Photo: Pixabay

आलेख

विषय

रोचक इंट्रो लिखने के सात तरीके।

इस लेख को पढ़ें

Photo: Pixabay

किसी भी प्रकार के लेखन का शुरुआती हिस्सा काफी महत्वपूर्ण होता है। खासकर, समाचारों के मामले में तो रोचक इंट्रो लिखना काफी मायने रखता है। संवाददाताओं के लिए एक सामान्य सुझाव यह है कि अपनी न्यूज स्टोरी की शुरूआत किसी ‘नई‘ चीज से करें। यह भी सुनिश्चित करें कि उसमें एक ‘क्रिया‘ हो।

जैसे- फलां व्यक्ति ने ऐसा कहा है। एक रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है। अधिकारी किसी की तलाश कर रहे हैं, कोई चेतावनी दे रहे हैं, या कुछ करने की योजना बना रहे हैं, इत्यादि।

सामान्य समाचार लेखन के लिए उपरोक्त सुझाव सही है। लेकिन विशेष रिपोर्ट और फीचर लेखन की शुरूआत काफी आकर्षक होना जरूरी है। अगर रिपोर्ट की शुरूआत में ही हमने कुछ बता दिया, तो संभवतः पाठक उस स्टोरी को पूरी पढ़ने में रूचि नहीं लेंगे। ऐसे में कोई पाठक उसे बीच में ही पढ़ना छोड़ सकता है। जबकि रोचक इंट्रो से पाठक अंत तक पढ़ने को प्रेरित होते हैं।

लिहाजा, पाठकों की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए कई तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इसमें पाठक को यह भरोसा होता है यह स्टोरी अंत तक पढ़े जाने के लायक है।

इसलिए, आकर्षक तरीके से स्टोरी की शुरूआत के लिए आप कुछ दिलचस्प प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए यहां सात तरीकों की जानकारी दी गई है। यह लंबी स्टोरीज की रिपोर्टिंग और फीचर लेखन में काफी उपयोगी है। इसके लिए ध्यान में रखने योग्य बातों के साथ कई उदाहरण भी दिए गए हैं। आइए, देखें कौन से सात तरीके हैं, जिनके जरिए आप रोचक इंट्रो लिख सकते हैं:

1. किसी एक ‘व्यक्ति’ से शुरू करें

डेविड क्लैप्सन की ‘केस स्टडी‘ पर आधारित स्टोरी

फीचर या स्पेशल स्टोरी की एक सामान्य तकनीक यह है कि आप किसी एक व्यक्ति से स्टोरी की शुरूआत करें। आम तौर पर वह व्यक्ति आपकी स्टोरी के किसी बड़े मुद्दे या विषय का प्रवेश बिंदु होता है। कुछ पैराग्राफ के बाद आप बताते हैं कि उस व्यक्ति के बारे में आप इतनी बात क्यों कर रहे हैं। यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

The Guardian / Amelia Gentleman

‘No One Should Die Penniless and Alone’: The Victims of Britain’s Harsh Welfare Sanctions

“जब डेविड क्लैप्सन की मृत्यु हुई, उससे पहले वह रोजगार की तलाश में लगातार भटक रहे थे। यह बात इससे प्रमाणित होती है कि उनके शव के पास उनके बायोडाटा की ढेर सारी प्रतियां पाई गई। इन्हें डेविड ने हाल ही में प्रिंट किया था। मौत से कुछ दिनों पहले आखिरी बार जब उसने अपनी बहन से बात की थी, तो बताया था कि उसने एक सुपर मार्केट चेन में काम के लिए आवेदन दिया है और जवाब सुनने का इंतजार कर रहा है।“

इस स्टोरी के चौथे पैराग्राफ में महत्वपूर्ण बिंदु का खुलासा इस प्रकार किया गया- “सरकार की प्रतिबंध प्रणाली में सुधार के लिए अभियान चलाने वाले कई सामाजिक समूहों ने डेविड क्लैपसन की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच की।”

Shorthand Social / Jonny Jacobsen

The Big Issue: A Hand Up from the Streets

इस फीचर की शुरूआत नोएल कलिनेन नामक एक पूर्व सैनिक की आपबीती से हुई। लेकिन यह स्टोरी ‘द बिग इश्यू‘ नामक एक मैगजीन पर केंद्रित थी, जो फुटपाथ पर रहने वाले बेघर लोगों के मुद्दे उठाती थी। इस फीचर के आठवें पैराग्राफ में बताया गया कि नोएल कलिनेन जैसे असंख्य लोगों के लिए ‘द बिग इश्यू‘ मैगजीन एक जीवन रेखा है।

IQ4News / Yemisi Akinbobola, Paul Bradshaw, and Ogechi Ekeanyawu

Follow the Money

“यह जनवरी 2014 की बात है। लगभग 30 किशोरों के इस समूह में इबुका ओगबुही और जोएल इजेह नामक दो किशोर भी उन शामिल हैं। इन सबको दक्षिण-पूर्व नाइजीरिया के कैलाबार बंदरगाह पर एक नाव में सवार होकर कैमरून जाना है। उनके साथ दो फुटबॉल कोच, एक नर्स, एक ड्राई क्लीनर और एक फुटबॉल एजेंट भी है।“

इस तरह यह स्टोरी लागोस निवासी दो किशोरों की बात सके शुरू होती है। बाद में पता चलता है कि यह स्टोरी ‘प्लेयर ट्रेफिकिंग‘ पर केंद्रित है, यानी खिलाड़ियों की तस्करी।

स्टोरी बताती है:  “पेरिस की संस्था चैरिटी फुट सॉलिडेयर द्वारा 2013 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 15,000 किशोरों को हर साल पश्चिम अफ्रीका से यूरोप तथा अन्य देशों की ओर भेजा जाता है।”

इस तरह, दो किशोरों के अनुभवों की कहानी बताकर लेखक ने पाठकों को व्यापक दुनिया का संदर्भ दिए बगैर अंत तक पूरी स्टोरी पढ़ने को प्रेरित किया। इसमें पाठक उन किशोरों और एजेंट के भाग्य का पता लगाने की प्रतीक्षा करते हैं तो अधिक तथ्यात्मक पृष्ठभूमि के बारे में पढ़ना चाहते हैं।

Financial Times / James Kynge, Leila Haddou, and Michael Peel

How China Bought Its Way into Cambodia

“कंबोडिया में चाइनीज व्यवसायियों में ‘बिग ब्रदर फू‘ एक जाना-पहचाना नाम है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का यह पूर्व अधिकारी अपनी डीलडौल बनावट और भारी आवाज के कारण अपने उपनाम को सही ठहराते है। लेकिन उनके राजनीतिक संबंध काफी बड़े लोगों तक हैं। इसलिए वह दक्षिण पूर्व एशिया के इस छोटे लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राष्ट्र कंबोडिया विदेशी निवेशकों के पसंदीदा हैं।”

इस तरह, यह स्टोरी एक व्यक्ति की बात से शुरू होती है, लेकिन यह कंबोडिया में चीन के व्यापार पर केंद्रित है। रोचक शैली में एक व्यक्ति की बात से प्रारंभ करने के कारण पाठकों में उत्सुकता पैदा होती है और अंत तक पढ़ने की इच्छा बनी रहती है।

2. किसी ‘एक्शन‘ से शुरू करें

कोई कहानी अगर किसी व्यक्ति के ‘एक्शन‘ से शुरू हो, तो काफी रोचक होती है। यह ‘एक्शन‘ किसी से बात करना हो, या किसी चीज को याद करना, या खाना बनाना, या अपने रोजगार संबंधी कोई काम करना। जैसे- कार चलाना, या टीवी की मरम्मत करना। एक अच्छा उदाहरण देखें:  The Lawyer Who Takes the Cases No One Wants “हरेक महीने दो-तीन बार टॉम जाइल्स अपनी पत्नी और बच्चों को घर पर अलविदा कहकर अपनी कार में सवार होते हैं और कैंपफील्ड हाउस इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर के लिए ड्राइव करते हैं।“

इस स्टोरी में एडवोकेट टॉम जाइल्स द्वारा अपनी कार ड्राइविंग करके जाने से शुरूआत की गई है। लेकिन यह स्टोरी ‘डिटेंशन सेंटर‘ में बंद ऐसे पीड़ित लोगों पर केंद्रित है, जिनका केस आम तौर पर कोई वकील लेना नहीं चाहता।

3. किसी ‘जगह‘ से शुरू करें

बीबीसी की इस स्टोरी में ‘जगह‘ की प्रमुख भूमिका है।

BBC / Rustam Qobil

Waiting for the Sea

“खोजाबे एक मछुआरा है जो रेगिस्तान में रहता है। उसके गाँव के अधिकांश लोगों की जीविका का साधन मछली पकड़ना था, लेकिन 1970 के दशक में समुद्र सूखने लगा और मछलियाँ मर गईं। विगत चार दशकों में 40 मीटर गहरे स्थानों में लगभग 60 हजार वर्ग किमी पानी हवा में वाष्पित हो गया है। मध्य एशिया का अराल सागर जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा जलभंडार हुआ करता था, वहां अब बमुश्किल 10 फीसदी पानी बचा है।”

ध्यान से देखें तो इस तरह के प्रयोग काफी सफल होते हैं। स्टोरी की ऐसी सेटिंग में वह ‘जगह‘ जिन परिवर्तनों से गुजर रही है, यह बताया गया है।

Wait But Why / Tim Urban

From Muhammad to ISIS: Iraq’s Full Story

“शनिवार, 2 अगस्त की सुबह मैं कुर्द इराक की क्षेत्रीय राजधानी एरबिल में एक टैक्सी में चढ़ा और ड्राइवर से खजीर शरणार्थी शिविर चलने को कहा। यह एक डरावनी बात थी। दरअसल यह शिविर स्वायत्त कुर्द क्षेत्र की सीमाओं से बाहर के असुरक्षित इलाके में स्थित था।“

इस स्टोरी के प्रारंभ में ही सेटिंग ऐसी है, जो हमें याद रहे। इसमें एक भय और जोखिम की झलक मिलती है। पाठक में यह उत्सुकता पैदा होती है कि एक असुरक्षित इलाके में जाकर क्या वह पत्रकार सुरक्षित रहेगा?

100 Reporters / Khadija Sharife

Trade Secrets: Coca-Cola’s Hidden Formula for Avoiding Taxes

“होटल का दरवाजा एक विभाजन रेखा के समान था। होटल के अंदर अच्छी पोशाक पहने, धीमी आवाज में बात करने वाले पहली दुनिया के लोग थे। जबकि होटल के बाहर गर्म फुटपाथों पर मूंगफली और धूप का चश्मा बेचने वाले लोग दिख रहे थे। मैं 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध में अपने पिता के कंधों पर बैठकर लुसाका का यह देख रहा था। उन दिनों जाम्बिया के सार्वजनिक बजट में भारी कमी हो गई थी। यह भूख की चपेट में तनावग्रस्त देश था। मेरे पिता एक गल्फ डवलपमेंट बैंक के बोर्ड में थे, जो ऐसे अफ्रीकी देशों में गरीबी कम करने में मदद कर रहा था। लुसाका होटल के अंदर और बाहर का दृश्य काफी प्रतीकात्मक था। यह पैसे, जाति और सामाजिक वर्ग का संकेत दे रहा था। लेकिन अंदर और बाहर एक बात समान थी- कोका-कोला, जिसे चाहे ठेले पर बेचा जा रहा हो, या शानदार रेस्तरां में।”

इस स्टोरी की शुरूआत में ‘होटल का दरवाजा एक विभाजन रेखा के समान था‘ – यह वाक्य एक सेटिंग और एक समस्या दोनों का परिचय देता है। किसके बीच विभाजन रेखा?

यह दृष्टिकोण एक रूपक के रूप में एक सेटिंग का भी अच्छा उदाहरण है। ऐसा प्रयोग अक्सर तब किया जाता है, जब सामाजिक विभाजन को उजागर करना हो। इसमें सिस्टम की जटिलता प्रतिबिंबित होती है।

4. किसी ‘विवरण‘ से शुरू करें

यदि आपकी स्टोरी में कोई दिलचस्प विवरण हो, तो यह अच्छी शुरूआत हो सकती है। यहां एक उदाहरण देखें: The Children, the Hidden Homeless and the Women Who Have Suffered Domestic Violence – These Are the Stories from inside a Manchester Foodbank in 2018:

”मैनचेस्टर सेंट्रल फूडबैंक के स्टोर रूम की अलमारियों पर छोटे जूतों की एक जोड़ी और नवजात शिशु की एक लंगोट रखी हुई है। यहां हर प्रकार के घरेलू सामान काफी सुव्यवस्थित हैं और इनका अच्छा स्टॉक है।”

बच्चों के जूतों और लंगोट के उदाहरण के जरिए लेखक ने एक ‘विवरण‘ देकर यह समझना आसान कर दिया कि उस स्टोर में किस तरह की चीजें उपलब्ध हैं।

लेकिन यह कोई डिपार्टमेंटल स्टोर नहीं बल्कि जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए बनाया गया चैरिटी केंद्र है। इसमें फुटपाथ पर रहने वालों तथा भूख या बीमारी से पीड़ित लोगों की सहायता की जाती है। इस स्टोरी में एक जरूरतमंद बच्चे तथा घरेलू हिंसा की शिकार महिला की आपबीती भी सुनाई गई है।

किसी ‘विवरण‘ के ऐसे रूपक में किसी एक वस्तु के माध्यम से संपूर्ण का प्रतिनिधित्व कराया जाता है। यह रोचक लेखनशैली का अच्छा उदाहरण है। यदि आप इस तरह से शुरू करते हैं, तो पाठक को यह भरोसा होता है कि स्टोरी में आगे चलकर इस विवरण का अर्थ स्पष्ट किया जाएगा। उदाहरण के लिए, ऊपर की स्टोरी में अगली पंक्ति है: ‘यह न केवल मैनचेस्टर के लोगों की उदारता का प्रमाण है, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि यहां आपातकालीन सहायता की मांग बढ़ी है।‘

यह पढ़कर पाठक की जिज्ञासा शीघ्र ही तृप्त हो जाती है। लेकिन इसे बहुत लंबा खींचेंगे, तो पाठक निराश हो सकते हैं। उन्हें यह संदेह भी हो सकता है कि उस विवरण पर ध्यान केंद्रित करने में आपका कोई अन्य मतलब था।

Satirized in the newsroom sitcom Drop The Dead Donkey: यह भी इसका एक उदाहरण है। यह युद्ध रिपोर्टिंग पर ‘चाइल्ड्स टेडी बियर‘ के रूप में चर्चित व्यंग्य है।

5. किसी ‘प्रश्न‘ से शुरू करें

इस स्टोरी में ‘प्रश्न‘ के कारण पाठकों में उत्तर जानने की दिलचस्पी बनी रहती है।

इस स्टोरी में ‘प्रश्न‘ के कारण पाठकों में उत्तर जानने की दिलचस्पी बनी रहती है।

हर स्टोरी से पाठक के मन में एक प्रश्न उठाता है। किसी व्यक्ति, या स्थान, या एक्शन से शुरू होने वाली स्टोरी से पाठक के मन में यह प्रश्न उठता है कि यह व्यक्ति, स्थान या एक्शन महत्वपूर्ण क्यों है? लेकिन कई बार आप अपनी स्टोरी की शुरूआत ही किसी एक स्पष्ट ‘प्रश्न‘ से करते हैं। इसका एक उदाहरण डेविड कोक्स इस स्टोरी में देखें: After the Ice Bucket Challenge: They Raised $115m for the Fight against ALS. so How Did They Spend It?

“जिस बीमारी के बारे में ठीक से जानकारी भी नहीं मिल पाई थी, उससे लड़ने के लिए फंड जुटाने की अपील की गई, तो लोगों ने खुलकर चंदा दिया। इसके बाद आगे क्या हुआ? रोगियों के लिए इसका क्या अर्थ है।”

इस तरह की स्टोरी में एक समस्या को सामने लाकर एक रहस्य पैदा किया जाता है, जिसका जवाब तलाशने के लिए पाठक अंत तक उसे पढ़ना चाहेंगे। इस स्टोरी का पहला पैराग्राफ बेहद अच्छे ढंग से एक समस्या से शुरू करके पाठकों को विस्तार से जानकारी की ओर ले जाता है।

इसके बाद स्टोरी में आगे का विवरण दिया गया है। इसमें बताया गया कि जब वाशिंगटन स्थित एएलएस एसोसिएशन (एएलएसए) मुख्यालय में इस अभियान के संबंध में फोन आया था, तब क्या हुआ। एएलएसए के मुख्य संचार अधिकारी मंक कहते हैं- ”यह अगस्त का पहला सप्ताह था। मैं एक ऑफ-साइट मीटिंग में था। उसी वक्त मुझे एक फोन काॅल आया, जो हमारे मैसाचुसेट्स केंद्र के कार्यकारी अधिकारी का था। उन्होंने कहा कि आप सबको यह जानना जरूरी है कि कुछ बड़ा हो रहा है। इसके बाद हमने तत्काल अपने चंदा संग्रह के आंकड़ों की जांच की। पता चला कि पिछले साल की तुलना में लगभग 50,000 डॉलर की वृद्धि हुई है।”

6. किसी ‘समस्या‘ से शुरू करें

‘प्रोपब्लिका‘ के क्रूज कंट्रोल ने क्रूज जहाज की इस सांकेतिक फोटो के जरिए उपयोगकर्ताओं को कई ‘समस्याओं‘ पर विचार के लिए प्रेरित किया

अपनी स्टोरी की शुरूआत किसी ‘प्रश्न‘ से करने की तरह एक और तरीका किसी ‘समस्या‘ से शुरू करना है। इसका एक उदाहरण यहां दिया गया है।

ProPublica / Lena Groeger

Cruise Control

”हरेक साल 22 मिलियन से अधिक यात्रियों के लिए ‘क्रूज‘ की सवारी काफी मस्ती और विलासिता भरी आनंददायक यात्रा होती है। लेकिन सैकड़ों लोगों के लिए हकीकत कुछ अलग है। पिछले साल 1700 से अधिक यात्री और चालक दल के सदस्य नोरोवायरस जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों से बीमार पड़ गए थे। 2012 के बाद से अब तक क्रूज शिप पूल में सात बच्चे डूब गए। इस साल एक कॉलेज का छात्र पानी में गिर गया और कभी नहीं मिला। पिछले दो वर्षों में लगभग दो दर्जन घटनाओं में से क्रूज यात्री या चालक दल का कोई सदस्य पानी में गिर गया।”

इस स्टोरी की शुरूआत और ट्विस्ट पर ध्यान दें। पहली पंक्ति में काफी ‘सुखद‘ बात कही गई है। जबकि दूसरी ही पंक्ति में उसे उलट दिया गया है। ‘लेकिन‘ का उपयोग करके एक बड़ी समस्या का विवरण दिया गया है। इसमें ‘लेकिन‘ के साथ तथ्यात्मक और ठोस रूप से बताया गया है कि 1700 लोगों के साथ क्या हुआ।

इस स्टोरी में ‘सात बच्चों‘ और ‘कॉलेज छात्र‘ के साथ घटना की जानकारी भी स्पष्ट तथ्यों पर आधारित है। यह काफी महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि रिपोर्टर ने फील्ड में काम करके वास्तविक आंकड़े जुटाए हैं। यदि 1700 लोगों के बदले ‘बहुत से लोग‘ लिखा गया होता, तो यह अस्पष्ट होता। पाठकों को संदेह होता कि यह महज अनुमान पर आधारित है और तथ्यों की वास्तविक जाँच नहीं की गई है।

इस तरह अपनी स्टोरी की शुरूआत में ही रिपोर्टर ने यह संकेत दिया कि इसके विस्तार में महत्वपूर्व जानकारी मिलने वाली है। इसके कारण पाठकों में उस स्टोरी को अंत तक पढ़ने की जिज्ञासा बनी रहती है।

7. किसी ‘रहस्योद्घाटन‘ के साथ शुरू करें

इस बीबीसी ऑनलाइन रिपोर्ट में प्रारंभ में ही अंतिम परिणाम बता दिया गया है। लेकिन पाठकों में उत्सुकता बनी रहेगी कि आगे का विवरण अधिक दिलचस्प होगा।

समाचारों में आम तौर पर यह यह तरीका ज्यादा उपयोग में लाया जाता है। इसमें शुरू में ही आपकी जांच के सबसे महत्वपूर्ण तथ्य की जानकारी दे दी जाती है। जैसे:

‘एक जांच से पता चला है कि…‘,

‘आंकड़े बताते हैं कि…‘,

‘दस्तावेजों से पता चला है कि….‘

यहां एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत है-

BBC / Samantha Poling

Bankrupts Enjoy ‘Lavish Lifestyles’

”बीबीसी की एक जांच में खुलासा हुआ है कि सरकारी नियमों में कमजोरियों का फायदा उठाकर बेईमान देनदार अपनी संपत्ति का भरपूर आनंद उठा रहे हैं।”

यह स्टोरी दिवालिया कानूनों का लाभ उठाकर बैकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले डिफाॅल्टर्स पर केंद्रित है। एक रहस्योद्घाटन के जरिए पत्रकार ने पाठकों को एक आकर्षक शुरूआत के साथ बांधने का प्रयास किया है। इससे आगे इस स्टोरी में कुछ बेईमान देनदारों से सबंधित बारीकियों में गहराई से जानकारी दी गई है। कई उदाहरण भी दिए गए हैं।

यह दृष्टिकोण समाचार लेखन के ‘उल्टा पिरामिड‘ प्रारूप (इन्वर्टेड पिरामिड) पर आधारित है। इस शैली में सबसे महत्वपूर्ण विवरण सबसे पहले किया जाता है। इसमें पाठक चाहें तो आगे का विवरण पढ़ना छोड़ सकते हैं। उन्हें यह भय नहीं होगा कि कोई महत्वपूर्ण बात छूट गई क्योंकि मूल निष्कर्ष तो सबसे पहले ही दिया जा चुका है।

इस दृष्टिकोण का लाभ यह है कि पाठक को तत्काल सबसे महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएगी। लेकिन इसका नुकसान यह है कि पाठक इसे सतही रूप से पढ़ सकते हैं, या पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ेंगे।

इसके विपरीत, ऊपर वर्णित अन्य सभी दृष्टिकोण या तरीकों में पाठक से ‘धैर्य‘ की उम्मीद की जाती है। उनमें कई बार स्टोरी की अधिक महत्वपूर्ण जानकारी को निचले हिस्सों में लिखा जाता है। इसका लाभ यह है कि पाठक को गहन जुड़ाव के लिए प्रेरित किया जाता है। लेकिन नुकसान यह है कि पाठक किसी भी वक्त उस स्टोरी को आगे पढ़ना बंद कर सकता है। कहानी के मुख्य बिंदु पर पहुंचने में देर होने से निराशा या ऊब की संभावना होती है। ऐसी जटिलताओं और चुनौतियों का सामना करते हुए आकर्षक लेखन कैसे करें, यही तो संपादकीय कला है।

प्रयोग

किसी स्टोरी की शुरुआत के लिए इन सात तरीकों में से किसी एक का प्रयोग करने के लिए आपको यह देखना होगा कि वह स्टोरी किस विषय पर है। यह किसी ‘व्यक्ति‘ के बारे में है, या किसी ‘स्थान‘ के बारे में। क्या कोई ऐसा ‘विवरण‘ है जो काफी महत्वपूर्ण हो? क्या कोई ‘सवाल‘ है, या ‘समस्या‘, या फिर कोई ‘रहस्योद्घाटन‘? स्टोरी की प्रकृति के अनुसार आपको अपनी लेखन शैली का चयन करना होगा।

यह आपको अपने विकल्पों को सही ठहराने में भी मदद करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आप उस स्टोरी की जरूरत के अनुरूप लेखन करें। यदि आपने शुरुआत में किसी ‘व्यक्ति‘ का परिचय दिया, तो आपकी कहानी उसके महत्व को समझाएगी। पाठक यह जानना चाहेगा कि उस ‘व्यक्ति‘ के साथ क्या हुआ। आपको स्टोरी में समुचित तरीके से यह स्पष्ट करना होगा।

यदि आपने विशेष खबरों तथा फीचर का रोचक इंट्रो लिखने की कोई अन्य तकनीक देखी हो, तो कृपया मुझे कमेंट्स में या  Twitter @paulbradshaw पर बताएं।


यह लेख पहली बार पॉल ब्रैडशॉ के Online Journalism Blog पर आया। अनुमति लेकर यहां पुनः प्रस्तुत किया गया है।


पॉल ब्रैडशॉ , बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। वह ‘एमए इन डेटा जर्नलिज्म‘ और ‘एमए इन मल्टीप्लेटफॉर्म एंड मोबाइल जर्नलिज्म‘ कोर्स का संचालन करते हैं। वह ऑनलाइन पत्रकारिता और इंटरनेट पर कई पुस्तकों के लेखक हैं। इनमें Online Journalism Handbook, Finding Stories in Spreadsheets, Data Journalism Heist, और  Scraping for Journalists  पुस्तकें शामिल हैं।

क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के तहत हमारे लेखों को निःशुल्क, ऑनलाइन या प्रिंट माध्यम में पुनः प्रकाशित किया जा सकता है।

आलेख पुनर्प्रकाशित करें


Material from GIJN’s website is generally available for republication under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International license. Images usually are published under a different license, so we advise you to use alternatives or contact us regarding permission. Here are our full terms for republication. You must credit the author, link to the original story, and name GIJN as the first publisher. For any queries or to send us a courtesy republication note, write to hello@gijn.org.

अगला पढ़ें

ChatGPT advanced Google search tool investigations

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

त्वरित खोज में उपयोगी है चैट-जीपीटी

एक बड़े भाषा मॉडल के रूप में चैटजीपीटी किसी विषय पर जवाब देने के लिए वेब पेज इंडेक्सिंग के बजाय प्रशिक्षण डेटा के विशाल भंडार का उपयोग करता है। इसलिए सामान्य प्रश्नों के लिए गूगल जैसे सर्च इंजन अब भी अधिक सटीक, व्यापक और अद्यतन हैं।

Using Social Network Analysis for Investigations YouTube Image GIJC23

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

खोजी पत्रकारिता के लिए उपयोगी है ‘सोशल नेटवर्क एनालिसिस’

सोशल नेटवर्क एनालिसिस। यह कनेक्शन, पैटर्न और अनकही कहानियों की एक आकर्षक दुनिया है। पत्रकारों के टूलकिट में यह एक नई शक्तिशाली सुविधा जुड़ी है। यह हमारी दुनिया को आकार देने वाले रिश्तों के छिपे हुए जाल को उजागर करने में सक्षम बनाती है। यह केवल बिंदुओं को जोड़ने तक सीमित नहीं है। इससे सतह के नीचे मौजूद जटिल कहानियां भी उजागर हो सकती हैं।

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

एआई (AI) और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी खोजी पत्रकारिता के लिए कैसे उपयोगी है

स्वीडन में तेरहवीं ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कांफ्रेंस के एक पैनल में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को समझने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए काम करने पर चर्चा हुई। इस पर तीन विशेषज्ञ पत्रकारों ने सुझाव दिए।

threats democracy journalism tips expose disinformation

रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स

लोकतंत्र पर पांच खतरे और उन्हें उजागर करने के लिए तरीके

फर्जी खबरों की तुलना में सत्य को विकृत करना अधिक प्रभावी है। यह एक जैसी आवाज की प्रतिध्वनि वाले इकोसिस्टम या इको चैंबर बनाने जैसी स्थिति है। इसमें एक ही बात को दोहराने और आगे बढ़ाने के लिए संयोजन या समन्वय में काम करने वाली कई पार्टियां हैं। ये समूह इसे टीवी, इंटरनेट और रेडियो पर प्रसारित करते हैं। लोग एक ही चीज को बार-बार सुनते हैं, तो वह कथा वास्तविक का आधार बन जाती है। इसके कारण साक्ष्य-आधारित रिपोर्टिंग को अब जरूरी नहीं समझा जाता। यह एक बड़ा खतरा है।