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एशिया में घटती प्रेस की स्वतंत्रता के बावजूद पर्यावरण अपराधों पर साझा पत्रकारिता कैसे हो रही है
पर्यावरण संबंधी ज़रूरी मुद्दे स्वाभाविक तौर पर देशों की सीमाओं से परे होते हैं। इसलिए अच्छी जांच के लिए विभिन्न देशों में काम करना आवश्यक है। लेकिन भाषा, दूरी, प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों और संसाधनों की कमी के कारण साझा पत्रकारिता काफी चुनौतीपूर्ण है। इसके बावजूद, स्थानीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण विषयों पर खोजी पत्रकारिता के उदाहरण देखने को मिलते हैं।

‘प्रभाव अक्सर अवचेतन होता है’: नेपाली पत्रकारिता के अनुभवी कुंदा दीक्षित, अपने रिपोर्टिंग जीवन के उतार-चढ़ाव पर।
जीआईजेएन ने वर्ष 2016 में नेपाल की राजधानी काठमांडू में दूसरा ‘अनकवरिंग एशिया सम्मेलन’ आयोजित किया। यह सम्मेलन ऐतिहासिक था। इसे आयोजित करने वाले प्रमुख लोगों में कुंदा दीक्षित शामिल थे। लेकिन सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले कुछ घटनाओं का एक जटिल मोड़ आया। इसके कारण वह व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके। गिरफ़्तारी से बचने के लिए वह स्व-निर्वासन में चले गए।

एशिया में खोजी पत्रकारिता : बढ़ती चुनौतियों के बीच प्रतिरोध, सहयोग और बदलाव
भारत में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने ऐसी खबरों के लिए वैकल्पिक माध्यम तैयार किए हैं, जो वाकई जनता के लिए मायने रखती हैं। जीआईजेएन की सदस्य संस्था ‘द रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ ने अपनी खोजी रिपोर्टिंग के लिए ख्याति प्राप्त की है। इसने चुनावी बॉन्ड के जरिए भ्रष्टाचार, सरकारी योजनाओं में अनियमितताओं और कॉर्पोरेट व राजनेताओं के बीच सांठगांठ जैसे मुद्दे उजागर किए हैं। ‘द स्क्रॉल’ और ‘द वायर’ ने निगरानी, पर्यावरण उल्लंघनों और राज्य सत्ता के दुरुपयोग जैसे मुद्दों की पड़ताल की है। ‘द कारवां’ पत्रिका ने सांप्रदायिक हिंसा, न्यायपालिका और राजनीतिक भ्रष्टाचार पर गहन लेख प्रस्तुत किए हैं। ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ ने मीडिया की भूमिका पर ही ध्यान केंद्रित किया है और मीडिया स्वामित्व के पैटर्न, दुष्प्रचार और संपादकीय स्वतंत्रता में गिरावट की जांच की है।

अमीरों के भ्रष्टाचार के नए तरीकों पर रिपोर्टिंग कैसे करें?
यह मत सोचिए कि सरकारी जानकारी हमेशा उपलब्ध रहेगी। जिस देश में लोकतंत्र के कमजोर होने का खतरा हो, वहां आपको अपने रिकॉर्ड बनाने के लिए डेटा पत्रकारिता रणनीति का उपयोग करना चाहिए। रूस, कुछ अरब देशों और वेनेज़ुएला में ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं।