आलेख

विषय

इंटरनेट पर सरकारी पाबंदी के दौरान पत्रकारों के लिए पांच उपयोगी साधन

इस लेख को पढ़ें

फोटो: इंटरनेट पर सरकारी प्रतिबंध होने पर वीपीएन का मेश नेटवर्क उपयोगी है। अन्य कई तरीकों से भी आप कुछ काम जारी रख सकते हैं। इमेज: शटरस्टॉक

इंटरनेट को बंद करना सरकारों की एक आम रणनीति बन गई है। कई मौकों पर किसी संपूर्ण देश में या किसी खास क्षेत्र में सरकार द्वारा इंटरनेट को शटडाउन कर दिया जाता है। ऐसा करके मीडिया और नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मुक्त संचार से रोकने की कोशिश होती है। कुछ सरकारें मानवाधिकारों पर हमलों को छिपाने या सूचना के प्रवाह को नियंत्रित करने का प्रयास करती हैं। कई बार हिंसा या तनाव के कारण अफवाह रोकने के मकसद से भी ऐसा किया जाता है। इंटरनेट पर प्रतिबंध या ब्लैक आउट के कई रूप हो सकते हैं। इसमें कुछ खास वेबसाइटों को सेंसर करने से लेकर सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप पर रोक लगाने अथवा इंटरनेट को पूरी तरह से बंद करने जैसे तरीके शामिल हैं।

ऐसे मौकों पर पत्रकारों को संचार के लिए कौन-से तरीके आजमाने चाहिए? इंटरनेट शटडाउन के दौरान कई उपकरण और तरीके उपयोगी हो सकते हैं। रेस्ट ऑफ वर्ल्ड नामक संगठन ने गोपनीयता और सुरक्षा के विशेषज्ञों से इस पर सलाह मांगी। सभी विशेषज्ञों ने कहा कि इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण काम पहले से अपनी योजना बनाना है। यदि आप ऐसे देश या क्षेत्र में रहते हैं, जहां इंटरनेट शटडाउन की संभावना है, तो अपनी तैयारी करें। वीपीएन और अन्य ऐप डाउनलोड कर लें। एक आकस्मिक योजना बनाएं। ऐसा फोन नंबर रखें, जो कनेक्ट करने के लिए इंटरनेट पर निर्भर नहीं है। महत्वपूर्ण लोगों के बीच संपर्क के लिए ऐसे फोन नंबरों का चैनल हो, जिनसे बात करना आसान हो।

डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता मैरिएन डिआज हर्नांडेज के अनुसार “इंटरनेट शटडाउन से पहले आपने योजना नहीं बनाई हो, तो मतलब आपने बहुत देर कर दी है।” विशेषज्ञों से मिले सुझाव के आधार पर यहां पांच तरीके बताए गए हैं। इंटरनेट पर रोक के दौरान इन तरीकों से आप कुछ काम जारी रख सकते हैं।

1. वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन)

किसी देश में कुछ वेबसाइटों या कुछ खास सामग्री पर सरकारी रोक लगा दी जाती है। वैसे वेबसाइट या उन सामग्री तक पहुंचने के लिए आप वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग कर सकते हैं। दूरसंचार ऑपरेटरों या संचार अधिकारियों की मदद से ऐसा किया जाता है। ऐसा होने पर आप किसी स्थानीय आईपी या इंटरनेट पते के जरिए उस प्रतिबंधित वेबसाइट तक नहीं पहुंच सकेंगे।

ऐसे मामले में वीपीएन उपयोगी है। यह आपके कनेक्शन को किसी एक दूर स्थान पर मौजूद सर्वर के माध्यम से रूट करके आपके आईपी पते को छुपा देता है। इसके कारण ऐसा लगता है कि आप किसी अन्य देश से उस वेबसाइट या सामग्री तक पहुंच रहे हैं। हालाँकि कुछ मामलों में वीपीएन भी काम नहीं करता है। जैसे, रूस और मिस्र इत्यादि देशों ने वीपीएन से ट्रैफिक को रोकने के लिए नेटवर्क प्रबंधन तकनीक का उपयोग किया है।

मैरिएन डिआज हर्नांडेज कहती हैं-  “आपको कम-से-कम दो वीपीएन का उपयोग करना चाहिए। जैसे, टनल-बियर और नॉर्ड-वीपीएन। एक वीपीएन आम तौर पर लगभग 80 फीसदी स्थितियों में बंद हो जाएगा। जहां सरकार किसी विशेष वेबसाइट का गला घोंट रही है, मात्र एक वीपीएन हमेशा काम नहीं कर सकता है। अपना डोमेन नाम सर्वर (डीएनएस) भी बदलना आपके लिए बेहतर होगा।“

यह ध्यान रहे कि ब्राउज करते समय कोई वीपीएन आपकी गोपनीयता की रक्षा नहीं करता है। अनाम ब्राउजिंग करने के लिए वीपीएन इंस्टॉल होने के बाद टीओआर ब्राउजर को डाउनलोड कर लें। लेकिन ऐसा करने से पहले अपने देश के कानूनों का पता लगा लें। चीन, रूस, क्यूबा जैसे देशों में वीपीएन अवैध हैं या उन पर कड़े कानून लागू हैं। इसलिए अपने देश में कानूनी स्थिति की जानकारी लेने के बाद ही वीपीएन का उपयोग करें।

2. मेश नेटवर्क

ब्रायर (Briar) और ब्रिजफाई (Bridgefy) नामक ऐप कुछ स्थितियों में मददगार हो सकते हैं। जहां काफी लोग एकत्रित हों, वहां इनका उपयोग संभव है। जैसे, विरोध प्रदर्शन, प्राकृतिक आपदा या संगीत समारोह। इंटरनेट बंद होने पर ऐसी जगहों में आप वाई-फाई या ब्लूटूथ कनेक्शन वाले उपकरणों के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। इनके जरिए आप एक ऐसा नेटवर्क बना सकते हैं, जो इंटरनेट के बिना काम करता है।

फायरसाइड मैसेंजर (Fireside Messenger) भी काफी उपयोगी है। यह इंटरनेट बंद या खराब होने पर उपयोगकर्ताओं का एक ‘मेश नेटवर्क‘ बना देता है। इसके निर्माता स्टैनिस्लाव शालुनोव ने बताया कि सूडान में फायरसाइड मैसेंजर उपयोगकर्ताओं की संख्या काफी बढ़ गई। वहां सैनिक तख्तापलट के बाद सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया था।

कई मेश नेटवर्क का उपयोग सीमित भौगोलिक सीमा तक ही संभव है। मैरिएन डिआज हर्नांडेज के अनुसार ज्यादातर मामलों में आप अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद करने में सक्षम होंगे, लेकिन बाहरी दुनिया से नहीं।

इसके अलावा, मेश नेटवर्क अभेद्य नहीं हैं। वर्ष 2020 में लंदन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ब्रिजफाई में कई कमजोरियां पाईं। इसमें कोई उपयोगकर्ता किसी दूसरे के नाम की नकली पहचान बनाकर प्रवेश कर सकता है। ऐसी कमियों के कारण इनका उपयोग करने वालों को हमले या निगरानी का शिकार बनाया जा सकता है।

जब मिस्र ने इंटरनेट बंद किया: वर्ष 2011 में विरोध प्रदर्शन दौरान इंटरनेट शटडाउन का एक रेखांकन। इमेज: जोस मेसा / फ्लिकर (क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस)

3. अंतर्राष्ट्रीय सिम कार्ड

मोबाइल इंटरनेट ब्लैकआउट के दौरान आमतौर पर नेटवर्क ऑपरेटरों द्वारा वैश्विक वेब का कनेक्शन बंद कर दिया जाता है। लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों या पड़ोसी देश से नेटवर्क लेना संभव है, जहां इंटरनेट अभी भी उपलब्ध है। आपके पास विदेशी सिम कार्ड होने से आप वैसे नेटवर्क से जुड़ सकते हैं। म्यांमार में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे के साथ जुड़े रहने के लिए थाई सिम का उपयोग किया। वह इस माध्यम से विदेशी सहयोगियों के साथ बात करते हैं, और मोबाइल ट्रांसफर सेवाओं के माध्यम से सहायता राशि भी प्राप्त करते हैं। .

4. साइडलोडिंग ऐप्स

कुछ मामलों में सरकार किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ऐप स्टोर से हटा देती हे। ऐसा करके उस प्लेटफॉर्म तक आपको पहुंचने से रोका जाता है। ऐसा अभी रूस ने फेसबुक के लिए किया है।

लेकिन एंड्रॉइड पर आधिकारिक ऐप स्टोर की आवश्यकता नहीं होती है। इनमें अपने डिवाइस पर ऐप्स डाउनलोड करने के बजाय आप इसे ‘साइडलोड‘ कर सकते हैं। लेकिन इसमें कुछ जोखिम है। गूगल जैसी कोई बड़ी कंपनी यह जाँच नहीं कर रही है कि ये ऐप वैध हैं अथवा नहीं। कुछ ऐप में मैलवेयर या वायरस हो सकते हैं। कुछ आपको परेशान कर सकते हैं। जैसे, ऐप्स का एक सेट  जो फैशन और फोटो ऐप के रूप में पेश किया जाता है लेकिन वास्तव में आक्रामक पॉप-अप विज्ञापन देता है। अन्य प्रकार के खतरे भी हो सकते हैं।

5. उपग्रह सामग्री

इंटरनेट को लंबे समय तक शटडाऊन किया गया हो या किसी वेबसाइट पर सेंसरशिप की अवधि लंबी हो, तो वैश्विक सामग्री और जानकारी तक पहुंच के लिए पर्याप्त उपाय करने होंगे। ईरान में सैटेलाइट डिश का बेहतर उपयोग हुआ है। टीवी देखने के लिए उपयोग में आने वाले सैटेलाइट डिश के माध्यम से उपयोगकर्ता किसी सामग्री को रिकॉर्ड और डाउनलोड कर सकते हैं। यह विधि समाचार रिपोर्ट, यूट्यूब वीडियो तथा अन्य सामग्री तक पहुँचने के लिए उपयोगी है। लेकिन यह उपयोगकर्ताओं को परस्पर संवाद की सुविधा नहीं देती है। हालांकि सामग्री को यूएसबी ड्राइव पर डाउनलोड किया जा सकता है और मैन्युअल रूप से साझा किया जा सकता है।

हाल ही में, स्पेसएक्स ने यूक्रेन के उन क्षेत्रों में स्टारलिंक उपग्रह इंटरनेट प्रदान किया जहां रूसी आक्रमण के कारण कनेक्टिविटी खत्म हो गई थी। हालांकि उपग्रह इंटरनेट रिसीवर महंगे हैं और उपयोगकर्ताओं को असुरक्षित कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें ढूंढना आसान है।

यह लेख रेस्ट ऑफ वर्ल्ड द्वारा इंटरनेट ब्लैकआउट पर एक श्रृंखला के तहत प्रकाशित किया गया था। आप मूल लेख यहां  पढ़ सकते हैं। यह लेख अनुमति के साथ पुनर्प्रकाशित किया जा रहा है।

अतिरिक्त संसाधन

Russia’s Attack on the Free Press: Insight and Survival Strategies from Meduza and Novaya Gazeta

Tips to Uncover the Spy Tech Your Government Buys

Lessons Learned from Journalists Facing Attacks and Persecution


विटोरिया इलियट स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह नीति, दुष्प्रचार, श्रम, मानवाधिकार, संघर्ष, सामाजिक प्रभाव और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों को कवर करती हैं। वह रेस्ट ऑफ वर्ल्ड की पूर्व स्टाफ रिपोर्टर हैं। उनकी खबरें द न्यू ह्यूमैनिटेरियन, अल जजीरा इंग्लिश, जेडडीएफ जर्मन टेलीविजन और प्रोपब्लिका द्वारा भी प्रकाशित की गई हैं।

क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के तहत हमारे लेखों को निःशुल्क, ऑनलाइन या प्रिंट माध्यम में पुनः प्रकाशित किया जा सकता है।

आलेख पुनर्प्रकाशित करें


Material from GIJN’s website is generally available for republication under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International license. Images usually are published under a different license, so we advise you to use alternatives or contact us regarding permission. Here are our full terms for republication. You must credit the author, link to the original story, and name GIJN as the first publisher. For any queries or to send us a courtesy republication note, write to hello@gijn.org.

अगला पढ़ें

Best Investigative Stories from India 2024

वर्ष 2024 की भारत से सर्वश्रेष्ठ खोजी खबरें

प्रेस की स्वतंत्रता में अभूतपूर्व गिरावट आई। इस दौरान अनगिनत पत्रकारों को उत्पीड़न अथवा दमनकारी कानूनों का शिकार होना पड़ा। इसके बावजूद वर्ष 2024 में भारत के खोजी पत्रकारों ने अनगिनत शक्तिशाली खोजी खबरें पेश की हैं।

सदस्यों के बारे में

मलेशियाकिनी: एक स्वतंत्र न्यूजरूम का निर्माण, जो सत्ता के लिए चुनौती बना

मलेशियाकिनी एक स्वतंत्र मीडिया संगठन है। यह सरकार समर्थक या विपक्ष समर्थक नहीं है। यह हर किसी पर रिपोर्ट करता है। ऐसा करना आसान सरल लग सकता है। लेकिन एक गैर-लोकतांत्रिक मीडिया माहौल में यह आसान काम नहीं है। मलेशियाकिनी की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पत्रकारिता वास्तव में एक क्रांति के समान है। उनकी अनूठी ताकत उनके पाठक हैं, जो मलेशियाकिनी के लिए अपने समर्थन पर गर्व करते हैं और भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण साझा करते हैं।

Supporters of far right group Golden Dawn in Greece

अति-दक्षिण चरमपंथियों की चैट पर नज़र कैसे रखें?

Junkipedia tool – ऑडियो पर नजर रखने के लिए यह एक नई दक्षता वाला टूल भी आया है। यह पत्रकारों को उग्र भाषणों को पूरा सुनने की कठिन मेहनत से भी बचा सकता  है। यह अंग्रेजी भाषा के पॉडकास्ट को स्वचालित रूप से ट्रांसक्राइब कर सकता है। साथ ही, कीवर्ड के आधार पर खोज करने में भी कारगर है।

GIJC25 Kuala Lumpur, Malaysia, November 21 - 24, 2025

जीआईजेएन की अगले वैश्विक सम्मेलन की तारीख़ के साथ वेबसाइट लॉन्च

ग्लोबल इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कांफ्रेंस यानि GIJC25  (जीआईजेसी25) शुक्रवार, 21 नवंबर से सोमवार, 24 नवंबर, 2025 तक मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित किया जाएगा।