आलेख

विषय

छुपाई जा रही कोविड-19 मौतों की सही गणना कैसे करें !

इस लेख को पढ़ें

दुनियाभर में कोरोना महामारी ने विनाशकारी रूप अख्तियार किया हुआ है। रोजाना हजारों लोगों की जान जा रही है, वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं है, लाखों लोग इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। लेकिन कोरोना से मरने वालों के आंकड़ों को लेकर अभी भी संशय है। कुछ सरकारें मौतों के आंकड़ों को कम करके बता रही हैं। ऐसे में GIJN की इस रिपोर्ट में  पत्रकारों के ऐसे सुझाव और तकनीक बता रहे हैं, जिससे कोविड-19 से होने वाली मौतों की गणना में मदद मिल सकती है।

अप्रैल में, फ्रीलांस रिपोर्टर अब्देल अहमद मुमिन को संदेह हुआ कि सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में कोविड -19 संक्रमण से मौत का आंकड़ा बहुत कम बताया जा रहा है। शहर में बताये जा रहे मौत के आंकड़ों की जांच करने के लिए रिपोर्टर मुमिन ने मोगादिशु के कुछ एम्बुलेंस ड्राइवरों से बातचीत की। उन्होंने पाया कि एम्बुलेंस चालकों ने लगातार दो सप्ताह में सामान्य से चार गुना अधिक मृत शरीरों को श्मशान पहुंचाया था।

इसी दौरान, द गार्जियन के लिए दो रिपोर्टर नाइजीरिया के कानो शहर में कोरोना से हुई आधिकारिक मौतों  की जांच कर रहे थे। वहां मौतें काफी कम बताई गई थीं। इन रिपोर्टरों ने कब्रिस्तान में कब्र खोदने वाले पांच लोगों से बातचीत की तो सामने आया कि महामारी से मरने वालों की संख्या बताए जा रहे आधिकारिक आंकड़ों से सैकड़ों गुना ज्यादा थी। उन्होंने बताया कि बीमारी से मरने वालों की बढ़ी संख्या के कारण, कब्रिस्तान में कब्र खोदने वालों की संख्या भी बहुत बढ़ गई है।

इस बीच, अटलांटिक के दूसरी ओर बैठे, ProPublica के दो डेटा रिपोर्टर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि डेट्रायट शहर के अस्पतालों के बाहर कितनी मौतें हुई हैं, जो आधिकारिक आंकड़ों में सामने नहीं आईं हैं। उनकी इस कोशिश में सामने आया कि कई शहरों में घर पर मरने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है और यही वजह है कि कोरोनावायरस से होने वाली मौतें, आधिकारिक रूप से बताई गई मौतों की तुलना में अधिक हैं।

इधर, दक्षिण में 3,700 मील दूर पेरू की राजधानी लीमा में IDL-Reporteros के पत्रकारों ने पाया कि कब्रिस्तानों में तीन गुना अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने यह भी पता लगाया कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने उपमहाद्वीप के श्मशानों में एक हेल्थ रजिस्टर बनवाया है, जिसमें कोविड-19 से होने वाली मौतों से संबंधित डेटा मौजूद होता है।

दुनिया भर में, खोजी पत्रकार कोरोना वायरस महामारी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मौतों की स्पष्ट तस्वीर सामने लाने के लिए नए तरीकों और उपकरणों की खोज कर रहे हैं।

उन्हें विभिन्न कारणों से अन्य तरीकों से जानकारी एकत्र करनी पड़ रही है। मौत की आधिकारिक जानकारी पर सवाल उठ रहे हैं, पर्याप्त टेस्टिंग नहीं हो रही है, आधिकारिक जानकारी में देरी हो रही है, मृत्यु प्रमाण पत्र मौत का असली कारण नहीं बता रहा है और कुछ में मामलों की मौत की जानकारी जानबूझकर छिपाई जा रही है। परिणामस्वरूप, दुनिया भर में कोविड-19 मौतों की संख्या में गिरावट आई है, संसाधन आवंटन, सार्वजनिक धन के उपयोग और सरकारी जवाबदेही के संदर्भ में गंभीर परिणाम सामने आए हैं। खोजी पत्रकार इस सूचना के अंतर को भरने में मदद कर रहे हैं।

मार्च में, चीनी मीडिया Caixin  के पत्रकारों ने वुहान में मौत के मामले को उजागर करने के लिए एक पूरी तरह से अलग तरीका अपनाया। उन्होंने वुहान में मरने वालों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए श्मशान में हो रहे अंतिम संस्कारों के आंकड़ों का संग्रह किया। एक ट्रक ड्राइवर ने पत्रकारों को बताया  कि वह लगभग ढाई हजार (2,500) ताबूतों की आपूर्ति एक श्मशान में कर चुका है और इससे एक दिन पहले भी इससे ज्यादा ताबूत श्मशान पहुंचाए थे।

कानो शहर में गार्जियन के लिए रिपोर्ट करने वाले पत्रकार इमानुएल अकिनोतु ने जीआईजेएन को बताया कि, यदि कोई विश्वसनीय आंकड़े नहीं हैं, तो वास्तविक साक्ष्य बहुत उपयोगी हो सकते हैं, जब तक कि लोग जो जानते हैं उस पर विश्वास करते रहते हैं। यह काफी स्पष्ट है।

ProPublica के एक डेटा जर्नलिस्ट, जैक गिलम ने कहा, एक चीज हमें निराश करती है कि हर जगह आधिकारिक मौत का आंकड़ा कम है। हमने वास्तविक संख्या जानने के लिए एक और रास्ता निकाला है। मैं यह देखना चाहता था कि घर पर रहते हुए कितने लोग मारे गए। मिशिगन में हमें अप-टू-डेट डेटा जानकारी नहीं दी गई। इसलिए हमने 911 कॉल डेटा पर काम किया।

आधिकारिक आंकड़ों से परे जाना और मृत्यु की सच्ची तस्वीर प्राप्त करना बहुत मुश्किल है। गलतियों की कई संभावनाएं हैं। इसलिए दुनिया भर के संवाददाताओं और विशेषज्ञों की राय के साथ, जीआईजेएन यहां मौत की असली तस्वीर सामने लाने के लिए 12 रणनीतियों और छह उपकरणों की रिपोर्ट पेश कर रहा है, जो विभिन्न देशों में प्रभावी साबित हुए हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के अतिरिक्त मौतों की गणना करने की विधि

  • उन देशों में जहां तुलनात्मक रूप से विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध हैं, मौजूदा अवधि के दौरान हुई मौतों की कुल संख्या की तुलना पिछले साल की समान अवधि के दौरान हुई मौतों की कुल संख्या से की जा सकती है। जैसा कि 14 देशों के मामले में फाइनेंशियल टाइम्स ने पिछले अप्रैल में किया था। यदि सांख्यिकी विभाग का नवीनतम डेटा अधूरा है, तो रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताएं और उसके साथ तुलना करें। इससे यह भी साबित होता है कि कुल मृत्यु दर सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ गई है, चाहे वह इक्वाडोर हो या न्यूजर्सी।
  • मौतों की संख्या की गणना के लिए “प्रॉक्सी स्रोतों” का उपयोग करें। स्वास्थ्य कर्मियों, मुर्दाघर के अधिकारियों, अंतिम संस्कार वालों, कब्र खोदने वालों और एम्बुलेंस चालकों से बात करें।
  • स्थानीय अधिकारी मृतकों का वर्णन कैसे करते हैं जब वे मृतकों को दफनाने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ समझौता करते हैं? इस बारे में पूछताछ करें। IDL-Reporteros ने पाया कि पेरू के स्वास्थ्य सेवा अधिकारियों के पास लाशों को दफनाने के लिए विभिन्न निजी कब्रिस्तानों के साथ अनुबंध था और वे रजिस्टर में कोविड -19 से संबंधित मौतों के बारे में स्पष्ट थे।

    लीमा के अस्पताल से शव को ले जाते हुए। फोटो: उमर लुकास, फोटो साभारः IDL-Reporteros

  • सुनिश्चित करें कि स्थानीय सरकार की कोई जानकारी लीक नहीं हुई है। कहीं न कहीं, स्थानीय अधिकारी वहां के अस्पतालों में कोविड से संबंधित मौतों की संख्या का आंतरिक लेखा-जोखा रख रहे हैं और वे उन्हें राष्ट्रीय स्तर के अधिकारियों को भेज रहे हैं। लेकिन वह कभी-कभी प्रचार-प्रसार कारणों से सही आंकड़ों को दबा देते हैं। वहां जाकर संख्या कम की जा रही है। ऐसी जानकारी स्थानीय स्रोतों से लीक हो सकती है। 8 मई को, न्यूयॉर्क टाइम्स ने पाया कि मैक्सिको सिटी में वास्तविक मृत्यु दर केंद्र सरकार द्वारा घोषित संख्या से तीन गुना अधिक थी। तीन स्रोतों से वे आश्वस्त हैं, शहर के महापौर क्लॉडिया शाइनबाम ने सटीक संख्या को गुप्त रखने के निर्देश दिए थे। एक हफ्ते बाद, स्काई न्यूज द्वारा की गई पड़ताल में पाया गया कि मरने वालों की संख्या अधिक थी। उन्होंने कई अस्पतालों, श्मशान घाटों पर जाकर और स्थानीय स्रोतों से जानकारी लेकर वास्तविक मौत की गणना की।
  • यदि कानूनी रूप से संभव है, तो आप 911 आपातकालीन सहायता सेवा कॉल से जानकारी एकत्र कर सकते हैं। आप प्रभावित घर की पहचान कर सकते हैं कि फोन कहां से आया है। यहां तक कि अगर आप नोटिस करते हैं कि किस तरह के शब्दों या वाक्यों का उपयोग किया गया है, तो आप समझ सकते हैं कि किस तरह की मृत्यु के बारे में बात की जा रही है।

911 पुलिस सेवा की एक आडियो फ़ाइल का स्क्रीनशाट Image: Courtesy ProPublica

  • विश्वसनीय लोग खोजें जो किसी भी कारण से कोविड की मौतों पर नज़र रखने की कोशिश कर रहे हैं।  न्यूयॉर्क टाइम्स को रूस में एक ऐसा आंकड़ा मिला, जिसने तस्वीर ही बदल दी। उन्होंने अप्रैल में मास्को में जनसंख्याविद की मदद से 1,700 से अधिक अतिरिक्त मौतों की जानकारी जुटाई थी। इस जानकारी के जारी होने के बाद से एक कम मृत्यु वाले देश के रूप में रूस की छवि नाटकीय रूप से बदल गई है।
  • सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक भाषाओं में जानकारी खोजें। वहां आपको कोविड -19 की मृत्यु के बारे में बहुत सी खबरें मिल सकती हैं। परिवारों से वहां की जानकारी के बारे में बात करें और पूछें कि क्या वे कोई आधिकारिक दस्तावेज प्रदान कर सकते हैं।
  • उन जगहों पर ध्यान दें, जहां मरने वालों की संख्या कम दिख रही है। फिर आस-पास के स्थान या शहर के साथ तुलना करें, जिसमें काफी विश्वसनीय गणना पहले से ही पाई गई है।
  • एक छोटे से क्षेत्र में सुरक्षित रूप से घर-घर जाकर मृत्यु दर का निर्धारण करें और उस जानकारी से यह पता लगाने की कोशिश करें कि एक बड़े क्षेत्र में स्थिति क्या हो सकती है।
  • एकत्र या संशोधित डेटा के बजाय वास्तविक, कच्चे ओर प्राथमिक डेटा स्रोतों पर ध्यान दें। जैसे कि पुलिस को फोन करना। ProPublica के Gillum का कहना है कि इस तरह की मौत के संवेदनशील मामलों में कम्प्यूटर सिस्टम से निकाली गई जानकारी अधिक विश्वसनीय होती है।
  • श्मशान, कब्रिस्तान जैसी जगहों पर बहुत सारी सामग्री प्रदान की जाती है, जैसे कलश और ताबूत। इसके थोक ऑर्डर की जांच करें
  • अतिरिक्त मौतों की एक सटीक सूची भी रखें जो कोविड से संबंधित नहीं हैं। इस तरह, कोविड स्थिति के अप्रत्यक्ष नुकसान को समझने में सक्षम होंगे। ऑक्सफोर्ड कोविड -19 साक्ष्य सेवा ने पाया कि इंग्लैंड और वेल्स शहर में होने वाली अतिरिक्त मौतों में से एक तिहाई कोविड से संबंधित नहीं थीं।

डेटा की अनुपलब्धता को स्वीकार करें

यदि पत्रकार इस प्रकार प्रत्यक्ष प्रमाण और प्रॉक्सी स्रोत की जानकारी के साथ बढ़ती मृत्यु दर का मुद्दा उठा रहे हैं, तो विशेषज्ञों का कहना है कि यह महत्वपूर्ण है कि पत्रकार इन विधियों की सीमाओं को स्पष्ट रूप से बताएं। यह सीमा सटीकता और कोविड -19 संबंधित मौतों का पता लगाने की क्षमता दोनों के संदर्भ में  है। सभी तरह के कारणों से मौत के आंकड़ों से बनी कुछ बड़ी रिपोर्टों में यह संख्या अहम् रही है इसके अलावा इनमें कुछ बहुत ज्यादा नहीं बताया गया।

वास्तविक आंकड़ों का पता लगाने में श्रद्धांजलियां भी उपयोगी हो सकती हैं। द सिटी न्यूज साइट और कोलंबिया जर्नलिज्म इंवेस्टिगेशन के एक विश्लेषण में पाया गया कि न्यूयॉर्क में महामारी से होने वाली मौतों में केवल 5 प्रतिशत के ही स्मारक बनाये गए थे,  यह स्मारक दर्शा रहे थे कि मृतकों में अमीर और युवा थे।

हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त मृत्यु के कारण का चिकित्सा प्रमाण पत्र (MCCD) भी एक उपयोगी दस्तावेज साबित हो सकती है। इसका उपयोग भी मृत्यु के कारण की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। लेकिन एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) चेतावनी दी है कि पिछले कुछ वर्षों में, इस क्षेत्र में केवल 29 प्रतिशत मौतों की जानकारी MCCD को सौंपी गई है

पेरू स्थित आईडीएल-रिपोर्टर के निदेशक गुस्तावो गोरिति ने GIJN को बताया कि, वे मृत्यु के आंकड़ों में हो रही विसंगति को पकड़ने में सक्षम थे, जब उनके संवाददाताओं ने पाया कि स्थानीय अधिकारियों ने कई निजी अंतिम संस्कार करने वाले संगठनों के साथ समझौते किए थे और उन्हें शव एकत्र करने के लिए कहा था। ऐसा उन नए नियमों के तहत किया जा रहा था जिनमें कोविड-19 से मृत्यु होने पर जल्दी से अंतिम संस्कार किये जाने की बात कही गई थी। गोरिति ने कहा कि, पेरू के सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों ने हस्तलिखित रजिस्टर में मौत का सही कारण नोट किया था, आईडीएल-रिपोर्टर्स के पत्रकार उन कर्मचारियों के साथ जुड़ गए जो कोविड-19 से हुई मौतों का संग्रह कर रहे थे। इसके बाद जैसे ही कोई नई डेड बॉडी आती तो इसका डेटा वह एकत्र कर लेते थे। इस तरह 26 अप्रैल को लीमा और कैलाओ के दो श्मशान घरों में कोविड -19 से संबंधित 1,073 शव पहुंचने की बात सामने आई जबकि सरकार के मुताबिक उस दिन कोविड -19 से आधिकारिक मृत्यु का आंकड़ा महज 330 था।

गोरिति ने कहा, हमने पाया कि केवल एक संगठन द्वारा बहुत सारे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। उनके कर्मचारियों को बहुत दुखद और निराशाजनक काम करना पड़ रहा है। हमने हस्तलिखित दस्तावेजों और आधिकारिक आंकड़ों में मिली मौतों की संख्या के बीच अंतर देखा और पाया कि स्पष्ट रूप से वहां विषमताएं थीं। उन्होंने कहा कि, इसके बाद भी “सरकार ने हमारी जांच को बहुत गंभीरता से नहीं लिया।”

अतिरिक्त मौतों की संख्या की जांच करें

महामारी विशेषज्ञ और ऑक्सफोर्ड कोविड -19 साक्ष्य सेवा में सहायक ब्रिटेन के डॉ.  कार्ल हेनेगन ने कहा कि, अतिरिक्त मौत का डेटा, जिसने एक निश्चित समय में सामान्य से अधिक लोगों को मार दिया, महामारी के दौरान पत्रकारों को कुछ अतिरिक्त सूचना प्रदान कर सकता है। क्योंकि मृत्यु एक वास्तविक घटना है और यहां तक कि लाशों को भी सटीक रूप से गिना जा सकता है।

हाल ही में जीआईजेएन वेबिनार में, हेनेगन ने कहा कि 2020 के पहले कुछ महीनों में मौतों की अधिक संख्या को देखते हुए, यह नहीं माना जा सकता है कि यह निश्चित रूप से कोविड -19 से संबंधित है। उदाहरण के लिए,  इंग्लैंड और वेल्स में 2017-18 की सर्दियों की अवधि में सामान्य से अधिक मौतें हुईं, जो किसी भी महामारी से संबंधित नहीं थी। हेनेगन ने कहा, अगर इस महामारी के कुछ हफ्तों के भीतर अधिक मौतें होती हैं, तो यह कोविड -19 के प्रभावों का एक अच्छा संकेतक हो सकता है।

साथ ही कई लोग अन्य बीमारियों से मर रहे हैं। जिस तरह से विभिन्न देशों की सरकारों ने लॉकडाउन की घोषणा की है, बहुत से लोग चिकित्सा उपचार की कमी से मर रहे हैं। भारत में मुंबई और अहमदाबाद जैसे कुछ स्थानों पर, महामारी के शुरुआती दिनों में मरने वालों की संख्या सामान्य से कम थी। स्थानीय अधिकारियों की राय थी कि सड़क और रेल दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या सीमित यातायात के कारण कम हो सकती है। यहां तक कि जानलेवा अपराधों की संख्या में भी कमी आई है।

आधिकारिक तौर पर उपलब्ध आंकड़ों की विश्वसनीयता हर देश में अलग होती है। कोविड -19 से संबंधित मौतें और कुल मौतों के मामले में विकासशील देशों के रिपोर्टर, अपने स्थानीय हॉटस्पॉट की जांच करने के लिए एक गाइड के रूप में कहीं और सटीक डेटा से रुझानों का उपयोग कर सकते हैं। हेगनन कहते हैं कि, उदाहरण के लिए, इंग्लैंड में हाल के दो हफ्तों में, विभिन्न अस्पतालों और सेवा केंद्रों ने कोविड से संबंधित मौतों को सटीक रूप से दर्ज किया है। ।

हेगनन ने कहा कि, अगर मुझे  करने के लिए कहा जाता है, तो मैं सभी प्रकार की मौतों की कुल संख्या के साथ शुरू करूंगा। यह समझने की कोशिश करें कि यह आपके देश में कैसे रिपोर्ट किया गया है और यह डेटा कैसे एकत्र किया गया है। फिर अन्य वर्षों के साथ इसकी तुलना करें। यहां से आप अतिरिक्त मृत्यु दर देख सकते हैं। तब आप कारण पर सवाल उठाना शुरू कर सकते हैं।

कम-गिनती को संभालने के तरीके

  • सिटी ओपन डेटा पोर्टल्स: दुनिया भर के कई शहरों- यहां तक कि कुछ विकासशील देशों के शहर (सूची में आपको जो भी मिलेंगे) – के पास अपने स्वयं के डेटा पोर्टल्स हैं, जिनका उपयोग पत्रकार घर पर होने वाली मौतों और अन्य सेवा कॉल के विवरण की पहचान करने के लिए कर सकते हैं। डेट्रॉइट का पोर्टल इसका एक उदाहरण है। अन्य पोर्टलों पर विभिन्न शब्द श्रेणियां मिल सकती हैं। यह श्रेणियाँ  “मृतकों को पहचानें” जैसे नाम से हो सकती हैं, जो कि रिपोर्टर टेबिल में  खोज सकते हैं। ब्यूनस आयर्स या सैन फ्रांसिस्को जैसे शहरों में पोर्टलों में  “डेटा” उपसर्ग है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ मामलों में खोज करते समय मुख्य शब्दों को बड़े अक्षरों में लिखना होता है। (जैसे Chicago) आपको इन कॉल डेटा को देखने के लिए आवेदन करना होगा।Imagen: Toma de pantallaImage: Screenshot
  • ऐसे ऐप्स जो ऑडियो फीड प्रसारित और संग्रह करते हैं, कुछ ऐप हैं जो पुलिस और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं से संबंधित कॉल के ऑडियो फीड का प्रसारण और संग्रह करते हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य में, ब्रॉडकास्टाइज़ एप। इस एप्लिकेशन को एक क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के तहत संचालित किया जाता है। यह पत्रकारों को कोविड-19 मरीजों की मदद करने में उपयोगी है और यहां तक कि उनके घर का पता भी बताया जाता है।
  • “Chain ladder” actuarial tables: ऑक्सफोर्ड कोविड -19 साक्ष्य सेवा की रिपोर्ट है कि रिपोर्टिंग में देरी से सरकार द्वारा घोषित मौतों की संख्या भी कम हो सकती है। रिपोर्टर अधिकारियों द्व्रारा बताई गई मौतों की रिपोर्ट की जांच बीमा दावों का उपयोग करके भी तैयार कर सकते हैं। आप स्प्रैडशीट कॉलम का उपयोग कर पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा घोषित मौतों की बढ़ती संख्या को प्रतिदिन के हिसाब से अपडेट करें। फिर समय के साथ मौतों की संख्या में वृद्धि की दर को जोड़कर सही संख्या तक पहुंचने का प्रयास करें।

    Screenshot. Image Courtesy Oxford COVID-19 Evidence Service

  • TweetDeck और whopostedwhat.com, यह जानने के लिए उपयोगी हो सकता है कि विशिष्ट स्थानों और विशेष दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर मौत के बारे में क्या पोस्ट किया गया है।
  • एसोसिएटेड प्रेस-समर्थित data.world प्लेटफ़ॉर्म ने कई देशों (मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप) में प्रमुख कोविड -19 डेटाबेस को संकलित किया है। पत्रकार यहां सारी जानकारी मुफ्त में देख सकते हैं और यहां विभिन्न मानचित्रों को एम्बेड कर सकते हैं।
  • खोजी पत्रकार लंबे समय से  सैटेलाइट इमेजरी पर काम कर रहे हैं। इसका उपयोग कर आप कोविड -19 के प्रभाव से संबंधित विभिन्न चित्र प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि सामूहिक कब्र और लावारिस लाशें।  जीआईजेएन के इस लेख में आपको उपग्रह संसाधनों का उपयोग करने के लिए एक गाइड मिलेगी । कुछ सेवाएं ऐसी भी हैं जो बिना किसी लागत के समाचार कक्षों को उपग्रह चित्र प्रदान करती हैं।

ईरान में COVID-19 के समय खोदी गई क़ब्रें। साभार : Satellite image ©️2020 Maxar Technologies

रिपोर्टरों को जिन संकेतों को पढ़ना चाहिए

www.propublica.org की पहली जांच में रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि अस्पताल और नर्सिंग होम के अलावा घर में होने वाली मौतों में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है। उनकी रिपोर्ट बताती है कि न्यूयॉर्क सिटी के अलावा मिशिगन, मैसाचुसेट्स और वाशिंगटन राज्य के कुछ हिस्सों में घर में मौतों की संख्या बढ़ गई है।

तीन पत्रकारों की एक टीम ने स्थानीय महत्वपूर्ण रिकॉर्ड विभागों, स्वास्थ्य एजेंसियों और 911 कॉल सेंटर के डेटा का उपयोग किया। उन्होंने एक संग्रह एप्लिकेशन के माध्यम से उन कॉल्स से ऑडियो भी सुना, जहां उन्होंने डिस्पैचर्स से वाक्यांशों को सुना और जाना कि कॉल में कुछ विशेष है या नहीं। जैसे “अपनी सावधानियों का उपयोग करें”,  “देखने पर मृत मिला।”

जीलम ने कहा कि अधिक मौतों के कुछ संभावित स्रोत पाए गए, लेकिन समय की कमी के कारण उन्हें अच्छी तरह से सत्यापित नहीं किया जा सका। उदाहरण के लिए, डेटा रजिस्ट्री के “फाइनल डिस्पोजल” श्रेणी में “मेडिकल परीक्षक” जैसे कुछ शब्दों का उपयोग बढ़ गया। ये अधिक मौतों का संकेत हो सकता है, लेकिन समय की कमी के कारण वे उनकी पुष्टि नहीं कर सके।

जीलम ने कहा, हालांकि, उनकी रिपोर्टिंग से उन क्षेत्रों में कुछ विसंगतियों का पता चला है। “अगर मैं सैन फ्रांसिस्को में एक स्थानीय रिपोर्टर होता, तो मैं निश्चित रूप से यह पता लगाने की कोशिश करता कि इन चीजों का क्या मतलब है।

अन्य पत्रकारों से प्राप्त जानकारी से एक और मुद्दा सामने आया। रिपब्लिका (ProPublica) के संवाददाताओं ने देखा कि आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए कॉल की संख्या अधिकतम 25 प्रतिशत तक गिर गई थी। दरअसल, इसकी वजह यह थी कि आबादी का एक बड़ा वर्ग अस्पताल में भर्ती होने या स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सामना करने के डर से फोन नहीं करना बेहतर समझता है? और क्या यह बिना कोविड-19 से बीमारी हुई अधिकांश मौतों की वजह है? जीलम ने कहा कि इन सवालों के लिए खोजी जवाब की जरूरत है और यह अन्य देशों पर लागू कर सकते है।

द गार्जियन के अफ्रीका संवाददाता, जेसन बर्क का कहना है कि अफ्रीका में मरने वालों की जांच के समय पत्रकारों को दो बातों को ध्यान में रखना चाहिए: पहला, यह तथ्य कि कोविड -19 के कारण अफ्रीका में मृत्यु दर वास्तव में कम है, झूठे होने की अधिक संभावना है। दूसरा, इस महाद्वीप के कई लोग कोविड -19 की मृत्यु को स्वीकार नहीं कर रहे हैं क्योंकि यह उनके लिए किसी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में बाधा बन सकता है।

“यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस विचार का समर्थन करता है कि अफ्रीका की युवा आबादी किसी तरह से बचने में कामयाब रही है। जीलम ने कहा, यह बस बकवास है। अफ्रीकी संघ से भी इस तरह की बात सुनी जा रही है। उन्होंने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा कि यहां टेस्टिंग अच्छी हुई और आंकड़ें भी अच्छे थे। हालांकि, अफ्रीकी राज्य कैसे काम करते हैं, इसके बारे में बहुत कम जानकारी है, यह स्पष्ट है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। पत्रकारों के लिए सवाल यह है कि इस गलत बयानी को कैसे प्रकाश में लाया जा सकता है?

बर्क ने आशंका जताई कि बुर्किना फासो, जिम्बाब्वे और बुरुंडी जैसे कुछ देशों में, मरने वालों की संख्या बहुत कम थी। दूसरी ओर, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) को शुरू में ऐसी आशंका थी कि वहां पर मृत्यु दर बहुत अधिक होगी, लेकिन बाद में पाया गया कि उनकी सूचना वितरण प्रणाली और इसके डेटा रिपोर्टिंग सिस्टम दोनों अन्य देशों की तुलना में बेहतर थे।

उन्होंने कहा, अब तक कांगो की राजधानी किंशासा में अधिक मौतें नहीं हुई हैं। ब्रुक कहते हैं, “जिस तरह से वे उनसे निपटते हैं (आश्चर्यजनक रूप से) अच्छा है। ऐसा नहीं है कि उनके पास कई अच्छे रोग विशेषज्ञ या संक्रामक रोग विशेषज्ञ या अस्पताल की व्यवस्था है। वे ऐसा करने में सक्षम हैं क्योंकि उन्हें इस तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ा है।

इस बीच अकिनोटु ने कहा, उनके सहयोगी, मुस्तफा होदी ने फेस मास्क पहनकर और सामाजिक दूरी रखते हुए, नाइजीरिया के कानो में मृत्यु के आंकड़ों के बारे में कब्रस्तान में कब्र खोदने वाले तीन कब्रिस्तानियों से बात की थी। इनमें से एक मूसा अबुबकर की उम्र 75 साल थी, उन्होंने बताया कि कब्रिस्तान के कर्मचारियों में से किसी ने भी दस्ताने या फेस मास्क नहीं पहने हैं और बताया कि मैंने पहले कभी ऐसा नरसंहार नहीं देखा। इस तरह की पूछताछ से स्थानीय मौलवी और अंतिम संस्कार करने वालों को भी बहुत मदद मिल सकती है।

महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंध के कारण अकिनोटू स्वयं लंदन में फंसे हुए थे। परिणामस्वरूप, उन्हें फोन करके काम करना पड़ा। उन्होंने कानो शहर में एक व्यक्ति के साथ श्मशान और कब्रिस्तान के कर्मचारियों का साक्षात्कार लिया। अकिनोटू ने कहा कि शहर में अप्रैल महीने में कोविड -19 के संक्रमण की टेस्टिंग बहुत कमी थी, इसलिए सबूत के रूप में प्रत्यक्ष अनुभव बहुत महत्वपूर्ण हो गया।

अकिनोटू ने कहा कि भविष्य में होने वाली मौतों के बारे में अधिक जानने के लिए उन्होंने फेसबुक मैसेंजर का उपयोग करने की योजना बनाई है।

फेसबुक मैसेंजर अजनबियों से जानकारी प्राप्त करने का एक शानदार अनुभव रहा। उन्होंने कहा, लेकिन भाषाई सीमाएं वहां एक समस्या बन गई, क्योंकि मैं केवल अंग्रेजी और उरुबा भाषा ही जनता हूं।


रोवन फिलिप जीआईजेएन के रिपोर्टर हैं। रोवन पूर्व में दक्षिण अफ्रीका के संडे टाइम्स के मुख्य संवाददाता थे। वह एक विदेशी संवाददाता के रूप में काम कर रहे थे, जहां उन्होंने दुनिया भर के दो दर्जन से अधिक देशों से राजनीति, भ्रष्टाचार और संघर्ष की खबरें रिपोर्ट की हैं ।

 

क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के तहत हमारे लेखों को निःशुल्क, ऑनलाइन या प्रिंट माध्यम में पुनः प्रकाशित किया जा सकता है।

आलेख पुनर्प्रकाशित करें


Material from GIJN’s website is generally available for republication under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International license. Images usually are published under a different license, so we advise you to use alternatives or contact us regarding permission. Here are our full terms for republication. You must credit the author, link to the original story, and name GIJN as the first publisher. For any queries or to send us a courtesy republication note, write to hello@gijn.org.

अगला पढ़ें

Codesinfo project digital tools to fight disinformation

दुष्प्रचार से निपटने के लिए पांच फ्री ओपन सोर्स टूल

कैपी को जेमिनी की तकनीक पर बनाया गया है। यह गूगल द्वारा विकसित एक लार्ज लैंगुएज मॉडल (एलएलएम) है। कुशल तरीके से विश्वसनीय उत्तर तैयार करने ने लिए यह रीट्राइवल ऑगमेंटेड जेनरेशन (आरएजी) का उपयोग करता है।

Seven people and a dog are illustrated in watercolour standing against a light blue background, in a variety of poses but all intently looking at their mobile phones. They are coloured in blue with yellow detail, and cast blue shadows. Their phones are all connected via a web like network in the air, showing various connection points. The image is portrait shape and allows space for text in the top left hand corner.

साइबर सुरक्षा: आठ गलतियों से बचें पत्रकार

मीडिया में व्हाट्सएप का बहुत इस्तेमाल होता है। पत्रकार इसका उपयोग अपने पाठकों से जुड़ने के साथ ही स्रोतों से जुड़ने के लिए भी करते हैं। व्हाट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है। इसलिए केवल मूल प्रेषक और अंतिम प्राप्तकर्ता ही संदेश देख सकता है। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फ़ाउंडेशन की निगरानी आत्मरक्षा (एसएसडी)  गाइड के अनुसार व्हाट्सएप और उसकी मूल कंपनी मेटा की गोपनीयता नीतियां चिंताजनक हैं।

whistleblower support journalist

व्हिसल ब्लोअर, पत्रकार और वकील एक दूसरे के मददगार क्यों कहलाते हैं

आम तौर पर मीडिया का पूरा ध्यान व्हिसल ब्लोअर पर केंद्रित करता है। लेकिन उनके मददगार की अक्सर अनदेखी हो जाती है। जबकि ऐसे मददगारों का समर्थन काफी महत्वपूर्ण होता है। खासकर ऐसे युग में, जब दुनिया भर में सच बोलने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।

A 2019 protest in southern Africa against gender-based violence. Image: Shutterstock

यौन अपराधियों को बचाने वाले सिस्टम पर कैसे रिपोर्टिंग करें

अपनी जांच के लिए सबसे उपयोगी जानकारी कहां मिलेगी? इसके लिए आपको यह पता लगाना होगा कि कहां खोजना है। थॉम्पसन कहते हैं- “परिकल्पना के बारे में सोचें। जानकारी कहां से एकत्र की जाएगी? यह कहां होगी?“

जैसे, यौन हिंसा के अपराधों से जुड़ी जानकारी कहां मिलेगी? इसके लिए मेडिकल रिकॉर्ड, पुलिस रिपोर्ट, मानसिक स्वास्थ्य सहायता डेटा से जानकारी मिल सकती है। सोशल मीडिया में पीड़ितों ने अपनी कहानी सुनाई होगी। हम जानकारी के ऐसे स्रोतों का चयन करें, जिन्हें बुद्धिमानी से जुटाया गया है।