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मानव तस्करी की रिपोर्टिंग के दौरान कैसे रहें सुरक्षित

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ड्रग्स एंड क्राइम कार्यालय (संयुक्त राष्ट्र संघ) के अनुसार हर उम्र और सभी पृष्ठभूमि के पुरुष, महिलाएं और बच्चे मानव तस्करी का शिकार हो सकते हैं। इमेज: शटरस्टॉक

मानव तस्करी यानी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग की रिपोर्टिंग करना काफी जोखिम भरा काम है। दो पत्रकारों एनी केली और इयान अर्बिना ने अपने अनुभवों के आधार पर बताया है कि सुरक्षित रहकर ऐसी रिपोर्टिंग कैसे करें।

‘द गार्जियन’ की पत्रकार एनी केली ने आधुनिक गुलामी, तस्करी और श्रम शोषण पर एक रिपोर्टिंग श्रृंखला का संपादन किया है। लिहाजा, उनके पास ऐसी खोजी पत्रकारिता से जुड़े खतरों का अनुभव है। वह कहती हैं – “मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग करते समय आप एक अपराध की जांच करते हैं। यानी आप किसी आपराधिक गिरोह के खिलाफ पत्रकारिता करते हैं। इसलिए आपके साथ ही आपके स्रोतों तथा सहयोगियों के लिए भी खतरा होता है।”

गैर-लाभकारी मीडिया संगठन ‘द आउटलॉ ओशन प्रोजेक्ट’ के संस्थापक इयान अर्बिना भी इस मामले के विशेषज्ञ हैं। वह समुद्र में श्रमिकों के शोषण और पर्यावरण के उल्लंघन पर रिपोर्टिंग करते हैं।

जर्नलिज्म फंड डॉट ईयू के एक वेबिनार में उक्त दोनों विद्वानों ने दुनिया भर में मानव तस्करी की रिपोर्टिंग और सुरक्षा चुनौतियों पर अपने अनुभव सुनाए। दोनों पत्रकारों ने श्रमिकों के शोषण, सीमा पार से आधुनिक दासता और मानव तस्करी के बारे में रिपोर्टिंग और संपादन किया है। उन दोनों ने अपनी पत्रकारिता के जरिए बताया है कि वैश्विक उद्योगों के कारण मानव सभ्यता को कैसी कीमत चुकानी पड़ रही है।

फोटो कैप्शन – ‘द आउटलॉ ओशन प्रोजेक्ट’ के संस्थापक इयान अर्बिना। इमेज : ‘द आउटलॉ ओशन प्रोजेक्ट‘ के सौजन्य से

एनी केली कहती हैं- “हमने उन चीजों को देखने की कोशिश की है जिनका हम रिपोर्टिंग के दौरान उपयोग करते हैं। हम ऐसे लोगों की खबर निकालते हैं जो इस मानव तस्करी का शिकार हैं। ऐसे लोग इस आपूर्ति श्रृंखला में सबसे नीचे हैं। हमने यह उजागर करने का प्रयास किया है कि श्रम शोषण और मानव तस्करी का सिस्टम किस तरह चलता और फलता-फूलता है।”

ऐसी गहन जांच में महीनों लग सकते हैं। इसलिए पत्रकारों और स्रोतों पर जोखिम कम करने के लिए सटीक योजना बनाने और समन्वय की आवश्यकता होती है। व्यापक योजना के बावजूद ऐसी रिपोर्टिंग की अप्रत्याशित प्रकृति के कारण इस पत्रकारिता में खतरा हरदम बरकरार रहता है।

इयान अर्बिना कहते हैं- “रिपोर्टिंग के लिए फील्ड में जाने पर हमें विभिन्न स्रोतों से बात करने की आवश्यकता होती है। इसके आधार पर हमारी योजना में बहुत कुछ बदल जाता है। इसके बावजूद हमारी टीम किसी खोजी रिपोर्टिंग यात्रा के लिए कई महीनों तक पूरी योजना बनाती है। टीम को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण हर बात को ध्यान में रखा जाता है।”

इयान अर्बिना की टीम ने लीबिया, फिर लैम्पेडुसा (इटली) की यात्रा करने वाले उप-सहारा प्रवासियों के मार्ग पर रिपोर्टिंग की। इस दौरान सुरक्षा योजना कैसे बनाई गई और क्या प्रक्रिया अपनाई गई, इसकी जानकारी देते हुए इयान अर्बिना ने निम्नलिखित सुझाव दिए:

  • पूरक टीम भी बनाएं – ‘द ओशन आउटलॉ प्रोजेक्ट’ के तहत इस जांच के लिए एक जमीनी टीम (ऑन-लैंड) का निर्माण किया गया। इस टीम ने लीबिया के प्रवासी डिटेंशन सेंटरों में शोध किया। एक केंद्र में एक प्रवासी की मौत की जांच भी की। इसके अलावा एक पूरक या ‘ऑफशोर’ टीम भी थी। इसने एक चिकित्सा सहायता संगठन ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स‘ के चार्टर्ड जहाज पर पांच सप्ताह तक एम्बेडेड टीम के रूप में काम किया।
  • अपने मार्ग और सुरक्षित वापसी की योजना बनाएं – इयान अर्बिना ने कहा कि यात्रा से पहले आयोजित बैठकों में दिन-प्रतिदिन के मार्ग को निर्धारित किया गया। रास्ते के प्रत्येक चरण में जोखिमों का पूरा आकलन भी किया गया। सुरक्षा मूल्यांकन करने के बाद हमने आपातकालीन प्रोटोकॉल निर्धारित किए। यदि हमें गिरफ्तार किया जाता है, तो आपातकालीन संपर्क, देश और विदेश में सहायक स्रोतों इत्यादि की योजना बनाई गई।
  • दूसरी टीम के साथ नियमित संपर्क में रहें – पूरक एम्बेडेड टीम तथा जमीनी टीम का हर छह से बारह घंटे के बीच सैटेलाइट फोन के माध्यम से संपर्क कायम रखने की नीति बनाई गई। अलग-अलग देशों में दूर रहकर काम करने वाले अपने कर्मचारियों और ऑफशोर टीम के बीच संवाद के लिए हर समय दो लोगों को ऑनलाइन तैनात रखा गया।
  • आपातकालीन सुरक्षा दस्तावेज़ बनाएँ-  इयान अर्बिना और उनकी टीम ने ‘वन-स्टॉप-शॉप दस्तावेज़’ बनाने में काफी समय का निवेश किया। इस दस्तावेज में हर ऐसे व्यक्ति का फ़ोन नंबर दर्ज किया गया, जिससे किसी आपातकाल में मदद मिल सकती है। ऐसी सूची में यह भी स्पष्ट किया गया कि किन लोगों से किस क्रम में, और किस स्थिति में संपर्क करें। इस सूची में व्हाइट हाउस के अमेरिकी संपर्क, कांग्रेस (संसद) के अधिकारी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुख लोगों का विवरण शामिल था। रेड क्रॉस, मानवाधिकार वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे विश्वसनीय संगठनों के क्षेत्रीय और देश-विशिष्ट संपर्क भी शामिल किए गए।
  • हर व्यक्ति और हर उपकरण का बीमा कराएं-  जांच टीम में शामिल सभी लोगों तथा उनके द्वारा उपयोग में लाए जा रहे महंगे उपकरणों का बीमा कराना आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि आपको उचित चिकित्सा कवरेज भी मिले। जरूरत पड़ने पर बीमा के तहत इलाज कराने का तरीका भी जान लें।

इयान अर्बिना कहते हैं- “आप कितनी भी अच्छी तैयारी कर लें, यह बात हरदम याद रखें कि मानव तस्करी की जांच में काफी जोखिम निहित है। आपकी जांच जितनी अधिक जटिल होगी, आपकी इन सुरक्षा तैयारियों को बनाए रखना उतना ही कठिन होगा।”

‘द आउटलॉ ओशन प्रोजेक्ट’ की अधिकांश रिपोर्टिंग समुद्र में होती है। इसलिए इसके संचालन प्रोटोकॉल को निरंतर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जैसे, संचार कनेक्टिविटी की समस्या।

 

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा संचालित एक बचाव पोत पर सवार प्रवासी, जिन्हें लीबिया के तट से बचाया गया। इमेज: एड ओ, ‘द आउटलॉ ओशन प्रोजेक्ट’ के सौजन्य से

 

रिपोर्टिंग के दौरान सुरक्षा

एनी केली कहती हैं- “ऐसी रिपोर्टिंग के दौरान एक पत्रकार के बतौर अपनी पहचान छुपाए रखने का प्रयास करें। लेकिन एक पत्रकार होना आपको मुश्किल परिस्थितियों से बचा सकता है। इसलिए अपना प्रेस मान्यता कार्ड साथ लेकर जाएं।”

वर्ष 2013 में, ‘द गार्जियन’ के रिपोर्टर पीट पैटिसन ने 2022 विश्व कप की तैयारी के लिए दोहा (कतर) में जबरन श्रम के उपयोग की जांच की। एनी केली और उनकी टीम ने कतर में पीट पैटिसन तथा उनके स्रोतों की सुरक्षा में मदद की। उनके स्रोत ऐसे कमजोर लोग थे, जिन्हें प्रवासी शिविरों में रहने और काम करने के लिए मजबूर किया गया।

‘द गार्जियन’ पत्रकार की एनी केली। इमेज: स्क्रीनशॉट

उस वक्त तक यह स्टोरी व्यापक रूप से रिपोर्ट नहीं की गई थी। इसलिए पत्रकार पीट पैटिसन को कतर में स्थानीय रूप से जांच में कोई खतरा महसूस नहीं हुआ। उन्होंने एक पर्यटक के रूप में अपने पासपोर्ट के साथ कतर देश में प्रवेश किया था। इसलिए सरकारी अधिकारियों ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। वह सुरक्षित रूप से अपनी रिपोर्टिंग कर सके।

कतर में उस रिपोर्टिंग को चतुराई से संचालित करने की रणनीति बनाई गई थी। यथासंभव गुप्त या गुमनाम रूप से रिपोर्टिंग की गई। एनी केली ने ऐसी परिस्थितियों में काम करने वाले पत्रकारों को निम्नलिखित सुझाव दिए-

  • किसी जगह देर तक न रुकें-  एक स्थान पर रिपोर्टिंग करके तेज़ी से दूसरी जगह चले जाएं। कतर में रिपोर्टर ने किसी एक स्थान पर 45 मिनट से अधिक समय नहीं बिताया। इसके कारण लोगों का आपकी ओर ध्यान आकर्षित नहीं होता है। किसी एक जगह देर तक रुकने पर लोगों को संदेह हो सकता है।
  • सड़क मार्ग का आकलन करें – पीट पैटिसन जब भी रिपोर्टिंग के लिए प्रस्थान करते, उससे पहले टीम द्वारा जोखिम मूल्यांकन किया जाता। सुरक्षा टीम यह सुनिश्चित करती थी कि वह जिन श्रमिक शिविरों का दौरा करेंगे, वहां सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। वह जब भी किसी शिविर के लिए निकलते थे, तो कतर में और अन्य देश में स्थित अपने भरोसेमंद लोगों को सूचना देते थे कि कहां जा रहे हैं।
  • अक्सर होटल बदलें, अलग-अलग समय पर मिलें – रिपोर्टर को एक ही होटल में दो दिनों से अधिक नहीं रुकना चाहिए। अलग-अलग स्थानों और अलग समय पर मीटिंग शेड्यूल करनी चाहिए।
  • बर्नर फोन का उपयोग करें – सिम कार्ड को बार-बार बदलने से आपके संचार को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है।

विश्व कप 2022 के लिए दोहा (कतर) में एक फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण स्थल। इमेज : शटरस्टॉक

 

पीट पैटिसन प्रतिदिन दो बार अपनी संपादक एनी केली के साथ संपर्क जरूर करते थे। टीम ने स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों से संपर्क करके अच्छा संचार सुनिश्चित करने का प्रयास भी किया। इसका मकसद यह था कि पीट पैटिसन जब कतर में हों, तो किसी आपातकाल में मदद पहुंचाई जा सके।

इयान अर्बिना ने रिपोर्टिंग के दौरान सुरक्षा के कुछ अतिरिक्त सुझाव भी दिए:

  • सैटेलाइट ट्रैकिंग डिवाइस पहनें – अगर आप खर्च कर सकते हैं, तो सैटेलाइट लोकेशन डिवाइस का उपयोग करें। ‘द आउटलॉ ओशन प्रोजेक्ट’ के सभी पत्रकार अपनी बेल्ट से जुड़े छोटे गार्मिन ट्रैकिंग डिवाइस पहनते हैं। इनमें एक एसओएस कोड होता है। यह सैटेलाइट से जुड़ा होता है। इसके कारण किसी आपात स्थिति का पता आसानी से चल सकता है।
  • जरूरी जानकारी हर समय साथ रहे –  ऑफशोर टीम के पत्रकारों के पास हमेशा नकद रूप में स्थानीय मुद्रा, उनका पासपोर्ट, पहचान पत्र होना चाहिए। उनकी व्यक्तिगत आवश्यक जानकारी वाले लैमिनेटेड कार्ड की कई प्रतियां होनी चाहिए। इस कार्ड में उनके ब्लड-ग्रुप, किसी एलर्जी एवं स्वास्थ्य आपात स्थिति के लिए अन्य महत्वपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। इस कार्ड को दोनों जूतों के तलवे के नीचे और जेब के गुप्त स्थान में छिपा लें। यह किट उस वक्त महत्वपूर्ण हो जाएगा, जब कोई रिपोर्टर अपनी टीम से बिछड़ जाए, या उसका सामान जब्त कर लिया जाए।
  • लक्ष्यों और सुरक्षा का प्रतिदिन आकलन करें –  अगले दिन के लिए अपने काम और लक्ष्य पर चर्चा करना प्रतिदिन जरूरी है। टीम को परिस्थितियों के अनुकूल अगली यात्रा की तैयारी करनी पड़ती है। आवश्यकता होने पर अपने यात्रा कार्यक्रम को बदलना पड़ता है। यह भी देखना जरूरी है कि क्या फील्ड में टीम का हर सदस्य इस योजना के साथ सहज महसूस करता है। जरूरत पड़ने पर किसी सदस्य को किसी दिन अपने काम से अलग रखने का विकल्प रहता है।

अपने अंतर्मन पर भरोसा रखें

दोनों पत्रकारों ने व्यक्तिगत सुरक्षा के मामले में अपनी अंतर्मन की भावना पर भरोसा करने का सुझाव दिया। जिन स्थितियों में आप सहज महसूस नहीं करते हैं, वहां से फौरन बाहर निकल जाएं। भले ही आप खतरे की स्पष्ट पहचान न कर सके हों।

दोनों ने साक्षात्कार के दौरान इन बुनियादी नियमों का पालन करने का सुझाव दिया:

  • रात में, किसी बार में या शराब पी रहे लोगों के बीच इंटरव्यू शेड्यूल करने से बचें।
  • अंदर जाओ, बाहर निकलो। एक ही स्थान पर ज्यादा समय न बिताएं। आप जितने अधिक समय तक कहीं रहेंगे, आपकी उपस्थिति को नोटिस करने का जोखिम उतना ही अधिक होगा।
  • मानव तस्करी के शिकार लोगों से उनके घर या कार्यस्थल पर न मिलें। उनके दैनिक वातावरण से दूर किसी बस स्टॉप, रेस्तरां या अन्य सुरक्षित स्थानों पर उनसे बात करें।
  • कोई अन्य ‘कवर गतिविधि’ भी करें। रिपोर्टिंग के दौरान आप किसी अन्य प्रकार की गतिविधि में भी संलग्न रहें। इससे किसी को यह संदेह नहीं होगा कि आप किसी का इंटरव्यू कर रहे हैं। इयान अर्बिना ने कहा कि समुद्र में किसी स्रोत से बात करते समय जहाज पर कुछ गतिविधि करते रहें। इससे किसी अन्य व्यक्ति को पता नहीं चलेगा कि आप एक साक्षात्कार आयोजित कर रहे हैं। एनी केली ने कहा कि कतर में एक रिपोर्टर ने घोड़े की सवारी करते हुए साक्षात्कार लिया।

इयान अर्बिना ने कहा कि आपको अपने स्रोतों की भलाई का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करना आपकी पत्रकारिता के लिए भी जरूरी है। यदि कोई स्रोत अपना फोन नंबर नहीं देना चाहता तो जिद न करें। उससे आग्रह करें कि किसी रिश्तेदार का नंबर दे ताकि उस मध्यस्थ के जरिए संवाद कर सकें।

अपने देश में मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग

अपने देश में मानव तस्करी पर रिपोर्टिंग में एक अतिरिक्त जोखिम मौजूद है। आपकी खबर प्रकाशित होने के बाद एक विदेशी पत्रकार की तरह आपके पास देश छोडकर जा़ने का विकल्प नहीं है। इसलिए एनी केली ने सुझाव दिया कि आपके ऊपर ऐसे लोग हों, जो आपका समर्थन करें। आपकी खबरों को उच्चस्तरीय समर्थन मिलना महत्वपूर्ण है। ऐसी मदद पाने के लिए किसी बड़े या अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ साझेदारी करना लाभदायक होगा।

सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति बनाने से भी आपको मदद मिल सकती है। इयान अर्बिना ने कहा- “विदेशी पत्रकारों को अपने देश लौट जाने का स्पष्ट लाभ होता है। लेकिन स्थानीय पत्रकारों को यह सुविधा नहीं। इसलिए स्थानीय पत्रकारों को अपने देश में शक्तिशाली लोगों के साथ दीर्घकालिक संबंध कायम करने चाहिए। इससे आपके सामने खतरे कम होंगे। इसका मतलब है कि पुलिस अधिकारियों, वकीलों और अन्य प्रभावी लोगों के साथ मानवीय संबंध बनाना जो आपकी सुरक्षा कर सकते हैं।”

यह भी आवश्यक है कि सुरक्षित रूप से रिपोर्टिंग करने में सक्षम होने के लिए आप अपने देश के कानूनों की समझ विकसित करें। विशेष रूप से मीडिया संबंधी कानूनों की पूरी जानकारी रखें।

इयान अर्बिना ने एक इंडोनेशियाई गश्ती जहाज पर सवार होकर दक्षिण चीन सागर में वियतनामी मछली पकड़ने वाले जहाजों का पीछा किया। इमेज: इयान अर्बिना के सौजन्य से

 

पत्रकारिता में अपने स्रोतों की भलाई पर भी ध्यान दें

वेबिनार में दोनों पत्रकारों ने कहा कि अब अपने स्रोतों के प्रति मीडिया की जिम्मेदारी की भावना बदल गई है। खबर प्रकाशित होने के बाद भी अपने स्रोतों से जुड़े रहना अब सामान्य बात है। इसलिए आपको रिपोर्टिंग और वकालत के बीच संबंध को समझना जरूरी है।

इयान अर्बिना ने कहा- “मुझे लगता है कि 25 साल पहले पत्रकारों से फॉलो-अप की ज्यादा अपेक्षा नहीं थी। उस वक्त पत्रकारिता और ’समर्थन’ के बीच एक बहुत बड़ी दीवार थी। लेकिन अब एक पत्रकार के रूप में आपका कर्तव्य यह देखना भी है कि आपके स्रोतों के साथ क्या होने जा रहा है। भले ही उनका नाम लिखा गया है या नहीं। खबर प्रकाशित होने के बाद उसका फॉलो-अप तथा उससे जुड़े लोगों की भलाई का ध्यान रखना भी पत्रकार का दायित्व है।”

‘द गार्जियन’ के खोजी पत्रकारों को भी इस नैतिक दुविधा का सामना करना पड़ता है कि स्रोतों के प्रति उनका क्या दायित्व है। संपादक और पत्रकार पूरी जांच के दौरान इस पर विचार करते हैं। ऐसे तरीकों का निर्धारण करते हैं जिससे कुछ बुनियादी सावधानियों का पालन किया जा सके।

एनी केली ने कहा- “खबर को रोचक और जीवंत बनाने की अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद हम ऐसा कोई संकेत नहीं देते जिससे उन श्रमिकों की पहचान हो जाए, जिनसे हमने बात की। अगर हम कारखानों में या किसी एजेंसी के कर्मचारियों से बात कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करते हैं कि श्रमिकों की पहचान उजागर न हो।”

एनी केली ने कहा कि उनकी टीम अपने स्रोतों की रक्षा के लिए ‘द गार्जियन’ के संपादकीय कोड से आगे बढ़कर जहां आवश्यक हो, वहां गोपनीयता की गारंटी देती है। किसी स्रोत के परिवार, घर या एजेंसी के बारे में ऐसी जानकारी छुपा ली जाती है, जिससे उनकी पहचान सामने आती हो।

उन्होंने कहा कि अपने स्रोतों की कहानी को सही तरीके से पेश करना आवश्यक है। लेकिन उनके जीवन पर आपकी रिपोर्टिंग का क्या प्रभाव होगा, यह सोचना भी जरूरी है। अपने स्रोतों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि आप उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप अपनी खबर में सावधानी बरतें। अपनी जांच के संभावित हानिकारक परिणामों को सूचीबद्ध करें। उन्हें यह बताना चाहिए कि आप इस परियोजना से क्या होने की उम्मीद करते हैं।

इयान अर्बिना ने कहा कि स्रोत के साथ शांतिपूर्वक एवं स्पष्ट बातचीत करनी चाहिए। उन्हें बताएं कि आप क्या करने की योजना बना रहे हैं। क्या हो सकता है और क्या नहीं होगा, इस बारे में भी पूरी जानकारी दें।

अंत में, एनी केली ने कहा कि यह पूछना हमेशा महत्वपूर्ण होता है कि क्या यह खबर आपके और दूसरों लोगों को किसी जोखिम में डाल सकती है?

अतिरिक्त संसाधन

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Portrait of Smaranda Tolosano, GIJNस्मरांडा टोलोसानो साझेदारी और अनुवाद के लिए जीआईजेएन की संपादकीय समन्वयक हैं। वे मूलतः फ्रांसीसी-रोमानियाई स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और मोरक्को में रहकर पत्रकारिता कर चुकी हैं। 2016-17 में उन्होंने फ्रांस के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर के अंतिम दिनों (द जंगल) को कैलिस में कवर किया।

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