल प्रश्नों का पूरी तरह से उत्तर नहीं दे पाता। फंडर ने यह देखने के लिए एप्लिकेशन का प्रारूप बनाया है कि आपका प्रस्ताव उनकी फंडिंग के लिए उपयुक्त हैं। उनके प्रश्नों का पूरी तरह से उत्तर देने से पता चलता है कि आप फंडिंग को समझते हैं और उनकी प्राथमिकताओं के अनुरूप काम करेंगे।
‘कॉपी-पेस्ट‘ करने में समझदारी बरतें – फंडर की प्राथमिकताओं के आधार पर हर आवेदन अलग होता है। एक फंडर के लिए आपने जो लिखा है, वही बात दूसरे फंडर के सवालों का जवाब नहीं दे सकती।
संक्षिप्त शब्दों से बचें – फंडिंग पर निर्णय लेने वाली समिति, बोर्ड या पैनल के सदस्यों को आपके संक्षिप्त शब्दों की जानकारी शायद न हो। यदि आपने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया तो वे समझ नहीं पाएंगे। इसलिए आवेदन लिखते समय यही मानकर लिखें कि उन्हें ऐसे संक्षिप्त शब्दों की जानकारी नहीं है। पहली बार उनका उपयोग करें तो पूरी शब्दावली का उपयोग करें ताकि भ्रम न हो।
मूल बात पर फोकस करें – कई ऑनलाइन एप्लिकेशन प्रणालियां में जवाब भरने के शब्दों की संख्या सीमित होती है। आप उपलब्ध स्थान में अधिक से अधिक डेटा, उदाहरण और विशिष्टताएं लिखने का प्रयास करें। ऐसी सामान्य बातों से बचें, जो आपके प्रोजेक्ट के उद्देश्य को स्पष्ट नहीं करती हो।
अपने बजट की जांच करें – क्या आपका बजट उसी प्रारूप में है, जैसा एप्लिकेशन में मांगा गया है? क्या संख्या सही ढंग से जोड़ ली गई है? क्या बजट आपके द्वारा लिखी गई बातों से मेल खाता है? क्या आपने परियोजना को पूरा करने के लिए आवश्यक समय, कर्मचारियों और आपूर्ति को कवर करने के लिए पर्याप्त धनराशि का बजट रखा है?
अनुदान प्रस्ताव लेखन पर अन्य संसाधन :
- पत्रकारिता के लिए अनुदान प्राप्त करना (Getting Grants to Fund Your Journalism) – यह डाउनलोड करने योग्य मार्गदर्शिका है। यह अपनी बात लिखने के लिए सुझाव, चुनौतियों और सावधनियों का खजाना है।
- लेनफेस्ट इंस्टीट्यूट के न्यूज़ फ़िलैंथ्रोपी नेटवर्क का कोर्स – यह एक रिकॉर्ड किया गया, स्व-निर्देशित अनुदान लेखन पाठ्यक्रम है। इसमें अनुदान मांगने और लिखने की प्रक्रिया के हर चरण जानकारी मिलती है।
- सफलता पाने योग्य अनुदान प्रस्ताव कैसे लिखें – इसमें अनुदान प्रस्तावों के कुछ प्रारूप का लिंक भी है।
- प्रस्ताव लेखन कला पर जीआइजेसी-23 पैनल, नीचे यूट्यूब वीडियो देखें।
विशेषज्ञ की सलाह:
ऑनलाइन आवेदन पत्र को भरते समय एक बात का ध्यान रखें। संभव है कि इसमें आपके ड्राफ्ट को सेव या साझा करने की सुविधा न हो। इसलिए सीधे ऑनलाइन भरने से पहले अलग से एक ड्राफ्ट दस्तावेज़ बना लें। इसे अपने सहकर्मियों के साथ साझा करके फाइनल करें। तब ऑनलाइन भरें।
इसके आगे क्या होता है?
फंडर के अनुदान समिति की बैठक में यह तय होता है कि आपको फंडिंग देनी है या नहीं। अगर हां, तो कितनी? इसके बाद फंडर के कर्मचारियों से आपको जानकारी मिल जाएगी।
यदि आपका प्रस्ताव अस्वीकार हो जाए, तो इसे व्यक्तिगत रूप से न लें! दानदाताओं के पास सीमित धनराशि होती है। यह राशि किसे और कैसे दी जाए, इस पर कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं। आवेदन कई कारणों से अस्वीकार कर दिए जाते हैं। शायद ऐसे प्रोजेक्ट के लिए यह समय सही नहीं है। संभव है कि समिति आपके उद्देश्यों को पूरी तरह से समझ नहीं पाई है। अथवा आपका बजट उन्हें पसंद नहीं आया हो। अधिक संभावना है कि उनके पास उपलब्ध राशि से अधिक प्रस्ताव उन्हें प्राप्त हुए।
दानदाता के फंडिंग अधिकारियों के पास सीमित समय है। वह संभवतः आपको नहीं बताएंगे कि आपका आवेदन क्यों अस्वीकार हुआ। उनका पत्र आपको बता सकता है कि फंडर के लिए आपके प्रस्ताव को स्वीकार करना संभव नहीं है। आप उन्हें ‘धन्यवाद‘ देकर भविष्य की संभावित बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण रिश्ता बनाए रखें। यह पूछना उचित है कि भविष्य के प्रस्तावों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आप कैसे काम कर सकते हैं। वे नहीं कह सकते हैं, लेकिन वे हाँ भी कह सकते हैं! ध्यान रखें कि ‘नहीं‘ का अर्थ ‘कभी नहीं‘ नहीं है। इसका अर्थ है- ‘अभी नहीं।‘ इसलिए हिम्मत मत हारो!
- आप यह पता लगाएं कि किसके प्रस्ताव सफल रहे। बाद में जब आपके पास नई जानकारी हो आए, तो अगले फंडिंग चक्र के लिए उस फंडर के साथ एक नई बातचीत शुरू कर सकते हैं।
- आपका प्रस्ताव एक फंडर के लिए सफल नहीं था, तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह दूसरे फंडर के लिए उपयुक्त नहीं होगा। नए कनेक्शन बनाते रहें और नए एप्लिकेशन भेजते रहें।
यदि आपका प्रस्ताव स्वीकृत हो गया, तो बधाई हो! फंडर की तरफ से आपको अगले कदमों की जानकारी दी जाएगी। सामान्यतः आपको एक अनुदान अनुबंध पर हस्ताक्षर करना होगा। इसमें अनुदान की अवधि, राशि और उसके उपयोग संबंधी रिपोर्टिंग की जानकारी होगी। एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। फंडर जानना चाहता है कि आपने समझौते के अनुसार उनकी फंडिंग का सदुपपयोग किया है।
अनुदान अवधि के दौरान परिस्थितियां बदल सकती हैं। संभव है कि आपको अपने मूल प्रस्ताव की गतिविधियों को बदलने की आवश्यकता हो। ऐसे में फंडर को अवगत कराएं कि आप ऐसे कोई परिवर्तन करना चाहते हैं। यह भी सुनिश्चित करें कि नई गतिविधियां फंडर के दिशानिर्देशों के अनुकूल हैं।
विशेषज्ञ की सलाह:
फंडर को जितना भी धन्यवाद दें, कम ही होगा। इसलिए अपने फंडर तथा उनके अधिकारियों के साथ सदा संपर्क में रहें। जब आपको उनसे कुछ नहीं चाहिए, तब भी संपर्क बनाए रखें। उनकी कोई आवश्यकता हो, तो उसका ख्याल रखें। अपने प्रोजेक्ट संबंधी प्रकाशित खबरों तथा अन्य समाचारों के लिंक भेजें। प्रोजेक्ट को संभव बनाने के लिए उन्हें फिर से ‘धन्यवाद’ कहें। उनके सहयोग का आपके काम पर क्या प्रभाव पड़ा, इसे प्रदर्शित करें। किसी सम्मेलन में मिलने पर भी उनका अभिवादन करें। उन्हें अपने आयोजनों में आमंत्रित करें। नए साल की बधाई भेजें। इंसान ही इंसानियत के काम आता है। इसलिए इन रिश्तों को बनाए रखें। यह भविष्य में अतिरिक्त धनसंग्रह के अवसर प्रदान करेगा।
जीआईजेएन का प्रयास अद्यतन जानकारी साझा करना है। यदि आपको कोई लिंक टूटा हुआ या पुराना दिखे, तो कृपया हमें बताएं।
करेन मार्टिन जीआईजेएन की डायरेक्टर ऑफ डेवलपमेंट हैं। उन्हें धन-संग्रह के दोनों पक्षों का कार्यकारी अनुभव है। अनुदान देने वाले फाउंडेशन और एनजीओ के लिए धन-संग्रह अधिकारी और सलाहकार के बतौर बीस वर्ष से अधिक काम का अनुभव है। उन्होंने सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय के एस.आई. न्यूहाउस स्कूल ऑफ पब्लिक कम्युनिकेशंस से मास्टर डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने टीवी और प्रिंट मीडिया दोनों में काम किया है।
अनुवाद – डॉ. विष्णु राजगढ़िया