
जीआईजेएन का वैश्विक सम्मेलन इस साल नवंबर में मलेशिया में होगा
ग्लोबल इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कांफ्रेंस यानि GIJC25 (जीआईजेसी25) शुक्रवार, 21 नवंबर से सोमवार, 24 नवंबर, 2025 तक मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित किया जाएगा।
दक्षिण एशिया के कई देशों में वर्ग और जातिगत विभाजन काफी अधिक है। मनमाने नियमों के कारण प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच और नियंत्रण के मामले में काफी असमानता और अनियमितता देखने को मिलती है। इसके कारण धन का अत्यधिक संकेंद्रण हुआ है। समाज का एक बड़ा वर्ग संसाधनों तथा आजीविका से वंचित रह गया है। ऐसे लोग सामाजिक-आर्थिक हाशिये पर चले गए हैं। साथ ही, जलवायु परिवर्तन, भोजन और पानी की कमी, आपदा, महामारी, युद्ध और मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे उभरते खतरों का भी इन कमजोर वर्गों पर ज्यादा असर होता है।
गोपनीय रिपोर्टिंग के दौरान एक पत्रकार के बतौर अपनी भूमिका को छिपाने और गोपनीय तरीके से किसी की बात सुनने को उचित ठहराया जा सकता है। अधिकारियों की अमर्यादित टिप्पणियों को जनहित के किसी महत्वपूर्ण मामले की स्टोरी में दिखाया जा सकता है। यदि किसी रिकॉर्डिंग डिवाइस का उपयोग किया जाता है। ऐसे मामलों में अपने देश के गोपनीयता नियमों के बारे में कानूनी सलाह को जरूर लेनी चाहिए। सूत्रों को अपनी टिप्पणियों के बारे में स्पष्ट करने या समझाने का अवसर भी देना चाहिए। पाठकों को बताना चाहिए कि उद्धरण कैसे एकत्र किए गए हैं।
अन-इक्वल सीन्स नामक एक गैर-लाभकारी संगठन सामाजिक न्याय पर काम करता है। उसने ड्रोन इमेजरी का उपयोग करके असमानता दिखाने वाली तस्वीरें ली हैं। इस संगठन ने शहरों में लंबे समय से चली आ रही असमानता के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा की है और नीतिगत समाधान पर संवाद शुरू किया है।
ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क (जीआईजेएन) और आईएमईडीडी ट्रेनिंग पिलर, आइडियाज़ ज़ोन के पास उन्नत शोध तकनीकों पर कई ऑनलाइन प्रशिक्षण उपलब्ध हैं। इसके बावजूद हम खोजी पत्रकारिता के बुनियादी कौशल को एक महत्वपूर्ण आवश्यकता के बतौर देखते हैं। इसलिए हमने यह गाइड प्रस्तुत किया है। यह वर्ष 2024 में साझेदारी के तहत ’खोजी पत्रकारिता का परिचय’ कार्यक्रम […]
भारत के सीमावर्ती राज्यों सिक्किम, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ को भारत सरकार द्वारा बार-बार नकारा गया है। स्थानीय रिपोर्टों और विपक्ष के दावों के बावजूद, देश का मीडिया भी सीमा पार चीनी सैन्य गांवों के निर्माण की वास्तविकता को रिपोर्ट करने से कतरा रहा है। हालाँकि, भारत के प्रमुख मीडिया हाउस इंडिया टुडे की खोजी रिपोर्टिंग ने भारत सरकार के झूठे दावों को उजागर कर दिया।
यह पुरस्कार विकासशील या परिवर्तनशील देशों में खतरनाक परिस्थितियों में की जाने वाली खोजी पत्रकारिता का सम्मान करते है। इस बार प्रविष्टियाँ इतनी अधिक थीं कि पुरस्कार निर्णायकमंडल ने दो अतिरिक्त परियोजनाओं को उत्कृष्टता के प्रमाण पत्र देने का फैसला किया
भारत में खोजी पत्रकारिता लगभग असंभव होती जा रही है। सरकारी और गैर-सरकारी दोनों प्रकार की ताकतें प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति असहिष्णु हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि विश्व के 180 देशों के प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत वर्ष 2022 में 150वें स्थान पर था। लेकिन वर्ष 2023 में इससे भी नीचे गिरकर 161वें स्थान पर आ गया।
डेटा के मानकीकरण की प्रक्रिया में प्रत्येक संख्यात्मक डेटा बिंदु को डेटासेट के ‘मानक विचलन’ से विभाजित किया जाता है। ऐसा करने से माप की इकाइयों में परिवर्तन होता है। सामान्य इकाइयों जैसे औंस, इंच, पाउंड या किलोग्राम का उपयोग करके निष्कर्ष बताने के बजाय इन्हें ‘मानक विचलन’ के रूप में रिपोर्ट करना चाहिए।
अकादमिक पत्रिकाएं अक्सर ‘सांख्यिकीय महत्व’ वाले परिणामों के साथ अनुसंधान को प्राथमिकता देती हैं। इसलिए शोधकर्ता अक्सर उस दिशा में अपने प्रयास केंद्रित करते हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण निष्कर्षों वाले रिसर्च पेपर्स के प्रकाशित करने की अधिक संभावना रहती है।
क्राउड-सोर्सिंग पर आधारित ऐसी परियोजनाओं में कई तरह की चुनौतियां भी होती हैं। सूचनाओं एवं डेटा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना एक बड़ा काम है। प्रविष्टियों का दोहराव, रोकना तथा हर रिपोर्ट का सत्यापन करना भी आसान नहीं है। परिणामों की व्याख्या में भी किसी पूर्वाग्रह से बचना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे जोखिम के प्रति सचेत रहते हुए यह कोशिश करने लायक है।
हाल के वर्षों में ऐसे डिजिटल हमलों को संख्या, आवृत्ति और गंभीरता बढ़ी है। ऐसे हमलों के नए-नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। कुछ साइबर हमले काफी घातक होजे हैं और किसी कवरेज को रोकने में भी प्रभावी होते हैं। ऐसे हमलावरों को एक अतिरिक्त लाभ मिलता है, क्योंकि ऐसे अपराधी वीपीएन के पीछे छिपे होते हैं उनकी पहचान को सामने लाना मुश्किल होता हे।
“सरकारों ने अभिव्यक्ति पर नियंत्रण के लिए इसे अन्य कानूनों से जोड़ दिया है। अब मीडिया के खिलाफ ‘आतंकवाद विरोधी कानून‘ का दुरूपयोग हो रहा है। विद्रोही समूहों को कवर करने वाले पत्रकारों पर मुकदमा होता है। यदि आप किसी विद्रोही का साक्षात्कार करते हैं, तो आतंकवादी समूह को बढ़ावा देने का आरोप लग जाएगा।“
खोजी पत्रकारिता पर दुनिया का यह प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एक से पांच नवंबर 2021 तक ऑनलाइन सम्पन्न हुआ। इसमें 148 देशों के 1800 संपादक, पत्रकार और सिविल सोसाइटी प्रतिनिधि शामिल हुए। एक नवंबर 2021 को पूर्ण-सत्र (प्लेनरी सेशन) में 100 देशों के 500 से अधिक पत्रकार शामिल हुए। इस सत्र में पांच दिग्गज संपादकों ने दुनिया भर में लोकतांत्रिक आदर्शों की रक्षा और स्वतंत्र प्रेस का अस्तित्व बचाने की लड़ाई की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
अपने देश में मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग में एक अतिरिक्त जोखिम मौजूद है। आपकी खबर प्रकाशित होने के बाद एक विदेशी पत्रकार की तरह आपके पास देश छोडकर जा़ने का विकल्प नहीं है। इसलिए एनी केली ने सुझाव दिया कि आपके ऊपर ऐसे लोग हों, जो आपका समर्थन करें। आपकी खबरों को उच्चस्तरीय समर्थन मिलना महत्वपूर्ण है। ऐसी मदद पाने के लिए किसी बड़े या अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ साझेदारी करना लाभदायक होगा।
हमारे समूह के दो पत्रकारों के एक जोड़े के साथ भी दिलचस्प मामला हुआ। लंबे दुपट्टे वाला एक युवक उनका पीछा कर रहा था। जबकि ऐसा लग रहा था वह किसी काम से बैंक जा रहा है। एक और बात यह है कि यह एक बूढ़ा, गंदा स्पॉटर था जिसे किसी ब्लॉकबस्टर फिल्म में एमआई6 एजेंट के रूप में नहीं लिया गया होगा।
वेबसाइट विश्लेषण के लिए Information Laundromat सबसे नया, दिलचस्प और मुफ्त टूल है। जॉर्ज मार्शल फंड के अलायंस फॉर सिक्योरिंग डेमोक्रेसी – (एएसडी) ने यह टूल विकसित किया है। यह सामग्री और मेटाडेटा का विश्लेषण कर सकता है।
एक बड़े भाषा मॉडल के रूप में चैटजीपीटी किसी विषय पर जवाब देने के लिए वेब पेज इंडेक्सिंग के बजाय प्रशिक्षण डेटा के विशाल भंडार का उपयोग करता है। इसलिए सामान्य प्रश्नों के लिए गूगल जैसे सर्च इंजन अब भी अधिक सटीक, व्यापक और अद्यतन हैं।
सहयोगियों ने मध्य पूर्व के एक राजा की विदेशी संपत्तियों की खोज की थी। पता चला कि यूके और यूएस में उस राजा के 14 आलीशान भवन थे। ऐसा गुप्त रूप से टैक्स-हेवन में फ्रंट कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से किया गया था। इस बात की नाटकीय पुष्टि तब हुई, जब एजेंटों द्वारा पंजीकरण दस्तावेजों में गुप्त ग्राहक के घर का पता ‘शाही महल‘ के रूप में दर्ज कराने की जानकारी मिली
मलेशियाकिनी एक स्वतंत्र मीडिया संगठन है। यह सरकार समर्थक या विपक्ष समर्थक नहीं है। यह हर किसी पर रिपोर्ट करता है। ऐसा करना आसान सरल लग सकता है। लेकिन एक गैर-लोकतांत्रिक मीडिया माहौल में यह आसान काम नहीं है। मलेशियाकिनी की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पत्रकारिता वास्तव में एक क्रांति के समान है। उनकी अनूठी ताकत उनके पाठक हैं, जो मलेशियाकिनी के लिए अपने समर्थन पर गर्व करते हैं और भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण साझा करते हैं।
यदि आपने अभी तक गोथनबर्ग, स्वीडन GIJC23 में आने का मन नहीं बनाया है, तो अभी भी आप गोथेनबर्ग में हमारे साथ शामिल हो सकते हैं। गोथनबर्ग शहर में सम्मेलन स्थल के आस-पास के होटल भरने शुरू हो गए हैं। इसलिए पंजीकरण के लिए ज़्यादा इंतजार न करें।
प्रेस की स्वतंत्रता में अभूतपूर्व गिरावट आई। इस दौरान अनगिनत पत्रकारों को उत्पीड़न अथवा दमनकारी कानूनों का शिकार होना पड़ा। इसके बावजूद वर्ष 2024 में भारत के खोजी पत्रकारों ने अनगिनत शक्तिशाली खोजी खबरें पेश की हैं।
जिन देशों में प्रेस की आज़ादी पर खतरा बढ़ रहा है, वहां के पत्रकारों के साथ काम करने में भी मदद मिल सकती है। पत्रकारों को स्थानीय या अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों के साथ गठबंधन बनाकर काम करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा- “आप जिन भौगोलिक सीमाओं तथा अन्य चुनौतियों का सामना कर रहे हों, उन्हें दरकिनार करने का प्रयास करें।“
भारत में खोजी पत्रकारिता लगभग असंभव होती जा रही है। सरकारी और गैर-सरकारी दोनों प्रकार की ताकतें प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति असहिष्णु हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि विश्व के 180 देशों के प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत वर्ष 2022 में 150वें स्थान पर था। लेकिन वर्ष 2023 में इससे भी नीचे गिरकर 161वें स्थान पर आ गया।
भारत के सीमावर्ती राज्यों सिक्किम, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ को भारत सरकार द्वारा बार-बार नकारा गया है। स्थानीय रिपोर्टों और विपक्ष के दावों के बावजूद, देश का मीडिया भी सीमा पार चीनी सैन्य गांवों के निर्माण की वास्तविकता को रिपोर्ट करने से कतरा रहा है। हालाँकि, भारत के प्रमुख मीडिया हाउस इंडिया टुडे की खोजी रिपोर्टिंग ने भारत सरकार के झूठे दावों को उजागर कर दिया।
हमारे समूह के दो पत्रकारों के एक जोड़े के साथ भी दिलचस्प मामला हुआ। लंबे दुपट्टे वाला एक युवक उनका पीछा कर रहा था। जबकि ऐसा लग रहा था वह किसी काम से बैंक जा रहा है। एक और बात यह है कि यह एक बूढ़ा, गंदा स्पॉटर था जिसे किसी ब्लॉकबस्टर फिल्म में एमआई6 एजेंट के रूप में नहीं लिया गया होगा।
एक बार जब आप अपने गूगल खाते से अपने एंड्रॉयड फोन में साइन-इन करते हैं, तो आपके फोन में मौजूद संपर्क गूगल के सर्वर पर कॉपी हो जाते हैं। इसके कारण आप जिस किसी भी डिवाइस में गूगल खाते से साइन-इन करेंगे, तो उस उपकरण में वह संपर्क सूची आपको मिल जाएगी। जिस तरह आपके ‘आई-फोन‘ के कॉन्टैक्ट्स ऐप में कॉन्टैक्ट जोड़ने का तरीका आपके ‘मैक‘ पर कॉन्टैक्ट्स ऐप के साथ सिंक होता है, वैसे ही अपने गूगल अकाउंट में साइन-इन रहते हुए अपने एंड्रॉइड फोन में कॉन्टैक्ट को जोड़ने से यह आपके गूगल कॉन्टैक्ट्स में भी जुड़ जाएगा।
यदि आप संवेदनशील सामग्री के साथ काम कर रहे हैं, तो आपकी रिकॉर्डिंग किसी को जोखिम में डाल सकती हैं। उनके सार्वजनिक होने या अधिकारियों तक पहुंचने पर आपके स्रोत तथा अन्य लोगों को खतरा है। इसलिए, हमारा सुझाव है कि उस डेटा तक किसकी पहुंच हो, इस पर आपको नियंत्रण रखना होगा। यदि आप किसी संपादक के साथ या किसी एसाइनमेंट के तहत काम कर रहे हैं, और आपकी रिकॉर्डिंग विशेष रूप से संवेदनशील है, तो रिकॉर्डिंग की सुरक्षा के कारण हस्तलिखित ट्रांसक्रिप्शन पर जोर दें। इसके लिए अपने संपादक से सहायता मांगें।