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मानव तस्करी की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग कैसे करें: संगठित अपराध श्रृंखला गाइड

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चित्र: शटरस्टॉक

संपादकीय टिप्पणी: ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज़्म कॉन्फ्रेंस (GIJC21) का आयोजन नवंबर में किया जाएगा। इस कॉन्फ्रेंस में जीआईजेएन की विशेष श्रृंखला के अंतर्गत हमारे साथी रिपोर्टर गाइड टू इन्वेस्टिगेटिंग ऑर्गनाइज्ड क्राइम (संगठित अपराध की खोजपरक जांच के लिए गाइड) पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। कॉन्फ्रेंस से पहले इस विशेष श्रृंखला के अंश आगामी दिनों में जीआईजेएन वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाएंगे। यहां प्रस्तुत मानव तस्करी पर केंद्रित इस अध्याय को दो बार पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार मार्था मेंडोजा द्वारा लिखा गया है। वह एसोसिएटेड प्रेस की उस जांच टीम से जुड़ी थी, जिसने थाईलैंड में समुद्री मछली पकड़ने के कारोबार में दास श्रम के उपयोग को उजागर किया था। मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग करने में रुचि रखने वालों के लिए कुछ सुझाव और उपकरण और भी हैं, इसके लिए जीआईजेएन के इस वेबिनार को देखें जिसकी मेजबानी पत्रकार मार्था मेंडोजा द्वारा की गई थी।

मानव तस्करी दुनिया की सबसे फ़ायदेवाली अवैध गतिविधियों में एक है और यह खतरनाक रूप से दुनिया भर में फैल चुकी है। यही कारण है कि यह खोजी पत्रकारिता का अहम विषय बन गया है। अक्सर देखा जाता है कि आधुनिक गुलामी की घटनाएं हमारे आस पास ही होती हैं, पड़ोस के मसाज पार्लर में या किसी स्थानीय बंदरगाह में मछली पकड़ने वाली नाव पर। मानव तस्करी में, शोषण को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा गया है:  यौन शोषण, जो मानव तस्करी का लगभग आधा हिस्सा है और दूसरा श्रम दुर्व्यवहार। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में तकरीबन चार करोड़ से अधिक लोग अब आधुनिक गुलामी के शिकार हैं। इनमे ज्यादातर महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष और बच्चे भी हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, अपराधी, तथाकथित तस्कर और दास स्वामी, सामूहिक रूप से लगभग 150 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष लाभ कमाते हैं

मानव तस्करी की जांच मुश्किल व तनाव का विषय है। पत्रकारों से बात करने के लिए पीड़ितों को बड़ा जोखिम उठाना पड़ता है। इसलिए वे सदमे में रहते हैं। अक्सर उन्हें अपने बंदी बनाने वालों से डर लगता है। उन्हें विशेष रूप से चेतावनी दी जाती  है कि वे  बाहर किसी से मदद न मांगें और पत्रकारों से दूर ही रहें उनसे कोई बात ना करें। इसलिए पत्रकारों से बात करने से उनकी जान को खतरा हो सकता है। नतीजतन, इस प्रकार के काम को शुरू करने से पहले आपको सावधान रहने की जरूरत है। मानव तस्करी में शामिल अपराधी किसी भी इंसान का शोषण और उत्पीड़न करने के लिए तैयार हैं। वे अपने हितों की रक्षा के लिए निर्दयी बनने से नहीं हिचकिचाते।

किससे बात करें

मानव तस्करी की जांच में पत्रकारों की मदद के लिए कुछ बेहतरीन स्रोत हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, आइए उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) से शुरू करें जो आधुनिक श्रम दासता पर काम कर रहे हैं। जैसे इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (International Organization for Migration), द मिंडारू वॉक फ्री (Minderoo Walk Free Foundation), पोलारिस प्रोजेक्ट (Polaris Project) और कैथोलिक चैरिटी (Catholic Charities )। इन संगठनों के विभिन्न देशों में प्रतिनिधि हैं और वे आपको एक विशिष्ट क्षेत्र के बारे में सटीक जानकारी दे सकते हैं।

कुछ संगठन, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय न्याय मिशन (International Justice Mission), मानव तस्करी के अपराधों में शामिल लोगों को खोजने, गिरफ्तार करने और उन्हें दंडित करने के लिए कानून प्रवर्तन के साथ मिलकर काम करते हैं। अन्य संगठनों में, इस्सारा इंस्टीट्यूट (Issara Institute) अप्रवासी समुदाय के साथ काम करता है। वे व्यवसायों में ऑडिट करते हैं और श्रमिकों के अधिकारों के बारे में आवाज उठाते हैं और फ्री द स्लेव (Free the Slaves) जैसे समूह भी मिलेंगे जो आधुनिक गुलामी को कायम रखने वाले समाज की स्थितियों को बदलना चाहते हैं। कई एनजीओ आस्था पर आधारित हैं, कुछ सरकार द्वारा संचालित हैं और कुछ विशिष्ट मुद्दों या देशों पर ध्यान केंद्रित करके काम करते हैं।

मानव तस्करी की जांच में पहला कदम इन संगठनों से बात करना है। आप जिस स्थान की तलाश कर रहे हैं, उसके बारे में अधिक से अधिक संगठनों से बात करें। कम से कम एक दर्जन संगठनों से बात करें। ऐसे संगठन आपको किसी ऐसे व्यक्ति से मिलवा सकते हैं जो मानव तस्करी और गुलामी का शिकार रहा हो। ये संगठन आमतौर पर इन बातों की खबर रखते हैं कि अदालत में पहले क्या हुआ है और पत्रकार मानव तस्करी के विशिष्ट मामलों को खोजने के लिए कहां जाते हैं।

एक उदाहरण मलेशिया में रबर के दस्ताने का कारखाना है। वहां कई सालों से प्रवासी कामगारों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इन श्रमिकों को अक्सर वहां काम करने का अवसर प्राप्त करने के लिए भुगतान करना पड़ता है, जो कि अवैध है। दुबई और अबू धाबी जैसे मध्य पूर्वी शहरों में पीढ़ियों से देह व्यापार बड़े पैमाने पर होता रहा है। जहां विदेशी महिलाओं को घरेलू काम करने के बहाने देश में लाया जाता है और फिर उन्हें देह व्यापार के लिए मजबूर किया जाता है। देह व्यापार और कामगारों का उत्पीड़न व्यावसायिक मछली पकड़ने में भी अच्छी तरह से शामिल है, जहां ये प्रवासी मजदूर कैद और प्रताड़ना के सामने लाचार है, क्योंकि कोई देखने वाला नहीं है।

लोगों से सीधे बात करने के अलावा, आप कई अन्य स्रोतों से जानकारी एकत्र कर सकते हैं। कई सरकारें और संयुक्त राष्ट्र वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करते हैं जो आधुनिक मानव तस्करी के बारे में विशिष्ट, जमीनी जानकारी प्रदान करते हैं। इनमें मानव तस्करी अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की वैश्विक रिपोर्ट , अमेरिकी गृह विभाग की व्यक्तियों की तस्करी की रिपोर्ट और यूरोपीय संघ की रिपोर्ट मानव तस्करी के खिलाफ एक साथ होना, शामिल हैं। अमेरिकी श्रम विभाग उन उत्पादों की एक सूची भी संकलित करता है जो बाल श्रम या जबरन श्रम के माध्यम से बनाए जा रहे हैं। यहां 155 संदिग्ध वस्तुओं के नाम दिए गए हैं। जैसे कंबोडिया से कपड़ा, भारत से फुटबॉल या यूक्रेन से कोयला। इन उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला में कहीं न कहीं श्रम शोषण होता है।

मानव तस्करी का काम करने वाले लोगों की खबर करने वाले पत्रकारों के लिए बहुत अधिक जवाबदेह होना पड़ता है। उन्हें पैसे और आपूर्ति श्रृंखला का पालन करने वाले व्यक्ति या संगठन का पता लगाना होता हैं। ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि सब कुछ स्वयं देखा जाए। जिसे अंग्रेज़ी में फर्स्ट-हैंड ऑब्जर्वेशन कहते हैं।

यदि संभव हो, तो उत्पाद लेबल और ब्रांड पर ध्यान दें। यह पता लगाने की कोशिश करें कि श्रमिकों को परेशान रखने से किसे लाभ हो रहा है? कि उत्पाद या उत्पीड़न के शिकार कहां से आते हैं? इस प्रकार की श्रम आपूर्ति श्रृंखला का उपयोग विभिन्न व्यापार-आधारित डेटा की खोज के लिए किया जा सकता है। पत्रकार यहां से देख सकते हैं: कौन से उत्पाद किन फैक्ट्रियों से खरीदे जा रहे हैं और किन देशों में बेचे जा रहे हैं।

पैसे कहाँ से आ रहा है या जा रहा है, इसका पता लगाने के लिए एक और बढ़िया स्रोत कॉर्पोरेट रिकॉर्ड हैं, जो वार्षिक लाभ, व्यापार भागीदारों और कंपनी संबंधों को दिखाते हैं। मानव तस्करी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों के अदालती रिकॉर्ड भी पत्रकारों के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं। यहां से आप उनके नेटवर्क और अन्य संबंधित संगठनों के बारे में जान सकते हैं।

मामलों का अध्ययन

द गार्जियन: एक मामले की जांच में सामने आया कि यूनाइटेड किंग्डम उन कारखानों से पीपीई खरीदता है, जो गुप्त रूप से उत्तर कोरियाई दास श्रमिकों का उपयोग करते हैं

चित्र:शटरस्टॉक

जैसे-जैसे कोविड-19 महामारी दुनिया भर में फैलती जा रही है, वैसे-वैसे चिकित्सा आपूर्ति से जुड़ी चीजें जैसे मास्क, दस्ताने, स्वाब, गाउन, पीपीई किट आदि की मांग भी आसमान छू गई है। इनमें से ज्यादातर उत्पाद चीन में बनते हैं। नतीजतन, चीनी कारखानों पर उस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दबाव बढ़ रहा है। नवंबर, 2020 में, दा गार्जियन ने एक विशेष जांच कर रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट  पाया गया कि जिन कंपनियों को यूके सरकार द्वारा पीपीई खरीदने के लिए अनुबंधित किया गया था, वे गुप्त रूप से उत्तर कोरियाई श्रमिकों को अपने कारखानों में काम करने के लिए मजबूर कर रही थीं। तीन महीने की खोज से पता चलता है कि गुलामी में फंसे ये लोग लगातार निगरानी में हैं, इन मजदूरों में ज्यादातर महिलाएं हैं। वे कारखाने से बाहर नहीं जा सकते हैं और उन्हें दिन में 18 घंटे काम करना पड़ता है। उत्तर कोरिया नियमित रूप से अपने नागरिकों को काम के लिए विदेश भेजता है और उनका वेतन वसूल करता है। इस पूछताछ के जवाब में, यूके सरकार ने इन समझौतों में अधिक सतर्क और पारदर्शी रहने का संकल्प लिया है। सरकार ने कहा है: सरकार इन आपूर्ति श्रृंखलाओं में श्रमिक उत्पीड़न की घटनाओं को महसूस कर चुकी है और उन्हें रोकने के लिए काम कर रही है।

सीएनएन: बाल दास प्रथा की इन्साइड स्टोरी 

चित्र: वृत्तचित्र से लिया गया स्क्रीनशॉट

फरवरी 2019 में सीएनएन की एक रिपोर्ट ने दुनिया का ध्यान खींचा। छोटे बच्चों को मात्र 250 डॉलर में बेचा जाता है। फिर वे अपना दिन मछली पकड़ने के जाल को खोलते हुए बिताते हैं और उन्हें कभी भुगतान नहीं किया जाता है। उनके माता-पिता उन्हें मछुआरों को बेच देते हैं, या गाय के बदले उनकी अदला-बदली करते हैं। स्थानीय मीडिया और सामाजिक संगठन लंबे समय से इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं कि घाना की झील वोल्टा पर लगभग 20,000 अफ्रीकी बच्चे गुलाम हैं। काम अविश्वसनीय रूप से खतरनाक है। इस प्रथा से पर्दा हटाने के लिए, सीएनएन के पत्रकारों ने एक स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ता के साथ काम किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि पर्दे के पीछे क्या चल रहा है। यह स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ता पूर्व में गुलाम बनाए गए बच्चों को बचाता है, आश्रय देता है और शिक्षित करता है। पत्रकारों ने इन बच्चों का अनुसरण करके देखा कि वे कहां काम करते हैं। उनके परिवारों, बंदियों और बचाव कर्मियों से पूछताछ की गई। इन सबके साथ, सीएनएन ने एक बेहतरीन विजुअल रिपोर्ट प्रकाशित की। इससे पहले 2017 में, जॉय न्यूज ने स्लेव्स ऑफ द वोल्टा नामक एक वृत्तचित्र भी प्रकाशित किया था। यह बताता है कि बच्चे कैद में अपना जीवन कैसे बिताते हैं और यह उनके जीवन को कैसे प्रभावित करता है।

एसोसिएटेड प्रेस: समुद्री मत्स्यपालन में ग़ुलामों का उपयोग 

चित्र: स्क्रीनशाट

18 महीने की जांच के दौरान, एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने कुछ लोगों को पिंजरों में पाया। उनके द्वारा पकड़े गए समुद्री भोजन को ट्रैक किया और पाया कि यह लोग अमेरिकी सुपरमार्केट और पालतू जानवरों के खाद्य बाजारों के लिए काम कर रहे थे। इस काम के लिए एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों को 2016 में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि 2,000 से अधिक पुरुषों को कैद से रिहा किया गया था। इस जांच के परिणामस्वरूप, अपराधियों को दोषी ठहराया गया है, उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया गया है और आपूर्ति श्रृंखला की श्रम प्रणाली में सुधार के लिए पूरे क्षेत्र की ओर से प्रतिबद्धता दिखाई गई है। यह खोज स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित कुछ समाचारों के साथ शुरू हुई, जहां प्रवासी मछुआरों ने उनके बंदी होने की सूचना दी। हालांकि इन रिपोर्टों ने चिंता जताई, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनकी कहानियां परेशान करने वाली थीं, लेकिन उन्होंने ज्यादा प्रभाव नहीं डाला था।  एपी की तलाशी में जिन लोगों को बंदी बनाया गया, उनकी पहचान कर ली गई और उन्हें बंदी बना लिया गया, जो इन अपराधियों के साथ व्यापार कर रहे थे; उन सभी व्यापार करने वालों को जवाबदेह ठहराया। इस रिपोर्ट के बाद पूरी दुनिया में श्रमिक उत्पीड़न की छवि उभर कर सामने आई है। नतीजतन, कई मामलों में प्रतिबंध लगाए गए हैं।

सुझाव और उपकरण

उन पत्रकारों के लिए सुझाव जो मानव तस्करी पर खोजी रिपोर्ट करना चाहते हैं:

पहले से तय कर लें कि यौन या श्रम उत्पीड़न से बचे लोगों का साक्षात्कार करते समय आप तनाव और आघात पर कैसे विचार करेंगे। डार्ट सेंटर फॉर जर्नलिज्म एंड ट्रॉमा के पास इस संबंध में कई संसाधन हैं। ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क की साइट पर आपको कुछ अच्छे संसाधन भी मिलेंगे। आप संबंधित मुद्दों पर काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों से भी पूछ सकते हैं कि स्रोतों से बेहतर तरीके से कैसे जुड़ें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।

व्यापार डेटा एग्रीगेटर Panjiva और ImportGenius आयात-निर्यात रिकॉर्ड प्रदान करते हैं। इससे पत्रकारों को उस कारखाने से एक वस्तु को ट्रैक करने में मदद मिलेगी और वह यह देख सकते हैं कि एक उत्पाद दूसरे देश की फैक्ट्री में बनाया गया है। इन डेटाबेस में किसी विशिष्ट कारखाने में बनी वस्तुओं के ब्रांड भी शामिल हो सकते हैं।

OpenCorporates दुनिया की विभिन्न कंपनियों की जानकारी रखने वाला सबसे बड़ा ओपन डेटाबेस संस्था है। इसमें 130 देशों की लगभग 190 मिलियन निगमों की जानकारी है। हालांकि, यह थोड़ा शोध के साथ किया जाने वाला मेहनत का काम है, लेकिन पत्रकार देख सकते हैं कि, किसी कंपनी के निदेशक मंडल में कौन है, उनकी वार्षिक रिपोर्ट, संगठन से संबंधित दस्तावेज और भी बहुत कुछ ट्रैक कर सकते हैं। इस तरह लोग पैसे और कंपनियों के बीच आपसी संबंध खोजने में सक्षम होंगे।

जीआईजेएन (GIJN) या ऐसे अन्य रिपोर्टिंग नेटवर्क का उपयोग करें। उदाहरण के लिए, जर्नलिज्म फंड ने हाल ही में पत्रकारों के बीच सहयोग की घोषणा की। मानव तस्करी की जांच करना बहुत मुश्किल है। लेकिन अगर आप मानव तस्करी के मूल और गंतव्य देशों के पत्रकारों के साथ सहयोग कर सकते हैं, तो पूरा काम बहुत आसान हो जाता है।

सामाजिक मानदंडों की पुनः: जांच करें: कभी-कभी एक सामान्य प्रथा वास्तव में आधुनिक दास प्रथा की दासता हो सकती है। वास्तव में यह आधुनिक गुलामी की श्रेणी में आ सकता है। उदाहरण के लिए, मध्य पूर्व का कफला या प्रायोजन प्रणाली अक्सर एशियाई श्रमिकों के लिए ऋण दासता में बदल जाती है, जिन्हें कुछ अस्थायी काम के लिए वहां भेजा गया हो सकता है। हैती में, रेस्टवेक बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा घरेलू नौकर के रूप में काम करने के लिए भेजा जाता है, यह बाल उत्पीड़न का एक रूप है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, पत्रकारों ने हवाई मछली पकड़ने वाली नौकाओं के लिए एक प्रकार की वीज़ा प्रणाली की पहचान की जो विदेशी श्रमिकों को अमेरिकी श्रम कानून के संरक्षण के बिना वहां काम करने की अनुमति देती है।

सतर्क रहें

खोजी पत्रकारों का काम बेजुबानों को आवाज देना और सत्ता को जवाबदेह ठहराना है। इन दो कार्यों का उपयोग मानव तस्करी की जांच में किया जाता है। वास्तव में, रिपोर्टिंग में ऐसे बहुत कम स्थान हैं जहां इतनी जल्दी परिवर्तन संभव है। यह किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को बदल सकता है और व्यावसायिक प्रथाओं में दीर्घकालीन परिवर्तन ला सकता है।

इसलिए सावधान रहें, लगातार काम करें और पीड़ितों की सुरक्षा का हमेशा ध्यान रखें। 2016 में, एपी में मेरे सहयोगियों ने वापस जाकर उन लोगों का फिर से साक्षात्कार किया जो हमारी रिपोर्टिंग के परिणामस्वरूप कैद से रिहा हुए थे। पत्रकारों ने पाया कि रिहा हुए लोगों में से कुछ बहुत तनाव से गुजरे हैं। रात में बुरे सपने आए। कुछ अपने गुलामी के जीवन पर शर्मिंदा हैं। दूसरी ओर, कई लोगों ने अच्छी नौकरी पाई है, अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया है और जीविकोपार्जन कर रहे हैं, यहां तक कि कई अपने तस्कर को जेल तक ले गए। असोसिएटेड प्रेस (एपी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई लोग कहते हैं कि समय के साथ उनका दर्द कम होने लगा और वे इस स्वतंत्रता के लिए आभारी हैं। वे घर लौटने और स्वतंत्र लोगों के रूप में रहने में सक्षम होने के लिए खुश हैं। उनमें से कोई भी अब गुलाम नहीं है।

 

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मार्था मेंडोजा एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्टर और पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार हैं। मेंडोजा को मानव तस्करी पर उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया है। वह वर्तमान में कैलिफोर्निया में सिलिकॉन वैली से ब्रेकिंग न्यूज और खोजी रिपोर्ट लिखती हैं। वे  2015 में दक्षिण पूर्व एशिया में मछली पकड़ने के कारोबार में जबरन श्रम का पर्दाफाश करने वाली एक टीम का हिस्सा थीं, इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद दो हजार गुलामों को रिहा कराया गया था।

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