आलेख

विषय

पत्रकार व्हिसलब्लोअरों से सूचना कैसे प्राप्त करें और उनकी रक्षा कैसे करें

इस लेख को पढ़ें

Illustration: Kata Máthé/Remarker

पत्रकारों को रिपोर्टिंग के लिए वास्तविक तथ्यों की आवश्यकता होती है। खास तौर पर खोजी पत्रकार को सिस्टम के भीतर मौजूद संपर्क सूत्रों और व्हिसलब्लोअर से जानकारी मिलती है। पत्रकारों को कोई जानकारी देने वाले ऐसे लोग खुद को खतरे में डालते हैं। इसलिए इन स्रोतों की सुरक्षा करना और उन्हें संभावित जोखिम से अवगत कराना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

सरल शब्दों में व्हिसलब्लोअर किसी संस्थान या सिस्टम के भीतर का ऐसा भरोसेमंद व्यक्ति होता है, जो किसी गड़बड़ी को उजागर करना चाहता है। कई मामलों में ऐसे लोग गोपनीय तरीके से सच की जानकारी देते हैं। उनकी पहचान सामने आने से उन्हें कई तरह का खतरा है। इसलिए ऐसे लोगों की सुरक्षा करना पत्रकारों का कर्तव्य है।

बारहवीं ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कॉन्फ्रेंस में ‘स्रोत की सुरक्षा‘ पर एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें दो विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए:

जेसन रीच : ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स‘ के उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट सुरक्षा)

हार्लो होम्स:  ‘फ्रीडम ऑफ द प्रेस फाउंडेशन‘ की मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी

दोनों विशेषज्ञों ने पत्रकारों को ऐसे उपायों और उपकरणों की जानकारी दी, जिनके जरिए अपने स्रोतों की सुरक्षा की जा सकती है।

जेसन रीच ने कहा कि हमें अपने स्रोतों को दो हिस्सों में वर्गीकृत करके देखना चाहिए। पुराने स्रोत और नए स्रोत। पहले प्रकार में ऐसे लोग हैं, जिनके साथ आपका पहले से संबंध है। जैसे, मित्र, परिजन, परिचित लोग, जो किसी मामले में स्रोत के बतौर आपको कोई जानकारी देते हैं। ऐसा करके वे एक स्रोत के रूप में आपके साथ एक नई भूमिका में जुड़ते हैं। दूसरी ओर, ऐसे ‘नए स्रोत‘ भी हैं, जिन्हें आप पहले से नहीं जानते। ऐसे लोग रिपोर्टर के लिए अज्ञात लोग हैं। जेसन रीच ने इसे ‘प्रथम संपर्क का मामला‘ कहकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की ओर इशारा किया है।

जेसन रीच ने कहा – “पूर्व परिचित स्रोत‘ का मामला बहुत आसान है। आप उन्हें अपनी बात से सहमत कर सकते हैं। उन पर किस तरह के जोखिम हैं, यह बात उन्हें समझाना आसान है। उन्हें किस तरह से आपको कोई सूचना देनी है, या कोई दस्तावेज आप तक पहुंचाना है जिसमें उसमें सुरक्षा को कोई खतरा न हो, इसके लिए आप उन्हें सही तरीके से तैयार कर सकते हैं। लेकिन समस्या ‘नए स्रोत‘ के साथ है। आपसे संपर्क करके उसने पहले ही अपनी डिजिटल सुरक्षा से समझौता कर लिया है। ऐसे लोगों के पास सुरक्षा प्रशिक्षण नहीं होता है। उन्हें मेटाडेटा के बारे में पता नहीं होता, जो उन्हें गलती से बचा सकता था। ऐसे लोगों की सुरक्षा करना पत्रकार का दायित्व है।“

व्हिसलब्लोअर के साथ ऐसे जोखिम का चर्चित उदाहरण अमेरिका में देखा गया। ‘रियलिटी लेग विनर‘ नामक एक इंटेलिजेंस विशेषज्ञ महिला को 2017 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें पांच साल की जेल की सजा हुई। उन पर ‘द इंटरसेप्ट‘ नामक न्यूज वेबसाइट को कुछ महत्वपूर्ण गुप्त दस्तावेज लीक करने का आरोप था। यह दस्तावेज एनएसए (नेशनल सिक्यूरिटी एजेंसी) से लीक हुए थे। यह अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप से जुड़ा मामला बताया गया। उस महिला व्हिसल ब्लोअर ने दस्तावेज लीक करते समय कुछ ऐसे सुराग छोड़ दिए जिसके कारण पहचान हो गई और जेल जाना पड़ा।

जेसन रीच और हार्लो होम्स के प्रमुख सुझाव इस प्रकार हैं:

एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग करें: स्रोतों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि पत्रकारों के साथ साझा की जाने वाली जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहे। इसमें ऐसे टूल का उपयोग करना चाहिए, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की उपस्थिति न हो। ‘सिग्नल‘ और ‘व्हाट्सएप‘ जैसे मैसेजिंग ऐप में संदेशों को एन्क्रिप्ट किया जाता है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि केवल पत्रकार और स्रोत को ही उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों में संदेश मिलेगा। इन संदेशों की सामग्री इंटरनेट पर भेजे जाने के दौरान एन्क्रिप्ट की जाती है। इसका अर्थ है कि कोई अन्य व्यक्ति उन्हें पढ़ नहीं सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह ‘ईमेल‘ या ‘एसएमएस‘ की तुलना में अधिक सुरक्षित है। ‘ईमेल‘ या ‘एसएमएस‘ के संदेशों को किसी सर्वर पर संग्रहित किया जाता है। कानूनी एजेंसियां इन कंपनियों को मजबूर करके ऐसे संदेशों को निकाल सकती हैं।

जेसन रीच ने कहा कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ ही सुरक्षा की एक और परत का उपयोग करना चाहिए। आप इन मैसेज को स्वचालित रूप से गायब करने की सेटिंग कर दें। एक निश्चित अवधि के बाद आपके संदेश स्वचालित रूप से हट जाएंगे। ‘सिग्नल‘ और ‘व्हाट्सएप‘ जैसे ऐप्स में यह सुविधा है।

संदेश भेजने के पहले सत्यापन करें: जब भी आप किसी माध्यम से कोई संदेश भेजते या ग्रहण करते हों, तब पहले यह सत्यापन कर लें कि आप वास्तविक व्यक्ति से ही संवाद कर रहे हैं। कहीं किसी अन्य व्यक्ति का कोई खेल तो नहीं। इसलिए हर बातचीत से पहले हमेशा स्रोत को सत्यापित करना जरूरी है। पत्रकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह उसी व्यक्ति से बात कर रहा है। जेसन रीच ने कहा- “आप उससे पूछ सकते हैं कि जब हम पहली बार मिले थे तो मैंने खाने के लिए क्या ऑर्डर किया था?“

एक एनालॉग होल बनाएं: इंटरनेट पर डेटा ट्रांसफर करना हमेशा सुरक्षित नहीं होता है। खासकर अगर सूचना मॉनिटर किए गए सर्वर पर भेजी जा रही हो, तो उसमें जोखिम शामिल है। संभव है कि नए स्रोत ने जब पत्रकार से संपर्क किया, तो उस पर नजर रखी जाने लगी हो। इस तरह उसने अपनी सुरक्षा से समझौता कर लिया हो। पत्रकारों को ऐसा जोखिम कम करने का प्रयास करना चाहिए।

इसका एक तरीका यह है कि स्रोत उस दस्तावेज को ‘एनालॉग‘ माध्यम से भेजे। यह कैसे किया जा सकता है? हार्लो होम्स कहती हैं- “पूरी डिजिटल कॉपी सीधे भेजने के बजाय स्रोत से एक दस्तावेज का स्नैपशॉट लेने के लिए कहें। ऐसा करने में स्रोत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह किसी मॉनिटर किए जा रहे फोन का उपयोग न करे। यानी अपनी कंपनी द्वारा दिए गए फोन का उपयोग न करे। यह भी सुनिश्चित करे कि उनकी तस्वीरें गूगल फोटो की तरह क्लाउड में स्वचालित रूप से सहेजी नहीं जाती हैं। फिर इन चित्रों को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन संदेशों का उपयोग करके भेजा जा सकता है।

स्रोत को जोखिम से अवगत कराएं: ज्यादातर मामलों में स्रोत या व्हिसल ब्लोअर को यह मालूम नहीं होता कि वह कितना बड़ा जोखिम उठा रहे हैं। इसलिए पत्रकारों को उन्हें यह बात समझाने में मदद करनी चाहिए, ताकि वे इन खतरों से पूरी तरह अवगत हों कि उनके द्वारा दी गई जानकारी का प्रकाशन उन्हें कैसे प्रभावित कर सकता है। हार्लो होम्स कहती हैं कि पत्रकार अपने स्रोतों को उन वकीलों से सलाह लेने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं, जो अदालती मामले में उनका बचाव कर सकें।

सुरक्षित संचार माध्यम का उपयोग करें:  संचार का एक सुरक्षित साधन होना चाहिए। यह एक और तरीका है जिससे पत्रकार अपने स्रोतों की रक्षा कर सकते हैं। कभी-कभी स्रोत किसी ऐसे डिवाइस का उपयोग करते हैं, जिसकी उसके संस्थान द्वारा निगरानी होती हो। इसलिए अपनी सुरक्षा को खतरे में डाले बिना संवाद के लिए उन्हें ऐसे डिवास से दूर रहने की सलाह दें। स्रोत की मदद करके उनके साथ विश्वास बनाना जरूरी है। विशेषज्ञों की सलाह है कि ऐसे मामलों में कभी भी एसएमएस या ईमेल पर संवाद न करें।

क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के तहत हमारे लेखों को निःशुल्क, ऑनलाइन या प्रिंट माध्यम में पुनः प्रकाशित किया जा सकता है।

आलेख पुनर्प्रकाशित करें


Material from GIJN’s website is generally available for republication under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International license. Images usually are published under a different license, so we advise you to use alternatives or contact us regarding permission. Here are our full terms for republication. You must credit the author, link to the original story, and name GIJN as the first publisher. For any queries or to send us a courtesy republication note, write to hello@gijn.org.

अगला पढ़ें

threats democracy journalism tips expose disinformation

लोकतंत्र पर पांच खतरे और उन्हें उजागर करने के लिए तरीके

फर्जी खबरों की तुलना में सत्य को विकृत करना अधिक प्रभावी है। यह एक जैसी आवाज की प्रतिध्वनि वाले इकोसिस्टम या इको चैंबर बनाने जैसी स्थिति है। इसमें एक ही बात को दोहराने और आगे बढ़ाने के लिए संयोजन या समन्वय में काम करने वाली कई पार्टियां हैं। ये समूह इसे टीवी, इंटरनेट और रेडियो पर प्रसारित करते हैं। लोग एक ही चीज को बार-बार सुनते हैं, तो वह कथा वास्तविक का आधार बन जाती है। इसके कारण साक्ष्य-आधारित रिपोर्टिंग को अब जरूरी नहीं समझा जाता। यह एक बड़ा खतरा है।

ग्लोबल शाइनिंग लाइट पुरस्कार नाइजीरिया, वेनेज़ुएला, उत्तर मैसेडोनिया और दक्षिण अफ़्रीका के समाचार संस्थानों को 

यह पुरस्कार विकासशील या परिवर्तनशील देशों में खतरनाक परिस्थितियों में की जाने वाली खोजी पत्रकारिता का सम्मान करते है। इस बार प्रविष्टियाँ इतनी अधिक थीं कि पुरस्कार निर्णायकमंडल ने दो अतिरिक्त परियोजनाओं को उत्कृष्टता के प्रमाण पत्र देने का फैसला किया

साइबर जासूसी की महामारी का सामना कर रहे हैं दुनिया के पत्रकार

“पहले किसी जासूसी सॉफ्टवेर को आपके फ़ोन पर सक्रिय करने के लिए आपको किसी लिंक पर क्लिक करना होता था लेकिन अब पेगासस स्पाइवेयर के नवीनतम संस्करण में अब इसकी आवश्यकता नहीं होती है,” उन्होंने बताया। “एक पल आपका फ़ोन सुरक्षित है, अगले ही पल कोई सरकार का आदमी आपकी बातचीत सुन रहा है, और आपको अंदाज़ा भी नहीं है”।

क्रियाविधि

कम समय में किसी की पृष्ठभूमि का पता कैसे लगाएं?

अदालत के स्टाफ से बात करें। विशेषकर छोटे शहरों में। ब्रेंडन मैक्कार्थी ने कहा- “अदालत के स्टाफ से जानकारी प्राप्त करना काफी उपयोगी है। वे पहले कहेंगे कि ऐसी जानकारी देने के लिए वे स्वतंत्र नहीं हैं। लेकिन फिर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं। विशेष रूप से छोटे शहरों में ऐसे स्टाफ को पत्रकारों से निपटने की कम आदत होती है। वे जानना चाहते हैं कि क्या हो रहा है। आप उनसे पूछें कि मुझे अन्य किससे बात करनी चाहिए?“