GIJN Guide: Introduction to Investigative Journalism cover image
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Illustration: Smaranda Tolosano for GIJN

ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क (जीआईजेएन) और आईएमईडीडी ट्रेनिंग पिलर, आइडियाज़ ज़ोन के पास उन्नत शोध तकनीकों पर कई ऑनलाइन प्रशिक्षण उपलब्ध हैं। इसके बावजूद हम खोजी पत्रकारिता के बुनियादी कौशल को एक महत्वपूर्ण आवश्यकता के बतौर देखते हैं। इसलिए हमने यह गाइड प्रस्तुत किया है। यह वर्ष 2024 में साझेदारी के तहत ’खोजी पत्रकारिता का परिचय’ कार्यक्रम का हिस्सा है। इसे दुनिया भर के कुछ शीर्ष खोजी पत्रकारों ने लिखा है।

इस गाइड के लेखकों के नाम इस प्रकार हैंः जेलेना कोसिक (आईसीआईजे), वाह्यु ध्यानात्मिका (टेम्पो), एमिलिया डियाज़-स्ट्रक (जीआईजेएन), मरियम एल्बा (प्रोपब्लिका), विल फिट्ज़गिब्बन (द एग्जामिनेशन), ब्रेंट ह्यूस्टन (युनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस), करोल इलागन (युनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस), प्योरिटी मुकामी (ओसीसीआरपी), मिरांडा पेट्रुसिक (ओसीसीआरपी), रूना सैंडविक (ग्रेनिट), हमादौ टिडियान सी (ऑएस्टाफ न्यूज), शेरीन यूसुफ (बीबीसी वेरिफाई), मरीना वॉकर (पुलित्जर सेंटर), मार्गोट विलियम्स (द इंटरसेप्ट)।

प्रस्तुत गाइड का संपादन निकोलिया अपोस्टोलौ, जबीन भट्टी, जॉन डायर, मार्था हैमिल्टन, रीड रिचर्डसन और एलेक्सा वैन सिकल ने किया। इसके अध्यायों की तथ्य-जांच जबीन भट्टी, मार्था हैमिल्टन और कैटरीना जानको ने की। जीआइजेएन और आईएमईडीडी के समस्त स्टाफ की सहायता और समर्थन के बिना यह परियोजना संभव नहीं हो पाती। सबका आभार।

जीआईजेएन की ओर से

निकोलिया अपोस्टोलौ (संसाधन केंद्र निदेशक), एमिलिया डियाज़-स्ट्रक (कार्यकारी निदेशक), एस्साटौ फोफाना, मैक्सिम डोमेग्नि, बेनोन ओलुका ( क्षेत्रीय संपादक और सहयोगी संपादक), लियोनार्डो पेराल्टा, (अतिरिक्त सहायता), स्मरंडा टोलोसानो (रेखांकन)

आईएमईडीडी की ओर से

अन्ना-किंथिया बौसडौकौ (सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक), दिमित्रिस बौनियास (इनक्यूबेटर और आइडिया जोन के प्रमुख), निकोलस अरोनिस, नोटा वेफिया और कतेरीना वाउट्सिना (परियोजना प्रबंधक), एवजेनियोस कलोफोलियास (कला निर्देशक)।

इस गाइड को अंग्रेजी और ग्रीक में एक साथ प्रकाशित किया गया है।

क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के तहत हमारे लेखों को निःशुल्क, ऑनलाइन या प्रिंट माध्यम में पुनः प्रकाशित किया जा सकता है।

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इन सबके बावजूद, पत्रकारों के सामने एक नाजुक जिम्मेदारी, नफरत को अनजाने में बढ़ावा न देने की है। पैनलिस्टों ने सुझाव दिया कि पत्रकारों को नफरत भरे संदेशों को संदर्भ सहित रिपोर्ट करना चाहिए। उनका प्रसार कम से कम रखना चाहिए। निशाने पर आए समुदायों की आवाज़ को प्रमुखता देनी चाहिए और गालियों या नफरत भरी भाषा को सीधे दोहराने से बचना चाहिए।

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सदस्यों के बारे में

कठिन सवाल, निर्भीक पत्रकारिता: ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’

आज ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ में छह पूर्णकालिक कर्मचारी कार्यरत हैं। स्वतंत्र पत्रकारों का एक अच्छा नेटवर्क है। यह हर महीने दो से तीन लंबी जांच-पड़ताल पर ध्यान केंद्रित करता है। इसकी कार्यप्रणाली ‘मितव्ययी’ है। यह पूरी तरह से पाठकों द्वारा वित्त पोषित है। यह उनके दान पर निर्भर है। नितिन सेठी कहते हैं- “पहले दिन से ही हमारी 85% राशि का उपयोग खबरों के उत्पादन में लग रहा है।”