Topic
सुरक्षा और बचाव
संसाधन
जीआईजेएन का जर्नलिज्म सिक्युरिटी असेसमेंट टूल (JSAT) जारी
महिला पत्रकारों और फ्रीलांसरों का ऑनलाइन उत्पीड़न के बढ़ने के साथ ही डिजिटल निगरानी भी एक नया खतरा है। रूना सैंडविक के अनुसार पत्रकारों को हर स्तर पर बेहतर सुरक्षा के लिए एक सुलभ रोडमैप की आवश्यकता है। यह उपकरण टीम वर्क को सबसे अच्छे समाधान के रूप में प्रस्तुत करता है।
रिपोर्टिंग टूल्स और टिप्स सुरक्षा और बचाव
कहीं आपके स्मार्टफोन से आपके सोर्स तो ख़तरे में नहीं पड़ रहे?
एक बार जब आप अपने गूगल खाते से अपने एंड्रॉयड फोन में साइन-इन करते हैं, तो आपके फोन में मौजूद संपर्क गूगल के सर्वर पर कॉपी हो जाते हैं। इसके कारण आप जिस किसी भी डिवाइस में गूगल खाते से साइन-इन करेंगे, तो उस उपकरण में वह संपर्क सूची आपको मिल जाएगी। जिस तरह आपके ‘आई-फोन‘ के कॉन्टैक्ट्स ऐप में कॉन्टैक्ट जोड़ने का तरीका आपके ‘मैक‘ पर कॉन्टैक्ट्स ऐप के साथ सिंक होता है, वैसे ही अपने गूगल अकाउंट में साइन-इन रहते हुए अपने एंड्रॉइड फोन में कॉन्टैक्ट को जोड़ने से यह आपके गूगल कॉन्टैक्ट्स में भी जुड़ जाएगा।
समाचार और विश्लेषण सुरक्षा और बचाव
आपके पसंदीदा ट्रांसक्रिप्शन टूल कितने सुरक्षित हैं?
यदि आप संवेदनशील सामग्री के साथ काम कर रहे हैं, तो आपकी रिकॉर्डिंग किसी को जोखिम में डाल सकती हैं। उनके सार्वजनिक होने या अधिकारियों तक पहुंचने पर आपके स्रोत तथा अन्य लोगों को खतरा है। इसलिए, हमारा सुझाव है कि उस डेटा तक किसकी पहुंच हो, इस पर आपको नियंत्रण रखना होगा। यदि आप किसी संपादक के साथ या किसी एसाइनमेंट के तहत काम कर रहे हैं, और आपकी रिकॉर्डिंग विशेष रूप से संवेदनशील है, तो रिकॉर्डिंग की सुरक्षा के कारण हस्तलिखित ट्रांसक्रिप्शन पर जोर दें। इसके लिए अपने संपादक से सहायता मांगें।
अध्याय गाइड संसाधन
आपात स्थिति में क्या करें पत्रकार?
संवेदनशील इलाकों में रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों को तत्काल सुरक्षित वापस लौटने की योजना तैयार रखनी चाहिए। उनके पास आवश्यक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हमेशा तैयार होने चाहिए। जरूरत पड़ने पर ऐसे दस्तावेज, पत्रकारों को यात्रा करने में मदद करेंगे। उन्हें सुरक्षित किसी क्षेत्र या देश में जाने संबंधी मदद मिल सकती है।
समाचार और विश्लेषण सुरक्षा और बचाव
सर्विलांस से निरंकुश निगरानी, 2021 की पांच बेहतरीन खोजी ख़बरें
ऐसी निगरानी के काफी खतरनाक परिणाम सामने आ रहे हैं। ऐसे उपकरणों की सूची लंबी है। सीमा पार करने के दौरान चेहरे की पहचान के उपकरण लगे हैं। रेगिस्तान पार करने वाले लोगों को ड्रोन और ब्लिंप द्वारा ऊपर से देखा जा रहा है। भूमिगत सेंसर के जरिए लोगों के आवागमन का पता लगाया जा रहा है। इन्फ्रा-रेड कैमरा, रडार सेंसर, मोबाइल सर्विलांस टावर इत्यादि का भरपूर उपयोग हो रहा है।
सुरक्षा और बचाव
पत्रकार व्हिसलब्लोअरों से सूचना कैसे प्राप्त करें और उनकी रक्षा कैसे करें
संचार का एक सुरक्षित साधन होना चाहिए। यह एक और तरीका है जिससे पत्रकार अपने स्रोतों की रक्षा कर सकते हैं। कभी-कभी स्रोत किसी ऐसे डिवाइस का उपयोग करते हैं, जिसकी उसके संस्थान द्वारा निगरानी होती हो। इसलिए अपनी सुरक्षा को खतरे में डाले बिना संवाद के लिए उन्हें ऐसे डिवास से दूर रहने की सलाह दें।
संसाधन
पत्रकारों के लिए आवश्यक डिजिटल उपकरणः जीआईजेएन गाइड
आज के संदर्भ में यह विषय ज़्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि निजी कंपनियां और दमनकारी शासन दोनों ही पहले से कहीं अधिक प्रेस की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को सीमित करने की कोशिश कर रहे हैं। पत्रकार जो कुछ भी करते हैं: ईमेल और टेक्स्ट संदेश भेजने से लेकर उनके पासवर्ड टाइप करने तक पर दमनकारी ताकतें नजर रखे हैं।
संसाधन
पत्रकारों की सुरक्षा संबंधित संसाधन
दुनिया भर में पत्रकारों की असुरक्षा के आंकड़े काफी चिंताजनक हैं। ‘कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स‘ के अनुसार, 1992 से अब तक 1400 से अधिक पत्रकारों की हत्या कर दी गई। उनमें से 890 से अधिक पत्रकारों के किसी भी हत्यारे को कभी न्याय के कटघरे में लाया तक नहीं गया। दोषियों पर कार्रवाई नहीं किया […]
संसाधन
पत्रकार कैसे करें अपनी डिजिटल सुरक्षा
पत्रकारों की डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने के लिए जीआइजेएन ने इस विषय पर संसाधन सामग्री जुटाकर यह गाइड तैयार की है। इस आलेख में पत्रकारों को इन खतरों के प्रति सचेत करते हुए डिजिटल सुरक्षा संबंधी तकनीक और उपायों की जानकारी दी जा रही है।