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ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क (GIJN) की बीसवीं वर्षगांठ

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नमस्कार,

यह ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क (GIJN) की वर्षगांठ का यह बीसवाँ साल है! बीस साल पहले, दुनिया भर में खोजी और डेटा पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए एक नेटवर्क बनाने के लिए गैर-लाभकारी संस्थाओं का एक समूह एक साथ आया था। यह साल 2003 था और स्थान कोपेनहेगन में दूसरी वैश्विक खोजी पत्रकारिता सम्मेलन का एक कक्ष था।

तब से अब तक  जीआईजेएन की सदस्यता 35 पत्रकारिता समूहों से बढ़कर 244 हो गई है, और 21 देशों से 90 हो गई है। इस सफलता से हम ख़ुद आश्चर्यचकित हैं। आज हमारी पहुंच सोशल मीडिया पर मुट्ठी भर पत्रकारों से बढ़कर 400,000 से अधिक तक पहुंच गई है, जिसमें हर दिन 140 देशों से हमारी वेबसाइटें देखी जाती हैं। आज हमारा संसाधन केंद्र, एक हेल्प डेस्क, वैश्विक प्रशिक्षण के अनेक कार्यक्रम, 34 भाषाओं में अनुवाद, खोजी पत्रकारों और महिला पत्रकारों की क्षमता निर्माण से लेकर युद्ध अपराधों की रिपोर्टिंग से जुड़ी अनेकों गतिविधियाँ संचालित हो रहीं  हैं।

हमने एक दर्जन वैश्विक सम्मेलनों की मेजबानी करने में अपने सदस्यों के साथ भागीदारी की है, जिसने खोजी और डेटा पत्रकारिता को विश्व में दूर-दूर तक फैलाने में मदद की है।

इस सब पर अधिक जानकारी के लिए, यहां 2022 की हमारी वार्षिक रिपोर्ट है, जिसे हमने पिछले दो दशकों में अपनी प्रगति के साथ प्रस्तुत की है।

आप जीआईजेएन की यह ऐतिहासिक वर्षगांठ मनाने में हमारी मदद कैसे कर सकते हैं?

पहला, आप हमें आर्थिक सहयोग या  दान करने पर विचार कर सकते हैं। GIJN की सभी सेवाएं दुनिया भर के पत्रकारों के लिए निःशुल्क हैं, और हम आप जैसे लोगों के समर्थन के बिना ऐसा संभव नहीं था। यहां तक ​​कि छोटे से योगदान/सहयोग से भी फर्क पड़ता है। आपके सहयोग से हम दुनिया भर में अनुवाद करने, पत्रकारों को प्रशिक्षित करने और अधिक संख्या में पत्रकारों तक पहुंचने की क्षमता पाते हैं। ये पत्रकार कालांतर में जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए खड़े होते हैं।

दूसरा, ऐतिहासिक गोथेनबर्ग, स्वीडन में इस वर्ष के वैश्विक खोजी पत्रकारिता सम्मेलन, (GIJC23) सितंबर 19-22 का आयोजन हो रहा है। इसमें आप हिस्सा लेकर हमसे जुड़ सकते हैं। GIJC23 खोजी पत्रकारों का अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा होने जा रहा है, और हमारे पास आयोजन की एक असाधारण योजना है, जो कार्यशालाओं, विशेषज्ञ पैनल और विशेष आयोजनों से भरी हुई है।

स्वीडन में आपसे मुलाक़ात होगी इस आशा के साथ !

शुभकामनाएँ,

डेव कापलान
कार्यकारी निदेशक/जीआईजेएन

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A reporter holding a magnifying glass peers out of the Indian flag.

सदस्यों के बारे में

कठिन सवाल, निर्भीक पत्रकारिता: ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’

आज ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ में छह पूर्णकालिक कर्मचारी कार्यरत हैं। स्वतंत्र पत्रकारों का एक अच्छा नेटवर्क है। यह हर महीने दो से तीन लंबी जांच-पड़ताल पर ध्यान केंद्रित करता है। इसकी कार्यप्रणाली ‘मितव्ययी’ है। यह पूरी तरह से पाठकों द्वारा वित्त पोषित है। यह उनके दान पर निर्भर है। नितिन सेठी कहते हैं- “पहले दिन से ही हमारी 85% राशि का उपयोग खबरों के उत्पादन में लग रहा है।”

An illustration shows the shadows of four reporters in the choppy seas of data journalism, making their way towards a lighthouse.

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इंडिया-स्पेंड धीमे और धैर्यपूर्ण डेटा कार्य की ताकत को दर्शाता है। लेकिन एल्गोरिदम की गति डेटा पत्रकारिता में एक कमज़ोर बिंदु को उजागर करती है। रॉयटर्स 2025 फ़ेलो और बूम लाइव की उप-संपादक, करेन रेबेलो कहती हैं – “एल्गोरिदम के सामाजिक प्रभाव पर अधिकांश डेटा-संचालित शोध अनुदान-वित्त पोषित हैं। मुख्यधारा के समाचार संस्थान इसमें कोई निवेश नहीं कर रहे हैं।”

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एक समय किर्गिज़स्तान की गिनती मध्य एशिया के सबसे लोकतांत्रिक गणराज्यों में होती थी। यहां वास्तविक चुनाव होते थे। एक सशक्त नागरिक समाज और एक जीवंत मीडिया परिदृश्य था। लेकिन एक लोकलुभावन और निरंकुश राष्ट्रपति के शासन में कई स्वतंत्र मीडिया संस्थानों पर भारी दबाव हैं।

Asia Focus environmental exploitation

एशिया में घटती प्रेस की स्वतंत्रता के बावजूद पर्यावरण अपराधों पर साझा पत्रकारिता कैसे हो रही है

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