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स्मार्टफ़ोन पर वायरल फोटो को जांचने के तीन तरीके

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ये बिंदुवार गाइड आपको विस्तार से बताएगी कि कैसे आप पता लगा सकते हैं कि जो फोटो आप सोशल मीडिया पर देख रहे हैं वह असली है या नहीं ।

आज सोशल मीडिया का युग है। ऐसे में कौन सी फेक न्यूज़ है और कौन सी खबर सही, इसे जानना एक कठिन कार्य है। हालांकि अब “फेक न्यूज़” के प्रति  सजगता बढ़ने के कारण लोग अधिक सजग और सावधान हो गये हैं। ऐसे में किसी तस्वीर को शेयर करने से पहले दो बार सोचना पड़ता है।

आजकल एंड्राइड फोन पर अधिकांश लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। ऐसे में जिस फोटो या न्यूज़ को आप देख रहे हैं वह फेक न्यूज़ है या वास्तविक। इसे आप तत्काल जांच सकते हैं ?  वैसे तो सोशल मीडिया पर जो फोटो आप देखते हैं वह असली है या नकली इसे जानने के लिए इंटरनेट पर कई फ्री वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी उपलब्ध हैं। लेकिन यहां हम आपको फोटो आधारित खबरों की सच्चाई परखने के तीन आसान तरीकों के विषय में जानकारी देंगे।   

हम बतायेंगे की कैसे आप जल्दी से किसी फोटो की सत्यता को जांच सकते हैं और यह कैसे पता लगा सकते हैं कि जो आप देख रहे हैं वह सच में वास्तविक खबर है या फेक न्यूज़ है। आइए फेक न्यूज़ को उदहारण से समझने की कोशिश करते हैं। 

जैकब जुमा दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति हैं। वर्ष 2016 में उनकी एक तस्वीर पच्चीस वर्षीय नृत्यांगना बेब्स वोडुमो के साथ डांस करते हुए सोशल मीडिया पर एकाएक वायरल हो गयी। उस फोटो का दक्षिण अफ्रीकी लोगों ने भरपूर आनंद लिया और देखने के साथ ही वायरल भी किया जबकि वह फोटोशॉप की गयी तस्वीर थी। इसे दो तस्वीरों को जोड़कर बनाया गया था।

यह तस्वीर अच्छा उदाहरण है कि कैसे फोटो में छेड़छाड़ कर गलत सूचना से सच्चाई को छिपाया जा सकता है। मज़ेदार बात यह है कि इस तस्वीर को वहां के लोगों ने सच भी मान लिया। इसके पीछे कारण था, क्योंकि पूर्व में जैकब जुमा की इस तरह की तस्वीरें छपी थीं जिनमें में वे राजनीतिक रैलियों में मंच पर मौजूद संगीतकारों के साथ नृत्य कर रहे हैं। उनकी छवि पहले से ही इस तरह की थी। आइए देखते हैं की किसी फेक फोटो को तीन आसान तरीक़ों से कैसे परखा जा सकता है। 

TinEye

पहला है TinEye, यह एक रिवर्स-इमेज सर्च टूल है। यह तस्वीरों की जांच के लिए एक सर्च इंजन की तरह काम करता है। इसलिए आप इस टूल पर ऑनलाइन तस्वीर खोज सकते हैं। यहाँ पर एक जैसे ढेरों चित्र प्रकाशित किये जाते हैं। जितनी बार भी इंटरनेट पर कोई तस्वीर आई है वह आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स के माध्यम से यहाँ एकत्रित होती रहती है ।TinEye पर एक फोटो के मूल रूप को कितनी बार बदला गया है यह पता लगाया जा सकता है।यहाँ फोटो सभी तरह के फोटो उपलब्ध हैं ।

इस टूल का उपयोग करते ही हमे उपरोक्त उदाहरण में जुमा और बेब्स वोडुमो की तस्वीर को कैसे फोटोशॉप के द्वारा बदला गया था पता लग जायेगा। वास्तव में यह दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़ कर बनाया गया है। जिसमे एक फोटो वोडुमो के कॉन्सर्ट का है और दूसरा 2012 में इथियोपिया में  तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति जकाया किवेटे के साथ एक डिनर के आयोजन की तस्वीर है। 

TinEye पर  कैसे सर्च करें  
  • सबसे पहले वह तस्वीर जिसे आप जांचना चाहते हैं उसे सुरक्षित या डाउनलोड करें। इसके लिए आप फोटो को अपनी स्क्रीन पर तब तक दबा कर रखें जब तक कि आपको सेव का विकल्प न दिखाई दे। अथवा जिस चित्र की आप सत्यता जानना चाहते हैं उस तस्वीर के वेब एड्रेस को कॉपी कर के ब्राउज़र में पेस्ट करें । (यह वास्तविक तस्वीर का URL होना चाहिए, न कि पूरे वेब पेज का )
  • इसके बाद आप अपने फ़ोन के ब्राउज़र में www.tineye.com पर जाएँ।
  • अब “अपलोड इमेज” को सिलेक्ट करें और अपने फोन के डाक्यूमेंट्स या पिक्चर गैलरी में सेव की गयी तस्वीर की कॉपी सर्च कर के अपलोड करें या तस्वीर के URL को टिनआई सर्च बार में पेस्ट करें।
  • इसके बाद दी गई तस्वीरों में से एक को चयन करें फिर “योर इमेज” और “इमेज मेच” के बीच टॉगल करें। अब आपको पता चल जाएगा कि जुमा और वोडुमो की तस्वीर कैसे बदल दी गई। फेक न्यूज़ को पता करने का दूसरा आसान तरीका है

गूगल रिवर्स इमेज सर्च

रिवर्स-इमेज सर्च करते समय आपको जिन महत्वपूर्ण बातों की खोज करनी होती है उसमें यह जांचना होता है कि तस्वीर कब और कहां ली गयी तथा उसका पहली बार उपयोग कब किया गया। इसके साथ ही यह तस्वीर किस स्रोत से आई है यह भी जांचने में यह टूल मदद करता है। अर्थात वह स्रोत कितना विश्वसनीय है ।

एक दिन की बात है मैंने अचानक देखा की ट्विटर पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें एक महिला सड़क पर गिरी पड़ी है। उसके बारे में लिखा था कि एक व्यक्ति ने उसे इसलिए गोली मार दी क्योंकि उस महिला ने उससे ‘’ब्लैक मंकी’’ कहा था। मैं अपने आफिस से कुछ दूर थी। इसलिए मैंने सबसे पहले उस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया।अपने मोबाइल पर रिवर्स इमेज सर्च की। तत्काल ही रिवर्स इमेज सर्च से मुझे उस फोटो की असलियत का पता चल गया। वह तस्वीर Mzansilive नामक वेबसाइट में ताजा खबर कहकर प्रचारित की जा रही थी। जबकि वह वस्तुतः लंदन के वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर एक वाहन चालक द्वारा पैदल चलने वालों को धारदार हथियार से घायल करने की पुरानी तस्वीर थी।

 गूगल रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग कैसे करें 
  • सबसे पहले जिस चित्र की आप सच्चाई जानना चाहते हैं उसे सुरक्षित करें या डाउनलोड करें। आप उस चित्र के वेब एड्रेस की कॉपी भी कर सकते हैं। (यह वास्तविक फोटो का URL होना चाहिए न कि पूरे वेब पेज का)
  • फिर https://images.google.com पर जायें ।
  • अब ब्राउज़र मेन्यू पर जाकर नीचे स्क्रॉल करें और “रिक्वेस्ट डेस्कटॉप साइट” को सिलेक्ट करें। गूगल क्रोम में, स्क्रीन के ऊपरी दाएं भाग में तीन बिंदुओं को दबाकर मेन्यू पर जाएं। iOS Safari में, यह स्क्रीन के निचले भाग में बीचों-बीच होता है। 

  • सर्च-बार में कैमरा आइकान को दबायें ।

  • अब आपके पास दो विकल्प हैं: जिस तस्वीर को आप सर्च-बार में जांचना चाहते हैं उस फोटो का URL पेस्ट करें। जहां मोबाइल फोन पर इस फोटो को आपने सेव किया है उस फोटो को अपलोड करने के लिए “अपलोड एन इमेज” टैब सिलेक्ट करें।
  • इससे तस्वीर कब और कहां उपयोग की गयी इसकी जांच करें। यदि आप इसे पीछे करके देखेगें, तो आपको बड़ी सरलता से पता लग जायेगा कि यह तस्वीर मूल रूप से पहली बार कहां इस्तेमाल की गयी थी। हो सकता है  आपको फोटो के कॉपीराइट मालिक का पता भी लग जाए। 

सुझाव: यदि आप गूगल क्रोम को अपने डिफ़ॉल्ट मोबाइल ब्राउज़र के रूप में उपयोग कर रहे हैं, तो जिस फोटो को आप जांचना चाहते है उस फोटो को देर तक प्रेस करें और फिर एक ड्रॉप-डाउन मेन्यू दिखाई देगा। रिवर्स इमेज सर्च शुरू करने के लिए “सर्च गूगल फॉर दिस इमेज” को सिलेक्ट करें। 

फेक इमेज डिटेक्टर

गूगल इमेज सर्च और टिनआई की तरह, रिवर्स-इमेज सर्च को जांचने का यह एक अच्छा त्वरित टूल है। जिस फेक तस्वीर की आपको जांच करना है उसके लिए यह बहुत उपयोगी है।

फेक इमेज डिटेक्टर से कैसे सर्च करें
  • सबसे पहले क्रोम या फ़ायरफ़ॉक्स ऐप स्टोर से फेक इमेज डिटेक्टर ऐप डाउनलोड करें और इंस्टॉल करें।
  • फिर ऐप खोलें और दो विकल्पों में से एक को सिलेक्ट करें। अब ‘चूज़ फ्रॉम’ गेलरी पर जायें  जिससे की आप रिवर्स इमेज सर्च कर सकें। इसके बाद ‘चूज़ फ्रॉम रीसेट इमेज’ से किसी पोस्टर, पत्रिका या अखबार से  ली गई फोटो को सिलेक्ट करें।

फेक इमेज डिटेक्टर भी आपको फोटो के एक्जिफ डाटा को जांचने की सुविधा देता है। इसमें फोटो जब ली गयी थी वह दिनांक और समय, जगह,  कैमरा या फोन का प्रकार और फोन के मालिक का नाम भी पता चल सकता है।

सुझाव: एक मुश्किल यह है कि फेक इमेज डिटेक्टर सिर्फ एंड्राइड डिवाइस पर ही उपलब्ध है।  वेरेसिटी – रिवर्स ईमज सर्च एपल एप स्टोर,  iOS उपकरणों पर निशुल्क उपलब्ध है। 

फोटो जांचने के लिए टिप्स  

पत्रकारों के लिए फ़र्स्टड्राफ़्टन्यूज़ की फोटो जांचने की यह गाइड बहुत उपयोगी है लेकिन उसके पहले किसी भी फोटो की सच्चाई जानने के लिए आप स्वयं से निम्न सवाल करें।

  1. तस्वीर का पहली बार कब इस्तेमाल किया गया था? (क्या यह आपके द्वारा जांचे जाने से पहले का चित्र है?)
  2. जिसमें इस चित्र का उपयोग किया गया था वह संदर्भ क्या है? (उदाहरण के लिए, सीरिया या अफगानिस्तान की पुरानी तस्वीरें गाजा में भड़काऊ हो सकती हैं।)
  3. लोग क्या पहन रहे हैं? क्या उनके कपड़े उस देश की स्टाइल में फिट आते  हैं जहा इन तस्वीरों को लिया जाना बताया जा रहा है। 
  4. फोटो में मौसम कैसा है? पहाड़ियों पर ली गई गर्मियों की एक तस्वीर में यदि घनी बर्फ दिखाई दे तो इससे  पता चलता है कि यह तस्वीर या तो पुरानी है या कहीं और की है।
  5. सड़क के संकेत, दुकान के सामने का भाग और होर्डिंग देखें. दर्शाये गये  स्थान के फोटो की भाषा क्या उचित लगती  है?
  6. फोटो में अनुचित या बेमेल लाइट की चमक को देखें। क्या फोटो के प्रतिबिम्ब एक दूसरे के लाइट की चमक के हिसाब से पास हैं या कुछ चमकता हुआ सा धुंधला सा दिखता है ? यदि ऐसा है, तो डिजिटल रूप से इस चित्र को जोड़े जाने या छेड़छाड़ किये जाने के ज्यादा अवसर हो सकते हैं।  
  7. तस्वीर के किनारों के साथ बेमेलता को ढूँढे। इससे तस्वीर में छेड़छाड़ किये जाने का पता करना और भी सरल हो जाता है। 
  8. प्रकृति में अक्सर देश काल के अनुरूप प्रकाश, रंग और छाया में अक्सर भिन्नता होती है। यदि किसी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का उपयोग किसी फोटो को बदलने के लिए किया जाता है, जब एक तस्वीर में कुछ इस प्रकार से जोड़ा या हटाया गया हो तब अधिकांश क्षेत्रों में एक समान रंग हो सकते हैं। 
  9. ट्वीट या पोस्ट करने से पहले तीन बार चेक करें।
  10. अगर कुछ अटपटा या नया सा हो तब निश्चित ही शंका होनी चाहिए। जैसे इस महिला के तीसरे स्तन होने का दावा।
  11. यदि कोई व्यक्ति कुछ पुरानी तस्वीर या “फेक” न्यूज़ पोस्ट करता है तो उन्हें विनम्रता पूर्वक बताएं और ट्रोल होने से बचें।
  12. अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप “फेक न्यूज़” का हिस्सा बनना चाहते है या नही।

यह गाइड रेमंड जोसेफ द्वारा अफ्रीका चेक के लिए तैयार की गई थी। अफ्रीका चेक, महाद्वीप में तथ्यों की जांच करने वाला एक प्रमुख संगठन है। उनकी वेबसाइट पर यह गाइड पढ़ें । रेमंड जोसेफ एक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रकारिता ट्रेनर हैं। वह एक पूर्व ICFJ / नाइट इंटरनेशनल जर्नलिज्म फेलो है और ऑनलाइन तथा सोशल मीडिया कंटेंट वेरिफिकेशन में पत्रकारों को प्रशिक्षण प्रदान करते है। वह पोएंटर द्वारा प्रवर्तित इंटरनेशनल फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क के लिए एक आकलनकर्ता के रूप में भी कार्य करते है।

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