संसाधन

» टिपशीट

विषय

मोबाइल पत्रकारिता गाइड: रिपोर्टिंग के लिए वरदान ‘मोजो’

इस लेख को पढ़ें

कोरोना महामारी के दौरान रिपोर्टिंग के नए तौर-तरीक़े विकसित हुए है। यहां हम मोबाइल पत्रकारिता के बारे में बात कर रहे हैं, जो इस दौर की रिपोर्टिंग में बहुत उपयोगी साबित हुई है। यहां प्रस्तुत हैं कुछ उपयोगी आलेख।

‘मोबाइल पत्रकारिता पर कोरोनावायरस का प्रभाव’ विषय पर बीबीसी अकादमी के स्मार्टफोन ट्रेनर मार्क सेटल का लेख।

मोबाइल पत्रकारिता ट्रेनर और इटली के RAI में बतौर विशेष संवाददाता निको पीरो ने महामारी की रिपोर्टिंग से जुड़ी कुछ बातें साझा की हैं। इटली से सबक: कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान फील्ड रिपोर्टिंग के लिए सबसे बेहतर’।

‘कोविड -19 मोबाइल पत्रकारिता चैलेंज में छह फाइनलिस्टों की मोजो रिपोर्ट ‘। लेबनान की निसरीन अजब थॉमसन फाउंडेशन मोबाइल पत्रकारिता चैलेंज की विजेता ।

‘रिमोट वीडियो इंटरव्यू: वो सब जो आप जानना चाहते हैं’ में एलन हबूरचैक ने “पत्रकारों और उनके विषयों के बीच दूरस्थ साक्षात्कार को सुविधाजनक बनाने के लिए कुछ सरल और कम खर्चीली तकनीक को अपनाया।

मोजो’ पर काम 

‘मोजो वर्किन’ GIJN का एक विशेष आलेख है जिसमें बताया जाता है कि मोबाइल के उपयोग से किस तरह पत्रकारिता की जा सकती हैं।

इसमें GIJN के विशेषज्ञ इवो बुरुम हैं, जो एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार और पुरस्कार विजेता टेलीविजन, लेखक, निर्देशक और एग्जयूटिव प्रोड्यूसर हैं। 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले बुरुम GIJN सम्मेलनों में नियमित वक्ता रहे हैं और SmartMojo नामक वेबसाइट के संचालक हैं।

‘अपने स्मार्टफ़ोन पर बेहतर तस्वीरे कैसे लें’: 2021 में बुरुम ने iPhone कैमरे के साधारण फीचर्स से ही शानदार फ़ोटो कैसे लें, यह खास टिप्स दिए थे।

जीआईजेएन के 2019 सम्मेलन में इवो बुरुम ने एक महत्वपूर्ण प्रस्तुतीकरण दिया था जिसका शीर्षक था – ‘मोजो’ अनपैक्ड- 20 सर्वाधिक पूछे गए प्रश्न’

GIJN नियमित रूप से बुरुम के कॉलम और टिप्सशीट प्रकाशित करता है, जिन्हें यहां शेयर किया गया है।

Mojo Workin: अपना नया मोजो स्मार्टफोन चुने (11 फरवरी, 2019)

मोजो पर काम : स्मार्टफोन के जरिए डेवलपिंग और प्रोड्यूसिंग (पार्ट- 1) इस कॉलम में स्टोरी आइडिया, कहानी की संरचना, चरित्र और शॉट्स कवरेज पर ध्यान केंद्रित करने के टिप्स शामिल हैं। (4 जून, 2018)

मोजो पर काम : स्मार्टफोन के जरिए डेवलपिंग और प्रोड्यूसिंग (पार्ट- 2) इसमें इवो बुरुम ने कवरेज, equipment और ऑडियो perspective पर फोक्स किया है। (June 5, 2018)

GIJC17 में, इवो बुरुम ने गुरिल्ला मोजो प्रस्तुत किया।

मोजो पर काम –  मोबाइल पत्रकारिता के आवश्यक उपकरण (11 अप्रैल, 2017)

मोजो पर काम: स्मार्टफोन पर ऑडियो रिकॉर्डिंग (6 जून 2017)

मोजो पर काम : स्मार्टफोन पर एडिटिंग (8 अगस्त, 2017)

इसके अलावा, विषय को और अच्छे से समझने के लिए इवो बुरूम की टिप्सशीट पर एक नज़र डालें जो उन्होंने IJAsia 16 की वर्कशॉप के दौरान प्रस्तुत की ।

अन्य उपयोगी संसाधन

मोबाइल जर्नलिज्म मैनुअल का निर्माण कोनराड-एडेनॉयर-फाउंडेशन मीडिया प्रोग्राम एशिया के नेतृत्व में एक टीम द्वारा किया गया था। इसमें एप्स, उपकरणों और लाइव काम कैसे किया जाता है इस पर चर्चा है ।

Mojofest 2019 में फ्रीलांस पत्रकार और ट्रेनर बर्नहार्ड लिल ने ‘मोबाइल पत्रकारों के लिए छह जरूरी ऐप’ के बारे बताया।

‘स्मार्टफोन पत्रकारिता’ के लिए बीबीसी अकादमी द्वारा शूटिंग, ऑडियो और एडिटिंग सहित कई अलग अलग विषयों पर दिशानिर्देश वीडियो फॉर्मेट में हैं।

‘मोजोफेस्ट कम्यूनिटी,जहाँ ग्लोबल मोजो कम्यूनिटी मिलती और शेयर करती है’ यह वह फेसबुक पेज है जिसे 2015 में डबलिन में पहली Mojocon मोबाइल पत्रकारिता सम्मेलन के बाद ग्लेन मुल्काही द्वारा बनाया गया था।

“मोबाइल जर्नलिज्म वर्कफ़्लो: कंटेंट क्वालिटी को कैसे बढ़ाया जाए” journalism.co.uk में 2019 का यह लेख बताता है कि कैसे डच प्रसारक ओमरोप फ़्रीस्लॉन्ग ने अपने सभी पत्रकारों को मोबाइल पत्रकारिता में प्रशिक्षित किया है। साथ ही मोबाइल पत्रकार विटसे वीलिंग ने किस तरह अपने सहयोगियों को कंटेंट बनाने का मार्गदर्शन दिया।

‘मोबाइल पत्रकारिता के लिए आवश्यक चार नॉन-मोजो ऐप ‘ journalism.co.uk में डेनियल ग्रीन का यह 2019 का लेख Evernote, iHandy Level, PromptSmart, and Google Photos जैसे ऐप्स की विस्तार से जानकारी देता है।

‘मोबाइल रिपोर्टिंग के लिए किस iPhone की आवश्यकता’ ? journalism.co.uk में जैकब ग्रेंजर का 2019 में लिखा आर्टिकल है।

मोबाइल पत्रकारों के लिए 7 फोटो एडिटिंग ऐपः कैटी पोडकोविरॉफ लुईस की 2020 में दी गई सलाह है।

इसके अलावा, EIJ17 पर माइक रेली और विक्टर हर्नांडेज़ द्वारा प्रदर्शित टूल्स की एक लंबी सूची भी है।

अफ्रीकी खोजी पत्रकारिता सम्मेलन 2016 में सीमस रेनॉल्ड्स द्वारा पेश की गई टिप्सशीट भी देख सकते है। इसमें कई सुझाव, वीडियो पत्रकारिता की चर्चा, अन्य संसाधनों और लोगों को ट्विटर पर फॉलो करना जैसे विषय शामिल हैं।

‘मोबाइल पर विजुअल स्टोरी कहने के 9 तरीके’ जिसे फिनलैंड के सबसे बड़े दैनिक समाचार पत्र हेलसिंगिन सोनोमैट की विजुअल जर्नलिस्ट एम्मा-लीना ओवास्कैनन ने विस्तार से बताया है।

इसके अलावा ‘मोबाइल स्टोरी टेलिंग के लिए 5 आईओएस ऐप’ में बीबीसी अकादमी के स्मार्टफोन ट्रेनर, मार्क सेटल ने रचनात्मक मोबाइल स्टोरी टेलिंग के टिप्स दिए हैं। Journalism.co.uk के लिए मार्च 2018 की पोस्ट में मार्क सेटल ने अपनी गो-टू ऐप सूची में से कुछ को शामिल किया है। साथ ही साथ यहां सेटल का एक इंटरव्यू भी है। सितंबर 2018 में आईओएस 12 के बारे में बीबीसी अकादमी ने सेटल का इंटरव्यू लिया था, इसमें पत्रकारों के लिए विशेष रूप से नए फीचर्स जो सबसे अधिक उपयोग में आ सकते हैं पर विस्तार से चर्चा की गई है।

IJNet ने 2018 में 3 ऐसे मोबाइल वीडियो एडिटिंग ऐप पेश किए हैं, जिसमें बताया गया है कि एक खोजी पत्रकार एक नए मीडियम का कैसे प्रयोग कर सकता है।

इसके अलावा पत्रकार टूल बॉक्स पर मोबाइल पत्रकारिता के लिए जरूरी संसाधन भी यहां पर मौजूद हैं।

मोबाइल जर्नलिज्म से संबंधित एक साल में सीखे गए सात सबकः ऑस्ट्रेलिया के मैक्लेरी कॉलेज में इस विषय को पढ़ाने के बाद कोरिने पॉडर ने इस सब्जेक्ट पर लिखा था।

अपने मोबाइल फोन से 360 एंगल से स्टोरी को कैसे करेंः मार्कस बोश ने इस पर लिखा है जो, VR/AR Studio Vragments के सह-संस्थापक हैं।

थॉमसन फाउंडेशन के एक ट्रेनर ग्लेन मुल्काही द्वारा मोबाइल पत्रकारिता पर बनाया गया आठ मिनट का वीडियो

क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के तहत हमारे लेखों को निःशुल्क, ऑनलाइन या प्रिंट माध्यम में पुनः प्रकाशित किया जा सकता है।

आलेख पुनर्प्रकाशित करें


Material from GIJN’s website is generally available for republication under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International license. Images usually are published under a different license, so we advise you to use alternatives or contact us regarding permission. Here are our full terms for republication. You must credit the author, link to the original story, and name GIJN as the first publisher. For any queries or to send us a courtesy republication note, write to hello@gijn.org.

अगला पढ़ें

Codesinfo project digital tools to fight disinformation

दुष्प्रचार से निपटने के लिए पांच फ्री ओपन सोर्स टूल

कैपी को जेमिनी की तकनीक पर बनाया गया है। यह गूगल द्वारा विकसित एक लार्ज लैंगुएज मॉडल (एलएलएम) है। कुशल तरीके से विश्वसनीय उत्तर तैयार करने ने लिए यह रीट्राइवल ऑगमेंटेड जेनरेशन (आरएजी) का उपयोग करता है।

Seven people and a dog are illustrated in watercolour standing against a light blue background, in a variety of poses but all intently looking at their mobile phones. They are coloured in blue with yellow detail, and cast blue shadows. Their phones are all connected via a web like network in the air, showing various connection points. The image is portrait shape and allows space for text in the top left hand corner.

साइबर सुरक्षा: आठ गलतियों से बचें पत्रकार

मीडिया में व्हाट्सएप का बहुत इस्तेमाल होता है। पत्रकार इसका उपयोग अपने पाठकों से जुड़ने के साथ ही स्रोतों से जुड़ने के लिए भी करते हैं। व्हाट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है। इसलिए केवल मूल प्रेषक और अंतिम प्राप्तकर्ता ही संदेश देख सकता है। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फ़ाउंडेशन की निगरानी आत्मरक्षा (एसएसडी)  गाइड के अनुसार व्हाट्सएप और उसकी मूल कंपनी मेटा की गोपनीयता नीतियां चिंताजनक हैं।

whistleblower support journalist

व्हिसल ब्लोअर, पत्रकार और वकील एक दूसरे के मददगार क्यों कहलाते हैं

आम तौर पर मीडिया का पूरा ध्यान व्हिसल ब्लोअर पर केंद्रित करता है। लेकिन उनके मददगार की अक्सर अनदेखी हो जाती है। जबकि ऐसे मददगारों का समर्थन काफी महत्वपूर्ण होता है। खासकर ऐसे युग में, जब दुनिया भर में सच बोलने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।

A 2019 protest in southern Africa against gender-based violence. Image: Shutterstock

यौन अपराधियों को बचाने वाले सिस्टम पर कैसे रिपोर्टिंग करें

अपनी जांच के लिए सबसे उपयोगी जानकारी कहां मिलेगी? इसके लिए आपको यह पता लगाना होगा कि कहां खोजना है। थॉम्पसन कहते हैं- “परिकल्पना के बारे में सोचें। जानकारी कहां से एकत्र की जाएगी? यह कहां होगी?“

जैसे, यौन हिंसा के अपराधों से जुड़ी जानकारी कहां मिलेगी? इसके लिए मेडिकल रिकॉर्ड, पुलिस रिपोर्ट, मानसिक स्वास्थ्य सहायता डेटा से जानकारी मिल सकती है। सोशल मीडिया में पीड़ितों ने अपनी कहानी सुनाई होगी। हम जानकारी के ऐसे स्रोतों का चयन करें, जिन्हें बुद्धिमानी से जुटाया गया है।