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पत्रकारिता में नागरिकों का भरोसा लौटा रहे हैं ‘मोबाइल न्यूजरूम’
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ओहरिड – यह नॉर्थ मैसेडोनिया का एक चर्चित शहर है। यूनेस्को ने इसे संरक्षित विश्व धरोहर की सूची में रखा है। इस शहर की झील के किनारे मनोरम दृश्य है। कई ऐतिहासिक चर्च और सुंदर पथरीली सड़कों के कारण काफी पर्यटक यहां आते हैं। लेकिन यह शहर अंधाधुंध अनावश्यक निर्माण और भ्रष्टाचार का शिकार है।
एक कुख्यात राजनेता-सह-व्यवसायी नेफी यूसेनी द्वारा एक प्राचीन वृक्ष के पास अवैध पिज़्ज़ेरिया का निर्माण कराया जा रहा था। उस साइट पर जांच के लिए गए एक भवन निरीक्षक के साथ मारपीट की गई। इस घटना ने नॉर्थ मैसेडोनिया के एक मीडिया समूह को बड़ी पहल का अवसर दिया।
‘इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग लैब’ (आईआरएल) की पूरी टीम ने दो सप्ताह के लिए ओहरिड में डेरा जमा लिया। इसे उन्होंने ‘मोबाइल न्यूज़रूम‘ का नाम दिया। दस लोगों की इस मजबूत टीम में पत्रकार, संपादक और वीडियो निर्माता इत्यादि शामिल थे। ‘इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग लैब‘ का मुख्यालय नॉर्थ मैसेडोनिया की राजधानी स्कोप्जे में है। यह ओसीसीआरपी का सदस्य है।
ओहरिड के नागरिकों का भरोसा जीतने का प्रयास
यह ‘मोबाइल न्यूज़रूम‘ लगाने से पहले आईआरएल ने स्थानीय नागरिकों का भरोसा हासिल करने के लिए कई महीनों तक काम किया। टीम के सदस्यों के संबंध में सोशल मीडिया पर जानकारी दी गई। उनके लक्ष्यों और पिछले कामों के बारे में बताया गया। इसके बाद ओरहिड आकर कार्यालय के लिए किराए पर एक जगह ली गई। स्थानीय नागरिकों के साथ बैठकें कीं गईं। अधिकारियों के भ्रष्टाचार के बारे में सबूत जुटाए गए।
जिस प्राचीन पेड़ के पास नेफी यूसेनी अपना पिज़्ज़ेरिया बना रहा था, वहीं पर पत्रकारों ने एक ‘सूचना स्टैंड‘ लगा दिया। इस पर नागरिकों के लिए लिखा गया था- “आइए! भ्रष्टाचार मिटाएं, इससे पहले कि यह मैसेडोनिया को बर्बाद कर दे।”
हिंसा और भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले सिस्टम का खुलासा
ओहरिड में ‘मोबाइल न्यूज़रूम‘ बनाना सफल रहा। नागरिकों से काफी बहुमूल्य जानकारी मिली। पता चला कि हिंसा, अवैध निर्माण और गैरकानूनी कामों के बावजूद नेफी यूसेनी को कभी सजा नहीं मिली।
इस न्यूज स्टोरी में दिखाया गया कि कैसे एक सड़ी-गली राजनीतिक और न्यायिक प्रणाली के कारण कानूनों की धज्जी उड़ाकर हिंसा और भ्रष्टाचार करना संभव है। इस स्टोरी के बाद नेफी यूसेनी के खिलाफ कई जांच चल रही हैं। उन्हें राजनीति से भी बाहर कर दिया गया है।
रिपोर्ट को कुछ ही हफ्तों में ‘आईआरएल‘ के यूट्यूब चैनल पर 70,000 से अधिक बार देखा गया। इस देश में व्यापारियों और राजनेताओं के साथ जुड़ाव के कारण मीडिया पर नागरिकों का भरोसा पहले कम था। ऐसे देश में ‘आईआरएल‘ के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी।
यह वर्ष 2019 की बात है। उसके बाद से अब तक ‘आईआरएल‘ ने काफी विकास कर लिया है। नॉर्थ मैसेडोनिया में ऐसे क्षेत्रों में कई भी सफल मोबाइल न्यूज़रूम स्थापित किए हैं, जो समाचार रेगिस्तान बन गए थे। वहां स्थानीय मीडिया बहुत कम था। अब नागरिकों से अनुरोधों की बाढ़ आ गई कि अपनी टीम लाकर हमारे क्षेत्र में अपराध और भ्रष्टाचार की जांच करें। इस परियोजना ने आईआरएल के साथ पाठकों की स्थायी निष्ठा का रिश्ता भी बनाया है।
पाठकों से रिश्ते के जरिए ‘नागरिक पत्रकारिता‘ संभव
सास्का क्वेत्कोवस्का (प्रधान संपादक, आईआरएल) ने कहा- “प्रारंभ में खुद हमने क्षेत्रों और विषयों का चयन किया। लेकिन अब मुख्य रूप से नागरिक रिपोर्टों के आधार पर हम रिपोर्टिंग के लिए क्षेत्रों और विषयों का चयन करते हैं। हमने जिस भी क्षेत्र का दौरा किया, उस क्षेत्र के पाठकों की संख्या बढ़ती गई। वे आज भी हमसे जुड़े हुए हैं।”
कुछ शक्तिशाली लोगों ने आईआरएल के काम में बाधा डालने का प्रयास भी किया। नागरिकों के लिए आयोजित एक खुले दिन के दौरान ऐसी घटना हुई। एक महापौर ने आईआरएल के पत्रकारों को अपनी नगर पालिका से निष्कासित कर दिया।
आईआरएल टीम को निशाना बनाया गया है। प्रेस स्वतंत्रता के पक्षधर लोग मानते हैं कि उनके देश में आलोचनात्मक पत्रकारिता पर हमला हो रहा है। एक न्यायाधीश ने पिछले साल फैसला सुनाया कि आईआरएल कोई मीडिया संगठन नहीं है और यह लोग पत्रकार नहीं हैं। उक्त न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि न्याय मंत्रालय इसे बंद कर दे। आईआरएल ने फैसले के खिलाफ अपील की है। मामले की सुनवाई का इंतजार है।
आईआरएल का काम शासक वर्ग में हलचल मचाता रहेगा। यह मोबाइल न्यूज़रूम दरअसल महत्वपूर्ण सत्यापित, आकर्षक और प्रभावशाली कहानियों का उत्पादन करके पत्रकारिता में नागरिकों का भरोसा फिर से स्थापित करना चाहता है। नागरिकों को ऑनलाइन गलत सूचनाओं से बचाने का भी प्रयास है। ऐसे दुष्प्रचार के जरिए राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया जाता है। इसे रोकना भी लक्ष्य है।
री-बाल्टिका ने लातविया में ‘मोबाइल न्यूजरूम‘ शुरू किया
आईआरएल के प्रयोग ने अन्य खोजी मीडिया संगठनों को भी प्रेरित किया। ओसीसीआरपी के लातविया स्थित सदस्य संगठन ‘री-बाल्टिका‘ ने भी ऐसा मोबाइल न्यूज़ रूम स्थापित किया। इसके प्रधान संपादक सनिता जेम्बर्गा ने आईआरएल के अनुभवों से प्रेरणा ली। ‘री-बाल्टिका‘ की टीम ने लातविया के सुदूर शहर डौगावपिल्स में एक सड़क पर अपना तम्बू लगाया। इस क्षेत्र मुख्य रूप से रूसी भाषी समुदाय के लोग रहते हैं। इस काम में एक स्वतंत्र स्थानीय मीडिया संगठन चायका-एलवी का सहयोग लिया गया। अगस्त 2023 में एक सप्ताह तक यह कैम्प लगाया गया। इस दौरान 150 नागरिकों ने अपने मुद्दों पर बात की। स्थानीय मेयर के खर्च पर कुछ आरोप भी सामने आए।
‘री-बाल्टिका’ की प्रधान संपादक सनिता जेम्बर्गा के साथ स्थानीय मेयर आंद्रेज एल्क्सनीश की एक फोटो ने भी दिलचस्प जांच का विषय दिया। एक नागरिक ने लिखा कि इस फोटो में मेयर ने 1100 अमेरिकी डॉलर के जूते पहन रखे हैं। इसके बाद मेयर की विलासितापूर्ण जीवनशैली की जांच हुई। पता चला कि आधिकारिक वेतन की तुलना में उनका खर्च काफी ज्यादा है। इस कैम्प के दौरान री-बाल्टिका ने स्थानीय पत्रकारों को विभिन्न मुद्दों पर अपनी कहानियाँ तैयार करने में मदद भी की।
डौगावपिल्स में रूसी नागरिकों से मुलाकात
स्थानीय लोगों से बातचीत में उन्हें यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण रूसी भाषी समुदाय के भीतर तनाव की जानकारी मिली। इसे ‘डिवाइडेड’ नामक चार खंड की डॉक्यूमेंट्री में शामिल किया गया। टीम ने एक थिएटर शो भी किया। यह राजधानी रीगा में तत्काल बिक गया और डौगावपिल्स में भी हाउसफुल रहा।
यह मंचीय अभिनय दो शहरों के बीच एक ट्रेन यात्रा के रूप किया गया। पत्रकारों द्वारा इंटरव्यू के जरिए व्यक्तिगत कहानियां के रूप में यह नाटक किया गया। इसमें डौगावपिल्स में नागरिकों के साथ हुई बातचीत के वास्तविक जीवन के संवादों को भी शामिल किया गया। पत्रकारों ने स्वयं इंटरव्यू लेने वाली भूमिका निभाई। नागरिकों के बतौर अभिनेताओं ने अभिनय किया।
इस नाटक को खूब पसंद किया गया। समीक्षाएँ शानदार थीं। लोगों ने बताया कि उन्होंने कैसा महसूस किया। हॉल मेंबहुत से लोगों की आंखों में आंसू थे। यह एक थेरेपी सत्र जैसा था। इस अनुभव से सनिता जेम्बर्गा को यह एहसास भी हुआ कि पत्रकारों को एक-दूसरे के साथ सहयोग करके काम करना बेहद जरूरी है।
डौगावपिल्स से वापस लौटने के बाद समिता जेम्बर्गा ने आईआरएल संपादक को एक खुला पत्र लिखकर धन्यवाद दिया। खोजी पत्रकारिता में एक दूसरे को सहयोग देना और एक-दूसरे के प्रयोगों से सीखना काफी महत्वपूर्ण है। इससे आपको नए कदम उठाने की प्रेरणा मिल सकती है। उन्होंने इसके लिए ‘इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट सिस्टरहुड’ शब्दावली का उपयोग किया।
री-बाल्टिका को लातविया के अधिकारियों की नाराजगी झेलनी पड़ी। सरकार समर्थित एक मीडिया फंड ने डॉक्युमेंट्री श्रृंखला में बहुत से लोगों को रूसी भाषा में बोलने के लिए री-बाल्टिका टीम पर जुर्माना लगाया। परियोजना के लिए वित्तपोषण में 33,000 अमेरीकी डॉलर जमा करने की मांग की गई। री-बाल्टिका इस आदेश के विरुद्ध अपील कर रहा है।
“हमारे खिलाफ घृणा अभियान ऐसा था, जैसा मैंने पहले कभी नहीं देखा। इसका मूल कारण यह है कि हम लोगों को याद दिला रहे थे कि रूसी भाषी लोग भी हमारे समुदाय का हिस्सा हैं। उनके भी अधिकार हैं। वे भी अपनी राय रखने के हकदार हैं, जो हमसे भिन्न हो सकती हैं। जब तक वे मानते हैं कि लातविया एक स्वतंत्र देश है और रूस पर आक्रमण करने का आह्वान नहीं करते हैं।” सनिता जेम्बर्गा ने कहा।
हालांकि एक आशा की किरण भी देखने को मिली। लातवियाई पत्रकार संघ के वार्षिक पुरस्कार समारोह में री-बाल्टिका ने उत्कृष्टता के लिए दो पुरस्कार जीते। पहला पुरस्कार लातवियाई राजनीतिक दल के अवैध वित्तपोषण की जांच के लिए मिला। दूसरा विशेष पुरस्कार ‘डिवाइडेड’ वृत्तचित्र के लिए मिला।
सनिता जेम्बर्गा ने कहा- “री-बाल्टिका पर खोजी पत्रकारिता के कारण लगातार हमले हो रहे हैं। इसलिए स्थानीय मीडिया समुदाय का समर्थन हमारे लिए बहुत मायने रखता है। हमारे ‘डिवाइडेड‘ वृत्तचित्र के खिलाफ सरकार की ओर से काफी रुकावट पैदा की गई। हमारे खिलाफ काफी ऑनलाइन नफरत भी फैलाई गई। सहकर्मी अक्सर हमारा बचाव करने से डरते थे ताकि खुद पर हमला न हो जाए। यही कारण है कि इस पेशेवर मान्यता का मतलब सामान्य से कहीं अधिक है।”
संपादकीय टिप्पणी: यह कहानी मूल रूप से ‘मीडियम डॉट कॉम’ पर ओसीसीआरपी टीम द्वारा प्रकाशित की गई थी। अनुमति के साथ यहां पुनः प्रकाशित की गई है।
मीडियम डॉट कॉम पर ओसीसीआरपी टीम का एकाउंट संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना के सदस्यों की गतिविधियों पर केंद्रित है।
अनुवाद – डॉ विष्णु राजगढ़िया