खोजी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए सुझाव और संसाधन
सच तो यह है कि कोई रातोंरात खोजी पत्रकार नहीं बन सकता। पारंपरिक पत्रकारिता के तरीके आज भी वॉचडॉग रिपोर्टिंग की आधारशिला हैं। लेकिन अब कई नए उपकरण हैं। नवीन तकनीक आ चुकी हैं। पत्रकार अपने तरकश में इन्हें शामिल करके खोजी रिपोर्टिंग में इनकी मदद ले सकते हैं। यदि आवश्यक प्रशिक्षण मिल जाए, तो एक खोजी पत्रकार बनना किसी के लिए पहुंच से बाहर की चीज नहीं है।