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investigative Journalism

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एशिया में खोजी पत्रकारिता : बढ़ती चुनौतियों के बीच प्रतिरोध, सहयोग और बदलाव

भारत में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने ऐसी खबरों के लिए वैकल्पिक माध्यम तैयार किए हैं, जो वाकई जनता के लिए मायने रखती हैं। जीआईजेएन की सदस्य संस्था ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ ने अपनी खोजी रिपोर्टिंग के लिए ख्याति प्राप्त की है। इसने चुनावी बॉन्ड के जरिए भ्रष्टाचार, सरकारी योजनाओं में अनियमितताओं और कॉर्पोरेट व राजनेताओं के बीच सांठगांठ जैसे मुद्दे उजागर किए हैं। ‘द स्क्रॉल’ और ‘द वायर’ ने निगरानी, पर्यावरण उल्लंघनों और राज्य सत्ता के दुरुपयोग जैसे मुद्दों की पड़ताल की है। ‘द कारवां’ पत्रिका ने सांप्रदायिक हिंसा, न्यायपालिका और राजनीतिक भ्रष्टाचार पर गहन लेख प्रस्तुत किए हैं। ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ ने मीडिया की भूमिका पर ही ध्यान केंद्रित किया है और मीडिया स्वामित्व के पैटर्न, दुष्प्रचार और संपादकीय स्वतंत्रता में गिरावट की जांच की है।

टिपशीट केस स्टडी वहनीयता

अपना ख़ुद का न्यूज़ स्टार्टअप स्थापित करने के लिए दस टिप्स

मीडिया संगठनों में प्रबंधन संबंधी कार्यों के लिए किसी प्रोफेशनल प्रशासक के बजाय खबरों का जुनून रखने वाले पत्रकारों को रखा जाता है। जबकि एक पेशेवर प्रशासक (एडमिनिस्ट्रेटर) नियुक्त करना पहला कदम होना चाहिए।

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

फर्जी ट्वीट स्क्रीनशॉट की जांच कैसे करें?

कोई स्क्रीनशॉट असली है या नहीं, यह जांचने का एक आसान तरीका है। उस ट्वीटर एकांउट में यह देखना कि उस टाइमलाइन पर वह ट्वीट दिख रहा है या नहीं। स्क्रीनशॉट में तारीख हो तो उसके आधार पर देख सकते हैं। यदि तारीख पुरानी हो और वहां तक पहुंचने के लिए काफी स्क्रॉल करना पड़े, तो ट्विटर के एडवांस सर्च का उपयोग करें। देखें कि उस ट्वीटर खाते से वह ट्वीट किया गया है, या नहीं।

क्रियाविधि रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

शैक्षणिक शोध का उपयोग कैसे करें खोजी पत्रकार?

सरकारी एजेंसियां और अन्य संगठन अक्सर अपने निर्णयों को निर्देशित करने में सहायता के लिए किसी अकादमिक शोध पर भरोसा करते हैं। लेकिन संभव है कि उस शोध के निष्कर्षों को गलत समझा गया हो अथवा गलत तरीके से लागू किया गया हो। इसलिए पत्रकारों को यह समझना जरूरी है कि उस एजेंसी ने जिस शोध को आधार बनाया है, उसके निष्कर्ष के अनुरूप ही उस एजेंसी की भी समझ है अथवा नहीं।

संसाधन

किसी प्राकृतिक आपदा के बाद पत्रकारों को ये दस सवाल ज़रूर पूछना चाहिए

पता चला कि कुछ खबरों में अश्वेत लोगों को ‘अराजक‘ के तौर पर वर्णित किया गया। दूसरी ओर, श्वेत लोगों को ‘जरूरतमंद‘ के रूप में दिखाया गया था। एक दुकान से भोजन ले जाते हुए एक अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति को ‘लुटेरा‘ बताया गया। जबकि ऐसा करने वाले एक श्वेत व्यक्ति को ‘भोजन ढूंढ़ने वाला‘ बताया गया। पत्रकारों को ऐसे मामलों में घिसी-पिटी रूढ़िवादिता से बचते हुए प्रत्येक प्रभावित समुदाय के सामने मौजूद स्थितियों के संदर्भ में लूटपाट की घटनाओं पर संतुलित रिपोर्टिंग करनी चाहिए।

डेविड कपलान ग्लोबल कांफ्रेंस के बाद जीआईजेएन के कार्यकारी निदेशक पद से विदा लेंगे

जीआईजेएन के निदेशक मंडल के अध्यक्ष ब्रैंट ह्यूस्टन ने कहा, “डेव ने जीआईजेएन को दुनिया भर में खोजी पत्रकारों के प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के लिए प्रमुख संगठन के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” “उनके अथक प्रयासों के माध्यम से, हमने 90 देशों में 244 मीडिया से संबंधित गैर-लाभकारी संस्थाओं का एक संघ बनाया है जो न केवल विचारों, संसाधनों, कहानियों को साझा करते हैं बल्कि प्रणालीगत भ्रष्टाचार को उजागर करने तथा  दुनिया को और बेहतर बनाने का जुनून रखते हैं।”

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रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

पत्रकारों का काम प्रभावी और आसान बनाने वाले पांच ऑनलाइन सर्च उपकरण

मुझे लगता है कि रियली सिंपल सिंडिकेशन (आरएसएस) तकनीक के महत्व को इंटरनेट पर सबसे कम समझा गया है। मैं प्रतिदिन आरएसएस फीड्स का उपयोग करती हूँ और मैं उनके बिना ‘रिसर्च-बज‘ का प्रोडक्शन नहीं कर सकती। बिंग, गूगल न्यूज, रेडिफ और वर्डप्रेस सहित लगभग एक दर्जन संसाधनों के लिए केबरफेग के जरिए कीवर्ड-आधारित आरएसएस फीड उत्पन्न किया जा सकता है।

क्रियाविधि रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

पुरानी तस्वीरों की इंटरनेट पर जांच कैसे करें

समय के साथ तस्वीरों का आकार बदलता रहता है। तस्वीर बनाने की रासायनिक प्रक्रिया में भी बदलाव आता है। इसके आधार पर ‘ग्राफिक्स एटलस’ जैसी वेबसाइट किसी फोटो की एक समय अवधि बताने में मदद कर सकती हैं।

जीआईजेएन का अगला वैश्विक सम्मेलन सितम्बर 2023 में स्वीडन के गोथेनबर्ग शहर में होगा

पिछले वर्षों की तरह, जीआईजेसी 2023 ग्लोबल साउथ और अन्य क्षेत्रों के पत्रकारों को सम्मेलन में लाने के लिए एक मजबूत फेलोशिप कार्यक्रम पेश करेगा। जो दाता और सह-प्रायोजक इस उच्च प्रभाव वाले आयोजन में सहयोग करना चाहते हैं, वे आयोजकों से hello@gijn.org पर संपर्क कर सकते हैं।

मानव तस्करी रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

मानव तस्करी की रिपोर्टिंग के दौरान कैसे रहें सुरक्षित

अपने देश में मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग में एक अतिरिक्त जोखिम मौजूद है। आपकी खबर प्रकाशित होने के बाद एक विदेशी पत्रकार की तरह आपके पास देश छोडकर जा़ने का विकल्प नहीं है। इसलिए एनी केली ने सुझाव दिया कि आपके ऊपर ऐसे लोग हों, जो आपका समर्थन करें। आपकी खबरों को उच्चस्तरीय समर्थन मिलना महत्वपूर्ण है। ऐसी मदद पाने के लिए किसी बड़े या अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ साझेदारी करना लाभदायक होगा।