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जीआईजेएन

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Student journalist, talking notes

खोजी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए सुझाव और संसाधन

सच तो यह है कि कोई रातोंरात खोजी पत्रकार नहीं बन सकता। पारंपरिक पत्रकारिता के तरीके आज भी वॉचडॉग रिपोर्टिंग की आधारशिला हैं। लेकिन अब कई नए उपकरण हैं। नवीन तकनीक आ चुकी हैं। पत्रकार अपने तरकश में इन्हें शामिल करके खोजी रिपोर्टिंग में इनकी मदद ले सकते हैं। यदि आवश्यक प्रशिक्षण मिल जाए, तो एक खोजी पत्रकार बनना किसी के लिए पहुंच से बाहर की चीज नहीं है।

embracing failure open source reporting

क्रियाविधि

ओपन सोर्स रिपोर्टिंग में अपनी गलतियों से सीखें

ओपन सोर्स क्षेत्र में काम करने का मतलब डेटा के अंतहीन समुद्र में गोते लगाना है। आप सामग्री के समुद्र में नेविगेट करना, हर चीज़ को सत्यापित करना और गुत्थियों को एक साथ जोड़कर हल करना सीखते हैं। हालांकि, ऐसे भी दिन आएंगे जब आप असफल होंगे।

इमेज: मैसूर में एक मतदाता सहायता केंद्र पर जानकारी लेते हुए भारतीय नागरिक, अप्रैल 2024, इमेज - शटरस्टॉक

भारतीय चुनावों में फ़ैक्ट चेकिंग के सबक

लोकतंत्र के मूल्यों को बनाए रखने के लिए तथ्यों के आधार पर मतदाताओं को निर्णय लेने का अवसर मिलना आवश्यक है। इसके लिए ‘शक्ति‘ – इंडिया इलेक्शन फैक्ट चेकिंग कलेक्टिव का निर्माण किया गया। इस प्रोजेक्ट में गूगल न्यूज इनीशिएटिव की मदद मिली। इस पहल का नेतृत्व डेटालीड्स ने किया। इसके साझेदारों में मिस-इनफॉर्मेशन कॉम्बैट एलायंस (एमसीए), बूम, द क्विंट, विश्वास न्यूज, फैक्टली, न्यूजचेकर तथा अन्य प्रमुख फैक्ट चेकिंग (तथ्य-जांच) संगठन शामिल थे। इंडिया टुडे और प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) जैसे मीडिया संस्थानों ने भी इसमें भागीदारी निभाई।

जीआईजेएन ने पत्रकार सुरक्षा टूल JSAT हिन्दी भाषा में लॉंच किया

सत्र गुरुवार, 26 जनवरी को शाम 6.30pm (IST) होगा। प्रशिक्षक मैट हैनसेन (फ्रीलांस लेखक और संपादक), रूना सैंडविक (स्वतंत्र सुरक्षा शोधकर्ता), पूनम अग्रवाल (स्वतंत्र पत्रकार, भारत), उमेर चीमा (द न्यूज, पाकिस्तान) होंगे। प्रतिभागियों (केवल पत्रकारों!) को इस लिंक का उपयोग करके अग्रिम रूप से पंजीकरण करना होगा। सत्र में आप अपनी सुरक्षा से जुड़े प्रश्न करने के लिए स्वतंत्र हैं।  

क्रियाविधि रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

पुरानी तस्वीरों की इंटरनेट पर जांच कैसे करें

समय के साथ तस्वीरों का आकार बदलता रहता है। तस्वीर बनाने की रासायनिक प्रक्रिया में भी बदलाव आता है। इसके आधार पर ‘ग्राफिक्स एटलस’ जैसी वेबसाइट किसी फोटो की एक समय अवधि बताने में मदद कर सकती हैं।

मानव तस्करी रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

मानव तस्करी की रिपोर्टिंग के दौरान कैसे रहें सुरक्षित

अपने देश में मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग में एक अतिरिक्त जोखिम मौजूद है। आपकी खबर प्रकाशित होने के बाद एक विदेशी पत्रकार की तरह आपके पास देश छोडकर जा़ने का विकल्प नहीं है। इसलिए एनी केली ने सुझाव दिया कि आपके ऊपर ऐसे लोग हों, जो आपका समर्थन करें। आपकी खबरों को उच्चस्तरीय समर्थन मिलना महत्वपूर्ण है। ऐसी मदद पाने के लिए किसी बड़े या अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ साझेदारी करना लाभदायक होगा।

डेटा पत्रकारिता

डेटा जर्नलिज़्म: पत्रकारों के लिए ‘मानक विचलन’ से सबंधित 4 जरूरी बातें

डेटा के मानकीकरण की प्रक्रिया में प्रत्येक संख्यात्मक डेटा बिंदु को डेटासेट के ‘मानक विचलन’ से विभाजित किया जाता है। ऐसा करने से माप की इकाइयों में परिवर्तन होता है। सामान्य इकाइयों जैसे औंस, इंच, पाउंड या किलोग्राम का उपयोग करके निष्कर्ष बताने के बजाय इन्हें ‘मानक विचलन’ के रूप में रिपोर्ट करना चाहिए।

केस स्टडी रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

9 गलतियां जो खोजी पत्रकार अक्सर करते हैं

मैंने एक ऐसे व्यक्ति के साथ जवाबदेही साक्षात्कार में जल्दबाजी करने की गलती कर दी। मुझे संदेह था कि उस मामले में उस व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध है, यानी वह एक बुरा अभिनेता था। वह मेरे लिए एक मुश्किल स्रोत था। मैंने अपनी जांच के प्रारंभ में ही उससे साक्षात्कार कर लिया। मुझे यह उम्मीद थी कि बाद में अधिक कठिन प्रश्नों के साथ दूसरा साक्षात्कार कर लूंगी। लेकिन मैंने गलत समझा था।

समाचार और विश्लेषण सुरक्षा और बचाव

आपके पसंदीदा ट्रांसक्रिप्शन टूल कितने सुरक्षित हैं?

यदि आप संवेदनशील सामग्री के साथ काम कर रहे हैं, तो आपकी रिकॉर्डिंग किसी को जोखिम में डाल सकती हैं। उनके सार्वजनिक होने या अधिकारियों तक पहुंचने पर आपके स्रोत तथा अन्य लोगों को खतरा है। इसलिए, हमारा सुझाव है कि उस डेटा तक किसकी पहुंच हो, इस पर आपको नियंत्रण रखना होगा। यदि आप किसी संपादक के साथ या किसी एसाइनमेंट के तहत काम कर रहे हैं, और आपकी रिकॉर्डिंग विशेष रूप से संवेदनशील है, तो रिकॉर्डिंग की सुरक्षा के कारण हस्तलिखित ट्रांसक्रिप्शन पर जोर दें। इसके लिए अपने संपादक से सहायता मांगें।

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

कोविड-19 पर रिपोर्टिंग के कुछ विशेष टिप्स

“हम सिर्फ कोरोना महामारी से नहीं लड़ रहे हैं बल्कि हम ‘इन्फोडेमिक‘ यानी झूठ की महामारी से भी लड़ना पड़ रहा है।“ 15 फरवरी को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने कहा। उन्होंने कहा कि गलत सूचनाओं के इस युग में ऑनलाइन झूठ और साजिश के सिद्धांत से बचना होगा। पत्रकारों को ऐसी गलत सूचनाओं को खारिज करने में मदद करनी चाहिए।