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विमानों की गोपनीय उड़ानों पर नजर कैसे रखें: GIJN गाइड

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खोजी पत्रकारों के शस्त्रागार में ‘विमान ट्रैकिंग’ एक बड़ा हथियार है। विमानों पर नजर रखने की नई तकनीकों का सहारा लेकर पत्रकारों ने कई बड़ी खबरें निकाली हैं। जैसे कुछ उदाहरण देखें:

रूस के एक अमीर का जेट विमान मध्य-पूर्व और अफ्रीका की संदिग्ध यात्राएं करते हुए देखा गया। हंगरी के राष्ट्रपति तथा अन्य लोगों के द्वारा निजी विमानों के उपयोग पर गंभीर सवाल उठे। तुर्की सरकार के विमानों के विवादास्पद उपयोग का पर्दाफाश हुआ। सरकारी अधिकारियों की विमान यात्राओं का सच सामने आया। सैन्य अभियानों की जानकारी मिली। कॉर्पोरेट जगत की बड़ी हस्तियों की गतिविधियों का पता चला। विमान दुर्घटनाओं के विश्लेषण तथा अन्य रिपोर्टिंग में मदद मिली। यदि आप सिर्फ कुछ सामान्य तरीके संक्षेप में जानना चाहते हों, तो जीआईजेएन की planespotting tipsheet  प्लेनस्पॉटिंग टिपशीट देखें

हाल के वर्षों में हवाई जहाजों पर नजर रखने वाले पत्रकारों को काफी सफलता मिली है। यही कारण है कि जीआईजेएन ने दुनिया भर में विमानों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए पत्रकारों हेतु उपयोगी यह गाइड तैयार की है। इस रिसोर्स गाइड में मुख्यतया निम्नलिखित जानकारी मिलेगी:

The basics: विमानों की ट्रैकिंग कैसे काम करती है? यह नई तकनीक किस तरह सूचनाओं का लोकतंत्रीकरण कर रही है? इस गाइड में इन विषयों पर बुनियादी जानकारी मिलेगी। What sites will help you track planes:  विमानों को ट्रैक करने में किन वेबसाइटों से आपको मदद मिलेगी? How to identify plane owners:  विमान मालिकों की जानकारी कैसे मिलेगी? Reporting with flight data: उड़ान संबंधी डेटा के साथ रिपोर्टिंग करना, डेटा का विश्लेषण करना और पता लगाना कि विमान में कौन सवार है। Government and military aircraft: सरकारी और सैन्य विमानों के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त करें। Corporate jets: कॉरपोरेट जगत की हस्तियों के जेट विमानों और उनसे जुड़ी अन्य जानकारियां कैसे मिलेगी?

इस गाइड में ऐसी पूरी जानकारी मिलेगी। केवल संक्षेप में जानना हो, तो हमारी एक पेज की टिपशीट देखें: one-page tipsheet।

इसके अलावा, ‘ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट‘ के शोधकर्ता और पत्रकार जेल्टर मीर्स का यह प्रेजेंटेशन भी देखें। इसमें अभ्यास भी दिया गया है। इसे जीआईजेसी-19 में प्रस्तुत किया गया था। साथ ही, ओसीसीआरपी के इमैनुएल फ्रायडेन्थल द्वारा वर्ष 2020 के फ्लाइट डेटा के आधार पर गुप्त विमानों का पता लगाने का यह गाइड भी देखें: Mapping the Secret Skies: Lessons Learned From Flight Data

विमान ट्रैकिंग की बुनियादी बातें

हवाई जहाजों की उड़ान के शुरुआती दिनों से लेकर आज भी शौकिया ‘प्लेन स्पॉटर‘ लोगों की अच्छी-खासी संख्या है। ये लोग दूरबीन और कैमरों के साथ हवाई अड्डों के पास जाकर विमान देखने का आनंद लेते हैं। इस दौरान वे विमानों और उनके पहचान चिह्नों (टेल नंबर) की फोटो लेते हैं। कुछ शौकिया लोग तो विमानों की आवाजाही की तारीख और समय का लॉग-बुक भी बनाते हैं। इन्हें ‘एमेच्योर प्लेन स्पॉटर‘ कहा जाता है।

सभी विमानों में कुछ खास पहचान चिह्न (टेल नंबर) होते हैं। इसमें कुछ अंक और अक्षर होते हैं। पंजीकरण किस देश में हुआ, इसका कोड भी होता है। इसे विमान के पिछले हिस्से में कम-से-कम बारह इंच ऊंचे अक्षरों में लिखा जाता है ताकि आसानी से दिख जाए।

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पंजीकरण की पहचान के शुरुआती अक्षरों में संबंधित देश का कोड होता है। इसके बाद हरेक विमान के लिए कुछ विशिष्ट संख्या और अक्षर आते हैं। सैन्य विमानों के लिए अन्य किस्म का पहचान सिस्टम होता है।

इसके अलावा, हर एक विमान की एक और अनूठी पहचान होती है। इसे HEX code या कुछ मामलों में S-mode कहा जाता है। छह अक्षरों और संख्याओं की यह श्रृंखला International Civil Aviation Organization (ICAO) ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन‘  द्वारा सरकारों को दिए गए 24-बिट पतों पर आधारित होती है।

विमानों की पहचान संख्या आप कहां देख सकते हैं? राष्ट्रीय विमान स्वामित्व रजिस्ट्रेशन में इसे खोजना सबसे अच्छा स्रोत है। साथ ही, कोर्ट के दस्तावेजों तथा ऑनलाइन रिसर्च से भी इसकी जानकारी मिल सकती है। इस गाइड में आगे आपको विमानों के  Ownership ‘स्वामित्व‘ संबंधी विवरण भी मिलेगा।

एक उदाहरण देखें:  N974HR

यह ”N” से शुरू होता है, यानी यह विमान ‘संयुक्त राज्य अमेरिका‘ में पंजीकृत है। अब ‘यूएस एविएशन रजिस्ट्री‘ में सर्च करें। आप पाएंगे कि यह Falcon 2000 ‘फाल्कन 2000 जेट‘ है। इसका स्वामित्व ब्रांचबर्ग (न्यू-जर्सी) की कंपनी Roche Manufacturing Systems ‘रोश मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम्स‘ के पास है।

ADS-B  Exchange – यह विमान उड़ान की ट्रैकिंग सेवा है। इसके डेटाबेस में उक्त विमान का आइडी नंबर डालें, तो उसकी आवाजाही की पूरी जानकारी मिल जाएगी। उदाहरण के लिए, वह जेट  21 मार्च को अटलांटा से न्यू-जर्सी गया था। इसका पूरा उड़ान रिकॉर्ड भी खोजना संभव है।

ट्रैकिंग सिस्टम

जब कोई विमान उड़ता है, तो कई तरह से उसका पता लग सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की नवीनतम प्रणाली से काफी समृद्ध जानकारी मिलती है।

उल्लेखनीय है कि लंबे अरसे से रडार आधारित प्रणाली का उपयोग होता आया है। उस पुरानी प्रणाली पर भी संक्षिप्त चर्चा उपयोगी होगी। ‘प्राथमिक‘ रडार परावर्तित रेडियो संकेतों का उपयोग करके विमान की अनुमानित स्थिति का पता लगाता है।

‘द्वितीयक निगरानी रडार‘ प्रणाली में प्रत्येक विमान से रेडियो सिग्नल प्राप्त होने पर सूचना वापस भेजी जाती है। इसमें विमान की पहचान की जानकारी (आईसीएओ हेक्स कोड) और विमान की ऊंचाई की जानकारी शामिल होती है। लेकिन इसमें विमान के लोकेशन की जानकारी नहीं मिलती है। हालाँकि जब कई स्थानों से प्रसारण प्राप्त हो, तो इससे लोकेशन का अनुमान लगाया जा सकता है। इन सूचनाओं के आधार पर विमान की लोकेशन का अनुमान लगाने के लिए मल्टीलेटरेशन (MLAT) नामक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। यहां एक ग्राफिक में पूरी जानकारी दी गई है।

रडार संबंधी जानकारी राष्ट्रीय सरकारों द्वारा एकत्र की जाती है और कभी-कभी सार्वजनिक की जाती है। सेकेंडरी रडार संकेतों को उत्साही लोग ट्रैक करके उड़ान ट्रैकिंग एजेंसियों को इसकी जानकारी दे सकते हैं।

ADS-B: नई ट्रैकिंग प्रणाली

ADS-B विमानों की एक नई ट्रैकिंग प्रणाली है। इसका पूरा नाम ‘आॅटोमेटिक डिपेंडेंट सर्वेलेंस – ब्राॅडकास्ट‘ है। इसे धीरे-धीरे दुनिया भर में अपनाया जा रहा है। इससे कम लागत में विमानों पर नजर रखने की अच्छी सुविधा मिलती है। इसमें विमान के अंदर मौजूद उपकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। उपग्रह नेविगेशन के माध्यम से यह उपकरण उस विमान की स्थिति निर्धारित करके हर आधे सेकंड में उस जीपीएस जानकारी को प्रसारित करता है। इसके साथ ही विमान की ऊंचाई, गति और दिशा के अलावा पहचान कोड की जानकारी देता है। इसे ‘एडीएस-बी आउट‘ कहा जाता है। इसकी गति, ऊंचाई और स्थान के आधार पर टेक-ऑफ या लैंडिंग का अनुमान लगाया जा सकता है।

ADS-B  प्रणाली की खास बात यह है कि इसके सिग्नल को मात्र 100 डॉलर की लागत वाले उपकरणों के साथ प्राप्त किया जा सकता है। यह रडार सेट-अप से काफी सस्ता है। इसके 1090 मेगाहर्ट्ज की आवृत्ति पर प्रेषित अनएन्क्रिप्टेड सिग्नल को लगभग 200 मील के दायरे में प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे हजारों रिसीवर अब अस्तित्व में हैं। ये मुख्यतः विमानों पर नजर रखने वाले शौकिया उत्साही लोगों द्वारा संचालित होते हैं। ये लोग विभिन्न वाणिज्यिक और गैर-लाभकारी ट्रैकिंग सेवाओं को सिग्नल भेजते हैं। कभी-कभी उन्हें मामूली पारिश्रमिक भी मिल जाता है।

स्थानीय परिस्थितियों में आप अपने उपकरण का उपयोग करके अच्छी जानकारी पा सकते हैं। पत्रकार जॉन कीफ का इस पर अच्छा लेख है। वह जानना चाहते थे कि न्यूयॉर्क शहर के ऊपर हेलीकॉप्टर क्यों उड़ रहे थे। उनका वर्ष 2019 में ‘क्वार्ट्ज‘ में प्रकाशित आलेख पढ़ें: Spotting Circling Copters.

अलग-अलग डेटा को जोड़कर एक व्यापक ट्रैकिंग रिकॉर्ड बनाया जा सकता है।

ट्रैकिंग साइट ‘फ्लाइटअवेयर‘ द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले एएसडी-बी कवरेज स्टेशन। स्क्रीनशॉट – फ्लाइटअवेयर

कोई जरूरी नहीं कि हमेशा पूरे रिकॉर्ड मिल जायें। ऐसे कई वीरान या जटिल भौगोलिक क्षेत्र होते हैं, जहां कोई रिसीवर मौजूद नहीं होता। जैसे, रेगिस्तान, महासागर, ध्रुवीय बर्फ क्षेत्र और विकासशील राष्ट्र। सैटेलाइट पर आधारित एडीएस-बी रिसीवर आने वाले समय में यह समस्या भी सुलझा लेंगे। स्थलीय यानी जमीन पर स्थित एडीएस-बी रिसीवर्स की संख्या भी बढ़ रही है। प्रमुख ट्रैकिंग साइट ‘फ्लाइटअवेयर‘ ने 20,000 रिसीवर लगाए हैं। एडीएस-बी कवरेज का विस्तार होगा क्योंकि और अधिक विमानों में उपकरण स्थापित करने की आवश्यकता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ADS-B को अपनाया जा रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2019 में और यूरोप ने 2020 तक इसे अपनाने का लक्ष्य रखा था। ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में एडीएस-बी प्रणाली पहले से ही मौजूद है। इसे अपनाने की प्रगति सूची US Aircraft Owners and Pilots Association ‘यूएस एयरक्राफ्ट ओनर्स एंड पायलट एसोसिएशन‘ ने प्रकाशित की है। SKYbrary भी देखें।

ADS-B रिसीवर का उपयोग करना हो, तो अमेरिकी एनजीओ C4ADS से संपर्क करें। इसे flight@c4ads.org पर ई-मेल कर सकते हैं। रिसीवर द्वारा एकत्र किए गए डेटा के जरिए उड़ानों को ट्रैक करने और उड़ान ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर तक पहुंच के लिए आपको निःशुल्क सामग्री मिल जाएगी।

कई देश व्यक्तिगत गोपनीयता का हवाला देकर विमान पंजीकरण की जानकारी का खुलासा नहीं करते हैं।

पारदर्शिता बढ़ रही है

ADS-B तकनीक के कारण विमानन पारदर्शिता बढ़ रही है। अब न्यूनतम उपकरण वाले लोग भी पर्याप्त संकेत प्राप्त कर सकते हैं। किसी विमान की आईडी संख्या की जानकारी मिल जाए, तो उसके मालिक का पता चल सकता है।  अधिक के लिए, इस गाइड में नीचे ‘स्वामित्व‘ वाला हिस्सा देखें।

कई देश व्यक्तिगत गोपनीयता का हवाला देकर विमान पंजीकरण की जानकारी का खुलासा नहीं करते हैं।

अमेरिकी सरकार द्वारा विमानों के मालिकों की जानकारी दी जाती है। विमान उड़ानों की जानकारी ‘फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन‘ के माध्यम से दी जाती है, जो वास्तविक समय उड़ान डेटा उपलब्ध कराता है। विमान के मालिक Aircraft Situation Display to Industry (ASDI) Blocking Program ‘एयरक्राफ्ट सिचुएशन डिस्प्ले टू इंडस्ट्री‘ (एएसडीआई) ब्लॉकिंग प्रोग्राम के तहत अपनी सूचनाओं को गोपनीय रखने का अनुरोध कर सकते हैं। यहां इसका विवरण देखें।

इस कार्यक्रम के तहत, FAA flight tracking data एफएए उड़ान ट्रैकिंग डेटा के प्राप्तकर्ताओं (मुख्यतः वाणिज्यिक विक्रेताओं) को यह वादा करना पड़ता है कि वे ब्लाॅक सूची वाले विमानों की जानकारी सार्वजनिक नहीं करेंगे। फ्लाइटअवेयर और फ्लाइटरडार24 जैसी प्रमुख वाणिज्यिक उड़ान ट्रैकिंग कंपनियां ऐसे गोपनीयता अनुरोधों का सम्मान करती हैं।

विमान ट्रैकिंग के जटिल पहलू

ADS-B Exchange विमान ट्रैकिंग की प्रमुख सेवा है। यह पूर्णतया क्राउडसोर्स किए गए इनपुट पर निर्भर है। यह सरकार द्वारा एकत्रित डेटा पर निर्भर नहीं बल्कि स्वतंत्र रूप से संचालित होता है। यह गोपनीयता संबंधी किसी अनुरोध को मानने के लिए बाध्य नहीं है। दिलचस्प यह है कि अपने विमान की उड़ानों संबंधी सूचना गोपनीय रखने का अनुरोध करने वालों की सूची को सार्वजनिक कर दिया जाता है। सूचना का अधिकार के तहत पत्रकारों द्वारा जानकारी मांगे जाने पर ऐसा होता है।

अपनी गोपनीयता चाहने वाले निजी विमान मालिकों और पायलटों को ‘एडीएस-बी‘ के कारण काफी परेशानी है। अमरिकी सरकार और विमान उद्योग का एक टास्क फोर्स यह पता लगा रहा है कि विमान उड़ानों की गोपनीयता चाहने वालों को यह सुविधा कैसे मिले। एक सुझाव यह आया है कि गोपनीयता चाहने वाले विमानों को एक ‘रोलिंग आईसीएओ कोड‘ दिया जाए। यह प्रत्येक उड़ान के लिए दिया गया एक अस्थायी नंबर होगा। यह कोड केवल एक उड़ान के लिए लागू होगा। ऐसे विमानों की पहचान सिर्फ हवाई यातायात नियंत्रक और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पता चल सकेगी। अन्य किसी को यह पता नहीं चल सकेगा कि वह कोड किस विमान के लिए था। इस सुझाव पर अभी काम चल रहा है। अगर इसे लागू किया जाता है, तो प्लेन-स्पॉटिंग में बाधा आ सकती है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बचने का भी कोई रास्ता निकलना संभव है।

दुनिया भर में 23 मई को विमानों की आवाजाही का एक स्नैपशॉट। इसे ट्रैकिंग साइट फ्लाइटअवेयर का उपयोग करके लिया गया।

ट्रैकिंग संबंधी जानकारी के लिए वेबसाइट

विभिन्न वाणिज्यिक और गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा विमान ट्रैकिंग की जाती है। इसके लिए सरकारी और निजी स्रोतों से बड़ी मात्रा में उड़ान डेटा एकत्र किया जाता है। कैसा डेटा एकत्र किया जाता है और इसे कैसे किया जाता है, इसका विवरण हम इसी गाइड में ऊपर ‘विमान ट्रैकिंग की बुनियादी बातें‘ में पढ़ चुके हैं।

यहाँ विमानों की उड़ान संबंधी जानकारी के चार प्रमुख स्रोत दिए गए हैं। इनमें सर्च की निशुल्क सुविधा मिल जाती है। कुछ विशेष जानकारी के लिए सदस्यता राशि की आवश्यकता होती है। जैसे, उड़ान भरने वाले विमानों का अलर्ट पाने या डेटाबेस तक पूर्ण पहुंच के लिए। सदस्यता लेने पर क्या विशेष सेवाएं मिलेंगी, इसकी जानकारी के लिए बेलिंगकैट (लैटिन अमेरिका) के प्रशिक्षक जियानकार्लो फिओरेला की A Beginner’s Guide To Flight Tracking ‘ए बिगिनर्स गाइड टू फ्लाइट ट्रैकिंग‘ देखें।

विमानों की उड़ान संबंधी जानकारी हेतु निम्नलिखित चारों वेबसाइटें पत्रकारों के साथ काम करने को तैयार हैं।

ADS-B Exchange एडीएस-बी एक्सचेंज – यह ‘अनफिल्टर्ड फ्लाइट डेटा‘ का दुनिया का सबसे बड़ा स्रोत है। इसके मुख्य शब्द ‘अनफिल्टर्ड‘ पर गौर करें। इसका अर्थ है कि यह साइट अपने एडीएस-बी संकेतों पर निर्भर है। यह अमेरिकी सरकार के माध्यम से गोपनीयता के अनुरोध पर ध्यान नहीं देता। यह किसी भी विमान की जानकारी को फिल्टर नहीं करता, या छुपाता नहीं। इसलिए यह पत्रकारों के लिए काफी उपयोगी है। यह ऐसी एकमात्र ट्रैकिंग सेवा है। इसे यूएस पायलट डैन स्ट्रेफर्ट ने शुरू किया था। यह एक सहकारी प्रयास है। यह 2000 से अधिक लोगों के विश्वव्यापी समुदाय पर निर्भर है। ऐसे लोग रीयल-टाइम एमएलएटी और एडीएस-बी डेटा भेजते हैं। इसे सर्च करने योग्य वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। यह गैर-व्यवसायिक उपयोग के लिए मुफ्त है। लेकिन वाणिज्यिक उपयोग के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है। इसमें स्वैच्छिक आर्थिक मदद की अपील की जाती है।

अक्टूबर 2019 में एडीएस-बी एक्सचेंज ने आर्थिक कारणों से सर्च की सुविधा हटा दी। यदि आप ADS-B  रिसीवर होस्ट करते हैं और ADS-B Exchange को डेटा भेजते हैं तो आपके लिए पहुंच अब भी संभव है।

किसी विमान की विभिन्न उड़ानों की जानकारी के लिए ‘अदर ट्रैकिंग इन्फोरमेशन‘ टैब पर जाएं। फिर ‘फ्लाइट हिस्ट्री डेटा‘ टैब पर जाएं। ‘ग्लोबल रडार व्यू‘ टैब में लाइव उड़ानें दिखाती हैं। इसमें किसी विशिष्ट सर्च की भी सुविधा है। जैसे, केवल सैन्य विमानों की जानकारी। API एपीआई के जरिए डेटा की अधिक गहराई से खोज संभव है।

इसमें डेटा को डाउनलोड करना भी संभव है। हालांकि आमतौर पर इसके लिए कुछ शुल्क आवश्यक होता है। किसी परियोजना पर काम करने वाले पत्रकारों को इस संपर्क फॉर्म का उपयोग करना चाहिए।

एडीएसबी एक्सचेंज का उपयोग करने हेतु जेक क्रेप्स की यह टिप शीट भी उपयोगी है।

FlightAware: फ्लाइटअवेयर: यह मुफ्त ट्रैकिंग की सुविधा देता है। आप अपनी रुचि के विमानों से संबंधित अलर्ट भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आप रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। ‘प्रीमियम‘ और ‘एंटरप्राइज‘ सदस्यों को अधिक उन्नत सुविधाएँ भी दी जाती हैं। इसके साथ 197 देशों के 23,000 एडीएस-बी प्रदाता जुड़े हैं। इसने वर्ष 2018 में उपग्रह एयरआॅन के साथ एडीएस-बी डेटा के लिए समझौता करके महासागर के ऊपर फ्लाइट्स का कवरेज बढ़ाया था। लेकिन यह सार्वजनिक डेटा वेबसाइट का हिस्सा नहीं है। यह विमान उड़ानों संबंधी गोपनीयता के अनुरोध का सम्मान करता है। अमेरिकी सरकार या किसी अन्य माध्यम से आए अनुरोध के आधार पर यह वैसी सूचनाओं को सार्वजनिक नहीं करता।

फ्लाइटअवेयर की मार्केटिंग निदेशक सारा ओरसी के अनुसार उनकी कोशिश है कि पत्रकारों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाए। उन्हें डाटा फ्री दिया जाता है। फ्लाइटअवेयर के डेटा विश्लेषक जल्द ही कस्टम रिपोर्ट भी प्रदान करेंगे। सारा ओरसी ने बताया कि उनकी कंपनी चाहती है कि संवेदनशील मामलों में स्रोत के बतौर फ्लाइटअवेयर का नाम न लिया जाए।

यहां प्रस्तुत चारों साइटें पत्रकारों के साथ काम करने को तैयार हैं।

Flightradar24: फ्लाइटरडार24: यह विमान ट्रैकिंग की व्यवसायिक सेवा है। इसमें पंजीकरण संख्या, एयरलाइन और हवाई अड्डे के आधार पर दुनिया भर में उड़ानों की निःशुल्क ट्रैकिंग की सुविधा है। इसमें विभिन्न प्रकार की सदस्यता मिलती है। सिल्वर सदस्यता के लिए 1.50 डाॅलर मासिक या 10 डाॅलर सालाना का भुगतान करना होता है। गोल्ड सदस्यता का शुल्क चार डाॅलर मासिक या 35 डाॅलर सालाना है। व्यवसायिक सदस्यता का शुल्क 400 डाॅलर सालाना है। इसमें अधिक उड़ानों के इतिहास और लाइव मौसम की जानकारी मिलती है। यह कंपनी अमेरिकी प्रशासन द्वारा किए गए गोपनीयता के अनुरोधों का सम्मान करती है। साथ ही, विमान कंपनियां भी राशि का भुगतान करके अपनी उड़ानों की ट्रैकिंग रोकने की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। Flightradar24’s के बारे में ज़्यादा जानकारी यहां है।

यह कंपनी डेटा बेचती है और विशिष्ट परियोजनाओं पर पत्रकारों के साथ काम करती है। इस कंपनी में ऐसे मामलों के प्रभारी इयान पेटचेनिक ने बताया कि हम आम तौर पर मीडिया को किसी शुल्क के ऐसे डेटा उपलब्ध कराते हैं, बशर्ते किसी डेटा की मांग काफी व्यापक और जटिल न हों, और जिससे हमारे सिस्टम पर बहुत अधिक दबाव न पड़ता हो। उन्होंने कहा कि हमारा डेटा अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में काफी स्वच्छ है। हमारे पास 21,000 से अधिक स्टेशनों का सबसे बड़ा भू-स्थलीय नेटवर्क है। इयान पेटचेनिक से संपर्क के लिए ian@fr24.com का उपयोग करें। एक रिपोर्टर द्वारा ऐसे डेटा के उपयोग पर 2016 का एक लेख देखें- “Tracking Flights in Real Time With Flightradar24.”

The OpenSky Network: ओपनस्काई नेटवर्क, यह स्विट्जरलैंड का एनजीओ है। इसके एक स्वयंसेवक ने जीआईजेएन को बताया- “हमारे पास अपनी तरह का सबसे बड़ा हवाई यातायात निगरानी डेटासेट है। हम एक विमान से प्राप्त होने वाले हर एक संदेश को सहेजकर रखते हैं। Aircraft Database “ एयरक्राफ्ट डेटाबेस में विमानों के आइडी नंबरों से सर्च करने पर विमानों के पंजीकरण और हाल की उड़ानों के इतिहास कर जानकारी मिल जाएगी। अगर वह विमान अभी हवा में उड़ रहा हो, तो यह भी दिखाई देगा। Explorer एक्सप्लोरर सुविधा में खोजने पर हवा में उड़ते विमान दिखते हैं। ट्रैक किए गए सभी विमानों का 30 दिन का इतिहास भी मिलता है। इसकी एक अन्य विशेषता है कि इसमें सभी आपातकालीन अलर्ट की एक सूची मिलती है।

ओपनस्काई अनुसंधान करने वाले शिक्षाविदों और गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए काफी उपयोगी है। साथ ही, पत्रकारों द्वारा मांगी गई सूचना भी दी जाती है। विजुअलाइजेशन के लिए मीडिया के साथ मिलकर करने के साथ ही अन्य उपयोगी सुविधाएं प्रदान की जाती है।

20 मई 2019 को एक विमान की उड़ान का स्क्रीनशॉट – एडीएस-बी एक्सचेंज के सौजन्य से

विमान ट्रैकिंग सेवाओं के अन्य प्रदाता

पत्रकारों की मदद के लिए अन्य संसाधन भी हैं? Organized Crime and Corruption Reporting Project ओसीसीआरपी के इन्वेस्टिगेटिव डैशबोर्ड Investigative Dashboard  के माध्यम से संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना से काफी सहायता मिलती है। इनके पास आप किसी हवाई जहाज संबंधी जानकारी के लिए अनुरोध भेज सकते हैं। ओसीसीआरपी को एक विशेषज्ञ अपने डेटाबेस के आधार पर आपको परिणाम भेजेगा।

कई अन्य ट्रैकिंग साइट भी मौजूद हैं। उनमें से अधिकांश साइटों द्वारा कुछ जानकारी मुफ्त दी जाती है और कुछ विशेष सूचनाओं के लिए शुल्क लेते हैं। ऐसे साइट अमेरिकी गोपनीयता प्रणाली का सम्मान करते हैं। लगभग सभी साइटें अंग्रेजी में हैं।

Planeradar.ru प्लेनरडार.आरयू यह रूस की एक उड़ान ट्रैकिंग प्रणाली है। यह रूस में उड़ानों पर केंद्रित है।

अन्य ट्रैकिंग सेवाएं- AVDelphi, Plane Finder, Flight Stats, Plane Mapper, Flight Board, FlightView, OAG, Planeplotter और Airfleets.

अधिकांश एयरलाइंस और कई हवाई अड्डे अपनी साइटों को प्रायोजित करते हैं।

उड़ान डेटा के लिए सूचना के अधिकार का उपयोग करना

संयुक्त राज्य में विमानों की उड़ान का डेटा पाने का एक अन्य तरीका संघीय उड्डयन प्रशासन के पास सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अनुरोध करना है। अनुरोध इस ईमेल पते पर भेजा जा सकता है: 7-awa-arc-foia@faa.gov

विमान का आईडी नंबर देकर उसका ‘टीएफएमएस रिपाॅजिटरी उड़ान रिकॉर्ड‘ मांग सकते हैं। टीएफएमएस का अर्थ ‘ट्रैफिक फ्लो मैनेजमेंट सिस्टम‘ का संकलन है। सूचना के आवेदन में आप एक समय सीमा के भीतर की जानकारी मांगें, जैसे एक जनवरी 2020 से इस अनुरोध की पूर्ति की तारीख तक की सूचना प्रदान करें। आप इसे इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में मांग सकते हैं। आपको मिलने वाले डेटा में उड़ान जानकारी शामिल होगी, जो उड़ान ट्रैकिंग सेवाओं से नहीं मिल पाती है। हालांकि ऐसी सूचना तभी मिलेगी, जब विमान के मालिक ने गोपनीयता का अनुरोध न किया हो।

ऐसी सूचना पाने का एक उदाहरण देखें। प्रोपब्लिका के रिपोर्टर जस्टिन इलियट ने वर्ष 2020 में एक खबर लिखी- ‘स्टीव बैनन द्वारा चीनी व्यवसायी से जुड़े निजी जेट का उपयोग किया जाना वित्तीय कानूनों का उल्लंघन है‘ Steve Bannon’s Use of Private Jet Linked to Chinese Businessman Could Violate Campaign Finance Law.

विमान का मालिक कौन?

किसी विमान की पहचान संख्या की जानकारी मिलने के बाद यह पता लगाना पड़ता है कि उसका मालिक कौन है। हर विमान की विशिष्ट पहचान संख्या यानी आईडी होती है। इसमें कुछ अक्षर और अंक होते हैं। इसमें उस देश की जानकारी मिलती है, जहां वह विमान पंजीकृत है। (See full list of country identifiers.)

दुनिया में लगभग 60 देशों की सरकारें अपने राष्ट्रीय रजिस्ट्रेशन में विमानों के स्वामित्व संबंधी कुछ जानकारी उपलब्ध कराती हैं। कुछ देशों में ऐसी जानकारी की ऑनलाइन सर्च बेहद आसान होती है। इसमें यूएस भी शामिल है। कुछ देशों के डेटा डाउनलोड किए जा सकते हैं। हालांकि अधिकांश देश गोपनीयता प्रतिबंध लागू करते हुए स्वामित्व संबंधी जानकारी को सार्वजनिक नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, जर्मनी में स्वामित्व की जानकारी प्रदान मिल सकती है, बशर्ते उसके स्वामी की सहमति मिल जाए। कई मामलों में सिर्फ विमान के प्रकार और मालिक के नाम की जानकारी ही मिल पाती है। कुछ देशों में ऐसे डेटा प्रतिदिन अपडेट किए जाते हैं, जबकि कुछ देशों में मासिक या वार्षिक रूप से अपडेशन होता है।

विमानों के स्वामित्व की जानकारी कहाँ मिलेगी?

AeroTransport एरोट्रांसपोर्ट – ऐसी जानकारी के लिए यह एक अच्छी वेबसाइट है। इसके ‘डेटा बैंक‘ में 60 से अधिक देशों की जानकारी शामिल है। इसमें एक बहुआयामी खोज प्रणाली है। इसमें कुछ खोज मुफ्त है। लेकिन अधिक जानकारी के लिए सदस्यता लेने की आवश्यकता है। इसके लिए 120 यूरो मासिक और 1200 से 1700 यूरो वार्षिक तक के विकल्प हैं।

Spotters स्पॉटर्स – यह राष्ट्रीय रजिस्ट्रियों की एक सूची रखता है। इसके पास डाउनलोड किया गया डेटाबेस रहता है। यह आपको एक समय में केवल एक या दो रिकॉर्ड सर्च का अवसर देता है।

Airframes एयरफ्रेम्स – यह एक स्वामित्व खोज प्रणाली भी प्रदान करता है। यह निःशुल्क है। लेकिन पंजीकरण आवश्यक है। कनाडा, फ्रेंच, ब्रिटिश, यूएस, डेनिश, डच, स्वीडिश और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की आधिकारिक रजिस्ट्रियों तथा अन्य विभिन्न स्रोतों के आधार पर इसमें सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।

RZJets आरजेड जेट्स – यह विमानों के आईडी या टेल नंबर के आधार पर सर्च की सुविधा देता है। इसमें हवाई जहाज के मॉडलों की एक लंबी सूची भी मिलती है। उदाहरण के लिए, अगर आप ‘बोइंग मैक्स‘ मॉडल पर क्लिक करें तो उस मॉडल के सभी विमानों के मालिकों का विवरण मिल जाएगा।

यह भी देखें:

OpenFlights.org, LAAS International Corporate Aircraft register OpenSky Network, Antonakis Spotters, Torben Koed, and Brugier.com

कुछ स्वामित्व जानकारी इन पर भी मिल सकती है : FlightAware and Flightradar24

राष्ट्रीय रजिस्ट्रेशन

कुछ प्रमुख संस्थान

US – Federal Aviation Administration France – Direction Générale de l’Aviation Civile Canada – Civil Aircraft Register Database Australia – Civil Aviation Safety Authority United Kingdom – Civil Aviation Authority

कई वेबसाइटें राष्ट्रीय रजिस्ट्रेशन की सूची प्रदान करती हैं:

The Airnet Web Site द एयरनेट वेबसाइट में राष्ट्रीय रजिस्ट्रियों की एक सूची  मिलती है। इसमें यह भी पता चलता है कि कौन-सी रजिस्ट्री ऑनलाइन हैं और कौन जिप फाइल के माध्यम से उपलब्ध हैं। इसमें कुछ लिस्टिंग भी मिलती है। AirDataSearch एयरडेटा सर्च – यह एक डच साइट है। इसमें 45 राष्ट्रीय साइटों की सूची है। उनमें काफी जानकारी उपलब्ध है। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ऑनलाइन सर्च उपलब्ध है या नहीं। The Airline Codes Website has एयरलाइन कोड वेबसाइट – इसमें 28 आधिकारिक साइटों की सूची है। इसमें अनौपचारिक साइटों की एक सूची भी है, लेकिन उनमें से अधिकतर पुरानी हैं। Skytamer स्काईटैमर में भी एक सूची मिलती है। AviationDB एविएशनडीबी – अमेरिका में पंजीकृत विमानों की जानकारी खोजने के लिए यह भी एक विकल्प है। Landings लैंडिंग – इसमें भी एक आंशिक सूची मिलती है। विकिपीडिया में राष्ट्रीय विमानन प्राधिकरणों की एक सूची मिलती है। लेकिन संभव है कि इसमें स्वामित्व की जानकारी न मिल सके।

CorporateJetInvestor की  Official Guide to Airplane Registration 2019 में राष्ट्रीय पंजीकरण आवश्यकताओं का सारांश मिलता है। इसमें राष्ट्रीय पंजीकरण एजेंसियों के नाम शामिल हैं। लेकिन उनके लिंक नहीं दिए गए हैं। इसमें यह भी पता चलता है कि कोई सार्वजनिक रजिस्ट्री है अथवा नहीं। इसके पेज 76 से शुरू होने वाले ‘कंट्री डेटा एट ए ग्लांस‘ में  मार्गदर्शिका बताती है कि रजिस्ट्री सार्वजनिक है या नहीं। लेकिन इसमें विवरण नहीं मिलता। इनका सारांश स्थानीय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, जिनके नाम और संपर्क जानकारी सूचीबद्ध होती है।

पत्रकारों ने कैसे निकाली बड़ी खबरें

इंग्लैंड की अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स‘ ने वर्ष 2018 में एक बड़ी खबर का उदाहरण दिया। उस जांच के लिए राष्ट्रीय रजिस्ट्री का उपयोग करके खबर निकाली गई थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि रूस की मदद से सीरिया द्वारा किस तरह विमान सेवाओं का दुरूपयोग किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में अमेरिका द्वारा की गई ब्लैकलिस्टिंग का भी उल्लंघन हो रहा है। –

पत्रकार रिनत सागदीव ने लिखा कि रॉयटर्स ने किस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका, आयरलैंड, रूस और यूक्रेन स्थित विमान मालिकों की पहचान की। उन्होंने लिखा कि रॉयटर्स के पत्रकारों द्वारा ट्रैक किए गए कई विमान यूक्रेन के बाद ईरान, अफगानिस्तान या सीरिया गए। इनमें से कोई भी देश विमानों का कोई रजिस्टर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं कराता।

सर्बिया के पत्रकार इवान एंजेलोव्स्की ने वर्ष 2019 में ‘बाल्कन इनसाइट‘ के लिए एक बड़ी खबर की। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा इस्तेमाल किए गए जेट की जांच करके बड़ा खुलासा किया। इस जेट विमान को ब्राजील की एक दवा कंपनी से खरीदा गया था। कुछ ही माह पहले उस दवा कंपनी ने यह विमान खरीदा था। छह मिलियन डॉलर में इसकी खरीद का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं था, जबकि वह जेट सर्बियाई सरकार द्वारा पंजीकृत किया गया था।

कई बार किसी शेल कंपनी के नाम पर आॅफ-शोर पंजीकरण के जरिए किसी विमान के असली मालिक नाम छुपा लिया जाता है। ऐसे विमान के असली मालिक का पता लगाने के लिए कई स्रोतों का उपयोग करने का एक शानदार उदाहरण देखें। प्रोपब्लिका के रिपोर्टर जस्टिन इलियट ने वर्ष 2020 में एक खबर लिखी थी: Steve Bannon’s Use of Private Jet Linked to Chinese Businessman Could Violate Campaign Finance Law ‘स्टीव बैनन द्वारा चीनी व्यवसायी से जुड़े निजी जेट का उपयोग किया जाना वित्तीय कानूनों का उल्लंघन है।‘ इस रिपोर्ट के अनुसार उस विमान से संबंधित कई ऑनलाइन वीडियो हैं जो समान आइडी संख्या (टेल नंबर) के साथ जेट के आंतरिक और बाहरी हिस्से की स्वतंत्र तस्वीरों से मेल खाते हैं।

रिकॉर्ड्स भ्रामक भी हो सकते हैं

विमानों के असली मालिक का नाम छिपाना सामान्य बात है।

कॉर्पोरेट कंपनियों और उनके मालिकों पर रिसर्च के लिए जीआईजेएन का रिसोर्स पेज देखें।

पंजीकरण डेटाबेस में किसी विमान के मालिक के तौर पर किसी मुखौटा कंपनी का नाम हो सकता है। कई देशों में ऐसा फर्जीवाड़ा करके खरीदे गए विमानों के असली मालिक का नाम पता लगाना काफी मुश्किल साबित होता है। ऐसे मामलों में असली कंपनियों और असली मालिकों का पता लगाना पत्रकारों के लिए बड़ी चुनौती होती है।

Middle East Eye: मिडिल ईस्ट आई न्यूज पोर्टल की यह रिपोर्ट में किसी विमान के असली मालिक का पता लगाने का अच्छा उदाहरण दिखता है। रिपोर्ट के अनुसार इस विमान को पिछले साल आयरिश सागर स्थित ‘आइल ऑफ मैन‘ नामक टापू में पंजीकृत कराया गया था। इसे ‘मल्टीबर्ड ओवरसीज लिमिटेड‘ कंपनी के नाम पर पंजीकृत कराया गया था। लेकिन यह कंपनी उस विमान की असली मालिक नहीं थी। ‘आइल ऑफ मैन‘ के नागरिक उड्डयन प्रशासन के निदेशक साइमन विलियम्स ने एमईई के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।

बेनामी विमानों की खबरें

अपना नाम छुपाकर खरीदी गई संपत्ति को ‘बेनामी‘ कहा जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ खोजी पत्रकारों ने बेनामी विमानों पर महत्वपूर्ण खबरें खोज निकालीं। पता चला कि कई विमान मालिकों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए अपने जेट को बैंकों या ट्रस्टों के माध्यम से पंजीकृत कराया है।

अमेरिकी सरकार विदेशी मालिकों को किसी अमेरिकी ट्रस्टी के नाम से टाइटल या मालिकाना हस्तांतरित करने की अनुमति देती है। दिलचस्प बात है कि एक हजार से अधिक विमान किसी ट्रस्ट के पते पर रजिस्टर्ड मिले। जैसे- एयरक्राफ्ट गारंटी कॉरपोरेशन के नाम पर। ऐसे विमान ओनालास्का, टेक्सास शहर के किसी ट्रस्ट के पते पर लिए गए। हालांकि यह ऐसा शहर है, जहां एक हवाई अड्डा तक नहीं है। वर्ष 2019 में WFAA न्यूज पोर्टल ने यह जानकारी दी।

Secrets in the Sky: ‘द बोस्टन ग्लोब‘ ने इस रिपोर्ट में फर्जी पंजीकरण को उजागर किया। इसमें बताया गया है कि दशकों से विमानन प्रशासन (फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन) के नियमों में काफी ढिलाई रही। इसके कारण ड्रग डीलरों, भ्रष्ट राजनेताओं और आतंकी लोगों ने बेहद आसानी से अपनी पहचान छुपाकर फर्जी नाम से निजी विमानों को पंजीकृत करा लिया। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में हर छह पंजीकृत विमानों में से एक विमान का स्वामित्व बेनामी या संदेहास्पद है।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स‘ की एक रिपोर्ट ने बताया कि किस तरह विमानों के पंजीकरण में खामियों का लाभ रूसी कुलीन वर्ग को मिला। बिजनेस जेट ट्रैवलर की यह रिपोर्ट भी देखें।

विमान पंजीकरण के लिए मनपसंद देश

विमान का पंजीकरण उसी शहर में कराने की जरूरत नहीं है, जहां विमान का मालिक रहता हो। इसका लाभ बेनामी विमान मालिकों को मिलता है। इसी तरह, विमानों का फिर से किसी अन्य के नाम पर पंजीकरण कराया जा सकता है। इस क्रम में विमान का आईडी नंबर भी बदलवाया जा सकता है।

Official Guide to Airplane Registration 2019: Corporate Jet Investor नामक वेबसाइट ने वर्ष 2019 में विमान पंजीकरण आधिकारिक गाइड जारी की। इसमें विमानों के पंजीकरण पर राष्ट्रीय नियमों का वर्णन किया गया है। इस वेबसाइट में विमानन व्यापार संबंधी समाचार भी होते हैं। पंजीकरण में आसानी, गोपनीयता और कर-लाभ जैसे विषय भी प्रमुख हैं।

International Consortium of Investigative Journalists: इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की एक रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है। इसमें बताया गया है कि बेनामी विमानों के पंजीकरण के लिए आयरिश सागर स्थित Isle of Man ‘आइल ऑफ मैन‘ नामक टापू का काफी उपयोग होता है। यहां विमानों का पंजीकरण कराने से यूरोपीय संघ के विभिन्न टैक्स से बचने का रास्ता भी निकलता है। पंजीकरण के लिए अन्य पसंदीदा स्थान अरूबा, बरमूडा और केमैन द्वीप हैं।

लीजिंग के कारण बढ़ी जटिलता

जब विमानों को लीज या पट्टे पर दिया जाता है, तो यह पता लगाना लगभग असंभव है कि किसी विशिष्ट उड़ान के लिए भुगतान कौन कर रहा है।

हंगरी की एक खोजी वेबसाइट एटलाट्स्जो की रिपोर्टर एर्देली कैटलिन का इस मामले में अनुभव जानने लायक है। उन्होंने प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन द्वारा एक निजी जेट के उपयोग पर रिपोर्टिंग की थी। जांच में पता चला कि वह जेट ऑस्ट्रिया में पंजीकृत था। उनकी उड़ानों के लिए किसने भुगतान किया, इसका पता नहीं चल रहा था। इस जेट का संचालन इंटरनेशनल जेट मैनेजमेंट जीएमबीएच द्वारा किया जाता है। यह एक ऑस्ट्रियाई कंपनी है जो जेट विमानों के ऑपरेटिंग बिजनेस में विशेषज्ञता रखती है।

बुडापेस्ट हवाई अड्डे पर 25 जुलाई, 2018 को जेट ओई-एलईएम से उतरते हुए विक्टर ऑर्बन। फोटो: एटलाट्सो / डैनियल नेमेथ

जीआईजेएन ने खोजी वेबसाइट एटलाट्स्जो के पत्रकारों की जांच पर आधारित एक लेख प्रकाशित किया। इसमें बताया गया कि हंगरी के प्रधानमंत्री, बड़े अधिकारियों और पूंजीपतियों ने किस तरह विदेश यात्राओं के लिए अनियमित विमानों का दुरुपयोग किया। “How They Did It: A Private Yacht, a Luxury Jet and Hungary’s Governing Elite.”

अन्य उपयोगी दस्तावेज

विमानों का सच जानने के लिए अन्य सरकारी दस्तावेज भी उपयोगी होते हैं। विशेष रूप से विमानन सुरक्षा संबंधी दस्तावेज महत्वपूर्ण हैं। विमान दुर्घटनाओं की रिपोर्ट में भी स्वामित्व संबंधी अतिरिक्त विवरण मिल सकता है। उड़ान सुरक्षा की राष्ट्रीय एजेंसियां ऐसी दुर्घटनाओं और निरीक्षण के रिकॉर्ड का खुलासा कर सकती हैं।

The Aviation Safety Network (ASN) एविएशन सेफ्टी नेटवर्क: यह एक निजी, स्वतंत्र पहल है। यह एयरलाइन विमानों, सैन्य परिवहन विमानों और कॉरपोरेट जेट की दुर्घटनाओं और सुरक्षा संबंधी मुद्दों का ऑनलाइन डेटाबेस पेश करता है। इस डेटाबेस में विमानों के अपहरण और दुर्घटनाओं संबंधी 20300 से ज्यादा मामलों का विस्तृत विवरण मिलता है। इसमें दुर्घटना जांच बोर्ड की एक अंतरराष्ट्रीय सूची भी उपलब्ध है।

National Transportation and Safety Board: अमेरिका में दुर्घटनाओं संबंधी मामलों के लिए जिम्मेदार एजेंसी ‘राष्ट्रीय परिवहन और सुरक्षा बोर्ड‘ है। इसके माध्यम से भी विमानों की खरीद, अनुबंध और सरकारी विमानों संबंधी काफी सूचना मिल सकती है।

‘बजफीड‘ न्यूज पोर्टल ने सूचना का अधिकार का उपयोग करके महत्वपूर्ण खबर निकाली। रिपोर्ट में ड्रग प्रवर्तन प्रशासन द्वारा विमानों के उपयोग संबंधी मामलों का खुलासा किया गया।

The Aviation Herald ‘एविएशन हेराल्ड‘ द्वारा दुनिया भर में सभी प्रकार की विमान दुर्घटनाओं पर उपयोगी रिपोर्ट संकलित की जाती है।

अमेरिकी विमानन एजेंसी के दस्तावेज

संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘फेडरल एविएशन एजेंसी‘ (एफएए) द्वारा रखा जाने वाला पंजीकरण डेटाबेस से विमानों की प्रारंभिक जानकारी मिल सकती है। दो अन्य दस्तावेजों से अतिरिक्त जानकारी मिल सकती है। इसमें एक है विमानों के पंजीकरण और बिक्री का इतिहास। दूसरा दस्तावेज है- ‘उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र‘, जिसमें विमानों की मरम्मत और फेरबदल की जानकारी मिलती है। इनके प्रमाणपत्र से पता चलता है कि विमानों में क्या परिवर्तन किए गए, जैसे कि कैमरे लगाने की व्यवस्था करना।

ऐसी रिपोर्ट दस डाॅलर में उपलब्ध हैं। इन्हें ‘फेडरल एविएशन एजेंसी‘ (FAA) से ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगाया जा सकता है। इसके लिए आपको ‘एन‘ नंबर और सीरियल नंबर की आवश्यकता होगी। इसमें लगभग एक सप्ताह लगता है।

खास विमानों की जानकारी

कुछ साइटें ऐसी हैं, जो कॉर्पोरेट जगत और सरकार के महत्वपूर्ण लोगों के निजी विमानों की जानकारी एकत्र करती है। कुछ जानकारी गूगल करके भी मिल सकती है। यहां कुछ विवरण दिया जा रहा है।

The Private Jet Owners Register प्राइवेट जेट ओनर्स रजिस्टर – इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों के प्रमुख लोगों के विमानों की सूची मिलती है। इस रिकाॅर्ड को मेंटेन करने वाला व्यक्ति गुमनाम रहना पसंद करता है। वह www.SuperYachtFan.com भी चलाता है।

Dictator Alert एक ट्विटर पर काम करने वाला बाट है जो जिनेवा हवाई अड्डे पर उतरने और उड़ान भरने वाले अधिनायकवादी शासकों के विमानों पर नजर रखता है।

AirCharterService: इसमें विश्व के प्रमुख नेताओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले विमानों की सूची मिलती है। इसमें बहुत विस्तृत विवरण होते हैं।

Dictator Alert: डिक्टेटर अलर्ट, यह जिनेवा हवाई अड्डे पर उतरने और उड़ान भरने वाले अधिनायकवादी शासकों के विमानों पर नजर रखता है। इसकी जानकारी ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट की जाती है। ट्रैक किए गए विमानों की सूची सार्वजनिक स्रोतों और आधिकारिक रजिस्टरों पर आधारित है। आप ट्रैक किए गए विमानों की वर्तमान सूची को एक्सेल फाइल के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं। यह परियोजना फ्रांकोइस पिलेट और इमैनुएल फ्रायडेन्थल द्वारा संचालित है। पिलेट स्विट्जरलैंड के खोजी पत्रकार और समाचार एजेंसी vesper.media के सह-संस्थापक हैं। फ्रायडेन्थल अफ्रीका के स्वतंत्र खोजी पत्रकार हैं।

फरवरी 2020 में लंदन और पेरिस में भी इस अलर्ट कार्यक्रम का विस्तार किया गया। इसे फाॅलो करने के लिए ट्विटर आईडी है: @London_dictator और @Paris_dictators.

विभिन्न देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री किन विमानों का उपयोग करते हैं? विकिपीडिया पर इसकी सूची उपलब्ध है।

उड़ान डेटा की रिपोर्टिंग: तकनीकी और वैचारिक मुद्दे

इस खंड में इन विषयों पर चर्चा होगी: उड़ान डेटा का विश्लेषण करने के लिए प्रोग्रामिंग का उपयोग करना ADS-B data में अस्पष्टता विमान यात्रियों की पहचान सीखना अटकलों को संभालना

डेटा उपलब्धता और उपयोग

विमान उड़ान ट्रैकिंग साइटों पर सार्वजनिक उपकरणों का उपयोग करने से बहुत कुछ प्राप्त किया जा सकता है।

फ्लाइट ट्रैकिंग का डेटा भारी-भरकम हो, तो इसकी प्रोसेसिंग के लिए R या Python जैसी प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग करें।

ऐसे साइट सूचना के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस‘ (एपीआई) प्रदान करते हैं। किसी विशिष्ट विमान की उड़ानों का अलर्ट पाने के लिए सदस्यता लेने की जरूरत पड़ सकती है।

अगर विमान उड़ानों की जानकारी के लिए अधिक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम करना हो, तो अतिरिक्त डेटा और कस्टम प्रोग्रामिंग की आवश्यकता होगी। इसके लिए प्रमुख ट्रैकिंग सेवाओं से डेटा प्राप्त किए जा सकते हैं।

अगर आपके पास फ्लाइट ट्रैकिंग का भारी-भरकम डेटा उपलब्ध हो, तो इसे प्रोसेस और विश्लेषण करने के लिए R या Python जैसी प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग करना होगा। इसकी कुछ विशेषज्ञता की आवश्यकता भी होगी। यदि आपके पास बहुत बड़ी मात्रा में डेटा है, तो इसे डेटाबेस में संग्रहित कर सकते हैं। PostGIS एक्सटेंशन के कारण PostgreSQL काफी उपयोगी है। यह आपको डेटा को भौगोलिक रूप में संग्रहित करने और सर्च की सुविधा देता है। जैसे, एयरक्राफ्ट ट्रैक दिखाने वाली लाइनों में ट्रांसपोंडर डिटेक्शन पर पॉइंट डेटा को बदलना।

बजफीड के पीटर एल्डहौस ने एफबीआई विमानों के शहरों के आसमान में चक्कर लगाने पर रिपोर्ट की। फोटो सौजन्य – बजफीड

Spies in the Skies: ‘बजफीड न्यूज‘ के पत्रकार पीटर एल्डहौस को फ्लाइट डेटा का विशेषज्ञ समझा जाता है। उन्होंने ‘फ्लाइट रडार 24‘ द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का अच्छा इस्तेमाल किया है। वर्ष 2016 में उन्होंने ‘स्पाईज इन द स्काईज‘ शीर्षक रिपोर्ट लिखी। इसमें बताया गया था कि एफबीआई और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा संचालित विमान नियमित रूप से अधिकांश प्रमुख अमेरिकी शहरों में चक्कर लगाते हैं। बाद में उन्होंने FBI और DHS के विमानों के लिए डेटा पर एल्गोरिदम का प्रशिक्षण देकर जासूसी विमानों की पहचान करने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया

Tutorial by Geodose:  यह जियोडोज का 2018 का ट्यूटोरियल है। इसमें बताया गया है कि पायथन का उपयोग करके किस तरह एक साधारण उड़ान ट्रैकिंग बनाई जाए। इसमें वर्ष 2019 का अपडेट भी है कि इसे किस तरह और अधिक बेहतर बनाया जाए। इसमें पंडास और बोकेह का उपयोग करके अधिक उन्नत बनाने की जानकारी दी गई।

डेटा की अस्पष्टता

उड़ान डेटा का उपयोग करते समय कुछ जटिलता पर विचार करना चाहिए।

पायलट ट्रांसपोंडर को बंद कर सकते हैं। यह गैरकानूनी और असुरक्षित तरीका है। लेकिन ऐसा करके एडीएस-बी की ट्रैकिंग से बचा जाता है।

विमानों की उड़ानों पर नजर रखने वाले सिस्टम द्वारा कई माध्यमों से लोकेशन और ऊंचाई सहित अन्य डेटा उपलब्ध कराए जाते हैं। लेकिन लैंडिंग होने का संदेश या ठोस सबूत नहीं मिलता। हालांकि कई डेटा बिंदुओं को जोड़ने से पता चलता है कि एक हवाईअड्डे की ओर उतरता हुआ विमान कब और कहां उतरा है। इसके बारे में कुछ निश्चित सबूत मिलते हैं।

एक और जटिलता यह है कि ASD-B के कमजोर कवरेज वाले स्थानों के सिग्नल गायब हो सकते हैं। जैसे, सहारा रेगिस्तान या महासागर के ऊपर का डेटा। यहां कोई रिसीवर नहीं होने के कारण कोई डेटा नहीं मिलता। विमान उड़ानों के डाटा को जान-बूझकर अंधेरे में डालना भी संभव है। कोई पायलट चाहे तो ट्रांसपोंडर को बंद कर सकता है। यह गैरकानूनी और असुरक्षित तरीका है। लेकिन ऐसा करके ASD-B की ट्रैकिंग से बचा जाता है।

विमान में कौन है?

विमान की उड़ान मार्गों के बारे में जानने के अलावा आपको यह जानने की जरूरत भी पड़ सकती है कि विमान में कौन था या यात्रा क्यों की गई थी? कई बार उड़ान की जानकारी से महत्वपूर्ण सुराग मिल सकता है। इसके आधार पर विभिन्न बिंदुओं के सत्यापन और तथ्यों की खोज की आवश्यकता है। कई बार इसमें अस्पष्टता के कारण पत्रकारों के सामने काफी जटिलता आ सकती है।

इजराइल में ‘हारेट्ज‘ के अंग्रेजी संस्करण के संपादक एवी शर्फ ने अक्टूबर 2018 में एक खबर लिखी। उन्होंने बताया कि तेल अवीव (इजराइल) से एक निजी व्यावसायिक जेट ने रहस्यमय उड़ान भरी और इस्लामाबाद (पाकिस्तान) एयरपोर्ट पर उतरा। इस पर हंगामा हो गया। पाकिस्तानी सरकार ने इसका खंडन किया। उस वक्त ‘हारेट्ज‘ के संपादक के पास अपनी खबर की सत्यता साबित करने का स्पष्ट प्रमाण नहीं था। इसलिए उन्हें यह खंडन जारी करने पर मजबूर होना पड़ा कि वह निश्चित तौर पर नहीं कह सकते कि विमान पाकिस्तान में ही उतरा है।

मीडिया के लिए ऐसी स्थिति काफी जटिल होती है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार दैनिक डॉन ने भी लिखा कि वह विमान उसी दिशा में उतर रहा था। लेकिन जल्द ही कुछ और खबरें सामने आईं।

कुछ हफ्ते बाद, Middle East Eye ‘मिडिल ईस्ट आई‘ के पत्रकार सुदाफ चौधरी ने दिलचस्प खबर निकाली। उन्होंने इस्लामाबाद हवाई अड्डे के ऐसे कर्मचारियों को खोज निकाला, जो इजराइली विमान की लैंडिंग की पुष्टि कर रहे थे। पत्रकार ने लिखा- “एक रहस्य अब भी बना हुआ है। पाकिस्तान के साथ इजराइल के राजनयिक संबंध नहीं हैं। ऐसे में वह विमान पाकिस्तान में क्या कर रहा था? उसमें कौन सवार था?“

किसी उड़ान की वजह क्या है?

कई बार विमान यात्राओं का उद्देश्य पता नहीं चल पाता है।

ऐसी ही एक यात्रा का कारण पता लगाने का दिलचस्प उदाहरण देखें। ‘संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना‘ के तहत नोवाया गजेटा की टीम ने महत्वपूर्ण खबर निकाली। इस टीम ने 26 महीनों तक एक जेट विमान की उड़ानों पर नजर रखी। पता चला कि वह विमान लगभग हर महीने अफ्रीका और मध्य-पूर्व में उड़ान भर रहा था। इस विमान का माॅडल Raytheon HAWKER 800XP  था। इसकी पंजीकरण संख्या M-VITO थी। इस विमान के मालिक का नाम था- येवगेनी प्रिगोगिन। इस व्यवसायी ने रूसी सरकार के साथ कई व्यवसायिक अनुबंध कर रखे थे। उसे ‘क्रेमलिन कुक‘ कहा जाता था।

उस व्यवसायी की बेटी ने जेट विमान के इंटीरियर की तस्वीरें इंस्टाग्राम में डाली थी। इसके आधार पर पत्रकारों को पता चल गया कि उड़ान में कौन था। इस रिपोर्टिंग में पत्रकार इरिना डोलिनिना, एलेसिया मरोखोवस्काया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

वाशिंगटन पोस्ट ने एलोन मस्क के जेट की 250 उड़ानों पर नजर रखी।

नोवाया गजेटा ने उस विमान द्वारा सीरिया की कई उड़ानों और अफ्रीका में लगातार हॉपिंग (ठहराव) को उजागर किया। उन यात्राओं के रिकॉर्ड के परिस्थितिजन्य साक्ष्य से पता चल रहा था कि यात्राएं क्यों की गईं।

उदाहरण के लिए, मध्य अफ्रीकी गणराज्य की यात्रा का मकसद सोने और हीरे की खदान के व्यवसाय से जुड़ा हो सकती था। पत्रकारों ने रूसी अधिकारियों को नकद भुगतान करने का अधिकार देने वाला एक अनुबंध भी खोज निकाला। इसमें बताया गया था कि नकदी राशि का भुगतान सिर्फ निजी जेट पर ही संभव है।

‘द वाशिंगटन पोस्ट‘ ने वर्ष 2019 में यह दिलचस्प खबर निकाली: Elon Musk’s Highflying 2018: What 150,000 Miles in a Private Jet Reveal About his ‘Excruciating’ Year, अमेरिका की टेसला मोटर्स कंपनी के सीईओ एलोन मस्क ने वर्ष 2018 में निजी जेट विमान से 150,000 मील यात्रा की। इन लगभग 250 उड़ानों के जरिए क्या हासिल किया? उल्लखेनीय है कि इस वर्ष यह कंपनी काफी घाटे में रही। इसके बावजूद ऐसी महंगी यात्राओं का खर्च उस कंपनी को चुकाना पड़ा। रिपोर्टर ड्रू हारवेल ने लिखा कि इससे अमेरिका के तकनीकी सुपरस्टार के एक वर्ष की अराजकता का पता चलता है।

उन उड़ानों को कंपनी के विकास से जुड़ी बताया गया। लेकिन विमान के डेटा में यह छुपाया गया था कि उड़ानों के दौरान विमान में कौन लोग सवार थे। लेकिन विभिन्न स्थानों पर एलोन मस्क की सार्वजनिक उपस्थिति, उनके साक्षात्कार और ट्वीट्स से पता चल रहा था कि उन यात्राओं का मकसद क्या था।

सैन्य और सरकारी विमान

अधिकांश सैन्य और सरकारी विमान अपनी उड़ानों को ट्रैक करना मुश्किल बनाने की व्यवस्था करते हैं। लेकिन पत्रकारों ने ऐसे अनगिनत विमानों की गतिविधियों का पता लगाने में सफलता पाई है। राजनेताओं द्वारा उपयोग किए गए जेट विमानों की भी काफी जानकारी उपलब्ध है।

एक अकादमिक अध्ययन के अनुसार 80 फीसदी से अधिक सैन्य विमानों के और 60 प्रतिशत से अधिक सरकारी विमानों की सूचना को गोपनीय रखा गया है।  इस संबंध में अलग-अलग देशों के नियमों में काफी भिन्नता है।  ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के छह विशेषज्ञों की इस रिसर्च टीम का नेतृत्व मार्टिन स्ट्रोहमेयर ने किया।

सैन्य और सरकारी विमानों की उड़ानों की ट्रैकिंग इस आलेख में ऊपर बताई गई साइटों के जरिए की जा सकती है। इसके अलावा, नीचे आपको कुछ विशेष स्रोत और अच्छी रिपोर्टिंग के उदाहरण मिलेंगे।

सैन्य उड़ानों पर नजर रखने वाली विशेष साइटें

कुछ वेबसाइटें सैन्य उड़ानों पर नजर रखने की विशेषज्ञ हैं। यहां उनका विवरण दिया जा रहा है।

ADS-B.NL: यह वेबसाइट एडीएस-बी एक्सचेंज के रीयल-टाइम डेटा के आधार पर दुनिया भर में सैन्य विमानों पर नजर रखती है। इसमें 70 से अधिक देशों के सैन्य विमानों की जानकारी मिलती है। इसमें सर्च के विकल्पों की एक श्रृंखला मिलती है। इसके संस्थापक पीटर लैमरटिंक ने इस पर प्रकाश डाला है।

Radarbox: रडारबॉक्स में कुछ निशुल्क सर्च की अनुमति मिलती है। इसमें आपको लाइव उड़ानों को ट्रैक करने के लिए अपना विजेट बनाने की सुविधा भी मिलती है। सैन्य अभियानों की परिचालन सुरक्षा और कुछ निजी जेट ऑपरेटरों की गोपनीयता की रक्षा के लिए रडारबॉक्स उनकी ट्रैकिंग को अवरुद्ध या सेंसर भी करता है।

ट्विटर में @CivMilAir को फाॅलो करें। आप देख सकते हैं कि सऊदी राजकुमार या अमेरिकी उपराष्ट्रपति कहां जा रहे हैं।

Scramble: स्क्रैम्बल – इसमें यूरोप, अमेरिका और कनाडा में वायु सेना के विभिन्न विमानों की जानकारी मिलती है। साथ ही, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और एशिया की वायुसेना के बारे में भी कुछ डेटाबेस हैं। इस साइट का रखरखाव ‘डच एविएशन सोसाइटी‘ द्वारा किया जाता है। यह The Soviet Transport Database को भी होस्ट करता है।

Planeflightracker यह नाटो और रूसी सैन्य विमानों की जानकारी देता  है।

ट्विटर में@CivMilAir को फाॅलो करें। आप देख सकते हैं कि सऊदी राजकुमार या अमेरिकी उपराष्ट्रपति कहां जा रहे हैं। यह प्रोजेक्ट एक साइट द्वारा समर्थित है।

GVA Dictator Alert: जीवीए डिक्टेटर अलर्ट, इसका इस्तेमाल जिनेवा हवाई अड्डे पर उतरने वाले सत्तावादी शासकों के विमानों की ट्रैकिंग के लिए किया जाता है। इसमें ‘डिक्टेटर अलर्ट‘ भी शामिल है। इसे दो स्वतंत्र पत्रकारों फ्रांकोइस पिलेट और इमैनुएल फ्रायडेन्थल द्वारा चलाया जाता है। एक निजी ADS-B antenna के माध्यम से प्रति घंटे एक स्क्रिप्ट चलाई जाती है। इसमें सत्तावादी शासन द्वारा उपयोग किए जाने वाले विमानों की सूची होती है।

Aircraft Serial Number Search : ‘एयरक्राफ्ट सीरियल नंबर सर्च‘ इसमें अमेरिकी सैन्य विमानों की जानकारी मिलती है। यह एक विशेषज्ञ ‘जो बाउघेर‘ द्वारा संचालित है। उनकी वेबसाइट में एविएशन साइट्स का अद्भुत संग्रह भी मिलता है।

यूरोप के आसमान में 23 मई, 2019 को सैन्य विमान। ट्रैकिंग साइट एडीएस-बी एक्सचेंज का स्क्रीनशॉट।

सैन्य मामलों में मीडिया की सफलता

The Aviationist blog के रोम स्थित पत्रकार डेविड सेन्सिओटी ने कई मामलों में विमानों की ट्रैकिंग में सफलता पाई। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने 2018 की घटना के बाद क्रीमिया के पास अपनी हवाई संपत्तियों की उपस्थिति बढ़ा दी थी। अप्रैल 2018 में उन्होंने विमानों के रास्तों का विश्लेषण करने के बाद सीरिया के खिलाफ हवाई हमलों के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा इस्तेमाल किए गए विमानों का चार्ट बनाया। पत्रकार डेविड सेन्सिओटी नियमित रूप से अमेरिकी सैन्य विमानों का विश्लेषण करते हैं। उन्होंने खुलासा किया कि 10 मई, 2019 को अमेरिकी वायु सेना के चार बमवर्षक विमानों (बी-52) को कतर की दिशा में लगाया गया था।

प्रत्यक्ष अवलोकन से अब भी अच्छी खबरें निकल सकती हैं, भले ही इसे पुरानी सोच समझा जाए।

रॉयटर्स ने भी वर्ष 2018 में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट की। रूसी सैना के प्राइवेट ठेकेदारों को गुप्त उड़ानों पर सीरिया के लिए भेजा जा रहा था। विमान-ट्रैकिंग डेटा के आधार पर यह खबर बनी। दस्तावेजों से पता चला कि पश्चिम से विमान किस तरह अमेरिकी ब्लैकलिस्ट में शामिल लोगों के हाथों में जा रहे हैं। रॉयटर्स के पत्रकारों ने रोस्तोव हवाई अड्डे पर पूरी नजर रखी। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध उड़ान ट्रैकिंग डेटा का उपयोग करके असामान्य उड़ानों का पता लगाया। फिर विमान स्वामित्व रजिस्ट्रियों की खोज की। इस दौरान दर्जनों लोगों से साक्षात्कार भी किए। पत्रकारों ने सोवियत के एक पूर्व मेरीन मेजर के साथ एक फैशनेबल रेस्तरां में एक बैठक की। उस मेजर को अमेरिकी सरकार ने काली सूची में डाल रखा था।

इस खबर के लिए रॉयटर्स ने मुख्य रूप से तीन फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों से डेटा प्राप्त किया FlightRadar24, Plane Finder और Virtual Radar.

प्रत्यक्ष अवलोकन से अब भी अच्छी खबरें निकल सकती हैं, भले ही इसे पुरानी सोच समझा जाए। वेनेजुएला के पत्रकार जेवियर मेयरका ने मार्च 2019 में ट्विटर पर लिखा कि वेनेजुएला के मुख्य हवाई अड्डे पर रूसी विमानों से लगभग 100 सैनिकों के साथ 35 टन उपकरण उतारे गए।

रॉयटर्स ने विस्तार से बताया ”एक इल्यूशिन आईएल-62 यात्री जेट और एक एंटोनोव एएन-124 सैन्य मालवाहक विमान शुक्रवार को रूसी सैन्य हवाई अड्डे चाकलोव्स्की से काराकास के लिए रवाना हुए। ये सीरिया में रास्ते में रुक गए। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार 24 से यह जानकारी मिली है।”

सैन्य विमानों पर नजर रखने पर संवेदनशील जानकारी के खुलासे संबंधी आपत्तियों का सामना करना पड़ता है। The Lede में प्रकाशित आनंद कुमार के एक लेख में बताया गया है कि फरवरी 2019 में भारतीय वायु सेना के विमानवाहकों की गतिविधियों का खुलासा करने पर क्या नतीजा निकला।

तुर्की का गुप्त विमान

मार्च की एक सुबह की बात है। कोसोवो की राजधानी प्रिस्टिना में टीसी-केएलई के टेल मार्क पहचान वाला एक जेट उतरा। दो घंटे बाद इसने छह तुर्की नागरिकों के साथ उड़ान भरी। इनमें से पांच शिक्षक थे। इस विमान को अंकारा के एक एयरबेस पर उतारा गया। ये सभी तुर्की के नागरिक थे। देश की खुफिया सेवा एमआईटी ने उन्हें अन्य देश में गिरफ्तार करके वापस तुर्की लाया था। ‘करेक्टिव‘ नामक एक जर्मन मीडिया संस्थान और ‘फ्रंटल 21‘ की संयुक्त जांच टीम ने इसका खुलासा किया। पत्रकारों को इस मामले की अनौपचारिक जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने इसमें इस्तेमाल किए गए विमान की पहचान की। तुर्की के विमान रजिस्टर का उपयोग करके पता लगा लिया कि वह विमान तुर्की खुफिया सेवा का था।

अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी द्वारा एक आतंकी समूह के खिलाफ अभियान में गुप्त विमानों का भरपूर उपयोग हुआ। ब्रिटिश पत्रकार स्टीफन ग्रे की पुस्तक ‘घोस्ट प्लेन‘ Ghost Plane में इसकी पूरी जानकारी मिलती है। पत्रकार ने एक साक्षात्कार में कहा- “मैं समझ नहीं पा रहा था कि दुनिया के सबसे प्रसिद्ध खुफिया संगठन सीआईए की गोपनीयता की दीवार में घुसकर खबर कैसे निकालूं। लेकिन हमने आखिरकार यह कर दिखाया। हम हैरान थे कि सीआईए की गतिविधियों को ट्रैक कर लिया। उन लोगों के कई तरह के सुराग छोड़ रखे थे। इनके सहारे हमें सफलता मिली। आप सीआईए के हवाई जहाजों की उड़ान योजनाओं की भी खबर निकाल सकते हैं। दुनिया भर में उनके पूरे संचालन नेटवर्क की जानकारी हमारे सामने रखी हुई थी। हमने सीआईए के विमानों की हजारों उड़ान योजनाओं का विश्लेषण किया। इससे हमें उन विमानों को पहचानने का मौका मिला, जिनमें कैदी आ रहे थे।

बजफीड न्यूज ने छिपे हुए जासूसी विमानों की खोज के लिए एक कंप्यूटर को प्रशिक्षित किया। पीटर एल्डहौस ने 2017 में informative how-to article शीर्षक लेख में इसका वर्णन किया। इससे जुड़ी उनकी 2016 की एक अन्य स्टोरी Spies in the Skies थी। इसमें बताया गया कि हर दिन दर्जनों अमेरिकी सरकारी विमान अमेरिकी शहरों के ऊपर चक्कर लगाते हैं।

सरकारी यात्रायें

राजनेताओं की यात्राओं का अक्सर खूब प्रचार-प्रसार होता है। लेकिन कुछ खास यात्राओं को पूर्णतः गोपनीय रखा जाता है। ऐसी एक गोपनीय यात्रा के खुलासे का यह दिलचस्प मामला देखें।

जेट की यात्रा काफी महंगी होती है। उच्च पदों पर बैठे लोगों को उन्हें खरीदने या दूसरों के जेट में लिफ्ट लेने में परेशानी नहीं होती है।

 

वर्ष 2018 में डोनाल्ड ट्रम्प ने एयर फोर्स के विमान से इराक की गोपनीय यात्रा की। आसमान में विमानों और पक्षियों पर नजर रखने वाले एक शौकिया फोटोग्राफर ने उस उड़ते विमान की फोटो खींचकर इंटरनेट में अपलोड कर दी। इसकी फोटो में विमान की पहचान संख्या वीसी-25 दिख गई। इसके आधार पर उड़ानों पर नजर रखने वाले एक अन्य व्यक्ति ने यह निष्कर्ष निकाल दिया कि उसमें डोनाल्ड ट्रम्प ने यात्रा की है। परिणामस्वरूप, व्हाइट हाउस को उस यात्रा का विवरण देना पड़ा। ‘द गार्जियन‘ ने इसकी खबर में लिखा कि अमेरिकी प्रशासन की पूरी चालाकी धरी रह गई।

कनाडा में विमानों पर नजर रखने वाले एक स्पॉटर ने फ्लाइट ट्रैकर का उपयोग करके प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की माली यात्रा का पता लगा लिया।

@CivMilAir ने ट्विटर पर पूछा – ‘एर्दोआन कहां जा रहे हैं?‘

निजी जेट का लालच

जेट की यात्रा काफी महंगी होती है। उच्चपदों पर बैठे लोगों को उन्हें खरीदने या दूसरों के जेट में लिफ्ट लेने में परेशानी नहीं होती है। ऐसे लोगों द्वारा निजी जेट के उपयोग की पत्रकारों ने कई महत्वपूर्ण जांच की है।

Atlatszo: एटलास्टजो नामक न्यूज पोर्टल ने वर्ष 2018 में एक बड़ी खबर प्रकाशित की। बताया कि हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन सहित उच्चपदों पर आसीन लोगों ने और एक लक्जरी नौका और निजी जेट में यात्रा की। ये दोनों विदेश में पंजीकृत थे।

Politico:  पोलिटिको ने खबर निकाली है कि अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव टॉम प्राइस एक निजी जेट का उपयोग नियमित यात्रा के लिए कर रहे थे। ऐसा करना सरकारी यात्रा नियमों का उल्लंघन था। इस संबंध में मिली प्रारंभिक जानकारी के आधार पर पत्रकारों ने पहले उनकी यात्राओं का एक डेटाबेस बनाया। फिर उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए विमान की पहचान करने के लिए हवाई अड्डों पर नजर रखी। चार्टर्स की लागत पर भी शोध किया गया।

ट्रम्प की ट्रैकिंग

Trump, Russian Billionaire Say They’ve Never Met, but Their Jets Did — in Charlotte,” मार्च 2017 में ‘मैकक्लेची‘ में एक बड़ी खबर प्रकाशित हुई। इसका शीर्षक था- ‘ट्रम्प और रूसी अरबपति कहते हैं कि वे कभी नहीं मिले, लेकिन उनके जेट्स विमान बताते हैं कि चार्लोट में उनकी मुलाकात हुई।‘ इस खबर ने डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी अमीर दिमित्री रायबोलेवलेव की गोपनीय उड़ानों की ओर ध्यान आकर्षित किया। पत्रकारों ने ट्रम्प और विभिन्न रूसियों से जुड़े विमानों पर नजर रखी थी। यह खबर चार पत्रकारों केविन जी हॉल, एडम बेल, रिक रोथाकर और ग्रेग गॉर्डन ने मिलकर लिखी।

Tracking the Yachts and Jets of the Mega-Rich:  किसी खास विमान की उड़ान पर लगातार नजर रखने से महत्वपूर्ण खबरें सामने आई हैं। इस क्रम में पत्रकारों ने रूसी अमीर दिमित्री रायबोलेवलेव के व्यापारिक सौदों पर ध्यान केंद्रित किया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने 2017 के एक खबर ‘ट्रैकिंग द यॉट एंड जेट्स ऑफ द मेगा-रिच‘ प्रकाशित की। इसमें ट्रम्प और रायबोलेवलेव के संबंधों का खुलासा किया गया। इसमें कहा गया था- ”नई तकनीक, विशेष वेबसाइट और दुनिया भर में शौकिया प्लेन-स्पॉटर और यॉट-वॉचर्स की एक सेना ने हमारा काम आसान बना दिया। अब दुनिया में कहीं भी किसी अरबपति की यॉट या जेट की गतिविधियों पर नजर रखना बेहद आसान है।”

“Planespotting: Michael Cohen’s Amazing Journey: फरवरी 2017 में पत्रकार लुईस मेन्श ने अपने ब्लॉग ‘पैट्रिबोटिक्स‘ में यह खबर प्रकाशित की। इसमें उन्होंने माइकल कोहेन द्वारा प्लेन स्पॉटिंग किए जाने की पूरी जानकारी दी। यह काफी हैरान करने वाला विवरण था। ट्रम्प के वकील माइकल कोहेन के ठिकाने का पता लगाने के लिए विमान के रिकॉर्ड का उपयोग भी पढ़ने योग्य है।

मजेदार बात यह है कि एक विमान की खिड़की से पंख के हिस्से वाली एक इंस्टाग्राम तस्वीर के आधार पर उस विमान की पहचान कर ली गई। ऐसे विवरण बताते हैं कि पत्रकार अपनी ऐसी जांच कितनी सूक्ष्मता और रचनात्मकता के साथ करते हैं।

लाभ के लिए विमानों की ट्रैकिंग

व्यवसायियों और मशहूर हस्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले जेट विमानों पर पत्रकार नजर रखते हैं। निवेशक और प्रतियोगी भी ऐसा करते हैं। प्रारंभ में, निवेशकों ने विशेष हवाई अड्डों पर कॉरपोरेट जेट की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किसी प्लेनस्पॉटर को काम पर रखा था। इस बात पर भी चर्चा हुई है कि ऐसे जानकारी का उपयोग अवैध इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए होता है। (संक्षिप्त उत्तर है, नहीं, जैसा कि सीएनबीसी के लेख में बताया गया है।)

एडीएस-बी द्वारा कॉरपोरेट जेट्स की ऑनलाइन ट्रैकिंग ने कई कंपनियों को व्यवसायिक अवसर दिए, जो कोर्पोरेट जेट्स की गतिविधियों के आधार पर टिप्स बेचती हैं। पर्यवेक्षकों द्वारा कोर्पोरेट जेट की सूची बनाई जाती है। फिर उनकी उड़ानों के पैटर्न और उसमें विचलन या फेरबदल देखते हैं। विशिष्ट समय पर विशिष्ट उड़ानों का विश्लेषण अन्य समाचारों और सूचनाओं के संदर्भ में किया जाता है।

जेटट्रैक

JetTrack:  जेटट्रैक निवेशकों को जानकारी बेचता है। बाद में केस स्टडी के रूप में अपने निष्कर्षों का खुलासा भी करता है। इस संबंध में किसी ने लिखा- “जेटट्रैक का उपयोग करने वाला कोई विश्लेषक अधिकारियों की यात्रा पर नजर रखकर बता सकता है कि ये लोग अतिरिक्त निवेश करने में रुचि रखते हैं। जेटट्रैक उपयोगकर्ताओं को क्षेत्र के आधार पर खोज करने की भी अनुमति देता है। इससे किसी एक कंपनी के अधिकारियों द्वारा उद्योग में अन्य सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के अधिकारियों द्वारा यात्राओं की तुलना का अवसर मिलता है। कंपनी मान्यताप्राप्त संस्थानों और शिक्षाविदों को मुफ्त डेटा प्रदान करती है।“

Quandl

Quandl क्वांडल ने वर्ष 2018 में ‘कॉरपोरेट एविएशन इंटेलिजेंस‘ नामक एक सेवा शुरू की। इसमें कहा गया था- ‘एटिपिकल कॉरपोरेट उड़ानों में एम-एंड-ए, कंपनी विस्तार, साझेदारी और अन्य गतिविधि के मजबूत संकेत हैं।‘ अपनी सफलता के बारे में इसने लिखा – “सनट्रस्ट और बीबी-एंड-टी बैंकों ने यूएस डाॅलर 66 बिलियन के विलय की घोषणा की, जो संपत्ति और जमा के आधार पर छठा सबसे बड़ा अमेरिकी बैंक है। सनट्रस्ट ने पिछले सप्ताह दो बार और पिछले अगस्त में उत्तरी कैरोलिना में बीबी-एंड-टी का दौरा किया। दोनों फर्म 3 दिसंबर को न्यूयॉर्क में थीं।“

कॉरपोरेट खुफिया उद्देश्यों के लिए प्लेनस्पॉटिंग के उपयोग पर अकादमिक शोध भी हुए हैं।

शैक्षणिक सत्यापन

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने उड़ान डेटा का उपयोग करके कई महत्वपूर्ण मामले बताए। इनसे पता चला कि जिन निगमों को अधिग्रहण के लिए घोषित किया जाना था, उनकी आधिकारिक घोषणा से पहले ही संभावित खरीदारों ने उन निगमों का दौरा किया। शिक्षाविदों ने अपने लेख में ऐसे मामलों की गोपनीयता पर सवाल उठाए : The Real First Class? Inferring Confidential Corporate Mergers and Government Relations from Air Traffic Communication.

निवेशकों और पत्रकारों द्वारा कॉरपोरेट जेट्स को ट्रैक करने के कई मामले सामने आते रहे हैं। एक उदाहरण देखें। वर्ष 2018 में एफ्रिया और दुनिया के दिग्गज तंबाकू दिग्गज एल्ट्रिया ग्रुप के बीच संभावित सौदे की बात लीक हो गई थी। यह एक निवेशक द्वारा हवाई अड्डे पर निजी जेट के टेल नंबर को ट्रैक करने का परिणाम था।

रॉयटर्स ने 08 मई, 2019 को रिपोर्ट लिखी ”हेज फंड ने कॉरपोरेट जेट की उड़ानों को ट्रैक करने के लिए प्रतिवर्ष एक लाख डाॅलर से भी अधिक राशि का भुगतान किया। ऑक्सिडेंटल पेट्रोलियम कॉर्प ने पिछले हफ्ते दो सौदों की घोषणा की थी, जो अमेरिकी तेल और गैस कंपनी के निजी विमान के हाल ही में देखे गए स्थानों से मेल खाते थे। इसके कारण उड़ानों पर नजर रखने संबंधी खर्च को उचित ठहराया गया।”

अमेजॅन के सीईओ जेफ बेजोस के 18-सीट के जेट विमान Gulfstream G650ER jet, N271DV  को ट्रैक किया गया था। इससे पता चला कि अमेजॅन का नया मुख्यालय किस शहर में होगा। इस पर समाचार लिखते वक्त पत्रकार ने एडीएस-बी एक्सचेंज पर वास्तविक समय में देखा कि वह जेट न्यूयॉर्क से वापस सिएटल लौट रहा था।

तस्वीरें

शौकिया प्लेनस्पॉटर लगभग सभी देशों में मौजूद हैं। वे अक्सर विमानों की तस्वीरें लेते हैं। ऐसी तस्वीरों का विशाल अभिलेखागार देखें:

Planespotters.net

Jetphotos.com

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