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रेडियो रिपोर्टिंग में डेटा का उपयोग कैसे करें?

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पिछले साल संयुक्त राज्य अमेरिका में तीन ‘ब्लैक लाइव्स मैटर‘ प्रदर्शनकारियों पर शूटिंग की घटना हुई थी। इसकी जांच करते हुए रेडियो रिपोर्टर एंजेलीना मोशर सालाजार को फेसबुक लाइव वीडियो क्लिप की एक श्रृंखला मिली। इसके वीडियो में विषय पर बिल्कुल फोकस नहीं किया गया था। वीडियो की तुलना में इनके ऑडियो से घटनाक्रम और समय की जानकारी ज्यादा स्पष्ट मिल रही थी। इसमें पुलिस और एक 17 वर्षीय किशोर के बीच अनुचित सांठगांठ साफ दिख रही था। सिर्फ 15 मिनट बाद उस किशोर ने भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हुई और तीसरा घायल हो गया। .

केनोशा, विस्कॉन्सिन में यह प्रदर्शन हो रहा था। इस समूह में शामिल लोग एक 29 वर्षीय अश्वेत नागरिक जैकब ब्लेक पर पुलिस हमले का विरोध कर रहे थे। उसकी पीठ में पुलिस की सात गोलियां लगी थीं। रेडियो संवाददाता एंजेलिना मोशर सालाजार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वहां तैनात पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन के विरोध में जुटे हथियारबंद लोगों की खुलेआम प्रशंसा की। यहां तक कि एक पुलिस अधिकारी ने राइफल लटकाए उस 17 वर्षीय किशोर को पानी की बोतल भी दी। एक अफसर ने प्रदर्शन विरोधियों से कहा- ”हम आपलोगों की सराहना करते हैं, हम वाकई आप सबकी तारीफ करते हैं।”

नेशनल पब्लिक रेडियो समूह की रेडियो संवाददाता एंजेलिना मोशर सालाजार ने कहा- ”मुझे लगता है कि ऐसी डेटा वाली रिपोर्ट के लिए ऑडियो माध्यम और रेडियो ही सबसे अच्छा मंच है। इसमें वह सब कुछ आ गया, जिससे दर्शकों को पता चले कि उस वक्त वहां वास्तव में क्या हो रहा था।”

रेडियो एक ऐसा माध्यम है, जिसमें हम कोई ‘दृश्य‘ नहीं दिखा सकते हैं। ऑडियो स्क्रिप्ट में आंकड़ों और संख्याओं के उपयोग को भी प्रारंभ से ही अनुचित समझा जाता है। इसके कारण डेटा के मामलों में अन्य मीडिया प्रारूपों की तुलना में रेडियो पत्रकारिता को सीमित समझा जाता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि नए उपकरण और तकनीक के जरिए रेडियो पत्रकार अपनी खबरों को बेहतर बना सकते हैं। वे अपनी ऑडियो स्टोरीज के डिजिटल संस्करणों में डेटा का समुचित उपयोग कर सकते हैं। इसमें श्रोताओं को किसी दृश्य के बगैर ही डेटा की कल्पना के योग्य बनाना संभव है।

रेडियो में डेटा का उपयोग

‘नुक्ता अफ्रीका‘ – यह तंजानिया का एक पत्रकारिता प्रशिक्षण समूह है। इसके प्रबंध निदेशक नुजुलैक डौसेन के अनुसार अफ्रीका में सूचना का प्रमुख स्रोत रेडियो ही है। इसलिए रेडियो पत्रकारों में जवाबदेही विकसित करने के लिए कौशल प्रशिक्षण काफी महत्वपूर्ण है।

नुजुलैक डौसेन कहते हैं- “कुछ देशों में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रेडियो ही अब भी समाचार का प्रमुख स्रोत है। लगभग दो-तिहाई इकाई के लिए समाचार पाने का यह प्राथमिक साधन है। जिस हद तक यह जिम्मेदारी पूर्ण पत्रकारिता कर सके, उतना अच्छा होगा क्योंकि इसके दर्शक ही जनमत का निर्माण करते हैं। डेटा काफी महत्वपूर्ण उपकरण है। रेडियो पत्रकार अपने श्रोताओं के लिए प्रासंगिक और सरल तरीके से डेटा दे सकें, तो काफी उपयोगी होगा।”

तंजानिया में इसकी अपार संभावनाएं दिखती हैं। पूर्वी अफ्रीका के इस देश की आबादी लगभग छह करोड़ है। पिछले पांच वर्षों में तंजानिया में इंटरनेट 34 फीसदी आबादी से बढ़कर 49 फीसदी तक पहुंच गया है। रेडियो स्टेशनों की संख्या भी समान दर से बढ़ी है। ये दोनों घटनाएं रेडियो पत्रकारों को अपने स्टेशन की वेबसाइटों पर श्रोताओं को बेहतर डेटा प्रस्तुति का अवसर देती हैं।

नुजुलैक डौसेन के अनुसार तंजानिया में रेडियो डेटा प्रशिक्षण वर्तमान में सूचनाओं को प्रासंगिक बनाने, प्रतिशत के सरल तरीके खोजने और ‘स्प्रेडशीट साक्षात्कार‘ पर केंद्रित है। फिलहाल डेटा विश्लेषण जैसी अवधारणा समझने में कुछ पत्रकारों को कठिनाई आ रही है।

वह कहते हैं- ”संख्या और आंकड़ों से हर कोई डरता है। यहां के पत्रकार अभी तकनीक से भी बहुत वाकिफ नहीं हैं। इसलिए हम उन अवधारणाओं के साथ धीरे-धीरे शुरू कर रहे हैं, जिन्हें वे पहले से जानते हैं। हम उन पर अचानक ऐसे उपकरण थोपना नहीं चाहते, जिनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सुना है। उदाहरण के लिए, हम उन्हें सिखा रहे हैं कि स्प्रैडशीट में कॉलम भी मनुष्य की तरह स्रोत हैं। आप लिंग और उम्र के बारे में इस कॉलम से साक्षात्कार कर सकते हैं। आप अन्य कॉलम के उत्तर से तुलना करके इसका अर्थ समझ सकते हैं।”

उन्होंने कहा- ”स्थानीय रेडियो रिपोर्टर डेटा की प्रस्तुति के लिए आई लव पीडीएफ iLovePDF जैसे सरल, मुफ्त टूल का उपयोग कर रहे हैं। न्यूज स्टोरीज और डेटा अभ्यास दोनों के लिए एचयूआरयू मैप HURUmap जैसे क्यूरेटेड डेटा रिपॉजिटरी का उपयोग कर रहे हैं।

मोशर सालाजार की तरह, नुजुलैक डौसेन का भी मानना है कि रेडियो रिपोर्टिंग को सरल डेटा बिंदुओं के जरिए अधिक प्रासंगिक बनाया जा सकता है।

इसके जरिए डेटा प्रस्तुति में लाभ भी दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, ध्वनि के जरिए असमान संख्याओं की अधिक स्पष्ट समझ बनाई जा सकती है। बीबीसी ने एक ऑडियोग्राफ में श्रमिकों के वेतन और कॉरपोरेट मुनाफे के बीच के अंतर को स्पष्ट करने के लिए सोने की सलाखों की आवाज का उपयोग करके दिखाया।

NICAR21 के सुझाव

‘इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टर्स एंड एडिटर्स‘ Investigative Reporters & Editors ने NICAR21 डेटा पत्रकारिता सम्मेलन आयोजित किया था। इसके एक ऑनलाइन सत्र में एंजेलिना मोशर सालाजार (रेडियो रिपोर्टर), पैट्रिक स्केहिल  (कनेक्टिकट में डब्ल्यूएनपीआर के रिपोर्टर) WNPR और एली जरमनिंग (बोस्टन में डब्ल्यूबीयूआर स्टेशन के रिपोर्टर) शामिल थे।

उन्होंने रेडियो स्क्रिप्ट में डेटा शामिल करने के तरीकों पर चर्चा की। उस डेटा के लिए रिपोर्टर किन उपकरणों उपयोग कर सकते हैं, इस पर भी सुझाव दिए गए। स्प्रेडशीट से बातचीत करने और ऑनलाइन इंटरेक्टिव मानचित्रों द्वारा समाचारों की बेहतर प्रस्तुति पर भी बात हुई।

मोशर सालाजार के अनुसार, ”कहा जाता है कि रेडियो में हमें संख्या का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि श्रोताओं को डेटा पसंद नहीं। लगता है कि रेडियो में हम आलसी हो गए हैं। हाँ, लोग डेटा को वाकई पसंद नहीं करते हैं। लेकिन हम अधिक रचनात्मक हो सकते हैं। ब्रेकिंग न्यूज और अच्छी खबरों के लिए डेटा का बेहतर उपयोग कर सकते हैं। यह एक आवश्यक उपकरण है। पत्रकार के रूप में हमें अपना कौशल बढ़ाने की जरूरत है।”

एली जरमनिंग ने कहा- ”कई संपादक किसी रेडियो रिपोर्ट में डेटा को केवल दो या तीन नंबरों तक सीमित रखना चाहते हैं। इसका वाजिब कारण भी है। श्रोता अक्सर ड्राइविंग करने, खाना पकाने या अन्य काम करते हुए रेडियो सुनते हैं। ऐसे में संख्या समझना उनके लिए मुश्किल होता है। इसलिए श्रोता के लिए बहुत अधिक जानकारी लेना मुश्किल होता है। मैं कोशिश करता हूं कि छोटे टुकड़ों में खबरें दूं। मेरे द्वारा बताई गई संख्या बहुत सीमित होती हैं। लेकिन डेटा प्रस्तुति के लिए रचनात्मक समाधान हैं। ऑनलाइन चार्ट से काफी मदद मिलती है।

तीन पैनलिस्टों ने कहा कि रेडियो में संख्याओं से बचने की एक परंपरा रही है। इसने ऐसा माहौल बनाया है कि जो पत्रकार डेटा में रुचि रखते हैं, उन्हें भी अक्सर अपने स्टेशनों में बहुत कम सहयोग मिल पाता है।

मोशर सालाजार ने कहा, ”छोटे रेडियो स्टेशन में डेटा उपयोग करने वाले आप संभवतः एकमात्र व्यक्ति होते हैं। वहां आप डेटा पत्रकारिता का उपयोग शुरू कर सकते हैं। समाज में ऐसे लोग हैं, जो आपकी मदद करेंगे। कोरोना महामारी के कारण अभी मैं अपने स्रोतों से अलग हूं। मेरे लिए डेटा एक ठोस भरोसेमंद स्रोत बन गया है। इस पर काम करते हुए मुझे कोरोना संक्रमण का खतरा भी नहीं है।”

तीनों पैनलिस्टों ने 12 सुझाव दिए:

  • जहां भी संभव हो, अपने श्रोताओं के लिए गणित को आसान बनाएं। पैट्रिक स्केहिल ने कहा- ”अगर 1000 में से 250 लोगों को टीका लगा हो, तो आप कह सकते हैं कि ‘चार में से एक व्यक्ति को टीका लगा।‘ खबरों में अनावश्यक संख्याओं से छुटकारा पाने की कोशिश करें। केवल वही नंबर दें, जो आवश्यक हैं। किसी संख्या को दशमलव के बजाय रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत करें।”
  • डेटा को ध्वनि में बदलने के लिए टूटोन TwoTone जैसे निःशुल्क ऐप्स का उपयोग करें। पैट्रिक स्केहिल ने कहा- ”सोनीफाइंग डेटा बहुत अच्छा है। इन उपकरणों के साथ आप एक स्प्रेडशीट में फीड कर सकते हैं। इसमें डेटा के वैल्यू को संगीत से जोड़ सकते हैं।” स्केहिल ने एक उदाहरण बताया जिसमें एक पियानो, एक ग्लॉकेंसपील और एक डबल बास का उपयोग करके तीन डेटासेट दिखाया गया। इसमें बड़ी संख्या के लिए हाई पिच का उपयोग किया गया।
  • ऐसे उन्नत टूल का उपयोग करें, जिनके माध्यम से स्प्रैडशीट को बात करने योग्य बनाया जा सके। एली जरमनिंग ने कहा- ”अमेजॅन पॉली, मेगाफोन माइक्रोकास्ट प्लेटफॉर्म और पायथन स्क्रिप्ट जैसी कई तकनीकों में टेक्स्ट-टू-स्पीच सेवाएं शामिल हैं। इनके जरिए स्थानीय डेटासेट में स्वचालित ऑडियो सामग्री जोड़ी जा सकता है।” उनके रेडियो स्टेशन के सहयोगियों ने बताया कि उन्होंने एक प्रोजेक्ट में इन तकनीकों का एक फीचर में किस तरह उपयोग किया। इसके जरिए विभिन्न शहरों में कोरोना वायरस संबंधी डेटा की जानकारी दी गई।
  • रेडियो पत्रकारिता पर अच्छी किताबें पढ़ें। पैट्रिक स्केहिल ने कहा- ”जोनाथन केर्न की पुस्तक – ‘साउंड रिपोर्टिंग: द एनपीआर गाइड टू ऑडियो जर्नलिज्म एंड प्रोडक्शन‘ काफी अच्छी है। Sound Reporting: The NPR Guide to Audio Journalism and Production।
  • ताजा खबरों के लिए ‘फाॅलो दैट पेज‘ Follow That Page टूल का उपयोग करें। पैट्रिक स्केहिल ने कहा- ”यह एक अच्छी वेबसाइट है। इसमें आप एक यूआरएल डाल सकते हैं। आपको हर बदलाव की सूचना मिलती रहेगी। मुझे इसके बारे में एक आईआरई सम्मेलन में पता चला। अब मैं हर दिन इसका इस्तेमाल करता हूं। रिपोर्टर बनने का अच्छा तरीका है। किसी स्रोत को कॉल करने पर वह कहता है- अरे, आपको यह कैसे पता चला?”
  • जटिल डेटा के लिए रेडियो रिपोर्ट में ‘टू-वे‘ स्पॉट का उपयोग करें। पैट्रिक स्केहिल ने बताया- ”रेडियो कार्यक्रमों में मेहमान के साथ संक्षिप्त साक्षात्कार के जरिए जटिल डेटा प्रस्तुत करना अच्छा प्रयोग है। इसके लिए अपने मेहमान से सावधानी के साथ सवाल करें। ऐसे प्रश्न न करें, जिससे आपके मेहमान को असुविधा हो या जिससे उसके ज्ञान की सीमा उजागर होती हो।
  • सरल वाक्यों का उपयोग करके ‘एक्टिव वाॅइस‘ में डेटा लिखें। आपको कानों से सुनने लायक सरल वाक्य लिखना है – विषय, क्रिया, वस्तु। स्केहिल ने कहा।
  • रेडियो वेबसाइट पर विजुअलाइजेशन में अतिरिक्त डेटा का उपयोग करें। स्केहिल के अनुसार अधिकांश संख्याएँ आपकी रेडियो लिपि में नहीं हैं। लेकिन आपने यह सब बढ़िया डेटा काम किया है, इसलिए इसे ऑनलाइन रहने दें। गूगल शीट्स, Flourish, Datawrapper, and Tableau  जैसे टूल पर विचार करें।
  • पहले अपनी ऑनलाइन स्टोरी लिखें। फिर अपने कुछ ऑडियो डेटा बिंदुओं को चुनने के लिए इसका उपयोग करें। एली जरमनिंग ने कहा- ”यदि आप रेडियो के लिए लिख रहे हैं, तो आपको दो कहानियाँ लिखनी होंगी। आपकी रेडियो कहानी शायद दो बार सुनी जाएगी, लेकिन आपकी डिजिटल स्क्रिप्ट हमेशा के लिए है। मुझे अपनी डिजिटल स्क्रिप्ट को पहले लिखना हमेशा बेहतर प्रयोग लगता है। इसके बाद मैं अपने हाइलाइटर के साथ उन उद्धरणों और संख्याओं के लिए देखता हूं जिनकी रेडियो स्टोरी में आवश्यकता है।”
  • जहां स्रोत हो, वहां रिपोर्टर के बजाय आवाज़ का उपयोग करें। इससे महत्वपूर्ण संख्या का पता चलता है। एली जरमनिंग ने कहा- ”लोगों के कान तक मेरी आवाज से ज्यादा वह ध्वनि पहुंचती है। इससे उस संख्या को दोहराने में मदद मिलती है।”
  • यदि आपके रेडियो स्टेशन में डेटा कौशल की कमी है, तो खोजी पत्रकारिता समुदाय का सहारा लें। मोशर सालाजार ने पूछा- ”यदि अपने रेडियो स्टेशन में अकेले आप ही डेटा पर काम करते हों, तो आपकी स्टोरीज को कौन संपादित करेगा? आपकी स्प्रैडशीट्स या आपके इंटरेक्टिव मानचित्र की जांच कौन करेगा? मेरा सुझाव है कि अपने डेटा समुदाय की मदद लें। वहाँ हेल्पडेस्क और संपादक हैं, जो आपकी मदद करेंगे।”
  • ब्रेकिंग न्यूज रेडियो कहानियों के लिए सरल डेटा बिंदुओं का उपयोग करें। मिल्वौकी में कोविड-19 संबंधी एक नियमित ब्रीफिंग में मोशर सालाजार ने दक्षिण के एक इलाके में संक्रमण की संख्या काफी अलग किस्म की दिखी। इसलिए मोशेर सालाजार ने प्राॅक्सीमिटीवन ProximityOneनामक एक ऑनलाइन टूल खोला। यह अमेरिकी आर्थिक और जनसांख्यिकीय डेटा का विश्लेषण करता है। सालाजार ने यह देखने का प्रयास किया कि क्या उस इलाके के आसपास के अन्य क्षेत्रों में भी कोई असामान्य विशेषताएं हैं, जिन्हें इसके साथ जोड़ा जा सकता है? इससे विस्कॉन्सिन के पूरे राज्य में लैटिनो की उच्चतम मौजूदगी का पता चला। पहले भी देखा गया कि कोरोना के मामले अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय को असमान रूप से प्रभावित कर रहे थे।

उपर्युक्त बारह सुझावों से रेडियो पत्रकारों को अपनी रिपोर्टिंग में डेटा का उपयोग करना काफी रचनात्मक और आसान हो सकता है। पैट्रिक स्केहिल ने चेतावनी दी- ”रेडियो रिपोर्ट में कम डेटा बिंदुओं का उपयोग होता है, इसलिए संख्याओं की अच्छी तरह जांच करना जरूरी है।” उन्होंने अन्य पैनलिस्टों की यह बात दोहराई कि पत्रकारों में डेटा के उपयोग का आत्मविश्वास बढ़ाना सबसे जरूरी है।

उन्होंने कहा- ”रेडियो स्टेशन में किसी को डेटा जर्नलिस्ट की उपाधि देने की जरूरत नहीं है। यदि आपकी दिलचस्पी हो, तो इसे सीखें और लागू कर दें।”

NICAR21 में अधिक रुचि हो, तो पूरा शेड्यूल यहां देखा जा सकता है। इस लिंक के माध्यम से रिकॉर्ड किए गए सत्रों को मार्च 2022 तक देखा जा सकता है। (इसके लिए आपको पंजीकरण करना होगा)

अतिरिक्त संसाधन

Data Journalism: The GIJN Collection

A Global Tour of Top Investigative Podcasts: The 2020 Edition

7 Things I Learned Producing My First Investigative Podcast


रोवन फिलिप जीआइजेएन के रिपोर्टर हैं। पहले वह दक्षिण अफ्रीका के संडे टाइम्स के मुख्य संवाददाता थे। एक विदेशी संवाददाता के रूप में उन्होंने दुनिया भर के दो दर्जन से अधिक देशों से समाचार, राजनीति, भ्रष्टाचार और संघर्ष पर रिपोर्टिंग की है।

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