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न्यूज़ रूम के लिए जीआईजेएन की बिजनेस टूल्स गाइड
यह गाइड Google News Initiative के सहयोग से तैयार की गई है। इसका शोध और लेखन न्यूयॉर्क स्थित शोधकर्ता ताल्या कूपर द्वारा किया गया है।
यह गाइड Google News Initiative के सहयोग से तैयार की गई है। इसका शोध और लेखन न्यूयॉर्क स्थित शोधकर्ता ताल्या कूपर द्वारा किया गया है।
समय के साथ तस्वीरों का आकार बदलता रहता है। तस्वीर बनाने की रासायनिक प्रक्रिया में भी बदलाव आता है। इसके आधार पर ‘ग्राफिक्स एटलस’ जैसी वेबसाइट किसी फोटो की एक समय अवधि बताने में मदद कर सकती हैं।
पिछले वर्षों की तरह, जीआईजेसी 2023 ग्लोबल साउथ और अन्य क्षेत्रों के पत्रकारों को सम्मेलन में लाने के लिए एक मजबूत फेलोशिप कार्यक्रम पेश करेगा। जो दाता और सह-प्रायोजक इस उच्च प्रभाव वाले आयोजन में सहयोग करना चाहते हैं, वे आयोजकों से hello@gijn.org पर संपर्क कर सकते हैं।
अपने देश में मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग में एक अतिरिक्त जोखिम मौजूद है। आपकी खबर प्रकाशित होने के बाद एक विदेशी पत्रकार की तरह आपके पास देश छोडकर जा़ने का विकल्प नहीं है। इसलिए एनी केली ने सुझाव दिया कि आपके ऊपर ऐसे लोग हों, जो आपका समर्थन करें। आपकी खबरों को उच्चस्तरीय समर्थन मिलना महत्वपूर्ण है। ऐसी मदद पाने के लिए किसी बड़े या अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ साझेदारी करना लाभदायक होगा।
डेटा के मानकीकरण की प्रक्रिया में प्रत्येक संख्यात्मक डेटा बिंदु को डेटासेट के ‘मानक विचलन’ से विभाजित किया जाता है। ऐसा करने से माप की इकाइयों में परिवर्तन होता है। सामान्य इकाइयों जैसे औंस, इंच, पाउंड या किलोग्राम का उपयोग करके निष्कर्ष बताने के बजाय इन्हें ‘मानक विचलन’ के रूप में रिपोर्ट करना चाहिए।
अकादमिक पत्रिकाएं अक्सर ‘सांख्यिकीय महत्व’ वाले परिणामों के साथ अनुसंधान को प्राथमिकता देती हैं। इसलिए शोधकर्ता अक्सर उस दिशा में अपने प्रयास केंद्रित करते हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण निष्कर्षों वाले रिसर्च पेपर्स के प्रकाशित करने की अधिक संभावना रहती है।
मैंने एक ऐसे व्यक्ति के साथ जवाबदेही साक्षात्कार में जल्दबाजी करने की गलती कर दी। मुझे संदेह था कि उस मामले में उस व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध है, यानी वह एक बुरा अभिनेता था। वह मेरे लिए एक मुश्किल स्रोत था। मैंने अपनी जांच के प्रारंभ में ही उससे साक्षात्कार कर लिया। मुझे यह उम्मीद थी कि बाद में अधिक कठिन प्रश्नों के साथ दूसरा साक्षात्कार कर लूंगी। लेकिन मैंने गलत समझा था।
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया को जनता दुश्मन बताकर पत्रकारों पर हमले करना। सरकार की कमियों को उजागर करने वाली खबरों को ‘नकली समाचार’ कहकर खारिज करना। गलत जानकारी या वैकल्पिक झूठे तथ्यों के जरिए वैध और वास्तविक जानकारी को नीचा दिखाना। मीडिया के माहौल को अगंभीर और अविश्वसनीय करके भ्रम की स्थिति पैदा करना। सच के प्रति लोगों की जिज्ञासा कम करना।
बड़ी खोजी खबरें लिखते समय अक्सर यह बात समझ में नहीं आती कि कहां से शुरू करें। ऐसी बहुत सी जगहें हैं जहाँ से आप शुरुआत कर सकते हैं। जैसे, एक डूबता हुआ शहर। शहर के लोगों ने शहर डूबने के रूप में लेवी का भुगतान किया। व्यवसाय से बाहर जा रहे किसान। लोग बहुत सारा पैसा कमा रहे हैं। ऐसे अनगिनत कोण हैं। ऐसे मामले में यह तय करना आसान नहीं होता कि आपको अपनी स्टोरी किस बात पर फोकस करके शुरू करना चाहिए।
गोपनीय रिपोर्टिंग के दौरान एक पत्रकार के बतौर अपनी भूमिका को छिपाने और गोपनीय तरीके से किसी की बात सुनने को उचित ठहराया जा सकता है। अधिकारियों की अमर्यादित टिप्पणियों को जनहित के किसी महत्वपूर्ण मामले की स्टोरी में दिखाया जा सकता है। यदि किसी रिकॉर्डिंग डिवाइस का उपयोग किया जाता है। ऐसे मामलों में अपने देश के गोपनीयता नियमों के बारे में कानूनी सलाह को जरूर लेनी चाहिए। सूत्रों को अपनी टिप्पणियों के बारे में स्पष्ट करने या समझाने का अवसर भी देना चाहिए। पाठकों को बताना चाहिए कि उद्धरण कैसे एकत्र किए गए हैं।