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समाचार और विश्लेषण

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समाचार और विश्लेषण

जब सरकारें प्रेस के खिलाफ हों तब पत्रकार क्या करें: एक संपादक के सुझाव

जिन देशों में प्रेस की आज़ादी पर खतरा बढ़ रहा है, वहां के पत्रकारों के साथ काम करने में भी मदद मिल सकती है। पत्रकारों को स्थानीय या अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों के साथ गठबंधन बनाकर काम करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा- “आप जिन भौगोलिक सीमाओं तथा अन्य चुनौतियों का सामना कर रहे हों, उन्हें दरकिनार करने का प्रयास करें।“

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डेटा पत्रकारिता समाचार और विश्लेषण

भारत में खोजी पत्रकारिता : चुनावी वर्ष में छोटे स्वतंत्र मीडिया संगठनों का बड़ा प्रभाव

भारत में खोजी पत्रकारिता लगभग असंभव होती जा रही है। सरकारी और गैर-सरकारी दोनों प्रकार की ताकतें प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति असहिष्णु हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि विश्व के 180 देशों के प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत वर्ष 2022 में 150वें स्थान पर था। लेकिन वर्ष 2023 में इससे भी नीचे गिरकर 161वें स्थान पर आ गया।

Invetigative Agenda for Climate Change Journalism

जलवायु समाचार और विश्लेषण

जलवायु परिवर्तन पत्रकारिता के लिए खोजी एजेंडा

दुनिया भर में हजारों पत्रकार जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं। ऐसी पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए कई नेटवर्क स्थापित किए गए हैं। ऐसी पत्रकारिता जनसामान्य को सूचित करने और जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सत्ता में बैठे उन लोगों को चुनौती देने के लिए भी जरूरी है, जो पर्यावरण संरक्षण की बात करते हैं, लेकिन वास्तव में पृथ्वी को जला रहे हैं। ऐसी सत्ता की जवाबदेही सुनिश्चित करना ही खोजी पत्रकारिता का मौलिक कार्य है।

अवार्ड समाचार और विश्लेषण

साल 2023 की भारत की कुछ सर्वश्रेष्ठ खोजी खबरें: जीआईजेएन एडिटर्स पिक

भारत के सीमावर्ती राज्यों सिक्किम, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ को भारत सरकार द्वारा बार-बार नकारा गया है। स्थानीय रिपोर्टों और विपक्ष के दावों के बावजूद, देश का मीडिया भी सीमा पार चीनी सैन्य गांवों के निर्माण की वास्तविकता को रिपोर्ट करने से कतरा रहा है। हालाँकि, भारत के प्रमुख मीडिया हाउस इंडिया टुडे की खोजी रिपोर्टिंग ने भारत सरकार के झूठे दावों को उजागर कर दिया।

समाचार और विश्लेषण

ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क (GIJN) की बीसवीं वर्षगांठ

ऐतिहासिक गोथेनबर्ग, स्वीडन में इस वर्ष के वैश्विक खोजी पत्रकारिता सम्मेलन, (GIJC23) सितंबर 19-22 का आयोजन हो रहा है। इसमें आप हिस्सा लेकर हमसे जुड़ सकते हैं। GIJC23 खोजी पत्रकारों का अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा होने जा रहा है।

संसाधन

किसी प्राकृतिक आपदा के बाद पत्रकारों को ये दस सवाल ज़रूर पूछना चाहिए

पता चला कि कुछ खबरों में अश्वेत लोगों को ‘अराजक‘ के तौर पर वर्णित किया गया। दूसरी ओर, श्वेत लोगों को ‘जरूरतमंद‘ के रूप में दिखाया गया था। एक दुकान से भोजन ले जाते हुए एक अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति को ‘लुटेरा‘ बताया गया। जबकि ऐसा करने वाले एक श्वेत व्यक्ति को ‘भोजन ढूंढ़ने वाला‘ बताया गया। पत्रकारों को ऐसे मामलों में घिसी-पिटी रूढ़िवादिता से बचते हुए प्रत्येक प्रभावित समुदाय के सामने मौजूद स्थितियों के संदर्भ में लूटपाट की घटनाओं पर संतुलित रिपोर्टिंग करनी चाहिए।

क्रियाविधि समाचार और विश्लेषण

खोजी रिपोर्टिंग की प्रभावी लेखन शैली के लिए नौ सुझाव

बड़ी खोजी खबरें लिखते समय अक्सर यह बात समझ में नहीं आती कि कहां से शुरू करें। ऐसी बहुत सी जगहें हैं जहाँ से आप शुरुआत कर सकते हैं। जैसे, एक डूबता हुआ शहर। शहर के लोगों ने शहर डूबने के रूप में लेवी का भुगतान किया। व्यवसाय से बाहर जा रहे किसान। लोग बहुत सारा पैसा कमा रहे हैं। ऐसे अनगिनत कोण हैं। ऐसे मामले में यह तय करना आसान नहीं होता कि आपको अपनी स्टोरी किस बात पर फोकस करके शुरू करना चाहिए।

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स समाचार और विश्लेषण

जियो-लोकेशन और ओपन सोर्स डेटा के माध्यम से इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग पर 10 टिप्स

टीम ने टिकटॉक पर दिखाए गए एक फुटेज को सत्यापित करने के लिए सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया। इस वीडियो में खारकीव के पास गोलाबारी होती हुई दिख रही थी। ‘एक ऐसी जगह, जिसपर फरवरी के अंत में बमबारी हुई थी।’ एक साथ काम करते हुए, उन्होंने पहचान लिया कि गोले कहाँ से दागे गए होंगे, जबकि उस समय तक यह स्पष्ट नहीं था कि जमीन पर चल क्या रहा है।

प्रेस स्वंतत्रता समाचार और विश्लेषण

मीडिया को डराने के लिए बढ़ते डिजिटल हमले

हाल के वर्षों में ऐसे डिजिटल हमलों को संख्या, आवृत्ति और गंभीरता बढ़ी है। ऐसे हमलों के नए-नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। कुछ साइबर हमले काफी घातक होजे हैं और किसी कवरेज को रोकने में भी प्रभावी होते हैं। ऐसे हमलावरों को एक अतिरिक्त लाभ मिलता है, क्योंकि ऐसे अपराधी वीपीएन के पीछे छिपे होते हैं उनकी पहचान को सामने लाना मुश्किल होता हे।

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स समाचार और विश्लेषण

इंटरनेट पर सरकारी पाबंदी के दौरान पत्रकारों के लिए पांच उपयोगी साधन

किसी देश में कुछ वेबसाइटों या कुछ खास सामग्री पर सरकारी रोक लगा दी जाती है। वैसे वेबसाइट या उन सामग्री तक पहुंचने के लिए आप वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग कर सकते हैं। दूरसंचार ऑपरेटरों या संचार अधिकारियों की मदद से ऐसा किया जाता है। ऐसा होने पर आप किसी स्थानीय आईपी या इंटरनेट पते के जरिए उस प्रतिबंधित वेबसाइट तक नहीं पहुंच सकेंगे।

प्रेस स्वंतत्रता समाचार और विश्लेषण

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2022: पत्रकारों पर बढ़ते डिजिटल और शारीरिक हमले

“सरकारों ने अभिव्यक्ति पर नियंत्रण के लिए इसे अन्य कानूनों से जोड़ दिया है। अब मीडिया के खिलाफ ‘आतंकवाद विरोधी कानून‘ का दुरूपयोग हो रहा है। विद्रोही समूहों को कवर करने वाले पत्रकारों पर मुकदमा होता है। यदि आप किसी विद्रोही का साक्षात्कार करते हैं, तो आतंकवादी समूह को बढ़ावा देने का आरोप लग जाएगा।“

समाचार और विश्लेषण सुरक्षा और बचाव

आपके पसंदीदा ट्रांसक्रिप्शन टूल कितने सुरक्षित हैं?

यदि आप संवेदनशील सामग्री के साथ काम कर रहे हैं, तो आपकी रिकॉर्डिंग किसी को जोखिम में डाल सकती हैं। उनके सार्वजनिक होने या अधिकारियों तक पहुंचने पर आपके स्रोत तथा अन्य लोगों को खतरा है। इसलिए, हमारा सुझाव है कि उस डेटा तक किसकी पहुंच हो, इस पर आपको नियंत्रण रखना होगा। यदि आप किसी संपादक के साथ या किसी एसाइनमेंट के तहत काम कर रहे हैं, और आपकी रिकॉर्डिंग विशेष रूप से संवेदनशील है, तो रिकॉर्डिंग की सुरक्षा के कारण हस्तलिखित ट्रांसक्रिप्शन पर जोर दें। इसके लिए अपने संपादक से सहायता मांगें।

क्रियाविधि डेटा पत्रकारिता समाचार और विश्लेषण

सरकारी डेटा न मिले, तो घृणा आधारित अपराधों की रिपोर्टिंग कैसे करें?

क्राउड-सोर्सिंग पर आधारित ऐसी परियोजनाओं में कई तरह की चुनौतियां भी होती हैं। सूचनाओं एवं डेटा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना एक बड़ा काम है। प्रविष्टियों का दोहराव, रोकना तथा हर रिपोर्ट का सत्यापन करना भी आसान नहीं है। परिणामों की व्याख्या में भी किसी पूर्वाग्रह से बचना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे जोखिम के प्रति सचेत रहते हुए यह कोशिश करने लायक है।

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खोजी पत्रकारों के लिए गाइड: चुनावी रिपोर्टिंग की तैयारी कैसे करें- दूसरा अध्याय

सैनिक तख्तापलट होने या बहुदलीय चुनावों पर प्रतिबंध लगने से किसी लोकतंत्र का खत्म होना आसानी से दिख सकता है। लेकिन तानाशाही की ओर धीरे-धीरे बढ़ने वाले मौजूदा कदमों से लोकतंत्र पर खतरे की पहचान करना आसान नहीं है। अब कानूनी पहलुओं और आपातकाल की आड़ में लोकतांत्रिक संस्थानों का क्षरण होने के सच को छुपाया जाता है।

अध्याय अध्याय गाइड संसाधन

खोजी पत्रकारों के लिए गाइड: चुनावी रिपोर्टिंग के नए उपकरण- पहला अध्याय

ट्विटर एसएनए टूल निःशुल्क पाने के लिए पत्रकारों को वी-वेरीफाई की उन्नत सुविधाओं के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए पंजीकरण के आसान चरण नीचे दिए गए हैं। आपको इसकी मुफ्त सेवा पाने के लिए किसी न्यूज वेबसाइट या शोध संगठन से जुड़ा ई-मेल पता देना होगा। यह आवेदन करने में मात्र कुछ मिनट लगते हैं। इस टूल को शोधकर्ताओं, मानवाधिकार समूहों और खोजी पत्रकारों के लिए बनाया गया है।

केस स्टडी समाचार और विश्लेषण

पत्रकारिता की रक्षा: खोजी पत्रकारिता का भविष्य

जीआईजेएन कई स्तरों पर क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करने के साथ ही खोजी पत्रकारों का नेटवर्क मजबूत करने पर काम करता है। हम दुनिया भर के पत्रकारों को सैटेलाइट इमेजरी और डिजिटल फोरेंसिक जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की जानकारी देते हैं। हम स्थानीय और वंचित समुदायों को निगरानी पत्रकारिता क्षमता निर्माण करने में मदद करते हैं। हमारे हेल्प डेस्क ने पिछले एक साल में सहायता के लिए 2,400 अनुरोधों का जवाब दिया।

वहनीयता समाचार और विश्लेषण

स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए स्वार्थ रहित फंडिंग की तलाश!

छोटे मीडिया संगठनों के लिए छोटे अनुदान भी काफी मायने रखते हैं। इसलिए गूगल और फेसबुक से मिले अनुदान को व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। जो मीडिया संगठन अपनी चुनी हुई सरकारों से टैक्स माफी स्वीकार करने से हिचकिचाते हैं, वे भी गूगल और फेसबुक का धन खुशी-खुशी लेते हैं। जबकि इन दोनों के पीछे बड़े पैमाने पर लॉबिंग करने वाली ताकतों और प्रभावशाली वर्ग के हित जुड़े हैं।

समाचार और विश्लेषण

डीप-फेक भूगोल: एआई के जरिए सैटेलाइट चित्रों में फर्जीवाड़ा

शोधकर्ताओं के अनुसार आम लोगों को ऐसी असली और नकली तस्वीरों का फर्क पता नहीं चल पाएगा। कोई व्यक्ति किसी फोटो की खराब गुणवत्ता के लिए रंगों और छाया का मामला समझ सकता है। लेकिन विशेषज्ञों को किसी नकली फोटो की पहचान के लिए छवि प्रसंस्करण के अधिक तकनीकी पहलुओं, जैसे कि रंग हिस्टोग्राम, आवृत्ति और स्थानिक डोमेन पर ध्यान देना होगा।

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सर्विलांस से निरंकुश निगरानी, 2021 की पांच बेहतरीन खोजी ख़बरें

ऐसी निगरानी के काफी खतरनाक परिणाम सामने आ रहे हैं। ऐसे उपकरणों की सूची लंबी है। सीमा पार करने के दौरान चेहरे की पहचान के उपकरण लगे हैं। रेगिस्तान पार करने वाले लोगों को ड्रोन और ब्लिंप द्वारा ऊपर से देखा जा रहा है। भूमिगत सेंसर के जरिए लोगों के आवागमन का पता लगाया जा रहा है। इन्फ्रा-रेड कैमरा, रडार सेंसर, मोबाइल सर्विलांस टावर इत्यादि का भरपूर उपयोग हो रहा है।

केस स्टडी समाचार और विश्लेषण

एडिटर्स पिक: वर्ष 2021 में भारत की दस श्रेष्ठ खोजी खबरें

भारत में आधुनिक लोकतंत्र के अधिकांश संकेतकों में गिरावट आई है। नौकरशाही, न्यायपालिका और केंद्रीय एजेंसियों से लेकर स्वायत्त संस्थाओं का कमजोर होना, लोकतंत्र के कमजोर होने की साफ निशानी के तौर पर दिख रहा है।

समाचार और विश्लेषण

मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी पर रिपोर्टिंग कैसे करें

मजदूरों को पैदल ही घरों की ओर पलायन करने को मजबूर होना पड़ा। इस दौरान सड़क दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोग मारे गए। रेल की पटरियों पर सोए ऐसे प्रवासी मजदूर भी मौत का शिकार हुए जिन्होंने सोचा था कि रेल सेवा बंद है। बड़ी संख्या में श्रमिकों को अपनी मजदूरी से भी वंचित होना पड़ा क्योंकि कोविड-19 के कारण उनके मालिकों की आय भी ठप हो गई थी।

समाचार और विश्लेषण

खोजी पत्रकारिता के इच्छुक युवाओं के लिए ज़रूरी टिप्स

1970 के दशक में अमेरिका के वाटरगेट कांड के बाद से खोजी पत्रकारिता का महत्व काफी बढ़ गया। हाल के दिनों में पेंडोरा पेपर्स जैसे बड़े खुलासे हुए। इस तरह देखें, तो खोजी पत्रकार लंबे समय से दुनिया भर में भ्रष्टाचार और गलत कामों को उजागर करने में सबसे आगे रहे हैं। वे किसी भी लोकतंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। किसी निरंकुश और दमनकारी शासन में तो उनकी भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हैं।

समाचार और विश्लेषण

वन्यजीव तस्करी पर खोजी रिपोर्टिंग करने के टिप्स

एक गैर-लाभकारी संगठन ऑक्सपेकर्स ने पर्यावरण पत्रकारों का एक समूह बनाकर ‘वाइल्डआई‘  तैयार किया। यह काफी उपयोगी डिजिटल टूल है। इसमें  वन्यजीव तस्करी से संबंधित जब्ती, गिरफ्तारी, अदालती मामलों और सजा की जानकारी मिलती है। इसमें पत्रकारों सभी जानकारी निशुल्क मिलती है। इसके अनुसंधान के आधार पर पत्रकार अपनी जांच को आगे बढ़ा सकते हैं।

संसाधन

नासा के ‘लैंडसैट-9’ उपग्रह का उपयोग कैसे करें पर्यावरण पत्रकार

‘लैंडसैट’ श्रृंखला पृथ्वी के भूमि-तल (सतह) पर केंद्रित है। यानी इसका काम पृथ्वी की जमीन पर नजर रखना और उनमें आए बदलावों की जानकारी देना है। पृथ्वी का अवलोकन करने वाले कई दूसरे उपग्रह भी हैं, जो अन्य चीजों पर केंद्रित हैं। कुछ उपग्रहों का काम मौसम, वातावरण या समुद्र को देखना है।

समाचार और विश्लेषण

खोजी महिला पत्रकारों के लिए नौ सुझाव

महिलाएं स्वाभाविक तौर पर अपने अनुभवों को साझा करने, आपसी सहयोग करने, नेटवर्किंग बनाने और एक-दूसरे की भावनों को समझने की दिशा में ज्यादा अच्छा काम कर सकती हैं।

केस स्टडी समाचार और विश्लेषण

व्हाट्सअप कैसे ‘ग्लोबल साउथ’ के मीडिया संस्थानों में लोकप्रिय है !

भारत के बाद ब्राजील दूसरा ऐसा देश हैं जहां लोग व्हाट्सएप का सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक ब्राजील में व्हाट्सएप के 99 मिलियन मासिक यूजर हैं। वहीं एक अन्य अनुमान के मुताबिक ब्राजील में व्हाटसएप के 120 मिलियन यूजर हैं। इस वजह से व्हाट्सएप का उपयोग करके कोरियो राष्ट्रीय ट्रेंड को फॉलो कर रहा है। ब्राजील के अलावा भी देखें तो कई शोध हैं जो यह बताते हैं कि लतिन अमेरिका और अफ्रीका के लोगों द्वारा व्हाट्सएप का अधिक उपयोग किया जाता है। यह छोटे न्यूज रूम को अपनी खबरें लोगों तक पहुंचाने में मदद करता है और नए अवसर देता है।

समाचार और विश्लेषण

प्रेस की स्वतंत्रता को कम करना अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है

मीडिया की स्वतंत्रता महज लोकतांत्रिक व्यवस्था को ही नहीं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति देती है। यह बात सुनने में अटपटी लग सकती है, लेकिन अब यह प्रमाणित हो रहा है कि मीडिया की स्वतंत्रता से भी अर्थव्यवस्था का सीधा सम्बन्ध है। हमारे शोध में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले, जैसे पत्रकारों को जेल में डालना, घरों पर छापा मारना, प्रिंटिंग प्रेस को बंद करना, या डराने-धमकाने के लिए मानहानि के मुकदमे दायर करना आदि आर्थिक विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं।

समाचार और विश्लेषण

आपकी जासूसी या पीछा किया जा रहा है तो क्या करें?

कोई भी जासूस आपकी निगरानी के लिए पहले से किसी स्थान की योजना तभी बना सकेगा, जब उसे आपका शेड्यूल मालूम हो। इसलिए अपना शेड्यूल हमेशा गोपनीय रखें। आप ‘सिग्नल‘ और ‘प्रोटॉनमेल‘ जैसे एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफॉर्म का उपयोग करें। अपने डिजिटल पासवर्ड पर दो-चरण प्रमाणीकरण का उपयोग करें। यदि आप डिजिटल सुरक्षा रखेंगे, तो किसी जासूस के पास आपके संचार और शेड्यूल की जानकारी नहीं होगी। तब वह पहले से कोई योजना नहीं बना सकेगा। ऐसे में वह सिर्फ आपकी शारीरिक गतिविधियों और परिवहन के अनुसार पीछा करने को मजबूर हैं।