بحر قزوين:ناسا على موقع أن سبلاش
सैटेलाइट चित्रों को कहां ढूँढे और कैसे उपयोग करें
खोजी पत्रकारिता में सैटेलाइट चित्रों का खूब उपयोग किया जा सकता है। यह खोजी पत्रकारों के लिए काफी उपयोगी है। सैटेलाइट इमेज के जरिए आप कई प्रकार की नई जानकारियों की खोज कर सकते हैं। उन नई जानकारियों के विश्लेषण में भी सैटेलाइट इमेज काफी उपयोगी हैं। इनसे हमें काफी स्पष्ट और व्यापक चित्र मिलते हैं। खोजी पत्रकारों के लिए इनका अधिकतक उपयोग करने की काफी संभावनाएं होती हैं। इन तसवीरों का दुनिया भर में विभिन्न संघर्षों, जलवायु परिवर्तन, शरणार्थी मामले, जंगल की आग, अवैध खनन, तेल रिसाव, वनों की कटाई, जैसे अनगिनत विषयों पर रिपोर्टिंग में भरपूर उपयोग हो रहा है।
एक विशेषज्ञ ने कहा है- “इमेज के जरिए किसी चीज को आप ऑफिसियल लाइन से स्वतंत्र होकर देख सकते हैं।”
ऐसी तस्वीरों के जरिए हम समय के साथ होने वाले परिवर्तन को दर्शाने को आसानी से देख सकते हैं। जैसे- पीछे हटती या सिकुड़ती हुई तटरेखाएं, बढ़ते द्वीप, वनस्पतियों का विलुप्त होना इत्यादि। इमेज की जांच करना अन्य शोध में भी सहायक है. इससे विभिन्न साक्ष्यों की पुष्टि करना संभव है।
हाई रिजोल्युसन वाली निःशुल्क सैटेलाइट इमेज आपको कैसे मिलेगी? इस जीआईजेएन संसाधन में इसकी खोज तथा उपयोग के दस विकल्पों की जानकारी दी गई है। खोजी पत्रकारिता में इनका भरपूर उपयोग किया जा सकता है।
इस सूची में कई गैर-लाभकारी संगठन शामिल हैं। हालांकि कई प्रमुख व्यावसायिक संस्थान भी पत्रकारों को निशुल्क इमेज देकर मदद को तैयार हैं। इन तस्वीरों को समझने में कई तकनीकी मुद्दे शामिल होने के कारण पत्रकार अगर इसके विशेषज्ञों की मदद लें, तो बेहतर होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि पत्रकार सैटेलाईट इमेज का काफी बेहतर उपयोग कर सकते हैं। पत्रकारों की सहायता करने वाले एक विशेषज्ञ ने कहा- “मेरा मानना है कि पत्रकार अपने समय का सदुपयोग कोई अच्छी स्टोरी निकालने में करें। कंप्यूटर के सामने बैठकर किसी सेंटीनेल-2 इमेज और लैंडसैट-8 इमेज का मतलब समझने में माथापच्ची करके कोई लाभ नहीं। इसके लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए। विशेषज्ञों का समूह पत्रकारों की मदद के लिए तैयार है।”
जीआईजेएन के इस संसाधन में निम्नांकित पांच खण्ड शामिल हैं:
- सैटेलाइट इमेज के उपयोग हेतु प्रेरित करना
- पत्रकारों के साथ काम करने वाले संगठन
- निःशुल्क सैटेलाइट इमेज के प्रमुख संसाधन
- सैटेलाइट इमेज का उपयोग करने के संसाधन
- सूची एवं उपयोगी संसाधन
जीआईजेएन इस संसाधन को हमेशा अद्यतन रखता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण पूरक सामग्री की जानकारी भी दी गई है:
Geo-Journalist Gustavo Faleiros’s favorite tools – जीआईजेएन द्वारा साक्षात्कार, वर्ष 2021
Using satellite data for journalism — tips from the experts – ऑनलाइन जर्नलिज्म ब्लॉग में 2021 की एक पोस्ट में पांच अनुभवी पत्रकारों द्वारा बताए गए टिप्स काफी उपयोगी हैं।
पत्रकार बेंजामिन स्ट्रीक ने वर्ष 2021 में यह यूट्यूब ट्यूटोरियल बनाया। इसमें सैटेलाइट इमेज के चार टूल्स Google Earth , Sentinel Hub , Zoom Earth और World Imagery Wayback Tool की जानकारी दी गई है। यह एक श्रृंखला का हिस्सा है। यू-ट्यूब पेज के “मोर रिसोर्सेज” में इससे संबंधित अन्य जानकारी मिलेगी।
15 Free Satellite Imagery Data Sources – इसमें ‘जीआईएस जियोग्राफी‘ द्वारा 15 फ्री सैटेलाइट इमेजरी डेटा के स्रोत की जानकारी दी गई है। जीआईएस प्रचारकों की यह टीम इस विषय के सभी पहलुओं के सदुपयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
How to Use Satellite Imagery in Your Next Investigation – अनुसूया दत्ता (कार्यकारी सम्पादक, जियोस्पेसियल मीडिया एंड कम्युनिकेशन्स) का लेख, 2021
Tracking “Dark Ships” with New Satellite Technology – दत्ता का यह आर्टिकल (2021) भी काफी उपयोगी है। इसमें बताया बताता गया है कि ‘सिंथेटिक अपर्चर रडार‘ सेन्सर्स और स्पेस-बेस्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी मैपिंग जैसी नई तकनीकों ने समुद्री निगरानी में नए आयाम जोड़े हैं।
Observing the Earth, Fueling Global Development Solutions: एन्नी हेल मिग्लारेस के इस लेख में काफी अच्छी जानकारी मिलेगी। वह रेडियंट डाॅट अर्थ Radiant.Earth की संस्थापक एवं सीइओ हैं। वाशिंगटन डीसी स्थित यह एनजीओ वैश्विक विकास के मुद्दों में सैटेलाइट इमेज का उपयोग करता है।
Satellite imagery for journalism: Why a picture is worth a thousand words: अनुसूया दत्ता का यह लेख भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने आइजे-एशिया 18 में The new age of satellite imagery की प्रस्तुति की थी।
Satellite Image Guide for Journalists and Media: पियरे मार्कुज की यह गाइड काफी उपयोगी है। इसमें रेजोल्युसन, कलर्स, टूल्स इत्यादि विषयों की जानकारी के साथ ही उपयोगी ट्विटर लिंक भी दिए गए हैं।
How to use open source satellite data for your investigative reporting: बेन ह्यूबल ने खोजी पत्रकारिता में ओपन सोर्स सैटेलाइट डेटा के उपयोग की अच्छी जानकारी दी है। इसमें ओपन सोर्स सैटेलाइट डेटा निकालने, उसे समझने और उपयोग करने के तरीके बताए गए हैं।
Fact-checking with open-source satellite images: बेन ह्युबल का मई 2020 का ओएसआईएनटी सैटेलाईट ट्रेनिंग गाइड का पहला खंड। इसमें ओपन सोर्स सैटेलाइट इमेज के जरिए फैक्ट चेक के तरीके बताए गए हैं।
Advice from ABC News: how to get started with satellite journalism: एबीसी न्यूज में डिजिटल स्टोरी इन्नोवेशन टीम के प्रोड्यूसर एवं पत्रकार मार्क डोमैन के साथ यह साक्षात्कार भी उपयोगी है। इसमें उन्होंने सैटेलाइट इमेज के उपयोग संबंधी सवालों का जवाब दिया है।
How to Find the Most Recent Satellite Imagery Anywhere on Earth: पृथ्वी पर कहीं भी मौजूद सबसे ताजा सैटेलाइट इमेज की तलाश पर जो मॉरिसन द्वारा तैयार एक फ्लो चार्ट।
हाई रिजॉल्यूशन इमेज खोजने में ओपन सोर्स क्यूजीआईएस QGIS काफी उपयोगी है। इसकी जानकारी यहां Sector035 वेबसाइट में मिलती है।
सैटेलाइट इमेज के उपयोग हेतु प्रेरित करना
खोजी पत्रकारिता में सैटेलाइट इमेज का महत्व बढ़ता जा रहा है। इससे पत्रकारों के पास मौजूद कच्चे माल और सामग्री की गुणवत्ता काफी बढ़ जाती है। इसलिए खोजी पत्रकारों को सैटेलाइट इमेज का भरपूर उपयोग करना चाहिए।
सस्ते और छोटे निम्न-कक्षा वाले सैटेलाइट से हमें अधिक विवरण के साथ कई बार तथा अधिक स्थानों के इमेज मिल रहे हैं। Planet नामक एक यूएस कंपनी के 175 से ज्यादा सैटेलाइट काम कर रहे हैं। इनके जरिए पृथ्वी के 58 मिलियन वर्ग मील भूभाग की हाई रेजोल्यूशन इमेजेज प्रतिदिन बनाई जा रही हैं। एक वर्गमील प्रति पिक्सेल की हाई- रेजोल्यूशन इमेज में सड़कों, भवनों, फसलों एवं जंगलों के औसत रंग जैसी चीजें दिखती हैं। रेजोल्यूशंस को अब सेंटीमीटर के दसवें अंश या उससे भी अधिक सूक्ष्मता के साथ मापा जाता है।
सैटेलाईट इमेजरी का आप किस तरह उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए यहां कई स्टोरीज के उदाहरण दिए गए हैं।
Satellites can reveal global extent of forced labor in the world’s fishing fleet – मछली पकड़ने के बेड़े में कई जगहों पर जबरिया श्रमिक का दुरूपयोग होता है। ऐसे मामलों का पता लगाने में सैटेलाइट तस्वीरों का अच्छा उपयोग संभव है। अमेरिकी शिक्षाविदों द्वारा 2021 की एक स्टडी में कहा गया है- “मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुभव और ‘सैटेलाइट वेसल (जहाज) मॉनिटरिंग डेटा‘ के निष्कर्ष को जोड़कर देखने से पता चलता है कि जबरिया श्रमिक का उपयोग करने वाले जहाजों का व्यवहार अन्य जहाजों की तुलना में अलग होता है।” ‘ग्लोबल फिशिंग वाच’ Global Fishing Watch इस विषय पर कार्यरत है।
Major investigative exposes by satellite imagery over the years – ‘जियोस्पेशियल वल्ड’ में आदित्य चतुर्वेदी का लेख (2019)। सैटेलाइट इमेजरी के जरिए विगत वर्षों में प्रमुख खोजी खुलासों का इस लेख में अव्छा विवरण मिलता है।
Paradise in Trouble: Illegal fishing in Latin America – पर्यावरण विषय के लोकप्रिय न्यूज साईट ‘मोंगाबे‘ का यह खुलासा काफी महत्वपूर्ण है। इसने ‘क्यूस्टियन पब्लिका‘ (कोलंबिया), ‘एल यूनिवर्सो‘ (इक्वाडोर) और ‘साइपर‘ (चिली) के साथ साझेदारी में यह खुलासा किया। इसके लिए संदेहात्मक गतिविधियां एवं अवैध फिशिंग वाले स्थानों की सैटेलाईट मॉनिटरिंग की गई। अवैध फिशिंग के लिए बदनाम जहाजों तथा उनसे जुड़ी कंपनियों की पहचान करते हुए अन्य स्रोतों से निष्कर्षों की तुलना की गई। इससे लैटिन अमरीका में अवैध फिशिंग (मछली पकड़ने) का बड़ा खुलासा हुआ।
Environmental Monitoring of Conflicts using Sentinel-2 data – विम जिजन्बर्ग ने इस लेख में बताया है कि युद्ध और संघर्ष के कारण पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है। कुवैत में तेल का भंडार जलाने जैसे विभिन्न मामलों की सैटेलाइट इमेज के आधार पर उन्होंने महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि अब पत्रकारिता में सैटेलाइट इमेज का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। वह नीदरलैंड के एक पीस आर्गेनाइजेशन ‘पैक्स‘ PAX से जुड़े हैं।
Torching And Extortion: OSINT Analysis Of Burning Agriculture In Iraq – विम जिजन्बर्ग का यह लेख वर्ष 2019 में ‘बेलिंगकैट‘ में आया। इसमें सैटेलाइट इमेज निकालने और उनका प्रयोग करने के कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं। यह लेख इराक में किसानों की फसलें जलाए जाने संबंधी सैटेलाइट इमेज के उपयोग पर आधारित है।
Satellite Imagery as a Reporting Tool – क्रिस्टीन चैन (ग्राफिक्स एडिटर, रायटर्स) ने आईजे-एशिया-18 में यह प्रेजेंटेशन किया। उन्होंने बताया कि एक रिपोर्टिंग टूल के रूप में सैटेलाइट इमेज का उपयोग किस तरह करना है।
इन तीन वेबसाइटों को देखना भी आपके लिए उपयोगी होगा: प्लेनेट का न्यूज सेक्शन अर्थराइज मीडिया का न्यूजवायर एवं केस स्टडीज और स्काईट्रूथ का प्रोजेक्ट्स।
Kruger’s contested borderlands: पत्रकार एस्टासियो वालोई की यह रिपोर्ट भी काफी चर्चित है। वह ‘ओक्सपेकर्स इन्वेस्टिगेटिव एनवायरनमेंटल जर्नलिज्म‘ से जुड़े हैं। यह रिपोर्ट दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क और मोजाम्बिक की सीमा में जमीन की लूट पर आधारित है। इस रिपोर्ट में भ्रष्ट राजनेताओं और विदेशी अमीरों की सांठगांठ से वन्यप्राणियों के अवैध शिकार का भी खुलासा किया गया है। इस छानबीन के लिए ड्रोन और सैटेलाइट चित्रों का उपयोग कैसे किया गया, इसको विस्तार से देखें।
Using Time-Lapse Satellite Imagery To Detect Infrastructure Changes: Case-Studies via Myanmar, Nigeria and the South China Sea: बेलिंगकैट की इन केस स्टडीज को देखना भी लाभदायक होगा। यह म्यांमार, नाइजेरिया और साउथ चाइना समुद्र क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर में परिवर्तन का पता लगाने के लिए टाइम-लैप्स सैटेलाईट इमेजरी के उपयोग पर आधारित है।
The New York Times: ड्रोन ऑपरेशन्स का उपयोग करने के लिए सीआईए ने अफ्रीका में एक एयरबेस का विस्तार किया। इसकी छानबीन के लिए ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स‘ ने प्लेनेट लैब चित्रों का उपयोग किया.
टाइम्स का यह लेख भी देखें – Satellite Images and Shadow Analysis: How The Times Verifies Eyewitness Videos.
जीआईजेएन सम्मेलन (साउथ अफ्रीका, 2017) में ‘आईएनके सेंटर फॉर इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म‘ (बोत्सवाना) के जोएल कोनोपो ने एक प्रेजेंटेशन किया। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट इमेज से पता चला कि प्रेसिडेंसियल कंपाउंड में निर्माण कार्य हुआ था। कोनोपो ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार इनकार के बावजूद उस परिसर में अनगिनत वाहनों की आवाजाही और सैन्य गतिविधियों की बात साबित हुई।
यूनाइटेड किंगडम की गैर-लाभकारी संस्था बेलिंगकैट द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर छानबीन के लिए सैटेलाइट इमेजेज का नियमित उपयोग किया जाता है। इसके दो उदाहरण देखने योग्य हैं-
Nefarious Negligence: Post-Conflict Oil Pollution in Eastern Syria: वर्ष 2018 की इस रिपोर्ट में इस्टर्न सीरिया में युद्ध के बाद तेल के कारण बढ़े प्रदूषण की छानबीन में सैटेलाईट इमेजेज का उपयोग किया। इस स्टोरी में, बेलिंगकैट ने साबित किया कि ईरान अपने एक रणनीतिक एयरफील्ड के रनवे का विस्तार किया।
How to Build a GIF of Satellite Imagery in R : एलेसजू बाजक (संपादक, स्टोरीबेंच) ने सैटेलाइट इमेज के जरिए एनीमेशन बनाने की जानकारी दी है। इस आलेख में इसकी प्रक्रिया बताई गई है। जैसे, बाँध के गिरने, वनों के कटाई, जंगल की आग दिखाने इत्यादि चीजों के लिए एनीमेशन बनाए जा सकते हैं।
How to Identify Burnt Villages by Satellite Imagery — Case-Studies from California, Nigeria and Myanmar: बेलिंगकैट के इस लेख में जले हुए गांवों की पहचान के लिए सैटेलाइट इमेजरी के उपयोग की जानकारी दी गई है। यह कैलिफोर्निया, नाईजेरिया और म्यांमार की केस स्टडीज पर आधारित है।
Satellite Journalism – The Big Picture: Newsgathering applications of emerging satellite technology: मार्क कोर्कोरन (रायटर्स इंस्टीट्यूट) का यह लेख पत्रकारिता में सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के उपयोग पर आधारित है। इसमें कई मीडिया केस स्टडीज पर चर्चा की गई है। मीडिया को व्यावसायिक सैटेलाइट इमेजरी उपलब्ध कराने वाले अमेरिका के दो प्रमुख संस्थानों से जुड़े बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला गया है। यह लेख सैटेलाइट जर्नलिज्म के अनुप्रयोगों एवं सीमाओं पर भी सवाल उठाता है।
Data Science and Satellite Imagery: जुआन गोंजालेज फ्रेल (एक्टेक) के इस लेख में एक वर्कफ्लो की बात कही गई है। यह अंतरराष्ट्रीय विकास पर नजर रखने के लिए सैटेलाईट इमेजरी के उपयोग पर आधारित है।
पत्रकारों के साथ काम करने वाले संगठन
EarthRise Media: यह सैटेलाईट इमेज निकालने, उनका विश्लेषण और उपयोग लायक तैयार करने में पत्रकारों की मदद करता है. यह संगठन इन तस्वीरों के उपयोग का लाइसेंस दिलाने में भी मदद करता है। अर्थराइज की एक सर्विस है – ‘स्टोरीज का न्यूजवायर।‘ इसमें सैटेलाइट इमेज के जरिए ओरिजिनल कंटेंट को बढ़ाया जा सकता है। अर्थराइज की दूसरी सेवा है- सैटेलाइट इमेज के लिए मांग-आधारित विश्लेषण करना एवं डिजाइन प्रस्तुत करना। सैटेलाइट की रॉ इमेजरी को समझना आम लोगों के लिए मुश्किल है। इसलिए, अर्थराइज द्वारा सभी इमेजेज का बुनियादी विश्लेषण करके उन्हें समझने योग्य बनाया जाता है। जैसे- समुद्र से कितना पानी गायब हो गया है? दक्षिणी चीन सागर के किसी एक द्वीप पर कितनी संरचनाएं हैं? इसके अलावा, अर्थराइज यह भी सुनिश्चित करता है कि मीडिया संस्थान में किसी सैटेलाइट इमेज का उपयोग करने के लिए जरूरी लाइसेंस लिया गया है। अर्थराइज की सेवाओं के लिए अनुरोध यहाँ यहां भेजें।
SkyTruth: यह पश्चिमी वर्जिनिया का इन्वेस्टिगेटिव समूह है। यह दुनिया भर में खोजी परियोजनाओं पर परामर्श देने के लिए तैयार है। इसके संस्थापक जॉन अमोस से john@skytruth.org पर संपर्क किया जा सकता है।
Esri: यह सैटेलाईट इमेज निकालने के साथ ही उनके विश्लेषण एवं प्रस्तुति में मदद करता है। इसके विजुअलाइजेशन टूल का उपयोग करके मैप के जरिये आँकड़ों पर आधारित स्टोरीज बनाने में मदद मिलती है। इसरी का World Imagery Basemap लगातार अपडेट किया जाता है। इसका एक क्लाउड-फ्री वर्जन भी है जिसे clarity कहा जाता है। यह लैंडसैट सैटेलाईट के माध्यम से वर्तमान एवं ऐतिहासिक आंकड़ों का पता लगाने एवं विश्लेषण करने के लिए व्यापक संसाधन भी प्रदान करता है। यह Living Atlas of the World के माध्यम से सैटेलाइट इमेजरी का संग्रह करता है. इसके ‘स्टोरी मैप‘ से आप इमेजरी के अपडेट पर नजर रख सकते हैं। इसरी द्वारा इमेजरी के साथ काम करने के लिए कई प्रकार के टूल्स भी प्रदान किए जाते हैं। इसका ‘आर्कजीआईएस अर्थ‘ नामक निशुल्क ‘थ्री-डी व्यूअर‘ भी है। इसे जीआईएस के कम जानकार लोगों के लिए डिजाईन किया गया है। ‘द स्टोरी मैप्स‘ वेबसाइट में मल्टीमीडिया और नैरेटिव टेक्स्ट के साथ मानचित्रों (मैप्स) की प्रस्तुत के कई तरीके बताए जाते हैं। ArcGIS Online: इसरी का यह मैपिंग और एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म है। विभिन्न समसामयिक घटनाओं, जैसे ओलंपिक या प्राकृतिक आपदा संबंधी सैटेलाइट इमेज इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाती हैं। सैटेलाइट इमेजरी की अग्रणी कंपनियों के साथ इसरी द्वारा साझेदारी भी की जाती है।
जीआईजेएन के सदस्य संगठन इसरी के साथ समझौता करके ArcGIS software के फ्री लाइसेंस हेतु अनुरोध कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए जीआईजेएन से यहाँ संपर्क करें।
Maxar News Bureau – व्यावसायिक और सरकारी क्षेत्र में ‘एडवांस्ड स्पेस टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन‘ प्रदान करने वाली कंपनी मैक्सर टेक्नोलॉजी की यह पहल है। इस कंपनी ने मार्च 2017 में ‘मैक्सर न्यूज ब्यूरो‘ शुरू किया। यह समाज सेवा एवं वैश्विक पारदर्शिता के लिए हाई रेजोल्यूशन सैटेलाईट इमेजेज का उपयोग करता है। मैक्सर की एक इकाई ‘डिजिटल ग्लोब‘ द्वारा हाई रेजोल्यूशन इमेजेज उपलब्ध कराए जाते हैं। मैक्सर न्यूज ब्यूरो किसी मीडिया संस्थान को अपनी विशेषज्ञता और इमेजेज निःशुल्क प्रदान कर सकता है। इस संबंध में पूछताछ के लिए टर्नर ब्रिन्टन से turner.brinton@maxar.com पर संपर्क करें.
मैक्रोस्कोप मीडिया: यह पत्रकारों को सैटेलाइट इमेजेज से जुड़ी स्टोरीज करने में निःशुल्क मदद करता है। सैटेलाईट सम्बन्धी मीडिया प्रोजेक्ट के लिए इसके संस्थापक एवं सीइओ जेफ स्टीन से Jeff.Stein@macroscope.com पर संपर्क करें। इस संस्था की कोई वेबसाइट नहीं है। जीआईजेसी-17 में उनका प्रस्तुतीकरण देखें।
Planet Stories: प्लेनेट के पास एक डाटाबेस है। इसे ‘प्लेनेट स्टोरीज‘ कहा जाता है। इसमें किसी इमेज को निकालने, तुलना करने और उपयोग करने के सुविधा है। इसके दो टूल्स हैं: Compare और Timelapse। ‘कम्पेयर‘ दो इमेज को सेलेक्ट करने और तुलना के लिए उन्हें एक स्लाइडर में डालने की सुविधा देता है। टाइमलैप्स के जरिए आप कई तस्वीरों को सेलेक्ट करके उनमें आए बदलाव की एनिमेटेड स्टोरी तैयार कर सकते हैं। प्लेनेट पूरी दुनिया के भूभाग से रोजाना काफी इमेजेज को एकत्र करता है। यह मान्यताप्राप्त समाचार संगठनों के साथ इमेजेज और विशेषज्ञता साझा कर सकता है। इसके लिए press@planet.com से संपर्क करें।
Descartes Labs: यह एक वाणिज्यिक सेवा है। इसमें सार्वजनिक और व्यावसायिक इमेजरी प्रोवाइडर्स से प्रतिदिन डेटा संग्रह किया जाता है। यह कंपनी पत्रकारों की मदद भी करती है। कंपनी के अधिकारी शॉन पैट्रिक कहते हैं- “हमें मीडिया के लिए इमेजरी तैयार करने में खुशी होती है। हम इसके बदले कोई राशि नहीं लेते, सिर्फ श्रेय देने का अनुरोध करते हैं।” उनसे shawn@descarteslabs.com पर संपर्क किया जा सकता है।
EOS: ‘इओएस लैंडव्यूअर‘ में दस इमेज निकालने तक की निःशुल्क सुविधा मिलती है। पत्रकारों को इससे अधिक इमेज और विश्लेषण पर विशेष छूट मिलती है। इसके लिए अर्टेम सेरेड्यूक से artem.seredyuk@eosda.com पर संपर्क करें। इस कंपनी द्वारा ‘इओएस मीडिया‘ नामक सेवा प्रारंभ करने की प्रक्रिया जारी है। इसमें प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं की मुफ्त इमेज और विश्लेषण की सुविधा मिलेगी।
Radiant Earth Foundation: वाशिंगटन स्थित यह एनजीओ दुनिया भर के सामाजिक संगठनों की मदद करता है। यह सैटेलाइट, ड्रोन एवं एरियल इमेजरी आर्काइव्स में किसी तस्वीर की खोज करने, जांच और विश्लेषण में सहायता करता है। पांच सितम्बर 2018 को इसने ‘ओपेन अर्थ इमेजरी प्लेटफार्म‘ जारी किया। यह ‘कोड ऑफ अफ्रीका‘ तथा अन्य संगठनों के साथ कार्य करता है। ‘रेडिएंट अर्थ फाउंडेशन‘ से सहायता पाने के लिए उनके वेबसाइट के जरिए आवेदन करें।
Resource Watch: यह एक गैर-लाभकारी प्लेटफार्म है, जो नागरिकों को प्लेनेट के रिसोर्स और सैकड़ों डाटा प्रदान करता है। यह ‘वल्र्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट‘ तथा अन्य संगठनों द्वारा प्रायोजित है। रिसोर्स वाच के डेटा निःशुल्क उपलब्ध हैं। उपयोगकर्ता इसके डेटा को डाउनलोड कर सकते हैं। अन्य जानकारी के लिए लॉरेन जेलिन से lzelin@wri.org पर संपर्क किया जा सकता है।
ShadowBreak: ‘शैडोब्रेक‘ दुनिया भर में खोजी पत्रकारों के साथ काम करता है। यह मीडिया को उनकी जरूरत के अनुसार हाई रेजोल्यूशन सैटेलाइट डेटा प्रदान करता है। इसके ‘रेकॉंनलिंक‘ नामक प्लेटफार्म का निःशुल्क उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग करने वालों के लिए एक डेमो दिया जाता है तथा उनका खाता बनाने की सुविधा मिलती है। इसके द्वारा खरीदे गए डाटा को पाने के लिए भुगतान करना पड़ता है, लेकिन उसकी दर काफी उचित रहती है। ‘शैडोब्रेक‘ का एक अन्य प्लेटफार्म ‘टैकसाइट‘ है। यह विस्तृत विश्लेषण में सहायता करता है। इसमें थ्री-डी रिक्रिएशन करने, डेटा को समझने तथा विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करना शामिल है। इस कंपनी का फोकस युद्ध की निगरानी, हथियारों एवं सैन्य संपत्तियों की जानकारी और विश्लेषण पर है। यह सैटेलाइट इमेजरी पर आधारित आकर्षक विजुअल्स बनाने में भी सहायता करती हैं. इस कंपनी की सेवा पाने के लिए जैस्पर स्मालेनब्रोक से jasper@shadowbreakintl.com पर संपर्क किया जा सकता है।
Soar: यह ऑस्ट्रेलिया स्थित प्लेटफाॅर्म है। यह उपयोगकर्ताओं को प्रतिदिन इमेजरी उपलब्ध कराता है। इसके स्रोत में नासा का लैंडसैट-8 और इएसए का सेंटीनेल-2 (10 मीटर/पिक्सेल) शामिल है। साथ ही, यह नंगी आँखों से न देखे जाने योग्य परिवर्तनों के अवलोकन हेतु मल्टी-स्पेक्ट्रल बैंड का भी उपयोग करता है। सिवेई (चीन) की कंपनी ‘सुपरव्यू‘ के साथ सोर की साझेदारी है। सोर द्वारा व्यावसायिक सेवा के लिए ‘सोर-प्लस‘ नामक सब्सक्रिप्शन सर्विस प्रदान की जाती है। इसमें अपना होस्टिंग प्लेटफार्म बनाने की सुविधा मिलती है। ड्रोन ऑपरेटर्स को इस प्लेटफार्म में अपना कंटेंट देकर लाभ कमाने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। पत्रकारों के साथ काम करने में भी सोर की दिलचस्पी है। किसी जानकारी के लिए टिम ग्लोवर से tim@soar.earth पर संपर्क किया जा सकता है।
EarthCache: स्काईवाच का अर्थकेच विभिन्न प्रकार के डेटा उपलब्ध कराता है। इसे पत्रकारों के साथ काम करने और उन्हें इमेजरी प्रदान करने में खुशी होती है। यह वैज्ञानिकों को अल्गोरिदम पर प्रशिक्षण हेतु डेटा भी उपलब्ध कराता है। इस संस्था से media@skywatch.com पर संपर्क कर सकते हैं। इसका ब्लॉग देखें : What does real-time satellite data really look like?
निःशुल्क सैटेलाइट चित्रों को प्राप्त करने के प्रमुख स्थान
निशुल्क सैटेलाइट इमेज पाने के लिए कई स्रोत हैं। यहाँ सर्वाधिक यूजर-फ्रेंडली विकल्पों की जानकारी दी जा रही है। कुछ अन्य संभावित स्रोत की एक सूची भी दी गई है।
15 Free Satellite Imagery Data Sources [2020] जीआईएस जियोग्राफी द्वारा।
Top 10 free sources of satellite data [2020 update] स्काईवाच द्वारा।
Did you know which are the sources for free LiDAR data? क्या आप जानते हैं कि निशुल्क एलआईडीएआर डेटा के कौन से स्रोत हैं? अनुसूया दत्ता ने वर्ष 2019 के अपने आलेख में लाइट डिटेक्शन एण्ड रेंजिंग के बारे में बताया गया है। यह पृथ्वी से दूरी नापने के लिए पल्स्ड लेजर के रूप में लाइट का उपयोग करने वाला एक रिमोट सेंसिंग मेथड है। इससे संबंधित हार्डवेयर काफी महँगा और प्रोसेसिंग में समय लेने वाला है। लेकिन डेटा का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ रहा है। भवनों के थ्री-डी मॉडल बनाने से लेकर वनस्पति स्वास्थ्य, पर्यावरणीय विज्ञान इत्यादि में एचडी मैप उपयोगी है।
Earth Explorer: यह यूएस ज्योग्राफिकल सर्विस का प्लेटफार्म है। ‘अर्थ एक्स्प्लोरर‘ मुख्य रूप से यूएस की इमेज देता है। यह लैंडसैट सैटेलाईट डेटा सहित नासा के लैंड डेटा प्रोडक्ट्स और सेवाओं तक पहुँच बनाता है। यह ‘यूएसजीएस ग्लोबल विजुअलाइजेशन व्यूअर‘ (GloVis) रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान करता है। इसके ‘यूएसजीएस आर्काइव‘ में नासा लैंडसैट डेटा का सुव्यवस्थित संग्रह है।
Sentinel Hub Playground: यह सेंटीनेल 2/लैंडसैट इमेजों के लिए एक यूजर-फ्रेंडली प्लेटफाॅर्म है। यह कमर्शियल साइट है। लेकिन इसकी निशुल्क सेवाओं में विभिन्न रंगों के बैंड्स और अप-टू-डेट इमेजरी की सुविधा शामिल है। इसका EO Browser टाइम-लेप्स की समीक्षा करता है।
Spectator: स्पेक्टेटर नामक यह मुफ्त वेब ऐप ‘सिमेंटिक सर्च‘ के साथ इमेज को पुनः प्राप्त करना आसान बनाता है। जैसे- “पिछले महीने न्यूयॉर्क की बिना बादल की तस्वीरें।” यूट्यूब वीडियो देखें। अपनी पसंद के क्षेत्रों के अनुसार आप किसी सैटेलाइट का उपयोग करने तथा अपना चैनल बनाने के लिए आपको एक निःशुल्क खाता मिल जाएगा। सेंटीनेल सैटेलाईट को आप रियल टाइम में ट्रैक कर सकते हैं।
Copernicus: यूरोपियन स्पेस एजेंसी के इस साइट पर छह सेंटीनेल सैटेलाईट की इमेज उपलब्ध हैं। इसका रेजोल्यूशन ‘लैंडसैट‘ से बेहतर है। मुफ्त इमेज डाउनलोड करने की जानकारी GISGeography में देखें।
GoogleEarthEngine: इसके पास ग्रहों के पैमाने पर विश्लेषण की क्षमता के साथ सैटेलाईट इमेजरी एवं जियोस्पेसियल डेटासेट्स उपलब्ध है। यह अनुसन्धान, शिक्षा और गैर-लाभकारी उपयोग हेतु मुफ्त है। लेकिन इसके लिए आवेदन करके अनुमति लेना आवश्यक हैं। गूगल explainer भी देखें। यह ऐतिहासिक सैटेलाईट इमेजेज के लिए अच्छा है। Google Earth: यह वर्चुअल ग्लोब है। इसका उपयोग समझने के लिए बेलिंगकैट का वर्ष 2019 का यह आलेख महत्वपूर्ण है: How To Use Google Earth’s Three Dimensional View: Feat. Syria, Yemen, Sudan
Google Maps: यह विस्तृत मानचित्र और चित्र प्रदान करता है। Google StreetView: गूगल स्ट्रीट व्यू में ग्राउंड-लेवल इमेज उपलब्ध है। कुछ स्थानों के लिए ऐतिहासिक चित्र भी उपलब्ध हैं।
Bing: माइक्रोसॉफ्ट मैप्स और स्ट्रीट व्यू – ऑनलाइन इन्वेस्टीगेशन की विशेषज्ञ संस्था बेलिंगकैट के अनुसार बिंग के पास गूगल की अपेक्षा अधिक ताजा एवं ज्यादा रेजोल्यूशन वाले इमेजरी डेटा उपलब्ध हैं। इसका उदाहरण इराक में देखा जा सकता है।
Wikimapia: विकीमैपिया, यह एक निजी स्वामित्व वाला ओपन-कंटेंट सहभागी मैपिंग प्रोजेक्ट है। इसका उद्देश्य दुनिया की सभी भौगोलिक वस्तुओं को चिन्हित करके उनका उपयोगी विवरण प्रदान करना है। यह विकीपीडिया से सम्बन्धित नहीं है। यह वेबसाइट गूगल मैप एपीआई आधारित इंटरैक्टिव वेब मैप प्रदान करता है। इसमें गूगल मैप्स सैटेलाईट इमेजरी और अन्य संसाधनों के साथ ही उपयोगकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना शामिल होती है। यह कई भाषाओँ में उपलब्ध है।
TerraServer.com: यह इमेजेज सर्च करने की विशाल लाइब्रेरी है। लेकिन यह ज्यादा सार्वजनिक नहीं है। हालांकि काफी पत्रकार इसकी सदस्यता लेने को एक अच्छा निवेश मानते हैं। सितम्बर 2018 में इसके द्वारा लगाए गए नए प्रतिबन्धों ने कई उपयोगकर्ताओं को निराश कर दिया।
NASA EarthData: नासा के ‘वल्र्ड-व्यू‘ द्वारा वास्तविक समय की तस्वीरें हासिल करने की सुविधा मिलती है। इसमें सैटेलाइट और एरियल इमेजेज के सर्च का विशाल भंडार है। मैपिंग और विजुअलाइजेशन के अन्य टूल्स भी हैं। जैसे- आग के लिए FIRMS: फर्म्स। नासा के एक दर्जन से ज्यादा डेटा सेंटर एवं संबंधित सैटेलाइट डेटा प्रोडक्ट्स तक पहुंच उपलब्ध हैं। NASA Earth Observations: इसमें वायुमंडल, भूमि, महासागर, उर्जा, पर्यावरण एवं अन्य विषयों पर 50 से ज्यादा डेटासेट्स उपलब्ध हैं।
GeoVisual Search: यह एक सर्च इंजन है, जो उपयोगकर्ताओं को समान भौगोलिक विशेषताओं की इमेजों को आंख से जांच करने की सुविधा देता है। Descartes Labs का यह प्लेटफॉर्म Landsat, National Agriculture Imagery Program (NAIP) और PlanetScope द्वारा बनाया गया है। इसका उपयोग कैसे किया जाता है देखें।
ESA Earth Online: इस वेबसाइट में तापमान, कृषि एवं बर्फ की चादर जैसे विषयों पर यूरोपियन स्पेस एजेंसी का डेटा उपलब्ध कराया जाता है।
Open Imagery Network (OIN): यह लाइसेंस प्राप्त इमेजों को एकत्र करता है। इसके योगदानकर्ता इमेजरी तैयार करते हैं। इसका मेटाडेटा एक कॉमन लाइसेंस के तहत में उपलब्ध है। इसके ओपेन इमेजरी नेटवर्क में व्यापक लोग शामिल हैं। जैसे- सैटेलाइट और एरियल इमेजरी प्रोवाइडर्स, मानवीय सहायता कार्यकर्ता, क्लाउड होस्टिंग कंपनियां, ड्रोन और बैलून मैपिंग करने वाले, एनजीओ, सरकारी संगठन और एरियल इमेजरी से जुड़े अन्य लोग। OpenAerialMap एक ओपेन सर्विस है, जो इसमें सर्च और पहुंच की सुविधा प्रदान करती है।
EarthTime: यह क्रिएट लैब (कम्युनिटी रोबोटिक्स, एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी एम्पावरमेंट लैब) की मुफ्त सेवा है। यह यूएस की कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी से संबंधित है। इसमें उपयोगकर्ताओं को समय के साथ पृथ्वी के परिवर्तन का विजुअलाइजेशन करने और एनिमेशन बनाने की सुविधा मिलती है।
सैटेलाइट इमेज का उपयोग करने के संसाधन
The Engine Room: यह एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ है जो मानव संसाधन जाँच में सैटेलाईट इमेज के उपयोग पर विस्तृत गाइड प्रकाशित करता है। इसमें इमेजों को प्राप्त करने और उनका प्रयोग करने संबंधी सुझाव दिए जाते हैं।
GIS Geography: अप्रैल 2019 में जीआइएस जियोग्राफी ने दुनिया भर की स्पेस एजेंसियों से निशुल्क सैटेलाइट इमेज प्राप्त करने के 15 स्थानों की जानकारी दी।
Starting satellite investigations: Tactical Technology Collective की प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर लिसा गुटरमुट ने ‘स्टार्टिंग सैटेलाइट इन्वेस्टीगेशन‘ में विभिन्न स्रोतों तथा उनकी कीमत की जानकारी दी है। यह भी काफी उपयोगी संसाधन है।
Making Sense of Satellite Data, An Open Source Workflow: Accessing Data: प्लेनेट लैब्स के रोबर्ट सिमोन ने इसे तैयार किया है। यह डेटा का उपयोग करने की चार भागों की श्रृंखला में एक है।
The High-Resolution Satellite Imagery Ordering and Analysis Handbook : इसे अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस द्वारा प्रकाशित किया जाता है। इसमें कुछ सरल प्रश्न भी दिए गए हैं। इनके जरिए शोधकर्ता यह समझ सकते हैं कि सैटेलाईट इमेजरी उनके लिए उपयोगी है अथवा नहीं।
How to Scrape Interactive Geospatial Data: इसे बेलिंगकैट ने तैयार किया है। इसमें जियोस्पेशियल डेटा को डाउनलोड करने के तरीके उदाहरण सहित बताए गए हैं।
सूची एवं उपयोगी संसाधन
Geohack sources: विकिपीडिया ने पूरे विश्व के सैटेलाईट एवं मैप सोर्सेज की यह सूची बनाई है। यह कई भाषाओं में उपलब्ध है।
Mashable: एंड्रयू फ्रीडमैन ने इसमें जलवायु परिवर्तन पर रिपोर्टिंग के लिए उपयोगी साइट्स की जानकारी दी है।
Vegetation analysis: सैटेलाईट इमेजरी का एक मुख्य उपयोग वनस्पति विश्लेषण है. इओएस का वर्ष 2019 का यह आलेख ‘नार्मलाइज्ड डिफरेंस वेजिटेशन इंडेक्स‘ सहित अन्य स्पेक्ट्रल इन्डेक्स की जानकारी देता है। इन्हें वनस्पति विश्लेषण के लिए उपयोग में लाया जाता है।
इजरायली भूगोलवेत्ता हारेल डैन ने रिसोर्सेज की यह स्प्रेडशीट इनाई है।
GISGeography: सैटेलाईट इमेजरी डेटा के 15 निशुल्क स्रोत। इसमें हरेक स्रोत की खूबियों एवं कमियों की भी जानकारी दी गई है। इसमें यूएस, इयू, जापान, भारत सहित अन्य देशों के आधिकारिक स्रोत के बारे में भी बताया गया है। अन्य सुझावों के लिए इसमें नीचे कमेंट्स भी देखें। यह भूगोलविदों की एक टीम है, जो विभिन्न भौगोलिक स्थानों की बेहतर समझ के लिए प्रतिबद्ध है। ‘13 ओपन सोर्स रिमोट सेंसिंग सॉफ्टवेयर पैकेज‘ सहित अन्य लेख और सूचियाँ भी उपयोगी हैं।
Venture Radar: यह कमर्शियल प्रोवाइडर्स की सूची है।
Bellingcat’s Digital Forensics Tools: विभिन्न विषयों की जांच के लिए खुले स्रोत और सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले एक समूह ने उपग्रहों सहित अन्य संसाधनों पर यह संकलन तैयार किया है।
Knowing where to look: Sources of imagery for geolocation: बेलिंगकैट के एलियट हिगिंस ने इसे तैयार किया है। इसमें बताया गया है कि चित्रों या वीडियो की पुष्टि के लिए किन संसाधनों की तलाश करना उपयोगी है।
Journalist’s Toolbox: ‘यूएस सोसाइटी ऑफ प्रोफेशनल जर्नलिस्ट्स‘ ने मानचित्र से संबंधित संसाधनों की यह विस्तृत सूची तैयार की है।
जीआईजेएन के इस संसाधन के सम्बन्ध में आपके सुझाओं का स्वागत करता है। जीआईजेएन से यहाँ संपर्क करें।
इस संसाधन को पीडीएफ के रूप में भी डाउनलोड किया जा सकता है।
इस गाइड को टोबी मैकइंटोश (निदेशक, जीआईजेएन रिसोर्स सेन्टर) ने तैयार किया। वह वाशिंगटन स्थित ब्लूमबर्ग बीएनए के साथ 39 वर्षों तक जुड़े रहे। FreedomInfo.org में वर्ष 2010 से 2017 तक फॉर्म एडिटर रहे। उन्होंने दुनिया भर में सूचना के अधिकार की नीतियों पर लिखा। वह एफओआई की संचालन समिति और एफओआई एडवोकेट्स वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क में कार्यरत हैं।