
एशियाई पत्रकार अपनी खबरों की बेहतर मार्केटिंग कैसे करें? GIJN के दो वेबिनार
सभी मीडिया संस्थानों को यह सीखना बेहद जरूरी है कि वह कैसे अधिकतम लोगों पहुँचे । वह एक व्यापक पाठकवर्ग का निर्माण कैसे करे और उन्हें अपने साथ कैसे जोड़े।
सभी मीडिया संस्थानों को यह सीखना बेहद जरूरी है कि वह कैसे अधिकतम लोगों पहुँचे । वह एक व्यापक पाठकवर्ग का निर्माण कैसे करे और उन्हें अपने साथ कैसे जोड़े।
GIJN में सदस्यता के लिए केवल वही संस्थाएं पात्र होंगी जो किसी न किसी रूप से खोजी पत्रकारिता और डेटा जर्नलिज्म से जुड़ी हों। शासकीय संस्थाएं सदस्यता नहीं ले सकेंगीं। इसी तरह व्यक्तिगत स्तर पर पत्रकार और लाभ कमाने वाले संस्थान सदस्यता नहीं ले सकेंगे।
सूचना से जुड़े कानूनों के बड़े फायदे हैं। सूचना का अधिकार अब ज़्यादातर मुल्कों में विश्वसनीय सूचना का सबसे बड़ा स्रोत बन चुका है। दुनिया भर में करीब 115 देशों में पब्लिक रिकाॅर्ड जनता के सामने आसानी से लाने के लिए सूचना के अधिकार जैसे कानून लागू हैं।
यदि आप गूगल क्रोम को अपने डिफ़ॉल्ट मोबाइल ब्राउज़र के रूप में उपयोग कर रहे हैं, तो जिस फोटो को आप जांचना चाहते है उस फोटो को देर तक प्रेस करें और फिर एक ड्रॉप-डाउन मेन्यू दिखाई देगा। रिवर्स इमेज सर्च शुरू करने के लिए “सर्च गूगल फॉर दिस इमेज” को सिलेक्ट करें।
रूस में ऐलेक्सी नवलनी अपने संगठन एंटी-करप्शन फ़ाउंडेशन (FBK) के माध्यम से बड़े नेताओं और सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों के भ्रष्टाचार को उजागर करते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक गुप्त महल का अपनी खोजी पत्रकारिता के माध्यम से रहस्योद्घाटन किया। ‘अ पैलेस फॉर पुतिन’ नामक इस वीडियो को यूट्यूब पर 11 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा है। इस खोजी वीडियो के कारण नवलनी और उनकी टीम दुनिया में खोजी पत्रकारिता की मिसाल बन चुकी है।
ग्लोबल इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज़्म नेटवर्क (GIJN) दुनिया के मीडिया संगठनों का अंतर्राष्ट्रीय संघ है। हमारा मुख्य उद्देश्य वाच-डॉग यानि निगरानी की भूमिका निभा रहे इनवेस्टिगेटिव और डेटा जर्नलिज़्म करने वाले पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण और उनके बीच जानकारी का सहजता से आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है।
दुुनिया भर में दिख रही प्रवृतियां बताती हैं कि पत्रकारों पर पहले की तुलना में बढ़ते खतरों पर विचार करना जरूरी है। इनमें शारीरिक हिंसा, मानसिक उत्पीड़न, व्यक्तिगत सूचनाओं को उजागर करना, डिजिटल सुरक्षा का उल्लंघन और पत्रकारों की तस्वीरों में हेरफेर करके फर्जीवाड़ा करना शामिल है। ऐसी चीजें पत्रकारों के जीवन को भी खतरे में डालती हैं। इसके कारण उनकी स्वतंत्र अभिव्यक्ति सीमित हो सकती है। यहां तक कि उन्हें मीडिया का पेशा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। जिस तरह ऑनलाइन जगत में सच पर हमला हो रहा है, वैसे ही पत्रकार भी निशाने पर हैं। इसलिए उन्हें अपनी डिजिटल सुरक्षा के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।
महामारी के इस दौर में जानबूझकर दुनिया भर में फैलाए जा रहे झूठ के पीछे कई तरह की ताकतें काम कर रही हैं। इनमें कई प्रकार के वैचारिक समूहों, व्यावसायिक हित और अन्य किस्म के धंधेबाज, सरकारी मशीनरी, गोपनीय जनसंपर्क एजेंट, किसी साजिश के तहत काम कर रहे समाचार नेटवर्क इत्यादि शामिल हैं। साथ ही, ऐसे युवा तथा आम लोग भी हैं, जो सिर्फ मजा लेने या ध्यान आकर्षित करने या मामूली आर्थिक लाभ के लिए सोशल मीडिया में कोरोना पर झूठ फैला रहे हैं।
ऐसे कई उपकरण हैं, जो डेटा को बेहद कम समय में बेहद आसानी से आपके उपयोग लायक बना सकते हैं। मैंने जिन उपकरणों को सफलतापूर्वक आजमाया है, उनकी जानकारी यहां प्रस्तुत है। साथ ही, पीडीएफ से जुड़े कई सुझाव दिए गए हैं, जिनमें रोटेटेड टेबल का उपयोग, स्कैन किए गए पीडीएफ को बदलने तथा पासवर्ड संरक्षित पीडीएफ संबंधी मामले शामिल हैं।