Credit: Nick Jaussi

संसाधन

» गाइड

अध्याय 8 : महिला मुद्दों पर रिपोर्ट

इस लेख को पढ़ें

जीआईजेएन ने महिला मुद्दों पर कुछ ताजा रिपोर्टों का यह संग्रह तैयार किया है। इन खबरों को देखकर आपको यह समझना आसान होगा कि महिलाओं से जुड़ी खोजी पत्रकारिता में किन विषयों को लेना संभव है।

  • घरेलू हिंसा पर रिपोर्ट के तरीकों पर पुनर्विचार के लिए नौ अध्याय (Nine Lessons for Rethinking How You Report on Domestic Violence) – (सेंटर फॉर हेल्थ जर्नलिज्म)
  • पितृसत्ता का बदला। महिलाओं से क्यों डरते हैं तानाशाह (Revenge of the Patriarchs. Why Autocrats Fear Women) – (फॉरेन अफेयर्स)
  • ब्राज़ील में वर्ष 2021 में महिला पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और लिंग आधारित हमलों पर रिपोर्ट ( an overview of violence against women journalists and gender-based attacks on communicators in Brazil in 2021) – ब्राज़ीलियाई एसोसिएशन ऑफ़ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म (अब्राजी)
  • ऑनलाइन ‘नीलामी‘ : भारत में मुस्लिम महिलाओं पर नया हमला (Online “auctions” of women are just the latest attacks on Muslims in India) – (एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू)
  • यौन उत्पीड़न : नए शोध से अफ्रीकी न्यूज़रूम में गंभीर समस्या की व्यापकता सामने आई (Sexual Harassment: New Research Reveals The Scale Of The Problem In African Newsrooms – And It’s Disturbing) – वुमेन इन न्यूज़ (वैन-इन्फ्रा) की एक रिपोर्ट
  • लैटिन अमेरिकी पत्रकारिता में विविधता (Diversity in Latin American Journalism) – यह ‘नाइट सेंटर फॉर जर्नलिज्म इन अमेरिका‘ द्वारा प्रकाशित ई-पुस्तक है। इसमें न्यूज़ रूम और समाचार कवरेज को और अधिक समावेशी बनाने पर सात देशों के 16 पत्रकारों के विचार है। इसके लेखक मीडिया संगठनों में विविधता को बढ़ावा देने में अग्रणी हैं। इनमें कुछ लेखकों ने अधिक विविध दर्शकों के लिए डिजिटल देशी मीडिया आउटलेट लॉन्च किए हैं। (केवल स्पैनिश में)
  • मीडिया में यौन उत्पीड़न : 2020-2021 का अनुसंधान (Sexual Harassment in the Media: 2020-2021 Research) – यह रिपोर्ट वुमेन इन न्यूज़ (वैन-इन्फ्रा) ने सिटी यूनिवर्सिटी, लंदन के साथ साझेदारी में तैयार की है।
  • हर जगह असुरक्षित : बहरीन और जॉर्डन में महिला मानवाधिकार रक्षकों पर पेगासस का हमला (Unsafe Anywhere: Report on Women Human Rights Defenders Targeted with Pegasus in Bahrain and Jordan) – फ्रंटलाइन डिफेंडर्स तथा एक्सेस नाउ द्वारा प्रकाशित।
  • समाचारों में महिला परिप्रेक्ष्य का अभाव (Missing Perspective of Women in News) – यह मीडिया में महिलाओं के अल्प-प्रतिनिधित्व पर एक रिपोर्ट है। समाचार कवरेज में उनके लगातार हाशिए पर रहने और लैंगिक असमानता विषय को कम रिपोर्ट किए जाने पर केंद्रित है।
  • मीडिया हेतु लैंगिक संतुलन गाइड (Gender Balance Guide for Media) – जो मीडिया संगठन अपने कर्मचारियों को लिंग संतुलन पर शिक्षित करना चाहते हैं, उनके लिए यह एक इंटरैक्टिव टूल है।
  • जमीन पर हमारी महिलाएं : अरब दुनिया से रिपोर्टिंग करने वाली अरब महिलाओं द्वारा लिखे गए लेख (“Our Women on the Ground: Essays by Arab Women Reporting from the Arab World) – उन्नीस अरब महिला पत्रकारों ने लिखा कि अपनी बदलती मातृभूमि पर रिपोर्ट करना कैसा लगता है। ज़हरा हैंकिर द्वारा संपादित
  • सरकारी डेटा स्रोत उपलब्ध न हों, तो घृणा अपराध और हिंसा की जांच कैसे करें (Tips for Investigating Hate Crimes and Violence When Government Data Sources Fail) – भारत में महिलाओं के खिलाफ घृणा अपराधों और हिंसा पर नज़र रखने के लिए एक रिपोर्टर ने बनाया ओपन-सोर्स डेटाबेस
  • आक्रोश से अवसर तक : समाचार नेतृत्व और कवरेज में सभी रंग की महिलाओं के लुप्त परिप्रेक्ष्य को शामिल कैसे करें (From Outrage to Opportunity. How to Include the Missing Perspectives of Women of All Colors in News Leadership and Coverage) – (इंटरन्यूज)
  • मीडिया सामग्री और मीडिया में लैंगिक समानता (Gender Equality in Media and Media Content) (सीएफआई डेवलपमेंट मीडिया, फ्रेंच में)
  • अमेरिका में महिला पत्रकारों की स्थिति (Women Journalists: Their Situation in the Americas) (इंटर-अमेरिकन कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स, स्पेनिश में (here))
  • लैंगिक विषयों के कवरेज में प्रयुक्त शब्द संबंधी गाइड (A Guide to the Words We Use in Our Gender Coverage) (द लिली (The Lily) /द वाशिंगटन पोस्ट)
  • पत्रकारों के खिलाफ लैंगिक आधार पर ऑनलाइन हिंसा से कैसे निपटें (How to Combat Gendered Online Violence Against Journalists) (यूनेस्को)
  • नारीवादी आंदोलनों की शक्ति और वादों पर एक रिपोर्ट (Lighting the Way: a Report for Philanthropy on the Power & Promise of Feminist Movements) (शेक द टेबल)
  • रवांडा में महिला पत्रकारों के समक्ष बाधाएं (Barriers to Women Journalists in Rwanda) (अफ्रीकन वुमेन इन मीडिया)।
  • महिला खोजी पत्रकार : खतरों, धमकी और हिंसा से निपटने की लैंगिक रणनीति (Female Investigative Journalists: Overcoming Threats, Intimidation, and Violence with Gendered Strategies) (पत्रकारिता और मीडिया अध्ययन विभाग, ओस्लोमेट विश्वविद्यालय, नॉर्वे)
  • लिंग आधारित हिंसा कवरेज संबंधी मीडिया गाइड (Silence and Omissions: A Media Guide for Covering Gender-Based Violence) (जेआईजी – जर्नलिज्म इनीशिएटिव ऑन जेंडर बेस्ड वॉयलेंस)
  • नारीवादी इंटरनेट अनुसंधान पर श्वेतपत्र (White Paper on Feminist Internet Research) (एपीसी – एसोसिएशन फॉर प्रोग्रेसिव कम्युनिकेशन)
  • पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक नारीवादी दृष्टिकोण (Equally Safe: Towards a Feminist Approach to the Safety of Journalists) – छह देशों का केस अध्ययन, नए शोध, व्यावहारिक दिशानिर्देश और एडवोकेसी टूल्स (आर्टिकल 19)

विविधता

सुझाव एवं उपकरण

अनुवाद : डॉ. विष्णु राजगढ़िया

क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के तहत हमारे लेखों को निःशुल्क, ऑनलाइन या प्रिंट माध्यम में पुनः प्रकाशित किया जा सकता है।

आलेख पुनर्प्रकाशित करें


Material from GIJN’s website is generally available for republication under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International license. Images usually are published under a different license, so we advise you to use alternatives or contact us regarding permission. Here are our full terms for republication. You must credit the author, link to the original story, and name GIJN as the first publisher. For any queries or to send us a courtesy republication note, write to hello@gijn.org.

अगला पढ़ें

A reporter holding a magnifying glass peers out of the Indian flag.

सदस्यों के बारे में

कठिन सवाल, निर्भीक पत्रकारिता: ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’

आज ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ में छह पूर्णकालिक कर्मचारी कार्यरत हैं। स्वतंत्र पत्रकारों का एक अच्छा नेटवर्क है। यह हर महीने दो से तीन लंबी जांच-पड़ताल पर ध्यान केंद्रित करता है। इसकी कार्यप्रणाली ‘मितव्ययी’ है। यह पूरी तरह से पाठकों द्वारा वित्त पोषित है। यह उनके दान पर निर्भर है। नितिन सेठी कहते हैं- “पहले दिन से ही हमारी 85% राशि का उपयोग खबरों के उत्पादन में लग रहा है।”

An illustration shows the shadows of four reporters in the choppy seas of data journalism, making their way towards a lighthouse.

एशिया में डेटा पत्रकारिता : मीडिया, समुदाय और साक्ष्यों के नए रिश्ते

इंडिया-स्पेंड धीमे और धैर्यपूर्ण डेटा कार्य की ताकत को दर्शाता है। लेकिन एल्गोरिदम की गति डेटा पत्रकारिता में एक कमज़ोर बिंदु को उजागर करती है। रॉयटर्स 2025 फ़ेलो और बूम लाइव की उप-संपादक, करेन रेबेलो कहती हैं – “एल्गोरिदम के सामाजिक प्रभाव पर अधिकांश डेटा-संचालित शोध अनुदान-वित्त पोषित हैं। मुख्यधारा के समाचार संस्थान इसमें कोई निवेश नहीं कर रहे हैं।”

एशिया : सरकारी खजाने की लूट पर साझा खोजी पत्रकारिता

एक समय किर्गिज़स्तान की गिनती मध्य एशिया के सबसे लोकतांत्रिक गणराज्यों में होती थी। यहां वास्तविक चुनाव होते थे। एक सशक्त नागरिक समाज और एक जीवंत मीडिया परिदृश्य था। लेकिन एक लोकलुभावन और निरंकुश राष्ट्रपति के शासन में कई स्वतंत्र मीडिया संस्थानों पर भारी दबाव हैं।

Asia Focus environmental exploitation

एशिया में घटती प्रेस की स्वतंत्रता के बावजूद पर्यावरण अपराधों पर साझा पत्रकारिता कैसे हो रही है

पर्यावरण संबंधी ज़रूरी मुद्दे स्वाभाविक तौर पर देशों की सीमाओं से परे होते हैं। इसलिए अच्छी जांच के लिए विभिन्न देशों में काम करना आवश्यक है। लेकिन भाषा, दूरी, प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों और संसाधनों की कमी के कारण साझा पत्रकारिता काफी चुनौतीपूर्ण है। इसके बावजूद, स्थानीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण विषयों पर खोजी पत्रकारिता के उदाहरण देखने को मिलते हैं।