कोविड-19 डेटा को चित्रांकन के माध्यम से प्रस्तुत करने के 10 टिप्स
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कोविड-19 महामारी के इस दौर में लगभग सभी तरह के मीडिया प्रकल्प, मरीजों और मौतों की संख्या या रिकवरी रेट जैसे अन्य डेटा को विजुअलाइज करके पेश कर रहे हैं। डेटा चित्रांकन में अंकों, रंगों और अलग-अलग चार्ट व बार के उपयोग से न सिर्फ कम स्थान पर ज्यादा जानकारियों को प्रस्तुत किया जा सकता है, बल्कि रिपोर्ट को बोझिल होने से बचाते हुए रोचकता प्रदान की जा सकती है। ऐसे में मीडिया संस्थानों में डेटा विजुलाइनजेशन का महत्व लगातार बढ़ रहा है।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय ने कोविड-19 महामारी के डेटा को बड़े स्पष्ट रूप से लिखे गए अंक और दुनिया के काले रंग के नक्शे पर बबल के उपयोग से कुछ इसी तरह चित्रांकित किया है। जॉन्स हॉपकिन्स का यह कोविड -19 डैशबोर्ड कोरोना महामारी की एक विश्वसनीय तस्वीर बन गया है। दुनिया भर के कई पत्रकार और पाठक इसी डैशबोर्ड से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
जॉन्स हॉपकिन्स का यह डैशबोर्ड, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन और इस वैश्विक महामारी के खतरे के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने में एक शक्तिशाली उपकरण बन रहा है।
हालांकि, विज़ुअलाइज़ेशन के प्रोफेसर अल्बर्टो काइरो के अनुसार, हॉपकिन्स के इस उत्कृष्ट ग्राफिक्स में अभी भी सुधार की गुंजाइश है।
प्रोफेसर अल्बर्टो काइरो के मुताबिक ऐसा इसलिए है, क्योंकि यूरोप के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो यहां पर डैशबोर्ड में लाल गोल घेरे में जो डाटा इंगित किया जा रहा है वह एक देश का है। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका के लोग काउंटियों (प्रदेश और जिला) का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में कुछ दर्शक अमेरिका पर दर्शाए गए लाल गोल घेरे को गलत समझ सकते हैं।
मियामी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन (विज़ुअल जर्नलिज्म) के प्रोफेसर काइरो ने कहा, “यह ग्राफिक्स बहुत अच्छे हैं।” लेकिन इस डेटा में थोड़े बदलाव की गुंजाइश बनती है। जैसे, एक राष्ट्रीय स्तर का डेटा और दूसरा काउंटी स्तर का, जिसे आप ज़ूम करके देख सकते हो।
GIJN की Investigating the Pandemic विषय पर आयोजित वेबिनार श्रृंखला के बारहवें एपिसोड में खोजी पत्रकार डैनियल आइवरी और स्वास्थ्य डेटा विशेषज्ञ अमांडा मक्कुलेक ने भी डेटा विज़ुअलाइज़ेशन पर बात की। उन्होंने बताया कि पत्रकार ग्रॉफिक्स के माध्यम से डेटा कैसे प्रस्तुत कर सकते हैं। इस वेबिनार में 46 देशों के 266 पत्रकारों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया था।
GIJN के इस वेबिनार की पैनल का कहना था कि, पत्रकार सबसे पहले सभी सूचनाओं की बहुत सावधानी से जांच और विश्लेषण करें। फिर, इस बारे में सोचें कि सबसे सटीक और सरल तरीके से इन्हें कैसे प्रस्तुत किया जाए। डाटा का ग्राफिक्स के जरिए प्रस्तुतीकरण का बहुत अच्छा होना ही काफी नहीं है। बल्कि, उसी समय ग्राफिक्स और डेटा को स्पष्ट रूप से समझाएं और अगर कोई संदेह है तो उसके बारे में बताएं।
काइरो का कहना है कि विश्व स्तर पर जानकारी प्रस्तुत करने के लिए विज़ुअलाइज़ेशन सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। इनकी वजह से महामारी की स्थिति को जनता बेहतर तरीके से समझ पाई है।
काइरो का मानना है कि, यह स्पष्ट है कि कोरोनावायरस से जुड़ी कवरेज का सबसे जटिल हिस्सा डेटा की गुणवत्ता है, ना कि विज़ुअलाइज़ेशन। उन्होंने अपनी किताब How Charts Lie — Getting Smarter about Visual Information में भी विजुअल जानकारी पर जोर दिया है।
काइरो लिखते हैं कि, एक अच्छी खबर में विज़ुअलाइज़ेशन का बहुत बड़ा हाथ होता है, इसलिए विज़ुअलाइज़ेशन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन यह भी देखने में आ रहा है कि इस महामारी के बहुत से आंकड़ों को गलत तरीके से विज़ुअलाइज़ किया जा रहा है।
स्वास्थ्य डेटा विशेषज्ञ और Data Visualization Society में संचालन निदेशक अमांडा मक्कुलेक ने पत्रकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि, किसी भी डेटा का उपयोग करके ग्राफिक्स या चार्ट बनाने से पहले, पत्रकारों को यह समझने की आवश्यकता है कि कोविड -19 से संबंधित डेटा कैसे एकत्र किया जा रहा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के खोजी पत्रकार डैनियल आइवरी का कहना है कि, कोविड-19 डेटा की तुलना एक बड़ी चुनौती बन गई है। क्योंकि राज्यों और देशों के स्वास्थ्य अधिकारी अक्सर अलग-अलग डेटा और अलग-अलग परिभाषा का हवाला देते हैं। कुछ उन केस की बात करते हैं, जिनकी पुष्टि हो चुकी है या मौतों का हवाला दे सकते हैं, जबकि अन्य संभावित मामलों का हवाला दे सकते हैं और फिर दूसरे दृष्टिकोण पर स्विच कर सकते हैं या उनकी संख्या को संशोधित कर सकते हैं।
पिछले महीने, आइवरी और उनके सहयोगियों ने खुलासा किया कि अमेरिका में कोविड-19 से हुई एक तिहाई से अधिक मौतें लंबी अवधि तक इलाज करने वाले संस्थानों से संबंधित थीं, जिनमें नर्सिंग होम भी शामिल हैं। आइवरी के मुताबिक़, “हमने लगभग हर राज्य से डेटा एकत्र किए और अभी भी हम एकत्रित कर रहे हैं। हम इसके लिए बहुत प्रयास कर रहे हैं। लगभग 70 प्रतिशत डेटा हमें खुद फोन पर या विभिन्न वेबसाइटों पर जाकर इकट्ठा करना पड़ता है।
बाकी हमने [स्वचालित] स्क्रेपर्स का उपयोग करके एकत्र किया। उम्मीद है कि इस तरह हम और जानकारी जुटा सकते हैं। लेकिन हम इस बारे में पारदर्शी होने के लिए बहुत सतर्कता से काम कर रहे हैं। आइवरी कहते हैं कि डेटा के बारे में किसी भी संदेह का सबसे अच्छा समाधान सीधे एक स्वास्थ्य अधिकारी को कॉल करना है।
जीआईजेएन वेबिनार में तीन वक्ताओं के कथनों से, हमने कोविड -19 डेटा विज़ुअलाइज़ेशन पर कुछ सुझाव तैयार किए हैं, जिन्हें यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।
10 प्रमुख टिप्स
डेटा पढ़ने के तरीके को समझाने से पहले, ग्राफिक्स को देखने का तरीका बताएं। उदाहरण के लिए, न्यूयॉर्क टाइम्स ने हाल ही में ग्राफिक के माध्यम से महामारी से जिन लोगों की नौकरी चली गई, उसे प्रस्तुत किया है। बहुत ही सरल भाषा का उपयोग करते हुए बताया गया है कि चार्ट पर प्रत्येक बबल एक पेशे को दर्शाता है, ऐसे में बबल जितना बड़ा होगा, उतने अधिक लोग वहां काम कर रहे हैं। ”
ग्राफिक्स डिजाइन करते समय, टेक्स्ट (डेटा) को लिख लें। यह प्रक्रिया आपको और पाठक को पूरा फ्रेम समझाने में मदद करेगी।
अपने डेटा को व्यवस्थित तरीके से सहेज कर रखें। उदाहरण के लिए: कालक्रम के अनुसार या तुलनात्मक समूह के रूप में।
यदि आप या आपके दर्शक डेटा विज़ुअलाइज़ेशन को समझने में नए हैं, तो मैप्स, बार ग्राफ़ या लाइन चार्ट जैसे बुनियादी ग्राफिक्स के साथ सरल रूप से इसके बारे में जानने की शुरुआत करें। आप इन कार्यों के लिए डाटावैपर(Datawrapper), फ्लौरिश (Flourish) और आईनाइट (iNZight) जैसे समान टूल का उपयोग कर सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानने के लिए आप विशेषज्ञों का ऑनलाइन ट्यूटोरियल देख सकते हैं। उदाहरण के लिए, काइरो की गाइड।
अपने आप को सरल टूल और चार्ट तक सीमित न रखें। अपने दर्शकों को कभी-कभी नए और बेहतर परिवर्तनों के साथ चुनौती दें, दृश्य के माध्यम से डेटा को प्रस्तुत करने के तरीके में कभी-कभी परिवर्तन करते रहें।
अत्यधिक डेटा को विजुअलाइज न करें। अगर आपको लगता है कि बहुत अधिक जानकारी है, तो इसे कम करें। कुछ मुख्य बिंदुओं को पहचानें और सिर्फ उनको ही उजागर करें।
डेटा को किसी भी तरह के ग्राफिक के माध्यस से समझाने में कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन डाटासेट और दर्शक को समझाने में कुछ विज़ुअलाइज़ेशन प्रारूप दूसरों की तुलना में अधिक उपयुक्त हो सकते हैं। इसी तरह, कुछ जटिल चार्ट को स्पष्ट रूप से समझने के लिए संदर्भ बिंदु के रूप में एक और रिफरेंस (संदर्भ) चार्ट की आवश्यकता हो सकती है। उदाहरण के लिए, कार्टोग्राम – जो कुछ संशोधनों के साथ एक नक्शे के भीतर क्षेत्रों के बारे में जानकारी देता है, उस क्षेत्र का एक सामान्य नक्शा इसके बगल में रखा जाना चाहिए ताकि दर्शक तुलना कर सके।
परिवर्तन की दर के संदर्भ में आंकड़ों के लिए लीनियर स्केल (रैखिक पैमाने) का उपयोग करें, गैर-लाइनर स्केल का नहीं। लॉगरिदमिक स्केल (पैमाने) सहित। गैर-लीनियर स्केल के ग्राफिक्स को स्पष्ट रूप से और प्रमुखता से समझाएं। क्योंकि पाठकों को अक्सर समझने में मुश्किल होती है।
जहां आप कर सकते हों वहां डेटा से जुड़ी अनिश्चितताओं को विजुअली समझाएं। जैसे, त्रुटि के मार्जिन और विश्वास अंतराल। अनिश्चितता जिसे मात्राबद्ध नहीं किया जा सकता है – जैसे कि डेटा कैसे तैयार किया गया था, अभी भी लिखित रूप में प्रकट किया जा सकता है।
पारंपरिक डिजाइन मंत्र को भूल जाओ। कोइरा के मुताबिक, विजुअल पत्रकारों को उसी समय “दिखाना और बोलना” चाहिए। ग्राफिक्स का भाग तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है। इस तरह, ग्राफिक्स के मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया जा रहा है और उसी समय पाठक को ग्राफिक्स की बेहतर समझ हो रही है।
रोवन फिलिप जीआईजेएन के रिपोर्टर हैं। रोवन पूर्व में दक्षिण अफ्रीका के संडे टाइम्स के मुख्य संवाददाता थे। वह एक विदेशी संवाददाता के रूप में काम कर रहे थे, जहां उन्होंने दुनिया भर के दो दर्जन से अधिक देशों से राजनीति, भ्रष्टाचार और संघर्ष पर रिपोर्ट की है।